online cyber security masters इस साल से साइबर सिक्यॉरिटी के लिए स्टूडेंट्स को तैयार करेगा। यूनिवर्सिटी ने साइबर सिक्यॉरिटी और लॉ के लिए एक स्पेशल प्रोग्राम तैयार किया है और अधिकारियों का कहना है कि इसी साल इस प्रैक्टिकल बेस्ड प्रोग्राम को लॉन्च कर दिया जाएगा।

दिल्ली यूनिवर्सिटी इस साल से साइबर सिक्यॉरिटी के लिए स्टूडेंट्स को तैयार करेगा। यूनिवर्सिटी ने साइबर सिक्यॉरिटी और लॉ के लिए एक स्पेशल प्रोग्राम तैयार किया है और अधिकारियों का कहना है कि इसी साल इस प्रैक्टिकल बेस्ड प्रोग्राम को लॉन्च कर दिया जाएगा। डीयू का कहना है कि देशभर की सेंट्रल और स्टेट यूनिवर्सिटी में ये पहले एक साल का online cyber security masters एक्सपर्टीज प्रोग्राम होगा, जिसमें हैकिंग समेत साइबर सिक्यॉरिटी के हर फंडे को समझने के लिए इंटरनैशनल लेवल की ट्रेनिंग दी जाएगी।

डीयू में इस साल पीजी डिप्लोमा :
साइबर सिक्यॉरिटी ऐंड लॉज में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम लॉन्च करने की तैयारी में है। डीयू के वाइस चांसलर प्रो. योगेश त्यागी ने बताया, यह प्रोग्राम डीयू का खास प्रॉजेक्ट है और यह बाकी अकैडमिक प्रोग्राम से अलग होगा। हम चाहते हैं कि स्टूडेंट्स साइबर सिक्यॉरिटी के एक्सपर्ट बनकर नैशनल-इंटरनैशनल पर काम करें। यह स्पेशलाइजेशन प्रोग्राम होगा, जिसमें प्रैक्टिकल वर्क पर ज्यादा फोकस होगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

दिल्ली विश्वविद्यालय कराएगा साइबर सिक्योरिटी पर 1 साल का कोर्स
 

 

 

 

 

 

2 सेमेस्टर्स का प्रोग्राम, होगा एंट्रेंस:
इस प्रॉजेक्ट को संभाल रहे डीयू के एक अधिकारी ने बताया कि नैशनल-इंटरनैशनल एक्सपर्ट्स की मदद से करिकुलम तैयार हो चुका है। एसी और ईसी से मंजूरी मिलते ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। ऐडमिशन नैशनल लेवल के एंट्रेंस एग्जाम के जरिए होगा, जो अप्रैल या मई में रखा जाएगा। यह एक साल का कोर्स होगा, 200 सीटें रखी जाएंगी। इस फील्ड में पैशन रखने वाले किसी भी स्ट्रीम में ग्रैजुएट स्टूडेंट्स अप्लाई कर सकेंगे। डीयू के फीस स्ट्रक्चर के हिसाब से एक सेमेस्टर की फीस 18 से 20 हजार के बीच होगी।

 

 

 

 

 

 

70% प्रैक्टिकल:
प्रोग्राम में 70% प्रैक्टिकल अप्रोच को जगह दी गई है। हर स्टूडेंट को साइबर सिक्यॉरिटी से जुड़े सॉफ्टवेयर से लैस कंप्यूटर मिलेंगे। भारत में सिर्फ 1% ही साइबर एक्सपर्ट्स और प्रफेशनल्स हैं और इंटरनैशनल मार्केट में भी इनकी काफी डिमांड है। डीयू प्रोफेसर ने बताया, हमने इस लिहाज से कोर्स तैयार किया है ताकि डीयू से हाई लेवल के साइबर प्रफेशनल्स और टेक्निकल एक्सपर्ट्स निकल पाएं। थ्योरी में साइबर लॉ, साइबर क्राइम पर फोकस किया जाएगा और प्रैक्टिकल में स्टूडेंट्स को हैकिंग और साइबर सिक्यॉरिटी के कई एंगल्स के बारे में बताया जाएगा ताकि वे बैंक, होटल, एमएनसी, गवर्नमेंट ऑफिस समेत किसी भी ऑर्गनाइजेशन के ऑनलाइन सिस्टम की हैकिंग या साइबर थ्रेट को पहचान सकें। नैशनल सिक्यॉरिटी से जुड़े एक्सपर्ट्स, आर्मी से ब्रिगेडियर, साइबर सिक्यॉरिटी से जुड़े कई चीफ टेक्नॉलजी ऑफिसर्स से भी सलाह ली गई है।

प्रोग्राम 12-15 साइबर एक्सपर्ट और कई cyber security programming कंपनियों से 10-11 आईटी प्रफेशनल्स ने मिलकर तैयार किया है। cyber security programming इस साल विजिटिंग फैकल्टी होगी, जिनमें एक्सपर्ट्स और डीयू के कुछ प्रफेसर्स भी होंगे। यूएस और यूके से भी एक्सपर्ट्स लाने का प्लान है। degree in cyber security दोनों सेमेस्टर में 1-1 प्रैक्टिकल पेपर होगा। दूसरे सेमेस्टर में 20 घंटे का एक लैब एग्जाम होगा, degree in cyber security जिसमें स्टूडेंट्स को कुछ वेबसाइट में हैकिंग का पता लगाना होगा। इस टेस्ट के लिए डीयू एक इंटरनैशनल लैब से पार्टनरशिप करेगी और पास करने वाले स्टूडेंट को कंपनी भी सर्टिफिकेट देगी। पीजी डिप्लोमा पास करने के लिए इस टेस्ट को पास करना जरूरी होगा। प्रोग्राम के दौरान समर और विंटर इंटर्नशिप होगी। top cyber security colleges यूनिविर्सटी के अधिकारी ने बताया कि हमने प्लेसमेंट के लिए कंपनियों से बात करनी शुरू कर दी है, top cyber security colleges हमें अंदाजा दिया गया है कि ऐवरेज पैकेज 6 से 9 लाख रुपये तक का होगा।

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