Blaise Pascal Biography in Hindi
ब्लेज़ पास्कल फ्रांसीसी गणितज्ञ, भौतिकज्ञ और धार्मिक दार्शनिक थे। पास्कल ने व्यावहारिक विज्ञान पर काम करते हुए मशीनी गणक बनाए, द्रव्यों के गुणों को समझा और टॉरिसैली के काम को आगे बढ़ाते हुए दबाव और निर्वात की अवधारणाओं को स्पष्ट किया। इन्होंने वैज्ञानिक विधि के समर्थन में भी लेख लिखे। साथ ही धार्मिक दर्शन में भी इनकी कृतियों ने बहुत असर छोड़ा। ३ वर्ष की आयु में इनकी माँ चल बसीं और इन्हें इनके पिता ने ही पाला-पोसा। ये बचपन से ही बहुत मेधावी थे। इनकी प्रतिभा को देखकर इनके पिता ने इन्हें स्वयं पढ़ाने-लिखाने का निर्णय लिया। बारह वर्ष की आयु से ये प्रसिद्ध गणितज्ञों की सभाओं में बैठने लगे। पास्कल बहुत माने हुए गणितज्ञ थे। इन्होंने वैज्ञानिक शोध के दो मुख्य क्षेत्रों में सर्वप्रथम कार्य शुरु किया- प्रक्षेपण ज्यामिति, जिस पर इन्होंने १६ साल की आयु में आलेख लिखा और संभाव्यता सिद्धान्त, जिसपर आधुनिक अर्थशास्त्र और समाज विज्ञान आधारित हैं। गैलीलियो और टॉरिसैली की तरह ही इन्होंने अरस्तू के कथन “प्रकृति को निर्वात से घृणा है” का जमकर विरोध किया। इनके कई निष्कर्षों पर बहुत समय विवाद हुआ, लेकिन अन्त में स्वीकार कर लिए गए।(Blaise Pascal Biography in Hindi)
१६४२ में इन्होंने अपने पिता का गणना का काम आसान करने के लिए एक मशीनी गणक बनाया, जिसे आज “पास्कल गणक” कहा जाता है। द्रव्य विज्ञान के जरिये इन्होंने हाइड्रॉलिक प्रेस और सिरिंज का आविष्कार किया।
६४६ में इन्होंने अपनी बहन के साथ कैथोलिक संप्रदाय की जैन्सनवाद धारा को अपना लिया। इनके पिता १६५१ में चल बसे। १६५४ में एक आध्यात्मिक अनुभूति हुई, जिसके बाद इन्होंने वैज्ञानिक शोध छोड़कर अपना ध्यान धर्मशास्त्र और दर्शन में लगाना शुरु किया। इनकी दो सबसे प्रसिद्ध कृतियाँ इस काल की हैं। लैथ्र प्रोविन्सियाल (Lettres provinciales, प्रांतीय पत्र) में पास्कल ने पाप के प्रति कैथोलिक चर्च के नरम रुख की जमकर निन्दा की। इन पत्रों की शैली से वॉल्टेयर और ज़ां ज़ाक रूसो जैसे लेखक प्रभावित हुए। प्रकाशन के शीघ्र बाद ही इस पर चर्च ने प्रतिबन्ध लगा दिया, लेकिन फिर पोप एलेक्सैण्डर ने इसमें दिये तर्कों को माना और खुद चर्च के नरम रुख की निन्दा की। दूसरी रचना थी पौंसे (Pensées, विचार), जिसे इनकी मृत्यु के पश्चात इनके बिखरे कागज़ों को इकट्ठा करके प्रकाशित किया गया
7 दिसम्बर सन 1662 ईसवी को ब्लेज़ पास्कल नामक फ़्रांस के गणितज्ञ, लेखक और कैल्कयुलेटर मशीन के आविष्कारक का निधन हुआ। वे जून सन 1623 में जन्में थे। उन्हें बचपन से ही गणित से विशेष लगाव था। इसी प्रकार उनके पिता का उस समय के विद्वानों और वैज्ञानिकों से मिलना जुलना था। जिससे पास्कल की क्षमताओं को उभरने का अच्छा अवसर मिला। पास्कल अपने जीवन के अंतिम दिनों में धर्म से बहुत निकट हो गये थे और इस विषय पर उन्होंने पुस्तकें भी लिखीं
पास्कल का नियम
पास्कल ने यह सिद्ध करके दिखा दिया था कि तरल पदार्थ के एक बिंदु पर लगाया गया बल सभी दिशाओं पर समान रूप से स्थानातरित हो सकता है | उनका यह नियम “पास्कल नियम ” से प्रसिद्ध हुआ | इसी पास्कल के नियम के आधार पर रुई की बड़ी बड़ी गांठो को दबाने के लिए हाइड्रोलिक दाब पम्प अविष्कृत किये गये तथा हाइड्रोलिक ब्रेक एवं इंजेक्शन लगाने की सिरिंज आदि का निर्माण किया गया |
गणना करने की मशीन
19 वर्ष की आयु में उन्होंने गणितीय गणना करने वाली मशीन बना डाली | उनकी यह मशीन गीयर और पहियों पर चलती थी | इससे पिता का जोड़ घटाने का काम सरल हो गया | उन्होंने पुत्र को पेटेंट कराया पर बहुत कीमती होने के कारण इसका अधिक प्रसार न हो सका | उनके इसी माड्ल की प्रथम व्यावसायिक मशीन बनाने क श्रेय अमेरिका के इंजिनियर बरोज को जाता है जिन्होंने सन 1892 ईस्वी में कैलकुलेटिंग मशीन बना डाली |
गणित के कार्य
ब्लेज पास्कल अपने समय के महान गणितज्ञ थे | उन्होंने एक ऐसा त्रिभुज अविष्कृत किया जिसमे विभिन्न संख्याओं में पंक्तिया दी गयी | कई बार अपनी रिसर्च इसलिए बीच में रोक दी क्योंकि उसके विचार में ईश्वर उसके कार्य से खुश नही था | कई बार उसके पाने गणितीय हल के अंत में लिखा कि ईश्वर ने इसका हल स्वयं उसके स्वप्न में बताया है | इस महान गणितज्ञ की मौत 19 अगस्त 1662 में पेरिस में हुयी |
ब्लेज़ पास्कल के अनमोल विचार
- आप उन्हीं चीज़ों की तरफ आकर्षित होते हैं जो आपको समझ में नहीं आती।
- मनुष्य की ज्यादातर समस्याएं इस वजह से होती है , क्योंकि वो खाली कमरे में कुछ वक़्त अकेले और शांत नहीं बैठ सकता है।
- छोटे दिमाग वाले लोग सिर्फ एक्स्ट्राऑर्डिनरी यानी साधारण चीज़ों के बारे में सोचते है, जबकि महान लोग साधारण चीज़ों में से ही कुछ असाधारण ढूंढ निकालते हैं।
- जब आप किसी को प्यार करते है तो आपकी मुलाक़ात दुनिया के सबसे ख़ूबसूरत व्यक्ति से होती है यानी खुद के साथ।
- वही जाए जहाँ सिर्फ समझदारी की बातें होती है, इसलिए बेवकूफ लोगों से भरे जन्नत से बेहतर समझदार नर्क में जाना होगा।
- विनर्मता भरे शब्दों से कोई नुकसान नहीं होता है, पर काफी कुछ हासिल कर सकते है।
- अगर आपको पता चल जाए की आपका दोस्त पीठ के पीछे क्या बोल रहा है तो कम ही लोगों के अच्छे और सच्चे दोस्त होंगे।
- जिज्ञासा रखना या उत्तेजित रहने का कोई मतलब नहीं, क्योंकि हम चीज़ों के बारे में सिर्फ इसलिए जानना चाहते है ताकि किसी बात पर चर्चा कर सके।
- छोटी चीज़ों से ही दिमाग को आराम मिलता है, क्योंकि छोटी बातें ही दिमाग और दिल को परेशान कर देती है।
10. जब कोई काम करने का तरीका तलाश रहा होगा तो अंतिम बार जिसके बारे में उसने सोचा होगा वह ये है की किस चीज़ को आगे रखे।
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