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CRM Software क्या है पूरी जानकारी in Hindi

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CRM kya hai in Hindi
CRM Software in Hindi

आज हम आपको इस Article की मदद से बताएँगे की CRM Software क्या है और CRM Software कैसे काम करता है की पूरी जानकारी. साथ ही हम आपको CRM Software से जुड़े और भी सवालों के जवाब देंगे. जैसे की: CRM Software क्यों जरुरी है, CRM Software के फायदे, CRM Software के प्रकार, CRM Software का Full Form इत्यादि की पूरी जानकारी विस्तार में जानेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं Article CRM Software क्या है पढ़ने से…(CRM Software kya hai in hindi) (CRM Software क्या है पूरी जानकारी in Hindi) 

 

 

CRM Software क्या है पूरी जानकारी in Hindi

 

 

CRM Software Kya Hai

यह एक प्रकार का Management Software है. इस सॉफ्टवेर का उपयोग Companies अपने ग्राहकों से बातचीत करने के लिए इस्तेमाल करती हैं. इस Software में ग्राहकों से जुड़ा हर तरह का Data Store होता है.

CRM के द्वारा ग्राहकों की जानकारी को जुटाना आसान हो जाता है. CRM के अंतर्गत अलग-अलग तरह के Management Software आते हैं. इस Software में ग्राहकों की जानकारी जैसे: नाम, फ़ोन नंबर, Email Address इत्यादि का उपयोग किया जाता है.

इन Softwares का ज्यादातर इस्तेमाल Teaching उद्देश्य के लिए किया जाता है. CRM सभी ग्राहकों के Database को इकठ्ठा करने का काम करता है. ग्राहकों के प्राप्त Database की मदद से कंपनी ग्राहक की पसंद और नापसंद सरलता से जान सकती है.

CRM का पूरा नाम Customer Relationship Management है. CRM का काम कंपनी के सभी ग्राहक और नए ग्राहकों की जानकारी को पूर्णरूप से व्यवस्थित करने का होता है. इसके कारण कंपनी और ग्राहक के बीच अच्छे सम्बन्ध बनते हैं. CRM किसी Business को बढ़ाने में मदद करता है.

 

 

 

 

 

CRM Software कैसे काम करता है

CRM सबसे पहले Lead Generation का काम करता है. इस Lead Generation में अलग- अलग ग्राहकों की Lead होती है.

जिस भी ग्राहक को कोई Product Sale करना होता है, उस ग्राहक का नाम, फ़ोन नंबर, Email-Id इत्यादि जानकारी इस Lead में मौजूद होती है.

CRM के Custmor Interface में Lead डालने पर सेल का काम शुरू हो जाता है. CRM Software में डाली गई ग्राहक की जानकारी के बाद CRM Sales टीम को एक Notification दिया जाता है.

CRM Notification के माध्यम से किसी नए ग्राहक और पुराने ग्राहकों को फ़ोन करना, संदेश भेजना, ईमेल भेजना आदि जैसे काम Sales टीम को याद दिलाते रहा जाता है.

Sales टीम के द्वारा ग्राहकों से की गई बात, भेजे गए संदेश इत्यदि की जानकारी CRM Software में Store होती है. Sales टीम के द्वारा दी गई जानकारी के बाद After Sale Process चालू होता है.

After Sale Process के बाद भी ग्राहकों को Sold Product की जानकारी मिलती रहती है. जिससे Auto Sales Generate होता रहता है. इसकी मदद से कंपनी ग्राहकों के द्वारा इस्तेमाल किए गए Products से सम्बंधी Feedback भी ले सकती है.

CRM Software क्या करता है

CRM Software कंपनी से जुड़े ग्राहकों की जानकारी को Store करने का काम करता है. CRM का इस्तेमाल Digital Marketing के लिए भी किया जाता है. एक कंपनी के कई अलग-अलग Task को CRM Software की मदद से पूरा किया जा सकता है.

यह Software Company के नए, पुराने ग्राहकों को कंपनी के Products से जोड़े रखने का काम करता है. CRM का इस्तेमाल छोटी- बड़ी Business कंपनी के ग्राहकों से जुड़ी जानकारी के बिच संपर्क बनाए रखने में सहायक होता है.

CRM में Stored जानकारी का उपयोग कंपनी भविष्य में आसानी से कर सकती हैं. इस Database का उपयोग भविष्य में ग्राहक की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है.

 

 

 

 

 

 

CRM Software आपके Business के लिए क्यों जरुरी है

CRM Software में Company और ग्राहकों से जुड़ा Data Store किया जा सकता है. यदि आपका कोई नया Business है और आप इस Business को बढ़ाना चाहते है तो आप CRM Software का इस्तेमाल कर सकते हैं.

CRM किसी Business के विस्तार के लिए Digital Marketing की सुविधा उपलब्ध कराता है. CRM में हम किसी भी व्यापार से संबंधित जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं. CRM में ग्राहकों से जुड़ी जानकारी होती है.

ग्राहकों की जानकारी में उनका नाम, पता, Email Address, फ़ोन नंबर, Location इत्यदि CRM Software में Store रहती है. CRM Software में ग्राहकों से जुड़ी जानकारी होने के कारण कंपनी उनसे समय-समय पर Update ले सकती है.

CRM की मदद से ग्राहक और कंपनी के मध्य अच्छे संबंध विकसित हो पाते हैं. इन सम्बंधो की सहयता से कंपनी अपने Business का विस्तार करके Products को सेल कर सकती है. ग्राहक से संबंध अच्छे होने के कारण कंपनी के Business को आगे बढ़ाने में सहायता मिलती है.

यह Database को Analyse करता है. जब कभी कंपनी को किसी ग्राहक की जानकारी की आवश्यकता होती है तब CRM उस Database को Analyse करके आपको जानकारी उपलब्ध करा देता है.

CRM Software कितने प्रकार के होते हैं

CRM Software 3 प्रकार के होते हैं:-

  1. Operational CRM: इस Software का मुख्य कार्य Lead Generate करना होता है.
    • यह सभी ग्राहकों की जानकारी को इकठ्ठा करने का काम करता है.
    • इसके साथ ही यह पुराने ग्राहकों की जानकारी को ढूंढ़ने का कार्य भी करता है.
    • Operational CRM के अंतर्गत Marketing Automation, Sales Automation, Service Automation शमिल होते हैं.
    • CRM के द्वारा किसी Business को Autopilot पर चलाया जा सकता है.
  2. Analytical CRM: इस Software का काम Data Management करने का होता है. यह ग्राहक के Data को Analyse करने का काम करता है.
    • इसके कार्यो में Marketing Executives, Sales Executives, Product Executives इत्यदि शामिल होते हैं.
  3. Collaborative CRM: यह किसी Organization को Marketing टीम, Support टीम, Technical टीम से जोड़ने का काम करता है.
    • इसे Strategic CRM भी कहते है.
    • इसका इस्तेमाल कई Business Units को एक साथ ग्राहकों की जानकारी भेजने का काम करता है.

CRM Software के लाभ

CRM Software के लाभ इस प्रकार हैं:

  • Business की जानकारी को व्यवस्थित रखने में मदद करता है.
  • ग्राहक को बेहतर सहायता प्रदान करता है.
  • Products सर्विस में सुधार करता हैं.
  • Cross Selling और Up-Selling सर्विस को बढाता है.
  • Leads को पहचानने में मदद करता है.
  • Leads को वर्गीकृत करने में सहायक है.
  • ग्राहकों के Database को व्यवस्थित कर रखता है.
  • कम्पनी और ग्राहकों के बीच अच्छे संबंध को विकसित करता हैं.
  • Business को आगे बढ़ाने में सहायक है.
  • कर्मचरियो की उत्पादकता को बढाता है.

CRM Software के नुकसान

CRM Software के नुक्सान इस प्रकार हैं:

  • इस Software में एक साथ ज्यादा जानकारी को Store कर रखना सुरक्षित नही है.
  • यह Software कर्मचरियों कर लिए भरोसेमंद नही है.
  • नई प्रणाली होने के कारण कर्मचरियो को इसे समझने में वक्त लगता है.
  • इसमें अलग से प्रक्रिया संचलित में Product Selling की जरुरत होती है.
  • यह Software हर एक Business के अनुरूप नही हो सकता है.

 

 

 

 

 

 

CRM Software Kya Hai – FAQs

CRM Software का फुल फॉर्म क्या है

CRM Software का फुल फॉर्म Customer Relationship Management है.

CRM Software का अनुप्रयोग क्या है

CRM एक Software Management System है. यह एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से कंपनी ग्राहकों के साथ जुड़ सकती है. इस Software के इस्तेमाल से Digital Marketing का उपयोग कर सकते हैं.

 

 

 

 

 

 

आशा करते हैं आपको हमारी पोस्ट CRM Software Kya Hai और CRM Software Kaise Kaam Karta Hai पसंद आई होगी.

अगर इसके बाद भी आपको कोई सुझाव या समस्या है तो आप निचे दिए Comment Box का पूरा लुफ्त उठा हमसे सवाल पूछ सकते हैं.

 

 

 

 

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Ring Topology क्या है पूरी जानकारी in Hindi

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Ring Topology in hindi
Ring Topology Hindi

आज हम आपको इस Article की मदद से बतायेंगे की Ring Topology क्या है और Ring Topology कैसे काम करता है की पूरी जानकारी. साथ ही इस Article में हम आपको Ring Topology से जुड़े और भी सवालों के जवाब देंगे जैसे की: Ring Topology के लाभ, Ring Topology के उदाहरण, Ring Topology कैसे काम करता है, इत्यादि की जानकारी विस्तार में जानेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं Article Ring Topology क्या होता है पढ़ने से……(Ring Topology क्या है पूरी जानकारी in Hindi) (Ring Topology kya hai in hindi)

 

 

 

 

Ring Topology क्या है पूरी जानकारी in Hindi

 

 

 

 

Ring Topology Kya Hai

किसी Network के Nodes को आपस में जोड़कर एक दूसरे से Communicate कराना या उनके बीच Data Transfer करने की प्रक्रिया को Topology कहते हैं. किसी Network की आकृति या उसके Layout को Topology कहते है. इसमें Network Nodes को आपस में जोड़ा जाता है जिससे वह Communicate करके Data को एक Network से दूसरे Network में Transfer करते हैं.

Topology के अलग-अलग प्रकार है उनमें से एक प्रकार Ring Topology भी है.

Ring Topology में सभी Computer Network को एक गोलाकार आकृति में जोड़ दिया जाता है. गोलाकार आकृति में प्रत्येक Computer उस Network के माध्यम से अपने Subordinate Computer से जुड़कर Data को Transfer करते हैं. गोलाकार आकृति Ring के जैसी होती है इसलिए इस Topology को Ring Topology कहा जाता है.

Ring Topology में कोई भी Computer Host या Controllingनहीं होता है. इसे Circular Shape Network भी कहा जाता है क्योंकि Computer Network को एक Ring की तरह Circular Shape में Connect कर जोड़ा जाता है.

 

 

 

 

 

 

Ring Topology Kya Hota Hai

Topology का एक प्रकार Ring Topology है. इस Topology में Computer Network को Circular Shape में Connect किया जाता है. Topology में Network के एक Node को दूसरे Nodeसे जोड़कर आपस में Connect किया जाता है.

Ring Topology में किसी Data का Transfer गोलाकार आकृति के अंतर्गत होता है. Ring Topology में कोई भी Computer एक-दुसरे पर निर्भर नही होता है. यदि एक सिस्टम काम करना बंद कर दें तब भी यह Network काम करना बंद नही करता है. इसमें Data का Transfer साधारण गति से होता है.

Ring Topology में Data का Transfer Token Passing Method से होता है. जैसे की: जब Computer में एक से दुसरे Network में Data Transmit होता है, तो Computer उस Data का चुनाव खुद करता है. यदि Data उसके लिए है तो वह उसे Accept कर लेता है, यदि वह Data उसके लिए नही होता तो वह उसे आगे Computer में भेज देता है.

Ring Topology Ka Diagram

 

 

 

 

Ring Topology Network Gateway Se Kya Fayda Hai

Ring Topology Network में जब हम किसी फाइल या Data को Transfer करते है तो यह काम Gateway की मदद से होता है. Gateway एक Server, Router या अन्य Device भी हो सकता है.

Gateway, Ring Topology में जुड़े Computers के Data को Exchange करने में मदद करता है. इसके अलावा यह दो अलग-अलग Protocol वाले Network को आपस में Connect करता है. यह Firewall की तरह कार्य करता है.

Ring Topology Network Ke Prakar

Ring Topology Network के दो प्रकार हैं:-

  • Uni-Directional: इस तरह की Ring Topology को Half-Duplex Network कहते हैं. इसमें Data का Transfer एक ही दिशा में किया जा सकता हैं. एक ही दिशा का मतलब यदि Data Clockwise में भेजा जा रहा है तो यह इसी दिशा में Transfer होगा. यदि Data Counter Clock Wise में Transfer हो रहा है तब यह उसी दिशा में भेजा जाता है.
  • Bi-Directional: इस Network में Data Transfer के लिए कोई दिशा निर्धारित नही होती है. इसमें दो नेटवर्क के बीच दो Link को एक Uni-Directional नेटवर्क को Bi- Directional Network में बदलने में किया जाता है. इस नेटवर्क को Dual Ring Network भी कहते हैं.

Ring Topology Network Router Ke Labh

Ring Topology Network में Router के लाभ इस प्रकार हैं:

  • Router एक Networking Device है जिसका प्रयोग एक साथ कई Network को आपस में Connect करने के लिए किया जाता है.
  • यह Data Transfer Managing के साथ Network Traffic को भी Control करता है.
  • IP Address के साथ यह Data को Exchange कर आगे बढ़ने की अनुमति देता है.
  • Connecting Devices, Router की मदद से आपस में Communicate कर पाते हैं.
  • Router, एक या अधिक Computer Network को Internet से Connect करता है.

रिंग टोपोलॉजी का उदाहरण क्या है

Token Ring, Ring Topology का उदाहरण है.

Token Ring को IBM(International Business Machines) के द्वारा 1980 में Ethernet के विकल्प के रूप में बनाया गया था. यह Local Area Network के लिए Data Link Technology है. इसमें Network को आपस में एक Star के जैसे Connect करते है, जिसे हम Ring Topology कह सकते है.

रिंग टोपोलॉजी के फायदे और नुकसान क्या हैं

Ring Topology के फायदे कुछ इस प्रकार है:

  • Ring Topology में Data को एक ही Direction में Exchange किया जाता है.
  • इसमें Data Packet बिना किसी परेशानी के एक Network से दूसरे Network में पहुँच जाते हैं.
  • Ring Topology में किसी एक System की Working Off होने से बाकि System को कोई फर्क नही पड़ता है.
  • Ring Topology में एक-दुसरे से Connected Computer में कोई Host या Subordinate नही होता है.
  • यह एक Systematic Topology है जिसके कारण Data का Transfer Systematic ढंग से होता है.
  • इसमें Data Packets के आपस में टकराने की संभावना कम होती है.

Ring Topology से होने वाले नुक्सान इस प्रकार है:

  • Ring Topology में Repeaters लगे होते है जिस वजह से Data को Transfer करने में समय लगता है.
  • Circular Shape में Connected Network में किसी भी Data को Direct किसी Node पर नही भेज सकते है.
  • इस Topology में किसी भी Data का Exchange Serial Number से होता है जिसके कारण यह धीमी गति से काम करता है.
  • Ring Topology में यदि कोई System ख़राब होता है तो इससे सारे Network के काम करने की Speed में कमी आती है.
  • Connecting Device में Data का Transfer Direct न होकर Repeaters की मदद से होता है.

सरल शब्दों में रिंग टोपोलॉजी क्या है

जब एक से ज्यादा Computer Network को Circular Shape में जोड़ दिया जाता है तो इस तरह के Network Shape को Ring Topology कहते है.

इसमें प्रत्येक Computer एक Network के Through अपने Subordinate Computer से जुड़कर Data को Transfer करते हैं. यह Shape Ring जैसा होता है इसलिए इस Topology को Ring Topology कहा जाता है.

 

 

 

 

 

 

आशा करते हैं आपको हमारी पोस्ट Ring Topology क्या होता है और Ring Topology कैसे काम करता है, पसंद आई होगी.

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Biometric Device क्या है पूरी जानकारी in Hindi

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आज हम आपको इस Article की मदद से बताएँगे की Biometric Device क्या है और Biometric Device कैसे काम करता है की पूरी जानकारी. साथ ही हम आपको Biometric Device से जुड़े और भी सवालों के जवाब देंगे. जैसे की: Biometric Device के फायदे, Biometric Device कितने प्रकार का होता है, Biometric Device कैसे चलाएं इत्यादि की पूरी जानकारी विस्तार में जानेंगे. तो चलिए शुरू करते 9Biometric Device क्या है पूरी जानकारी in Hindi)हैं Article Biometric Device क्या है पढ़ने से…(Biometric Device kya hai in hindi) 

 

 

 

 

Biometric Device kya hai in hindi

 

 

 

 

Biometric Device Kya Hai

Biometric Device एक Attendance डिवाइस है. इस डिवाइस का इस्तेमाल किसी व्यक्ति की पहचान करने के लिए किया जाता है. यह Device किसी व्यक्ति की पहचान उसकी बायोलॉजिकल विशेषताओं के आधार पर करता है.

यह डिवाइस बायोलॉजिकल विशेषताओं के आधार पर किसी व्यक्ति को Identify करता है. Biometric Device को Identity डिवाइस कहते हैं. इस Device का उपयोग छोटे-बड़े संस्थानों, स्कूल, कॉलेज, बैंक, छोटे-बड़े ऑफिस इत्यदि में किया जाता है.

Biometric Device में व्यक्ति की पहचान आँखों, हाथों की उंगलियों के निशान, चेहरे, आवाज, Signature आदि से की जाती है. इस Device का अधिकतर उपयोग दफ्तरों में Attendance के रूप में किया जाता है.

इस Device का निर्माण Attendance प्रक्रिया को Automate करने के लिए किया गया है. यह Device नियमित रूप से होने वाली Attendance प्रक्रिया की जानकारी को सुरक्षित रखने का काम करता है.

 

 

 

 

 

 

Biometric Device Kaise Kaam Karta Hai

किसी भी व्यक्ति के पहचान को Register करने के लिए Scanner प्रकिया का चयन किया जाता है. इसके बाद स्कैनर की मदद से व्यक्ति की उंगलियों के निशान लिए जाते हैं. इसमें आपको आपकी किसी एक उंगली को 5 से 10 बार Verify कराना होता है. इसके बाद Register की प्रकिया में उस व्यक्ति का नाम, पता, विभाग का नाम इत्यादि जैसी Information जोड़ी जाती है.

सारी Process पूरी होने के बाद Software Data को Store कर लेता है. इस डिवाइस से Connected Computer इस Data को Download करने के सक्षम होते हैं. इसके बाद जब कोई व्यक्ति अपनी उंगलियों को Scanner में Touch करता है, तब Biometric Device उस व्यक्ति के निशान Check करके उसकी Attendance Automatically Update कर देता है.

Biometric Devices Ke Fayde

Biometric Devices के फायदें इस प्रकार हैं:

  • Biometric Device में Stored Data को कॉपी नही किया जा सकता है.
  • इसमें Stored Information बहुत सुरक्षित रहती है.
  • किसी Hacker द्वारा इसे आसानी से हैक नही किया जा सकता है.
  • एक बार Register करने के बाद दुबारा Register की आवश्यकता नही पड़ती.
  • इस Device को Erp System से Merge किया जा सकता है.
  • इसकी मदद से कार्यो को Automate किया जा सकता है.
  • किसी अनजान व्यक्ति के आने पर रोक लगा सकते है.
  • नियमित Attendance की प्रक्रिया को सुलभ बनाता है.
  • इसके उपयोग से Attendance प्रक्रिया सटीक एवं आसान हो जाती है.
  • इस Device का उपयोग छोटे-बड़े संस्थानों में सुविधापूर्ण है.
  • Biometric Device के उपयोग से सुरक्षा को बढ़ाया जा सकता है.
  • Biometric Device Data सुरक्षा और संवेदनशील सुरक्षा की सुविधा देता है.

Biometric Device का अर्थ क्या है

यह ऐसे Device होते है जो किसी व्यक्ति को उसके Biological Feature की मदद से Identify करते हैं. इस Device के अंतर्गत व्यक्ति की पहचान आँख, हाथों की उंगलियों के निशान, चेहरे, आवाज, Signature इत्यदि से की जाती है.

Biometric Device अलग-अलग तरह के होते हैं. कुछ Device केवल Finger Print Scanner की मदद से व्यक्ति की पहचान करते हैं. साथ ही कुछ Biometric Device Hand, Voice, Retina, Face, Signature Scanner इत्यदि की मदद से व्यक्ति को Identify करते हैं.

Biometrics Devices कौन सी डिवाइस है

Biometric Devices इस प्रकार हैं:

  • Mantra MFS100
  • Biomax SB BM70
  • Mantra MIS100V2 Single Iris
  • Morpho1300 E3 FP
  • Cogent 3M FP
  • Secugen FP

 

 

 

 

 

 

 

Biometric Devices कितने प्रकार के होते हैं

Biometric Devices 5 प्रकार के होते है:

  • Face Scanner: इस Scanner में व्यक्ति के Face का Measurement किया जाता है. यह Scanner हर व्यक्ति की पहचान उसके Face के आधार पर एक Digital Image बनाकर करता है. Face की मदद से व्यक्ति की Identity को Confirm किया जाता है.
  • Retina Scanner: इस Scanner की मदद से व्यक्ति की पहचान आँखों को Scan कर की जाती है. यह Scanner व्यक्ति की आँखों एवं Iris के Color को Scan करता है. यह Scanner Infrared Light की मदद से व्यक्ति की आँखों के खून के Vessel Pattern को भी Map करके Identify करने का काम करता है. यह बाकि Scanner से ज्यादा सुरक्षित एवं Secure होता है.
  • Hand Scanner: इस Scanner में व्यक्ति की पहचान हांथो की नसों के Pattern को Scan करके की जाती है. हर एक व्यक्ति की हांथो की नसों के Pattern अलग-अलग होता है. इन्ही Pattern की मदद से किसी व्यक्ति को Identify किया जा सकता है.
  • Voice Scanner: इसमें व्यक्ति की आवाज को Record किया जाता है. इस Recorded Voice की Frequency को फिर Match किया जाता है. जिससे उस व्यक्ति की पहचान की जा सके. यह Scanner व्यक्ति की पहचान Voice को Verify करके Identify करता है.
  • Finger Print Scanner: इस Device में व्यक्ति की उंगलियों के निशान को Scan किया जाता है. Device में Register करने के लिए व्यक्ति की उंगलियों के निशान को Scan कराते हैं. इसमें व्यक्ति की पहचान उंगलियों पर बने Patterns की मदद से की जाती है.

Biometric Device कैसे चलाएं

Biometric Devices इस प्रकार काम करता है:

  1. Biometric Device को एक जगह Fix करना होता है.
  2. इसके बाद सामान्य Setting में Date और Time को Set करना होता है.
  3. इसके बाद Device को Network से Connect करना होता है.
  4. Device को Network से Connect करने के लिए Ip Address Configure किया जाता है.
  5. इसके बाद Device से सम्बंधित Application कंप्यूटर सिस्टम में Install करना होता है.
  6. इसके बाद Ip Address के द्वारा Software को Device से Connect किया जाता है.
  7. Connect होने के बाद Device में User को Register करना होता है.
  8. दफ्तर के सारे स्टाफ का Registeration एक एक करके करना होता है.
  9. Register करने के लिए Scanner प्रकिया का चयन होता है.
  10. इसमें व्यक्ति की उंगलियों के निशान लिए जाते हैं.
  11. Register की प्रकिया के बाद नाम, पता विभाग का नाम जोड़ा जाता है.
  12. सारी Process पूरी होने के बाद Software Data को Store कर लेता है.
  13. इसके बाद Connected Computer इस Data को Download कर सकता है.
  14. इसके बाद जब कोई Registerd व्यक्ति अपनी उंगलियों को Scanner में Touch करता है.
  15. तब Biometric Device उस व्यक्ति के निशान को Check करके उसको Identify करता है.

 

 

 

 

 

 

Biometric Devices क्या कार्य करती है

Biometric Devices व्यक्ति को उसके Biological Feature के आधार पर Identify करने का काम करती है. इस Device में Registered व्यक्ति उसके Biological Feature की सहयता से उसकी पहचान करता है.

Biometric Device कौन सी डिवाइस है

यह एक Biological Feature Scanner Device है.

आशा करते हैं आपको हमारी पोस्ट Biometric Device क्या है और Biometric Device कैसे काम करता है पसंद आई होगी.

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EDGE क्या है पूरी जानकारी in Hindi

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आज हम आपको इस Article की मदद से बताएँगे की EDGE Kya Hai और EDGE Ke Kya Features Hain की पूरी जानकारी. साथ ही हम आपको EDGE से जुड़े और भी सवालों के जवाब देंगे. जैसे की: EDGE Advancemnet क्या है, EDGE की History, EDGE का Full Form इत्यादि की पूरी जानकारी विस्तार में जानेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं Article EDGE क्या है पढ़ने से…..(EDGE क्या है पूरी जानकारी in Hindi) (EDGE kya hai in hindi)

 

 

 

EDGE क्या है पूरी जानकारी in Hindi

 

 

 

 

EDGE Kya Hai

EDGE का पूरा नाम Enhanced Data Rates for GSM Evolution होता है. इसको Enhanced GPRS, EGPRS या IT सिंगल Carrier (IMT – SC) के नाम से भी जाना जाता है. यह एक प्रकार की Wireless Technology है, जिसकी मदद से डाटा को Transfer किया जाता है.

इसको GSM Channels एवं GSM Network में 384 Kbps तक की Speed से डाटा को Transfer किया जा सकता है. EDGE GSM Technology पर आधारित है. GSM की तरह EDGE भी TDMA Frame Structure का प्रयोग करता है. इसमें किसी भी प्रकार का Software या Hardware बदलने की जरुरत नहीं पड़ती है.

EDGE Transceiver को Bare Station में लगाया जाता है, जिससे इसको Coverage Area मिलती है. इसके साथ ही इसमें 8PSK  का Modules का इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि 8kbps का Module High Speed Transfer Rate Provide कराता है.

इसलिए इस Speed से Mobile Phones एवं Computer में Multimedia और Broadband Services का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे सबसे पहले United State of America में 2001 को शुरू किया गया था.

EDGE पहले इस्तेमाल किये जाने वाले GPRS Network से तीन गुना ज्यादा तेज़ है. इसे Pre 3G के नाम से भी जाना जाता है, क्योकि ये 3G की कमी को पूरा करता है.

ये 8psk Module को इस्तेमाल करके ज्यादा तेज़ गति से संचरण दर को प्राप्त करता है. इस Modulation Format में GMSK को बदल कर 8PSK कर दिया जाता है. इससे यहाँ फायदा होता है की यहाँ 3bit per Symbol एवं यह अधिकतम संचरण दर को बड़ा देता है. लेकिन इसके लिए Station की संख्या बढ़ानी पड़ती है.

 

 

 

 

 

 

EDGE Ke Kya Features Hain

EDGE के Features कुछ इस प्रकार है:

  • EDGE डाटा को बहुत ही मजबूत Coding के साथ भेजता है जिससे Packet को Retransmit किया जा सकता है.
  • इससे पुनः विभाजन मुमकिन को जाता है.
  • EDGE Data Packets को 248 Kbps की Speed से भेज सकता है, वही GSM में केवल 128kbps तक की ही Speed मुमकिन है.
  • कोई error आने पर EDGE Data Packets को Retransmit करने के लिए कम कर देता है.
  • EDGE Wireless Terminals के द्वारा Multimedia एवं Web Browsing को मुमकिन बना देता है.
  • EDGE Operator से ग्राहकों तक Data पहुंचाने की speed को तीन गुना बड़ा देता है. इससे इंटरनेट एवं Voice Calling बहुत अच्छी हो जाती है.
  • यह 3GPP द्वारा मानकीकृत किया गया है.

EDGE Advancement Kya Hai

EDGE GSM का एक Upgradeed Model है. यह एक High Speed 3G Technology जो GSM के लिए बनाई थी, इसे का इस्तेमाल करके EDGE को बनाया है.

EDGE Network 384kbps तक की Speed से Mobile Phones में Audio, Video एवं Web Surfing के लिए बनाया गया था. EDGE GSM की मुकाबले 3x गुना तेज़ है लेकिन ये अब भी हाई Speed Ethernet के मुकाबले काफी कम है.

EDGE Ke Upgradation Kya Hai

  1. बीटीएस – एचडब्ल्यू आपूर्ति EDGE के काबिल होना चाहिए.
  2. BSC – EDGE टाइमिंग की Definition BSC में की जानी चाहिए.
  3. जीपीआरएस सपोर्ट नोड्स (GSN) – किनारे के लिए Definition को जीएसएन में परिभाषित करना जरुरी है.
  4. डाटाबेस (एचएलआर, वीएलआर, आदि) – किसी परिभाषा की आवश्यकता नहीं होती है.

EDGE Ke Advantages

EDGE के बहुत सारे लाभ है:

  1. शार्ट टर्म Benefits जैसे छमता एवं Performance बढ़ाना.
  2. आसानी से लगाना – इसमें किसी Software या Hardware को बदलने की जरुरत नहीं पड़ती जिससे इसे लगाने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती.
  3. बहुत ही कम लागत.
  4. Data Transfer Rate की गति में बढ़त होती है.
  5. नई सेवाओं को संभव बनाना. जैसे मोबाइल पर Video देखना एवं Netsurfing करना.
  6. WCDMA के साथ Harmonize होना जिससे लम्बे समय तक फायदा हो.
  7. बहुत ही तेज़ Upload और Download Speed.
  8. Video Conference, Remote Presentation जैसे चीज़ों को मुमकिन बनाना.

 

 

 

 

 

 

EDGE Ki History

EDGE को पहली बार European Telecommunications Standards Institute (ETSI) में प्रस्तावित किया गया था. Europe में 1997 में इसकी शुरुआत में, इसको GSM के विकास के लिए किया गया था.

हांलाकि EDGE GSM के Carrier Bandwidth एवं टाइम Slot Structure का इस्तेमाल करता है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है की EDGE केवल GSM सेलुलर Systems में ही इस्तेमाल किया जा सकता है.

बल्कि इसके High Speed के कारन इसे Air Interface की लिए एवं High Bit Rate देने के लिए भी इस्तेमाल किया जाने लगा. इससे 3rd Gen की क्षमताओं की ओर मौजूदा सेलुलर सिस्टम में विकास होना शुरू हो गया.

बाद में कई अलग अलग प्रस्तावों का मूल्यांकन करने के बाद EDGE को जनवरी 1998 में UWCC द्वारा अपनाया गया था. तब से EDGE का Development ETSI एवं UWCC ने साथ साथ किया जिससे GSM और TDMA/136 दोनों के साथ बहुत ज्यादा अच्छा तालमेल देखने को मिलता है.

EDGE के मानकीकरण लिए Roadmap में दो Phases में की गई. पहले Phase में ज़ोर दिया गया है Enhanced GSM (EGSM) और Enhanced Circuit-Switched Data (ECSD).

EDGE उसी TDMA (Time Division Multiple Access) Frame Structure, Logic Channel और 200khz का उपयोग करता है, जो मौजूदा Cell Plans को बने रहने की अनुमति देता है.

इसकी हाई Speed Transfer रेट अधिक Diverse और Multimedia Content प्रदान करती है और GSM ग्राहकों के लिए High Quality Calling की सुविधा उपलब्ध कराती है.

 

 

 

 

 

 

 

EDGE Ka Full Form

EDGE का Full Form होता है Enhanced Data Rates for GSM Evolution.

आशा करते हैं आपको हमारी पोस्ट EDGE Kya Hai और EDGE Ke Features Kya Hai, पसंद आई होगी.

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HTTPS क्या है पूरी जानकारी in Hindi

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आज हम आपको इस Article की मदद से बताएँगे की HTTPS क्या है और HTTPS कैसे काम करता है की पूरी जानकारी. इसके साथ ही हम आपको HTTPS से जुड़े और भी सवालों के जवाब देंगे जैसे की: HTTPS का Full Form क्या है, HTTPS में S का मतलब क्या होता है, HTTPS का कौन सा भाग Encrypted है, HTTP Secure क्यों नहीं इत्यादि की पूरी जानकारी विस्तार में जानेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं Article HTTPS क्या है पढ़ने से……(HTTPS क्या है पूरी जानकारी in Hindi) (HTTPS kya hai in hindi) 

 

 

 

 

HTTPS क्या है पूरी जानकारी in Hindi

 

 

 

 

HTTPS Kya Hai

HTTPS एक Protocol है. इस Protocol का इस्तेमाल Browser और Server के बिच होने वाले संचार के दौरान किया जाता है. HTTPS Browser और Server के बीच Data को Encrypted Form में Transfer करने के काम करता है. यह एक Secure Protocol होता है.

इस Connection में Transfer होने वाले सभी File या Data Encrypted Form में एक स्थान से दूसरे स्थान Transfer होते हैं. HTTPS को सबसे ज्यादा सुरक्षित Connection माना जाता है.

HTTPS में SSL Certificate को Install करना होता है. इस Certificate के Install होने के बाद ही, Server से Client के बिच के Connection को Secure किया जा सकता है. HTTPS में Port 443 का उपयोग होता है. यह Transport Layer पर आधारित होता है.

यह Network Protocol पूरे World में उपयोग किया जाता है. HTTPS Data को एक स्थान से दूसरे स्थान Encrypted Form में Transfer करने का काम करता है. SSL किसी Data के लिए एक सुरक्षित Layer का काम करती है.

HTTPS का पूरा नाम Hyper Text Transfer Protocol Secure है. यह Http का Updated Version है. इसमें Secure Socket Layer का इस्तेमाल किया जाता है. यह Layer Server और Client के बीच Data को Secured Form में Transfer करता है.

 

 

 

 

 

HTTPS कैसे काम करता है

HTTPS Client और Server के बीच हो रहें Communication को Secure करता है. Browser और Webserver के बीच Url Search के दौरान जो Communication होता है, उस Communication को Secure करने के लिए HTTPS का उपयोग किया जाता है.

यह Server और Client के बीच एक Information को Encrypted कर के Share करता है इसके बाद जब तक यह Data Client System तक नहीं पहुँच जाता, यह Encrypted Form में ही रहता है. HTTPS बहुत ही Secure Level की सुविधा देता है.

HTTPS Me S Ka Matlab

HTTPS में S का मतलब Security होता है. इसे Secured Network Protocol भी कह सकते है. यह Browser और Server के बीच हो रहे Communication को Encrypted Form में Transfer करने के काम करता है. Http का Secure Version HTTPS होता है. यह Network Protocol है जो World Wide Web में उपयोग किया जाता है.

किसी भी Browser और Webserver के बीच जो Communication होता है, वह Http के द्वारा होता है. लेकिन यह Communication Secure तरीके से नही होता है. Http Client और Server के बीच Share हो रही Information जैसे: User Name, Email Id, Phone Number, Bank Details, Address इत्यदि Hack किए जा सकते हैं.

इसी Information की Security के लिए कई Website HTTPS Network Protocol का उपयोग करती हैं. यह SSL का भी प्रयोग करता है, जो User की Information को Encrypted Form में Server तक Secure Medium में Transfer करता है.

Http Secure क्यों नही है

Http Secure Connection के लिए  SSL Certificate का इस्तेमाल नही करता है, इस लिए यह Secure नही होता है. इसकी Security Level सुरक्षित नहीं होती है.

इस Connection के दौरान Transfer होने वाला Data भी Encrypt नही होता है. Data Encrypt न होने के कारण Hacker इसे Hack कर सकते हैं. यह Application Layer पर आधारित होता है.

यह Transmission Control Protocol का उपयोग करता है. टी सी पी Protocol Connection के लिए ज्यादा सुरक्षित नही होता है. इस Connection में Transfer होने वाला Data, Plain Text में Transfer होता है.

 

 

 

 

 

 

 

Http Error Codes in Hindi

HTTPS में Error Code इस प्रकार हैं. जैसे:

  • 401: यह किसी Site को Open करते समय Detect होता है.
  • 404: इसका अर्थ Page NOT Found होता है.
  • 501: Gateway के लिए Show करता है.
  • 410, 501, 400, 528 इत्यदि. Error HTTPS में देखने को मिलते है जो किसी Page में या Digital Gateway के समय दिखाई देते हैं.

HTTPS Kya Hai – FAQs

HTTPS का कौन सा भाग Encrypted है
HTTPS में Connection का भाग Encrypted होता है. यह टी सी पी Protocol के साथ Tls और SSL Connection का उपयोग करके नेटवर्क संचार को Secure बनाने के लिए उपयोग किया जाता है.
HTTPS Ka Full Form Kya Hai
HTTPS का Full Form Hyper Text Transfer Protocol Secure है.

आशा करते हैं आपको हमारी पोस्ट HTTPS Kya Hai और HTTPS Kaise Kaam Karta Hai, पसंद आई होगी.

अगर इसके बाद भी आपको कोई सुझाव या समस्या है तो आप निचे दिए Comment Box का पूरा लुफ्त उठा हमसे सवाल पूछ सकते हैं.

 

 

 

 

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CBC Test क्या होता है

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आज हर डॉक्टर किसी भी सामान्य बीमारी का इलाज करने के लिए CBC Test करवाने की सलाह देता है जिससे वह उस रोग को कम करने के लिए सही तरह की दवाई आपको दे सके. दुनिया भर में यह टेस्ट सबसे ज्यादा किया जाता है तो चलिए जानते है CBC Test क्या होता है? CBC Test In Hindi

 

 

 

CBC Test in Hindi

 

 

 

 

CBC Test क्या होता है? – CBC Test in Hindi

CBC की full form Complete Blood Count होती है, जिसके माध्यम से हम जान सकते हैं कि हमारी रक्त कोशिकाओं की गिनती में वृद्धि हुई है या कमी हुई है या सामान्य है.

Complete Blood Count Test में गणना उम्र और लिंग के आधार पर अलग अलग होती है इसी वजह से आपसे उम्र और लिंग पूछा जाता है जिससे कि आपके टेस्ट में सामान्य गणना को आप की टेस्ट की गयी गणना से कंपेयर किया जा सके.

CBC Test का इस्तेमाल ज्यादातर एनीमिया, आम संक्रमण और कैंसर तक के कई स्वास्थ्य समस्याओं का पता लगाने के लिए किया जाता है. Complete Blood Count Test हमारे शरीर में तीन तरह की गणना करता है जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण होती है.

 

 

 

 

 

लाल रक्त कोशिकाएं

लाल रक्त कोशिकाएं यानी RBC जो कि हमारे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने का कार्य करती है और कार्बन डाइऑक्साइड को हटाती है.

इसके बारे में CBC ( Complete Blood Count ) टेस्ट के माध्यम से पता किया जा सकता है कि हमारे शरीर में कितनी RBC संख्या है.

सफेद रक्त कोशिकाएं

श्वेत रक्त कोशिका यानी वाइट ब्लड सेल या WBC हमारे शरीर में संक्रमण को रोकने और उनसे लड़ने की क्षमता को निर्धारित करता है. CBC ( Complete Blood Count ) टेस्ट के माध्यम से हम हमारे शरीर में कितनी WBC है इसके बारे में जान सकते हैं.

इसकी संख्या में असामान्य वृद्धि होने की वजह से सूजन और कई तरह की बीमारियां हो सकती है अगर इनकी संख्या घट जाती है तो हमें संक्रमण जैसे रोग हो जाते हैं.

प्लेटलेट्स

प्लेटलेट्स का सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है कि Blood Clot और Bleeding को कंट्रोल करना. जैसे मान लो अगर आप को चोट लग जाती है तो बहते हुए खून को बंद करने के लिए प्लेटलेट्स कार्य करते हैं.

अगर इनकी संख्या घट जाती है या बढ़ जाती है तो हमें कई तरह की समस्याएं हो सकती है और इसका इलाज तुरंत करवाना जरूरी होता है. CBC के माध्यम से हम प्लेटलेट्स के बारे में जान सकते हैं.

 

 

 

 

 

CBC Test क्यों करवाया जाता है?

CBC टेस्ट करवाने के पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण होते हैं जिसकी वजह से यह ब्लड टेस्ट करवाया जाता है और यह एक कॉमन ब्लड टेस्ट है.

  • आपके Health को मॉनिटर करने के लिए या आपकी जनरल हेल्थ को चेक करने के लिए या डिसऑर्डर जैसे कि एनीमिया या ल्यूकेमिया जैसे रोगों का पता लगाने के लिए भी CBC करवाया जाता है.
  • कमजोरी, थकान,  बुखार, जलन, ब्लीडिंग इन जैसी समस्याओं के दौरान भी CBC करवाया जा सकता है
  • सिकल सेल एनीमिया (sickle cell anaemia) या ल्यूकेमिया (leukaemia) जैसी बीमारी का पता लगाने के लिए भी यह टेस्ट किया जाता है.
  • ब्लड डिसऑर्डर को चेक करने के लिए भी CBC ( Complete Blood Count ) करवाया जाता है
  • प्लेटलेट्स की संख्या को जांचने के लिए भी CBC Test करवाकर करवाया जाता है.

किन-किन रोगों में CBC Test करवाया जाता है?

  • लोहा या अन्य विटामिन और खनिज की कमी की जांच करने के लिए
  • रक्तस्राव विकार के लिए
  • ह्रदय रोग के लिए
  • स्वत: प्रतिरक्षा विकार
  • बोन मेरो की समस्याएं
  • कैंसर
  • संक्रमण या सूजन
  • दवा के प्रति प्रतिक्रिया

 

 

 

 

 

CBC Test कब करवाना चाहिए?

कई परिस्थितयों में सीबीसी (CBC) टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे है.

  • Anemia यानी खून की कमी या Leukemia की जांच के लिए CBC टेस्ट करवाना जरुरी होता है
  • Chemotherapy जैसी दवाओं के सेवन और उपचार के दौरान खून पर पड़ने वाले effect के लिए भी इस टेस्ट की सलाह दी जाती है.
  • Blood Infection की जांच के लिए भी CBC Test करवाने की सलाह दी जाती है.
  • सामान्य बीमारियों की जाँच और संक्रमण की जांच के लिए भी CBC Test करवाया जाता है.

CBC Test करवाने से पहले क्या ध्यान रखें?

इस टेस्ट को करवाने से पहले किसी तरह की तैयारी करने की आवश्यकता नहीं है. आप सामान्य खानपान इस टेस्ट से पहले कर सकते है.

अगर आपको इस टेस्ट के बाद किसी तरह के टेस्ट करवाना चाहते है तो आप कुछ समय के लिए उपवास रख सकते है. इसके अलावा दुसरे टेस्ट के लिए डॉक्टर आपको पहले सुझाव दे देंगे.

CBC Blood Test करवाने के दौरान क्या क्या ध्यान रखें?

यह टेस्ट बहुत सिंपल टेस्ट है जिसको करने में ज्यादा समय नहीं लगता है. CBC Test का Result या Report आपको 1 घंटे के अंदर मिल जाती है.

यह टेस्ट करवाते समय आपको सफाई का पूरा ध्यान रखना है. वैसे तो Nurse या Lab Technician आपके नस की सफाई करते है लेकिन आपको भी इस बात का ध्यान रखना है.

CBC Test करवाने के फायदे – Benefits of CBC Test in Hindi

  • इसकी मदद से एनीमिया जैसे रोगों का पता लगा कर इलाज किया जा सकता है.
  • इससे Erythrocytes, Neutrophil, Lymphocyte, Monocyte और Platelets के बारे में जानकारी मिलती है जिससे अलग अलग तरह की एलर्जी का पता लगाया जा सकता है और उसका सही तरीके से इलाज किया जा सकता है.
  • इससे platelet की संख्या का पता चलता है. अगर आपके खून में platelet की मात्रा ज्यादा होगी तो यह कोशिकाओं में खून के थक्के बनने की समस्या हो सकती है और अगर इनकी मात्रा कम हो जाए तो शरीर में खून का बहाव यानि ब्लीडिंग होने की आशंका पैदा हो जाती है.

CBC Result से खून में किन किन चीजों का पता चल सकता है?

जैसा की हमने आपको बताया की इस टेस्ट की मदद से हमें कई तरह की बीमारियों का पता लगाया जा सकता है. लेकिन अब हम आपको बताएँगे की  CBC Result में हमने खून के कौन कौन घटकों के बारे में पता लगता है और इनकी Normal Value या range क्या होती है.

 

 

 

 

White Blood Cell यानी सफेद रक्त कणिकाएं (WBC) – हमारे खून में WBC पाया जाता है जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते है. अगर खून में WBC Count अगर ज्यादा हो जाए तो शरीर में सूजन (inflammation) या संक्रमण (infection) जैसे लक्षण देखे जा सकते है और अगर इसका Value कम हो जाती है कई तरह की बीमारियों के लगने का खतरा बढ़ जाता है. WBC के पांच Type होते है-

  1. बेसोफिल (basophils)
  2. न्यूट्रोफिल (neutrophils)
  3. ईोसिनोफिल (eosinophils)
  4. लिम्फोसाइट्स (lymphocytes)
  5. मोनोसाइट्स (monocytes).

Red Blood Cell यानी लाल रक्त कणिकाएं (RBC) – इस टेस्ट की मदद से RBC Count का पता लगाया जाता है. लाल रक्त कणिकाएं हमारे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने और कार्बन डाईऑक्सइड को फ़िल्टर करने में मदद करता है

हिमोग्लोबिन (Hb or Hemoglobin) – इस टेस्ट की मदद से खून में Hemoglobin का पता लगाया जा सकता है. मानव शरीर में Hemoglobin की normal range पुरुषों  में 14-17 ग्राम प्रति डेसीलिटर और महिलाओं में यह 12-15 ग्राम प्रति डेसीलीटर (gm/dL) होता है.

HCT (Hematocrit) – यह RBC का ratio होता है जिसकी स्केल रेंज कम होने पर Iron की कमी को दर्शाता है. इसकी Scale Range ज्यादा होने पर आपको dehydrated और अन्य समस्या पैदा हो जाती है.

प्लेटलेट्स संख्या (Platelets Count) – यह खून में रक्त का थक्का ज़माने में मदद करता है. CBC Test की मदद से खून में Platelets Count का पता लगाया जा सकता है.

MCV (Mean Corpuscular Volume) – यह RBC के आकार को दर्शाता है. अगर RBC Normal Width से बड़ी हो जाती है तो MCV की value बढ़ जाती है. इसकी वैल्यू बढ़ने पर Vitamin B12 और Folet Range भी कम हो जाती है.

अगर RBC की Normal Width कम होने पर Anemia की और संकेत करता है.

MCH (Mean Corpuscular Hemoglobin) – यह एक औसत RBC में औसत हीमोग्लोबिन की मात्रा होती है.

बच्चों का CBC Test कैसे किया जाता है?

बच्चों में खून का सैंपल थोडा अलग तरीके से लिया जाता है. बच्चों का CBC Test उनकी एडी से सिरिंज द्वारा खून के सैंपल द्वारा लिया जाता है.

Pregnancy में CBC Test

इसकी मदद से गर्भवती महिलाओं में संक्रमण और खून की कमी का पता लगाया जाता है. यह Pregnancy में एक कॉमन टेस्ट है. Pregnancy में WBC Normal Range 4,500 से 10,000 कोशिकाएं प्रति माइक्रोमीटर और RBC Normal Range 4.1/5.1 मिलियन सेल / एमसीएल होती है.

Pregnancy में CBC Test

Pregnancy में HCT Normal Range 36.9- 44.6% होती है और Hb or Hemoglobin की value पहले और तीसरे तिमाही में 11.0 ग्राम / डीएल से कम और दूसरी तिमाही में 10.5 ग्राम / डीएल से कम नहीं होनी चाहिए.

गर्भवती महिला की MCV Score 80 से 96 के बीच होना चाहिए. Platelets Normal Range 150,000-450,000 platelets/mcl होती है और इसके कम और ज्यादा होने पर गर्भावस्था में कई तरह की समस्या पैदा हो सकती है.

 

 

 

 

 

CBC Test Normal Range

घटक Normal Value
RBC (Red Blood Cell) Count Men – 5/6 मिलियन सेल/माइक्रोलीटर

Women – 4/5 मिलियन सेल/माइक्रोलीटर

WBC (White Blood Cell) Count / Normal Range 4500/10000 कोशिकाए/माइक्रोलीटर
Hbg (Hemoglobin) Level / Normal Range Men – 14-17 gm/dL

Women – 12-15 gm/dL

HCT (Hematocrit) Normal Range Men – 41% से 50%

Women – 36% से 44%

Platelet Count / Normal Value 140,000 से 450,000 (cells/mcL)
MCV Normal Range 80 से 95 Femtolitre
MCH Normal Range 27-32 Pictograms

CBC Test का रिजल्ट

इस टेस्ट की मदद से डॉक्टर मरीज के स्वास्थ्य का पता आसानी से लगा सकते है और साथ ही बीमारियों का इलाज भी आसानी से किया का सकता है.

RBC Count – अगर रिपोर्ट में आपको High RBC की Value हो तो पॉलीसाइथेमिया वेरा (Polycythemia Vera) या हृदय रोग (Heart Disease) की ओर संकेत करते है. Low RBC Value की वजह से एनीमिया (Anemia) रोग हो जाता है.

WBC Count – इसकी कमी की वजह से ऑटोम्यून्यून विकार जैसी स्थिति पैदा हो सकती है. इसकी value ज्यादा होने पर संक्रमण (infection) और सूजन (inflammation) की स्थिति उत्त्पन हो जाती है और प्रतिरक्षा प्रणाली विकार (immune system disorder) या अस्थि मज्जा रोग (bone marrow disease) के संकेत हो सकते है.

Platelet Count – इसकी वैल्यू कम होने पर थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (thrombocytopenia) रोग और ज्यादा होने पर थ्रोम्बोसाइटोसिस (thrombocytosis) जैसी समस्या हो सकती है.

अगर आपको किसी भी घटक की वैल्यू कम या ज्यादा मिलती है तो आप तुरंत डॉक्टर से मिलें.

CBC Test Sample Report

CBC Test Sample Report

 

 

 

 

 

CBC Test का Price कितना है?

India में CBC Test की Cost 100 से लेकर 300 रुपये तक है. कई बड़े हॉस्पिटल और ब्रांड क्लिनिक या लैब इस टेस्ट के ज्यादा पैसे भी लेती है.

Final Word

आज इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि CBC Test in Hindi क्या होता है और CBC क्यों करवाया जाता है? अगर आपको इसके बारे में कुछ और जानना है तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके भी हमसे पूछ सकते हैं.

 

 

 

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WhatsApp की Chat कैसे Hide कर in Hindi

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WhatsApp Chat Hide kaise kare

आज के टाइम हर कोई whatsapp का दीवाना है, ज्यादातर लोग whatsapp के जरिये से ही अपने document और फोटो,विडियो का आदान प्रदान करने का मजा लेते है. इसके अलावा आप अपनी सारी बात whatsapp पर करते है। कई बार क्या होता की घर वाले या फिर आपके दोस्त भी आपका फोन देख लेते है. अपनी पर्सनल chat दिखाने से डरते है तो अब आपको अपने दोस्तों से डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि अब इस प्रॉब्लम का solution हमारे पास है। तो चलिए आपको अब हम बताते है की Whats App की Chat को कैसे Hide कर सकते है. (WhatsApp की Chat कैसे Hide कर in Hindi) (WhatsApp ki Chat Hide kaise kare)

 

 

 

 

 

WhatsApp की Chat कैसे Hide कर in Hindi

 

 

 

 

Whats App की Chat को कैसे Hide करे?

हम आप को Whats App की Chat को Hide करने की जानकारी देने जा रहे है.

  1. सबसे पहले आप अपने whatsapp को ओपन करना है।
  2. अब आप जिस chat को hide यानि की छुपना चाहते है, उस chat पर कुछ टाइम के लिए press करना है।
  3. अब आप के लेफ्ट साइड मे एक Archive ऑप्शन के ऊपर क्लिक करेंगे।
  4. आप जैसे ही इस पर क्लिक करेगे तो आपकी Chat hide हो जायेगी.
  5. अब आप अपने मन मे एक question होगा की हम वापिस उस chat  को कैसे लाये?
  6. तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है. हम आपको उस का भी solution हमारे पास है।
  7. Hide हुई Chat को वापस लाने के लिए आपको आपको सभी chat स्क्रॉल करके सबसे नीचे जाना होगा.
  8. यहाँ पर आपको Archive नाम से आप्शन पर click करना है.
  9. इसके बाद में आपको यहाँ पर सभी hide chat चेक कर सकते है.

 

 

 

 

 

 

Conclusion

तो इस प्रकार Whats App की Chat को Hide कर सकते है. अगर आपको इसके बारे में कुछ और जानना है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर भी पूछ सकते है.

 

 

 

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Sql क्या होता है – कैसे सीखे in Hindi

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किसी भी Database Software में काम करने के लिए हमे, कुछ Queries का इस्तेमाल करना पड़ता है जिसकी मदद से हम Database में अपने Data को Manage कर पाते हैं. इन Queries को इस्तेमाल करने के कुछ ख़ास Terms एवं Conditions होते हैं, जिनके बिना इन Queries का कोई मतलब नहीं होता है. अगर आप इन सभी जानकारी के बारे में ढूंढ रहे हैं, तो आप सही जगह हैं. आज हम आपको इस Article की मदद से बताएंगे इन Queries का इस्तेमाल कैसे करते हैं और Sql क्या होता है. साथ ही हम आपको इस Article में Sql से जुड़े और भी सवालों के जवाब देंगे. जैसे की: Sql का Full Form, Sql के Cammands क्या होते है, Sql के Advantages, Sql में Table कैसे बनाए, Sql कैसे Download करे इत्यादि की पूरी जानकारी विस्तार में जानेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं Article Sql क्या होता है पढ़ने से….(Sql क्या होता है – कैसे सीखे in Hindi )(Sql kya hai)

Sql kya hai in hindi

Sql Kya Hota Hai

Sql, एक प्रकार का Query Language है जिसका इस्तेमाल कर हम किसी भी Database Software में अपने Data को Manage कर सकते हैं.

यह Language ख़ास तौर से Relational Database के Tables को Manage करने के लिए बनाया गया है. इस Language को सिखने के लिए हमे Basic English आनी बेहद जरुरी है. इस Language का इस्तेमाल कर हम Database से अपने Data के साथ Add, Update, Delete, Store, Manipulate इत्यादि जैसे Operations कर सकते हैं.

इस Language को IBM Company द्वारा Launch किया गया था. इस Language में English Language के कुछ आसान शब्दों का प्रयोग किया जाता है.

इसमें ANSI Standard के आधार पर, English भाषा के कुछ शब्द लिए गए हैं. जिनका इस्तेमाल कर हम Queries की मदद से Database में Operations Perform करा सकते हैं.

SQL का इस्तेमाल करके हम Database से किसी भी तरह के Files को Access कर सकते हैं. इस Language का इस्तेमाल कर हम Database में Tables को अपनी जरुरत अनुसार हर तरह से Manage कर सकते हैं, जैसे की: Tables में Data Insert कराना, Update करना, Data Delete करना, Data को देखने की Permission देना, नया Table बनाना, Tables को Merge करना इत्यादि.

Sql Commands in Hindi

Sql के कई सारे Cammands होते है, पर यहाँ हमने आपको कुछ ख़ास Cammands के बारे में बताया है जिनका इस्तेमाल सबसे ज़्यादा होता है. जैसे की:

  • CREATE    : इस Cammand का इस्तेमाल करके आप Database में एक नया Table Create कर सकते हैं.
  • ALTER       : इस Cammand का इस्तेमाल कर हम Data को Update, Edit एवं Delete कर सकते है.
  • UPDATE    : इस Cammand का इस्तेमाल कर हम Rows को Update कर सकते है.
  • DELETE    : इस Cammand का इस्तेमाल कर हम Data Delete कर सकते है.
  • DROP  : इस Cammand का इस्तेमाल कर हम Table Delete कर सकते है.
  • SELECT     : इस Cammand का इस्तेमाल कर हम Data की सभी Entries को Show करा सकते है.
  • INSERT    : इस Cammand का इस्तेमाल कर हम Table में नया Data डाल सकते है.
  • GRANT    : इस Cammand का इस्तेमाल कर हम User को Permissions दे सकते है.
  • REVOKE    : इस Cammand का इस्तेमाल कर हम Users की Permission हटा सकते है.

इसके अलावा भी Sql में और Cammands इस्तेमाल होते हैं जिनका इस्तेमाल कर हम अपने Database की Security एवं Integriety को बढ़ा सकते हैं.

Sql Statement Example

उदाहरण के तौर पर जैसे, हमे कोई Database बनाना है तो इसके लिए, आपको निचे दिए हुए Statement को इस प्रकार से इस्तेमाल करना होगा:

  • CREATE TABLE Office (PersonID int, LastName varchar(255), FirstName varchar(255), Address varchar(255), City varchar(255));

Advantages of Sql in Hindi

SQL का इस्तेमाल करने के कई सारे फायदे हैं, जैसे की:

  • यह Language सीखना आसान है, क्यूंकि यहाँ पर ज्यादा कठिन English Language इस्तेमाल नहीं होता, साथ ही इसकी Programming में आपको ज़्यादा Logic लगाने की जरुरत भी नहीं पड़ती.
  • इसका इस्तेमाल कर, हम बड़ी आसानी से अत्यधिक मात्रा का Data चुटकियों में Collect कर सकते हैं.
  • इस Language का इस्तेमाल कर, किसी भी तरह के Database Operation को Manage करना बेहद आसान होता है.
  • यह Language हर तरह के Platform के लिए इस्तेमाल करना बेहद आसान है.
  • यह Language, English शब्दकोष के कुछ ऐसे Standards पर आधारित है, जिसे ISO एवं ANSI द्वारा जारी किया गया है.
  • यह Language, Client-Server Architecture को Support करने में सक्षम है.
  • इस Language का इस्तेमाल Direct Database Software से Table एवं Data को Manage करने के लिए किया जाता है.
  • यह Language हर तरह के Database Software में Support करता है.
Sql Injection Kya Hota Hai

Sql Injection एक प्रकार का Code Injection Technique होता है, जिसका इस्तेमाल करके Database को Destroy या Database को Hack किया जा सकता है.

इस तकनीक में Database से Admin का Access पाने के लिए, Server को कुछ ऐसे Malicious Code भेजे जाते हैं, जिनके Response में Server हमे खुद से ही उसमें Stored Data के Credientials Share कर देता है.

इन Credientials का इस्तेमाल कर कोई भी Database में आसानी से Login कर सकता है और हमारे Database Server को नुक्सान पहुंचा सकता है.

इन Attacks से बचने के लिए आपको Sql की और Deep जानकारी विस्तार में लेनी होगी, इसके लिए आप यह Language, Online एवं Offiline किताबों के माध्यम से सिख सकते हैं.

Sql Kaise Download Kare

अगर आप आपके System में SQL server install करना चाहते हैं, तो आपको निचे दिए हुए तरीको को Stepwise follow करना होगा. अगर आप एक भी गलत Step लेते हैं, तो हो सकता है आपको दुबारा से इसे install करने की जरुरत पड़ सकती है.

यह Software Install करने से पहले ध्यान रखे की आपका Hard Disk, NTFS Format को Support करता हो, साथ ही 1 GB की Storage कम से कम इसमें उपलब्ध होनी चाहिए. इसके बाद आपके System में .NET Framework की सुविधा भी चालू होनी चाहिए.

इसके बाद आपको निचे दिए हुए Button पर Click करके SQL Server का Developer Edition Download करना होता है.

Sql Kaise Sikhe

जैसे हम किसी भी Computer भाषा को सिखने के लिए Coaching की मदद लेते हैं, उसी तरह SQL को सिखाने के लिए भी कई सारी Coaching संस्थाएं मौजूद हैं. आप यह Language आपकी इच्छा अनुसार Online एवं Offline दोनों प्रकार के माध्यम से सीख सकते हैं.

आजकल Online Classes का Craze बहुत बढ़ गया है, एवं Advanced हो गया है. यहाँ पर आप किताबों के मुकाबले Free में बहुत सारी चीजें सीख सकते हैं, साथ ही बाकि के अन्य Experts से Live मदद भी ले सकते हैं.

अगर आप फिर भी Offline माध्यम से SQL सीखना चाहते हैं, तो आप आस पास के किसी भी Coaching Institute में इसके बारे में पता कर सकते हैं, और वहां Join करके सिख सकते हैं.

इसके आलावा आप SQL से सम्बंधित किताबें खरीदकर, उसे पढ़कर एवं अभ्यास करके खुद से भी यह Language आसानी से सिख सकते हैं.

 

 

 

 

 

 

Sql Me Table Kaise Banaye

किसी भी Server पर Table बनाने से पहले आपको, एक Database बनाना होता है. यह Database बनाने के लिए आप निचे दिए Cammands Follow कर सकते हैं:

  • CREATE DATABASE Office_Database;      [लिखकर Enter Press करें.]

इसके बाद Table बनाने के लिए आपको निचे दिए Cammand को Type  करना होगा:

  • USE Office_Database;                               [लिखकर Enter Press करें.]
  • CREATE TABLE Office (PersonID int, LastName varchar(255), FirstName varchar(255), Address varchar(255), City varchar(255));      [लिखकर Enter Press करें.]
  • INSERT INTO Office (PersonID, LastName, FirstName, Address, City) VALUES (OL1, ‘XYZ’, ‘ABC’, ‘choti badi ABCD’, ‘JKL’);                            [लिखकर Enter Press करें.]

अगर आप एक साथ Multiple Values डालना चाहते हैं तो आप निचे दिए हुए Cammands इस्तेमाल सकते हैं:

  • INSERT INTO Office (PersonID, LastName, FirstName, Address, City) VALUES
  • (OL1, ‘XYZ’, ‘ABC’, ‘choti badi ABCD’, ‘JKL’),
  • (OL2, ‘pqr’, ‘abc’, ‘badichotiABCD’, ‘JKL’),
  • (OL3, ‘jkl’, ‘qwe’, ‘chotii bdii ABCD’, ‘asd’),
  • (OL4, ‘yadav’, ‘mukesh’, ‘marimata’, ‘indore’),
  • (OL5, ‘sen’, ‘anj’, ‘loha mandi’, ‘sagar’);      [लिखकर Enter Press करें.]

इसके बाद Table Show कराने के लिए आप निचे दिए Cammands Run करा सकते हैं.

Sql Kya Hai – FAQs

  • Sql Ka Full Form

    Sql का Full Form Structured Query Language होता है.

आशा करते हैं आपको हमारी पोस्ट Sql क्या है और Sql Architecture, Download, Install, Start, पसंद आई होगी.

अगर इसके बाद भी आपको कोई सुझाव या समस्या है तो आप निचे दिए Comment Box का पूरा लुफ्त उठा हमसे सवाल पूछ सकते हैं.

 

 

 

 

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PH Meter क्या होता है पूरी जानकारी in Hindi

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PH Meter kya hai
PH Meter hindi

आज हम आपको इस Article में बताएँगे की PH Meter क्या है और PH Meter का इस्तेमाल कैसे करे की पूरी जानकारी. साथ ही हम आपको PH Meter से जुड़े और भी सवालों के जवाब देंगे जैसे की: PH का मान क्या होता है, PH में P क्या होता है, PH Meter की खोज किसने की इत्यादि की पूरी जानकारी विस्तार में जानेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं Article PH Meter क्या होता है पढ़ने से…..(PH Meter क्या होता है पूरी जानकारी in Hindi) (PH Meter kya hai in hindi)

 

 

PH Meter in hindi

 

 

 

 

PH Meter Kya Hai

PH मीटर किसी Liquid Material में उपस्थित Hydrogen के Molecule का Acidic Basic अथवा Neutral Nature को मापने वाला एक Electronic Equipment है. यह किसी Liquid Material में मौजूद Hydrogen Molecule की Tendency को Measure करने का काम करता है.

यह मीटर किसी Liquid Material में Hydrogen की उपस्तिथि कितनी है एवं होनी चाहिए यह बताता है. PH का मान 0 से 14 के बीच होता है.

यह मान जब 7 से 0 के बीच घटता या बढ़ता है तब Liquid Acidic होता है. जब PH Scale 7 से 14 में बीच होता है तो Liquid Material Basic होता है.

किसी Liquid Material में Hydrogen Molecule की उपस्थित उसके PH मान पर निर्भर करती है

  • जब PH मान 0 से 7 के बीच होता है तो Liquid Material Acidic होता है.
  • जब यह मान 7 से 14 के बीच होता है तो Liquid Material Basic होता है.
  • यदि PH का मान 7 है तो यह Neutral माना जाता है.

PH Meter Kya Hota Hai

PH Meter एक Scientific Electronic Device है जो Water Biased Solutions में Hydrogen Molecule उपस्तिथि का पता लगाने में उपयोग किया जाता है.

जिसकी मदद से यह किसी Water Biased Solutions में मौजूद Hydrogen Molecule की Acidic और Basic Value का मापन करता है. PH Meter Hydrogen Molecule की Tendency मापता है. यह यन्त्र ये बताता है की किसी विलियन पदार्थ में Hydrogen का PH मान कितना है.

PH मीटर क्या है

PH मीटर Scientific Instrument है जो Hydrogen-Ion Activity को Measure करने का काम करता है. यह Water Biased Solutions में Hydrogen-Ion की Presence को मापता है.

किसी Liquid Material या Water Biased Solutions में Hydrogen-Ion 0 से 14 के Scale में किस Number पर मौजूद है यह भी बताता है. किसी Liquid Material में Hydrogen Molecule की Tendency अलग-अलग होती है.

यदि Liquid Material में Hydrogen Molecule 0 से 7 के बीच होते तो इसे Acidic Concentration होता है एवं यदि मान 7 से 14 के बीच होता है तो इसे Alkalinity कहते हैं.

PH मीटर में यदि किसी Water Biased Solution में यदि Hydrogen-Ion का मान 7 होता है तो यह Neutral होता है.

 

 

 

 

 

PH Meter Ka Upyog

PH मीटर के उपयोग जो इस प्रकार है:

  • यह Device में किसी Water Biased Solution में उपस्थित Hydrogen Molecule की Tendency को मापने का काम करता है.
  • इसके मापन से PH की Value को ठीक से समझा जा सकता है.
  • PH मीटर में किसी Liquid Material के Concentration का पता लगाया जाता है.
  • यह मीटर Hydrogen के Power की Fix Value को निकलने में उपयोग किया जाता है.
  • PH मीटर का Measurement Water Biased Solution की Quantity पर निर्भर करता है.
  • PH का मान  7 जो की Neutral होता है यह PH मीटर के द्वारा तय किया जाता है.

PH Ka Man Kya Hai

PH का Scale O से 14 बीच होता है. जो किसी Liquid में Hydrogen Molecule की उपस्तिथि को Number में दिखने का काम करता है.

Hydrogen के Molecule, Liquid Material में Present Acidic और Basic Tendency को बताने का काम करता है.  इसका मान 0 से 14  तक होता है.

PH Me P Kya Hai

PH में P का अर्थ Power या Concentration होता है. PH Hydrogen Power को Define करता है. किसी Liquid Material का PH Scale की संख्या 0 से 14 के बीच होती है.

Liquid Material में उपस्थित Hydrogen के Molecule के मान की संख्या को बताती है. यह  Tendency Acidic, Basic एवं Neutral भी हो सकती हैं.

 

 

 

 

 

PH Meter Ka Diagram

PH Meter Ki Khoj Kisne Ki

PH मीटर की खोज Arnold Beckman ने की थी

आशा करते हैं आपको हमारी पोस्ट PH Meter Kya Hai और PH Meter Kaise Istemaal Kare, पसंद आई होगी.

अगर इसके बाद भी आपको कोई सुझाव या समस्या है तो आप निचे दिए Comment Box का पूरा लुफ्त उठा हमसे सवाल पूछ सकते हैं.

 

 

 

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