फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच के दौरान कैनाबिडिऑल (cannabidiol) या CBD ऑयल को लेकर कुछ बातचीत सामने आई है. लेकिन यह है क्या? कैनाबिडिऑल (CBD) कैनाबिस (भांग) का एक्सट्रैक्ट (सत्व या अर्क) है, जिसे मारिजुआना भी कहा जाता है. यह कैनाबिस पौधे में दूसरा सबसे ज्यादा मात्रा में मौजूद एक्टिव इनग्रेडिएंट है.मेडिकल मारिजुआना को हाल के वर्षों में बहुत ज्यादा महत्व मिला है और इसके औषधीय फायदे को समझने के लिए बहुत से अध्ययन चल रहे हैं. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अनुसार मारिजुआना प्लांट परिवार के पौधे हेंप (गांजा) से हासिल होता है, लेकिन ‘नशा’ नहीं देता है.रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में आयुष मंत्रालय के विशेषज्ञों ने मेडिकल मारिजुआना पर शोध की सिफारिश की है.विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, “इंसानों में CBD के किसी गलत असर या आदी हो जाने का कोई संकेत नहीं दिखा है.”
आपके भले के लिए एक बार फिर दोहरा देते हैं कि ज्यादातर शोध शुरुआती चरण में हैं और आपको इलाज के सबसे अच्छे तरीके के लिए अपने डॉक्टर की सलाह पर ही लेने की जरूरत होती है.
दुनिया भर में मेडिकल मारिजुआना का इस्तेमाल या अध्ययन किन बीमारियों में हो रहा है, उस पर एक नजर डालते हैं:
नींद की बीमारियों
अमेरिका के कुछ राज्य स्लीप एपनिया (अनिद्रा) के इलाज के लिए CBD का इस्तेमाल कर रहे हैं. अध्ययनों से पता चला है कि कैनाबिस नींद की क्वालिटी और अवधि में सुधार करता है और कई स्लीप डिसऑर्डर (नींद की बीमारियों) को ठीक करने में मदद करता है.
एक अध्ययन के मुताबिक कैनाबिस में पाया जाने वाला एक प्रमुख कैनाबिनॉयड, टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल (THC) अनिद्रा के शिकार लोगों को सोते समय नींद आने में लगने वाले समय को कम करता है.
एंग्जाइटी और PTSD
क्लिनिकल साइकोलॉजी रिव्यू में आई स्टडी के मुताबिक, जैसा कि टाइम पत्रिका में छपी रिपोर्ट में बताया गया है, मेडिकल मारिजुआना डिप्रेशन, एंग्जाइटी और यहां तक कि पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) में मददगार हो सकती है.
कुछ ऐसे शोध हैं जो बताते हैं कि यह नशीली चीजों की लत से पीड़ित लोगों का इलाज करने में मदद कर सकता है. लेकिन बाईपोलर बीमारी और मनोविकृति से पीड़ित लोगों के लिए किसी भी रूप में स्मोकिंग के माध्यम से लेना नुकसानदायक हो सकता है.
लंबे समय का दर्द
इस बात के सबूत हैं कि मेडिकल मारिजुआना क्रॉनिक पेन (पुराने दर्द) जिसमें फाइब्रोमायल्जिया (हड्डियों और मांसपेशियों में तेज दर्द) भी शामिल है, से पीड़ित मरीजों को ठीक करने में मदद कर सकता है.
असल में क्रॉनिक पेन सबसे आम वजहों में से एक है, जिसके लिए लोग मेडिकल मारिजुआना लेते हैं.
नेशनल एकेडमीज ऑफ साइंसेज, इंजीनियरिंग एंड मेडिसिन (NASEM) द्वारा जारी एक रिपोर्ट, जिसके बारे में माना जाता है कि सभी उपलब्ध शोधों में सबसे व्यापक है, के मुताबिक दर्द से राहत में कैनाबिस की महत्वपूर्ण भूमिका है.
कीमोथेरेपी
वैज्ञानिकों के मुताबिक लैब डिशेज में विकसित कैंसर कोशिकाओं पर प्रयोगों में पाया गया है कि THC (टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल) और CBD जैसे अन्य कैनबिनॉयड्स कुछ किस्म के कैंसर की विकास गति को धीमा करते हैं.
मारिजुआना यौगिकों- ड्रोनाबिनॉल और नबीनॉल से बने दो रासायनिक रूप से शुद्ध ड्रग को अमेरिका में उपयोग की मंजूरी दी गई है.
मल्टीपल स्क्लेरोसिस
यूके की एमएस सोसाइटी ने कहा है कि मल्टीपल स्कलेरोसिस से पीड़ित मरीजों को मेडिकल मारिजुआना का इस्तेमाल करने की इजाजत दी जानी चाहिए. गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, एमएस सोसाइटी ने मांग की है कि कैनाबिस को उन मरीजों के लिए वैध बनाया जाएगा, जिनके दर्द और ऐंठन का इलाज मौजूदा दवाओं से नहीं किया जा सकता है.
मेयो क्लिनिक के अनुसार, इसके अलावा अध्ययन बताते हैं कि:
- कैप्सूल के रूप में लिया जाने वाला कैनाबिस एक्सट्रैक्ट मांसपेशियों की अकड़न और ऐंठन को दूर करने में मदद कर सकता है.
- एक्सट्रैक्ट दर्द को कम कर सकता है.
- माउथ स्प्रे के रूप में लिए जाने पर ऐंठन, दर्द और बार-बार पेशाब लगने की समस्या को कम कर सकता है.
मिर्गी
अध्ययनों से संकेत मिलता है कि मारिजुआना, टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल (THC) और कैनाबिडिऑल (CBD) के एक्टिव इंग्रीडिएंट्स दर्द के सिग्नल को ब्लॉक करने का काम करते हैं. CBD में सुरक्षात्मक और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं.
हालांकि तमाम अध्ययनों से स्पष्ट नहीं है कि मारिजुआना मिर्गी (एपिलिप्सी) के दौरे को कैसे नियंत्रित करता है, लेकिन इसने उन हजारों बच्चों के माता-पिता को उम्मीद दी है जो मिर्गी से पीड़ित हैं.
कुछ अध्ययन संकेत देते हैं कि मेडिकल मारिजुआना पीरियड्स के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है. कई ट्रीटमेंट में कैनाबिस के फायदों का पता लगाने के लिए दुनिया भर में तमाम अध्ययन किए जा रहे हैं. मेडिकल मारिजुआना (हशीश नहीं) सिर्फ अपने डॉक्टरों की स्पष्ट सलाह पर ही लिया जाना चाहिए.
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