साइबर सिक्यॉरिटी ऐंड लॉज में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम लॉन्च करने की तैयारी में है। डीयू के वाइस चांसलर प्रो. योगेश त्यागी ने बताया, यह प्रोग्राम डीयू का खास प्रॉजेक्ट है और यह बाकी अकैडमिक प्रोग्राम से अलग होगा। हम चाहते हैं कि स्टूडेंट्स साइबर सिक्यॉरिटी के एक्सपर्ट बनकर नैशनल-इंटरनैशनल पर काम करें। यह स्पेशलाइजेशन प्रोग्राम होगा, जिसमें प्रैक्टिकल वर्क पर ज्यादा फोकस होगा।
2 सेमेस्टर्स का प्रोग्राम, होगा एंट्रेंस:
इस प्रॉजेक्ट को संभाल रहे डीयू के एक अधिकारी ने बताया कि नैशनल-इंटरनैशनल एक्सपर्ट्स की मदद से करिकुलम तैयार हो चुका है। एसी और ईसी से मंजूरी मिलते ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। ऐडमिशन नैशनल लेवल के एंट्रेंस एग्जाम के जरिए होगा, जो अप्रैल या मई में रखा जाएगा। यह एक साल का कोर्स होगा, 200 सीटें रखी जाएंगी। इस फील्ड में पैशन रखने वाले किसी भी स्ट्रीम में ग्रैजुएट स्टूडेंट्स अप्लाई कर सकेंगे। डीयू के फीस स्ट्रक्चर के हिसाब से एक सेमेस्टर की फीस 18 से 20 हजार के बीच होगी।
प्रोग्राम में 70% प्रैक्टिकल अप्रोच को जगह दी गई है। हर स्टूडेंट को साइबर सिक्यॉरिटी से जुड़े सॉफ्टवेयर से लैस कंप्यूटर मिलेंगे। भारत में सिर्फ 1% ही साइबर एक्सपर्ट्स और प्रफेशनल्स हैं और इंटरनैशनल मार्केट में भी इनकी काफी डिमांड है। डीयू प्रोफेसर ने बताया, हमने इस लिहाज से कोर्स तैयार किया है ताकि डीयू से हाई लेवल के साइबर प्रफेशनल्स और टेक्निकल एक्सपर्ट्स निकल पाएं। थ्योरी में साइबर लॉ, साइबर क्राइम पर फोकस किया जाएगा और प्रैक्टिकल में स्टूडेंट्स को हैकिंग और साइबर सिक्यॉरिटी के कई एंगल्स के बारे में बताया जाएगा ताकि वे बैंक, होटल, एमएनसी, गवर्नमेंट ऑफिस समेत किसी भी ऑर्गनाइजेशन के ऑनलाइन सिस्टम की हैकिंग या साइबर थ्रेट को पहचान सकें। नैशनल सिक्यॉरिटी से जुड़े एक्सपर्ट्स, आर्मी से ब्रिगेडियर, साइबर सिक्यॉरिटी से जुड़े कई चीफ टेक्नॉलजी ऑफिसर्स से भी सलाह ली गई है।