भारत में कुत्ता पालन का व्यवसाय कैसे शुरू करे (Dog Farming Business Plan in Hindi) अगर आप पहले से कोई व्यवसाय या नौकरी करते है और अपनी इनकम के किसी अन्य सोर्स के बारे में विचार कर रहे है, तो डॉग फ़ार्मिंग आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है. आपको इसके लिए अलग से कोई प्रबंध नहीं करना होता है, आप अपने रोज़मर्रा के कार्यो को करते हुये आराम से अपने घर में कुछ विशेष प्रजाति के कुत्तों को पालकर, उनकी ब्रीडिंग करवाकर और उनके बच्चो को मार्केट में बेचकर अच्छी ख़ासी कमाई कर सकते है. डॉग ब्रीडिंग व्यापार के लिए उपयोगी कुत्ते (Good Type Of Dog For Dog Breeding Business) – ऐसे तो कई प्रजाति के कुत्ते होते है, परंतु आज हम यहाँ आपको कुछ विशेष प्रजाति के कुत्तो के बारे में बताने जा रहे है, जिनके द्वारा आप इस व्यापार में अच्छी कमाई कर सकते है.
लेब्राडोर (Labrador) – इसमें कोई संशय नहीं है, कि लेब्राडोर हमारे देश में सबसे ज्यादा पसंद किये जाने वाली कुत्तों की प्रजाति है. ये बहुत ही फ्रेंडली नेचर के होते है और इन्हे आसानी से ट्रेन भी किया जा सकता है इसके अलावा ये बहुत ही बुद्धिमान भी होते है. इन्हे पालने के लिए बहुत अधिक पैसा खर्च नहीं करना पड़ता और साथ ही ये आसानी से किसी भी माहौल में अपने आप को ढाल लेते है. इसलिए आपके लिए व्यवसाय के लिए कुत्तों की यह प्रजाति सबसे ज्यादा लाभदायी होगी.
पग (Pug) – कुत्तों की इस नस्ल को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है. पग आकार में छोटे और कुछ मोटे बेहद ही प्यारे कुत्ते होते है. यह वास्तव में कुत्तों की सबसे प्राचीन प्रजाति है. कुत्तों की यह प्रजाति अपार्टमेंट में रहने वाले लोगो के लिए सबसे आदर्श नस्ल की प्रजाति है, इसी के साथ ऐसे लोग जो पहली बार कुत्ता पालते है, उनके लिए भी इस नस्ल के कुत्ते पालना आसान होता है.
जर्मन शेपर्ड (German Shepherd) – जर्मन शेपर्ड भारत में सबसे अधिक और सबसे आसानी से उपलब्ध होने वाली कुत्तों की प्रजाति है. इस नस्ल के कुत्ते साहसी, बुद्धिमान और हमेशा अलर्ट रहने वाले कुत्तों में से एक होते है. इसके अलावा कुत्तों की इस नस्ल के अन्य देशो में और भी कई अलग अलग नाम है. इस नस्ल के कुत्तों को आजकल सुरक्षा की दृष्टि से अधिक उपयोग किया जाता है, इनकी सूंघने की क्षमता और पहचानने की क्षमता सबसे अधिक होती है.
परियाह (Pariah) – अगर आपको सचमुच कुत्तों से बहुत अधिक लगाव है, तो आपके लिए भारतीय परियाह से अच्छी कोई नस्ल नहीं है. इस प्रजाति के कुत्ते बेहद ही आसानी से और मुफ्त में भी मिल जाते है. ये कुत्ते भी अन्य कुत्तों की तरह स्नेही और वफादार होते है. कुत्तों की यह नस्ल भारतीय पर्यावरण के लिए सबसे अधिक उपयुक्त है, जो यहाँ के वातावरण में आसानी से एडजस्ट कर लेते है.
इंडियन स्पीट्ज़ (Indian Spitz) – भारतीय स्पीट्ज़ और पोमेरियन के बीच कन्फ्युज न हो, क्योंकि ये दोनों ही अलग-अलग प्रजाति के कुत्ते है. पोमेरियन कुत्ते, इंडियन स्पीट्ज़ की तुलना में कद में छोटे, कम वजन और लंबे फर वाले कुत्ते होते है.
दच्शुंद (Dachshund) – अगर आप एक छोटे अपार्टमेंट में रहने के लिए अनुकूल और सुदर फर वाले कुत्ते के बारे में सोच रहे है, तो दच्शुंद आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. सर्वप्रथम इन कुत्तो को छोटे जानवरो जैसे खरगोश का शिकार करने के लिए पाला गया था, परंतु बाद में ये पालतू कुत्तो में एक बेहतरीन विकल्प बन गए. ये साहसी, ऊर्जावान, हेल्दी और भारतीय जलवायु के लिए उपयुक्त कुत्ते साबित हुये.
डोबरमेन (Doberman) – कुत्ते की यह प्रजाति पूरे विश्व में पुलिस और मिलिट्री के लिए बेहतरीन विकल्प तो है ही, इसी के साथ-साथ यह भारतीय पालतू कुत्तों में भी एक बहुत पसंद की जाने वाली प्रजाति है. इस प्रजाति के कुत्ते बुद्धिमान, साहसी और साथ ही साथ अपने छठी इंद्री के लिए मशहूर होते है. इसके अलावा कुत्तों की यह प्रजाति किसी भी जलवायु में आसानी से एडजस्ट हो सकती है और यह विभिन्न भारतीय शहरो में आसानी से उपलब्ध भी होते है.
डालमेटियन (Dalmatian) – डालमेशियन एथलीट टाइप के कुत्ते होते है, इसके अलावा ये स्वस्थ्य और अपने मालिक से स्नेह रखने वाले कुत्ते भी होते है. कुत्ते की इस प्रजाति को पाले जाने का मुख्य उद्देश्य चौकीदारी होता है, परंतु ये कुत्ते केवल गर्म मौसम में जीवन यापन कर सकते है, ठंडी जलवायु इस प्रकार के कुत्तों के लिए उपयुक्त नहीं है.
कुत्ता पालन बिज़नस के लिए आवश्यकतायें (Business Concept and Need for Dog Breeding) –
कुत्तों को ब्रीडिंग करवाकर उनके बच्चों को बेचना इतना आसान काम नहीं है, आपको इसके लिए एक पर्फेक्ट प्लानिंग की जरूरत है. अगर आप इसे अपने फुल टाइम बिज़नस के रूप में इसका चयन करते है, तो आपको इसके इनवेस्टमेंट से लेकर, ब्रीडिंग की प्रक्रिया, नवजात बच्चों का ध्यान रखने और बिज़नस के लिए जरूरी लाईसेंस आदि सभी चीजों का ध्यान रखना होगा. आपको इस बात का भी ध्यान रखना होगा, कि आपकी भलाई के लिए किसी जानवर को कोई नुकसान ना पंहुचे. और फिर जब आप अपने आपको इस फील्ड में स्थापित कर लेते है और एक भरोसेमंद ब्रीडर के रूप में अपने ग्राहको से संपर्क बैठा लेते है, तो आपको लाभ प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता.
इस व्यापार के लिए निम्न आवश्यकताए है –
बिज़नस प्लान
उचित प्रबंधन
प्रोपर इनवेस्टमेंट
आवश्यक लाइसेन्स
ग्राहक
उचित मार्केटिंग
कुत्ता पालन व्यवसाय के लिए मार्केट अवलोकन (Market Overview for Dog Breeding Business) –
मार्केट का अवलोकन से हमारा तात्पर्य आपके इस व्यवसाय की बाजार में कितनी डिमांड है. अगर हम समान्य तौर पर देखे, तो आजकल अधिकतर घरो में कुत्ते पाले जाते है, इसके अतिरिक्त विभिन्न जगहों जैसे खेत-खलियान, बाग बगीचो और शहरो में भी कई लोग विभिन्न जगहों पर रखवाली के लिए कुत्ते रखते है. इसके अलावा भी विभिन्न विभागो जैसे पुलिस, सीआईडी, स्पेशल फोर्स आदि में भी विशेष तरह के कुत्तों की आवश्यकता होती है. इसलिए इस व्यापार और अलग-अलग प्रजाति के कुत्तों की पूरे मार्केट में बहुत डिमांड है. अगर आप इस व्यापार को पूरी प्लानिंग से और सही मैनेजमेंट के साथ करे, तो आपको लाभ अवश्य होगा.
नर और मादा कुत्तों के लिए ब्रीडिंग की जानकारी (Breeding Information For Male and Female Dog) –
अगर आप यह व्यवसाय शुरू करना चाहते है, तो आपको इसकी पूर्ण जानकारी होना चाहिए, ताकि आपकी वजह से किसी जानवर को कोई नुकसान ना पंहुचे. जब आप कुत्तों में ब्रीडिंग करवाते है, तो आपको निम्न बातों का ध्यान रखना होगा.
मादा कुत्तों में ब्रीडिंग के लिए आवश्यक शर्ते –
वे मादा कुत्ते जो अपनी आयु के 18 महीने पूर्ण कर चुके होते है, केवल वही प्रजनन के लिए उपयुक्त होते, इस आयु के पहले इनसे प्रजनन करवाना सही नहीं होगा. इसके अलावा ब्रीडिंग के 10 दिन पूर्व इन मादा कुत्तों की किसी लाइसेंस प्राप्त पशु चिकित्सक से निरीक्षण करवा लेना चाहिए, ताकि इस बात का पता चल सके, कि ये ब्रीडिंग के लिए तैयार है या नहीं.
आप किसी भी प्रकार के मादा कुत्तों को साल में 1 बार से अधिक प्रजनन के लिए बाध्य नहीं कर सकते, मादा कुत्ते केवल साल में एक बार प्रजनन कर सकते है.
कोई भी मादा कुत्ते अपने जीवन में 5 बार से अधिक प्रजनन नहीं कर सकते और आप उन्हे इससे अधिक प्रजनन के लिए बाध्य भी नहीं कर सकते.
नर कुत्तों में ब्रीडिंग के लिए आवश्यक शर्ते –
ब्रीडिंग के लिए कुत्तों का स्वास्थ्य और परिपक्व होना अनिवार्य है, इसके अलावा आप किसी भी नर कुत्ते को उसकी आयु के 18 महीने के बाद ही ब्रीडिंग के लिए प्रयोग कर सकते है.
ब्रीडिंग के 10 दिन पूर्व किसी भी लाइसेंस वाले पशुचिकित्सक से नर कुत्ते का परीक्षण आवश्यक है, ताकि उसके स्वास्थ्य को प्रमाणित किया जा सके.
कुत्ता पालन के लिए आवश्यक लाइसेंस (Required License For Dog Breeding) –
अगर आप एक साल में तीन से अधिक नस्ल के कुत्तों की ब्रीडिंग करवाते है और उन्हे बाजार में बेचते है, तो आपके लिए इस व्यवसाय का लाइसेंस लेना अनिवार्य है –
आपको सर्वप्रथम डॉग ब्रीडिंग लाइसेंस लेना अनिवार्य है, उसके लिए आपको सर्वप्रथम ऑनलाइन अप्लाय करना होगा और फिर आपके यहाँ इन्सपैक्शन के बाद ही आपको यह लाइसेंस दिया जाएगा.
इसके बाद आपको अपनी लोकल अथॉरिटी से भी कई पर्मिशन लेनी पड़ेगी.
इसके बाद आपको अपने व्यापार का रजिस्ट्रेशन करवाना और टीन नंबर लेना भी अनिवार्य है.
डॉग ब्रीडिंग का लाइसेंस केवल एक साल के लिए मान्य होता है और आपको प्रतिवर्ष इसे रेन्यु करवाना अनिवार्य है.
कुत्ता पालन के व्यवसाय में कुल निवेश (Total Investment For Dog Breeding Business) –
डॉग ब्रीडिंग का व्यापार शुरू करने के लिए आपको किसी एसी जगह की तलाश करनी होगी, जहां कुत्ते आसानी से रह सके और उनका स्वस्थ्य पर्यावरण में उचित विकास और देखभाल हो सके. जगह के साथ-साथ आपको इस व्यापार में कुत्तों के खाने पीने उनके रखरखाव और नर व मादा कुत्तों के चिकित्सीय परीक्षण, प्रजनन के समय उनके उचित देखभाल पर निवेश करना होगा. इसी के साथ आपको ब्रीडिंग करवाने के लिए प्रथम बार नर व मादा कुत्तों को भी खरीदना होगा. इस प्रकार अगर आपके पास जगह स्वयं की हो, तो आप केवल 50 हजार के निवेश में भी यह व्यवसाय शुरू कर सकते है.
कुत्ता पालन व्यवसाय में जोखिम (Risk Factor In Dog Breeding Business) –
हर व्यापार में कुछ ना कुछ जोखिम अवश्य रहता है, परंतु बिना रिस्क के सफलता संभव नहीं है. इस व्यापार में होने वाले जोखिम निम्न है.
आप किसी भी मादा कुत्ते से केवल 5 बार ब्रीड करवा सकते है और इसके बाद आपको इनका पालन पोषण स्वयं करना होता है, परंतु ये आपके मुनाफे के लिए काम के नहीं होते है.
आप एक परिवार के कुत्तों को आपस में ब्रीड नहीं करवा सकते, इसलिए आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होता है.
आपको इस व्यापार में कुत्तों के स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना होता है, क्योंकि अस्वस्थ्य कुत्तों में ब्रीडिंग संभव नहीं.
इस प्रकार से अगर आप इस व्यापार को पूरी प्लानिंग और उचित मैनेजमेंट के साथ करेंगे, तो आपको लाभ अवश्य होगा. इस व्यापार में लाभ की अपार संभावनाएं है, और शौकीन लोग लाखो रुपय तक के कुत्ते खरीदते है. आपको बस जरूरत है, की उनकी पसंद के मुताबिक उन्हे कुत्ते सप्लाइ कर पाये. अगर आप ग्राहक की जरूरत को पहचानकर उनकी जरुरत को पूरा करने में कामयाब होते है, तो आप लाभ अवश्य कमाएंगे.
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How to Buy Top Franchise In World किसी कंपनी की फ्रेंचाइजी अपने शहर में खोलना व्यापार करने का एक बहुत ही अच्छा अवसर है। अगर आप एक दुकान खोलेंगे और इस बात का इंतजार करेंगे कि आप उस इलाके के एक ब्रांड बन जाओ तो इसमें काफी वक्त लगेगा। इसी जगह पर अगर आप किसी कंपनी के नाम का इस्तेमाल करो तो काफी ज्यादा फायदा कमा सकते है। जैसे अगर आप “रिलायंस ट्रेंड” नाम का एक दुकान खोलते है तो लोग पहले से ही इस दुकान को जानते हैं और इस ब्रांड को पहचानते हैं तो वे क्वालिटी पर शक नहीं करेंगे और आकर यहां से समान खरीदेंगे। इसी तरकीब का इस्तेमाल कर के Franchise बिज़नेस से आप पैसा कमा सकते है। इस तरह के व्यापार में जब सामान को बेचने के लिए किसी कंपनी के नाम या ब्रांड का इस्तमल करते है तो उसके लिए आपको उस कंपनी का फ्रेंचाइजर बनना पड़ता है और आप बहुत सारी अन्य बड़ी-बड़ी कंपनियों के नाम के अलावा उन कंपनियों से बहुत सारी अलग-अलग मदद लेकर एक दुकान खोल सकते हैं या एक बिजनेस खड़ा कर सकते हैं, जो आपको खूब सारा मुनाफा कमाने में मदद करेगी। तो अगर आप जानना चाहते हैं कि ऐसी कौन सी कंपनियां हैं, जो आपको फ्रेंचाइजी दे सकती हैं या आप गूगल पर सर्च कर रहे है Top Franchise Business In India in Hindi तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं, अंत तक इस लेख के साथ बने रहिए।
फ्रेंचाइजी कंपनियों के नाम और बिज़नेस कैसे करें? | Top Franchise Business In India in Hindi
फ्रेंचाइजी बिजनेस क्या है? (Franchise Business Ideas in Hindi)
अगर आपको कोई ऐसा बिजनेस करना है, जिसमें मुनाफा बहुत ही अधिक हो तो इसके लिए आप फ्रेंचाइजी का बिजनेस करें। क्योंकि इस बिजनेस में अधिक से अधिक मुनाफा होता है और जब कभी भी आप कंपनी का ब्रांड नेम यूज करोगे और उस सामग्री को आप अपने गांव या शहर में सेल करते है।
जब भी आप फ्रेंचाइजी को लेते हो तो उस समय आपको कुछ पैसा देना पड़ता है और आपको फ्रेंचाइजी के लिए एग्रीमेंट भी करवाना होता है। तब जाकर वह कंपनी आपको अपने बिजनेस के बारे में जानकारी देने लगती है और साथ ही में आपको ब्रांड नेम यूज करने के लिए एक अवसर भी देती हैं।
आप इस तरीके से कुछ रुपए देकर अपने लिए फ्रेंचाइजी बिज़नस खुलवा सकते हो और आप उस कंपनी से जो भी सामान लेते हो। उसे आप आसानी से बेच सकते हो और आपको कंपनी अपने प्रोडक्ट को किस तरह सेल करना है, वह आपको सारे उपाय बता देंगे। इस तरीके से आप फ्रेंचाइजी बिजनेस को कर सकते हो।
फ्रेंचाइजी व्यापार कितने तरह का होता है?
फ्रेंचाइजी बिजनेस में कुल तीन प्रकार के बिजनेस होते हैं, हमने आपको नीचे स्टेप बाय स्टेप तीनों बिजनेस के बारे में बताया हुआ है, जिसे आप पढ़ कर समझ सकते हो।
ट्रेडिशनल फ्रेंचाइजी
बिजनेस फॉर्मेट फ्रेंचाइजी
सोशल फ्रेंचाइजी
1. ट्रेडिशनल फ्रेंचाइजी
ट्रेडिशनल फ्रेंचाइजी का बिजनेस बहुत ही ज्यादा पुराना होता है और इसे बहुत ही ज्यादा यूज़ भी किया जाता है। कंपनियों के पास इसी तरीके का सामान बहुत ही पहले से होता है। फ्रेंचाइजी बिजनेस में सबसे पहले यह प्रोडक्ट अपने से कनेक्ट इन लोगों को देते हैं और जो लोग फ्रेंचाइजी का बिजनेस करते है, उनका काम होता है फ्रेंचाइजी प्रोडक्ट को सेल करना।
उदाहरण के तौर पर स्प्राइट अपना प्रोडक्ट खुद ही बनाती है और जो लोग फ्रेंचाइजी लेते हैं, वह लोग स्प्राइट का ब्रांड नेम यूज करते है और साथ ही में वह अपने बनाए हुए प्रोडक्ट का सामान भी आसानी से उन्हें दे देता है बस उनका काम होता है, स्प्राइट को सेल करना इस तरीके से आप फ्रेंचाइजी का बिजनेस कर सकते हो।
2. बिजनेस फॉर्मेट फ्रेंचाइजी
यह एक ऐसा बिजनेस है, जिसमें रोज अपने फ्रेंचाइजी बिजनेस में अपडेट करने का काम होता है। कहने का मतलब यह है कि फ्रेंचाइजी का यह ऐसा बिजनेस है, जिसमें आप अपने सामान में पहले के मुकाबले कुछ ना कुछ इसमें बेहतर बनाने की कोशिश करें ताकि आप फ्रेंचाइजी का बिजनेस आसानी से कर सके।
3. सोशल फ्रेंचाइजी
यह एक ऐसा बिजनेस है, जिसमें जो भी सामान ग्राहक आकर खरीदता है, उसके बारे में आपको फ्रेंचाइजी कंपनी को संदेश पहुंचाने का काम होता है ताकि कंपनी खुद उस व्यक्ति तक आसानी से सामान पहुंचा सके, इसी को सोशल फ्रेंचाइजी कहते हैं।
किसी कंपनी की फ्रेंचाइजी को कैसे ले सकते हैं?
अगर आप इस बिजनेस को करना चाहते है तो इस बिजनेस को शुरू करने में आपको ज्यादा कठिनाइयों का सामना नहीं करना होता है। जब आप फ्रेंचाइजी को लेते हो तो उस समय आपको एग्रीमेंट करवाने की आवश्यकता पड़ती है, जिसके लिए आपको फ्रेंचाइजी के कंपनी में आपको जाना होगा तब जाकर आप वहां पर साइन करके एग्रीमेंट करवा सकते हो।
सबसे पहले आपको इस बात पर विशेष रूप से ध्यान देना होगा कि फ्रेंचाइजी आपको किस कंपनी का लेना है, इसके बारे में एक बार जरूर चर्चा कर लें ताकि आपको आगे चलकर पछताना न पड़े और आपको जिस भी कंपनी का फ्रेंचाइजी लेना है, इसके लिए आप उसकी ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा।
वहां पर फ्रेंचाइजी के ऑप्शन पर आपको क्लिक कर देना है। आपको फ्रेंचाइजी की बातों पर विशेष रूप पर ध्यान देना होगा, इस तरीके से आप फ्रेंचाइजी का बिजनेस आसानी से कर सकते हो।
फ्रेंचाइजी बिजनेस आइडिया
हमने आपको नीचे कुछ बताया हुआ है, जिससे आप टॉप फ्रेंचाइजी बिजनेस आइडियाज इन हिंदी के बारे में बताया हुआ है। सबसे पहले आपको यह जानना जरूरी है कि कौन सा बिजनेस करके आप बहुत ही ज्यादा फायदे में हो सकते हो।
हेल्थ फिटनेस
फूड सेंटर
गवर्नमेंट एंड सॉफ्टवेयर
1. हेल्थ फिटनेस
यह एक ऐसा बिजनेस है, जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और अक्सर लोग इसे सिटी में शुरू करना चाहते है। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको बड़ी से बड़ी कंपनियों का नाम पता करना होगा ताकि आप इस बिजनेस को आसानी से शुरू कर सकें।
इस बिजनेस को करने के लिए आपके पास करीबन 8 से 20 लाख रुपए होने चाहिए और इस बिजनेस को करने के लिए आपके पास जमीन भी होनी चाहिए ताकि आप इस बिजनेस को आसानी से कहीं पर भी शुरू कर सकें।
2. फूड सेंटर
यह एक ऐसा बिजनेस है, जिसमें आप कहीं पर भी फूड सेंटर को आसानी से खोल सकते हो। इसके लिए आपके पास करीबन 5 लाख रुपए आपके पास होने चाहिए तब जाकर आप फूड सेंटर कर सकते हो।
इस में मुनाफा भी अधिक होता है। क्योंकि यह बिजनेस एक ऐसा बिजनेस है जब लोग यात्रा करने के लिए चलते हैं तो रास्ते में जब उन्हें भूख लग जाती है तो वह भूख मिटाने के लिए फूड सेंटर पर जाते हैं इस तरीके से फुट सेंटर का मुनाफा बहुत ही ज्यादा होता हैं।
3. गवर्नमेंट एंड सॉफ्टवेयर
आज के समय में इन सभी चीजों की आवश्यकता लगभग हर व्यक्तियों को पड़ती है, इसीलिए आप फ्रेंचाइजी का बिजनेस करके बहुत ही ज्यादा मुनाफा कमा सकते हो और यह बिजनेस आपके लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
आप किसी भी बिजनेस को बहुत ही आसानी से कर सकते हो। जैसे कि गवर्नमेंट में सियाराम, रायमंड और सॉफ्टवेयर में relaxo और pairagon इत्यादि। कंपनियां आप आसानी से कर सकते हो।
इन सभी बिजनेस के करने के लिए करीबन आपके पास 30 लाख रूपए का इनकम कम से कम आपके पास होनी चाहिए और इस बिजनेस को करने के लिए आपके पास 350 स्क्वायर फीट जमीन की आपको आवश्यकता भी पड़ सकती है। इस तरीके से आप इस बिजनेस को आसानी से भी कर सकते हो।
टॉप फ्रेंचाइजी कंपनी नेम एंड बिजनेस (Best Franchise in India)
शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी जानकारी देने वाली कंपनियां
शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही ऐसी कंपनियां हैं, जो आपको बहुत ही अच्छी अच्छी जानकारियां प्रदान करती हैं और ज्यादातर लोग उनकी बताएं हुई कोर्स उसके भेजें, जिससे कि पहचान जी कंपनियां के लोग बहुत ही ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।
बड़ा बिजनेस
आपने विवेक बिंद्रा का नाम तो सुना ही होगा, जो यूट्यूब पर वीडियो बनाते हैं। उनका एक खुद यूट्यूब चैनल है। यह एक ऐसा बिजनेस करते हैं, जो अपने यूट्यूब चैनल पर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जानकारी देते हैं।
विवेक बिंद्रा की एक ऐसी कंपनी है, जिसका नाम है “बड़ा बिजनेस”। अगर आपको यह बिजनेस करना है तो आप फ्रेंचाइजी से ले सकते हो, जिसमें आप 2 लाख रूपये शुल्क देना होगा तब जाकर आपको यह बिजनेस आपको मिल जाएगा।
जब आपको फ्रेंचाइजी मिल जाएगी तब आपको उसके सभी कोर्स को बेचना होगा तब जाकर आपको मुनाफा होगा और आप इस तरीके से इस बिजनेस को कर सकते हो।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना फ्रेंचाइजी
यह कारोबार बहुत ही प्रसिद्ध है और लोग इस बिजनेस को ज्यादातर शहर में शुरू करना चाहते हैं। यह बिजनेस सरकारी होता है, जिसमें सरकार चाहती है कि ताकि लोग आसानी से नौकरी के लिए तैयारी कर सकें। इस फ्रेंचाइजी देश के युवाओं को प्रशिक्षण आसानी से दे सकें ताकि युवाओं बिजनेस की तैयारी आसानी से कर सकें।
इस बिजनेस को करने के लिए आपके पास 27000 और 150 स्क्वायर फुट जमीन होनी चाहिए तब जाकर आप इस बिजनेस को कर सकते हो। इस बिजनेस को करने के लिए आपको प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा और आप इस बिजनेस को कर सकें।
कपड़े और अन्य फैशन से जुड़े फ्रेंचाइजी कंपनी के नाम
अगर आपको कपड़े और अन्य फैशन की दुकान खोलना है तो हम आपको उन्हीं दुकान के बारे में बताएंगे, जिससे आप अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकें। सबसे पहली बात हुई यह बिजनेस आप शहर में करोगे तो आपको मुनाफा बहुत ही ज्यादा होगा। क्योंकि यह बिजनेस शहर में ज्यादातर अधिक चलती हैं।
हंसिनी
अगर आप हंसिनी का फ्रेंचाइजी ले करके उसका बिजनेस करना चाहते हो तो हम आपको बता दें कि यह कंपनी एक ब्रांड है, जो अपने डायमंड के गहनों के लिए ज्यादा प्रसिद्ध है।
इस तरीके से आप हंसिनी का बिजनेस कर सकते हो। इसे करने के लिए आपके पास 5 करोड़ से लेकर 10 करोड़ रुपए आपके पास होने चाहिए और आपको इस बिजनेस यह करने के लिए 1000 वर्ग फुट जमीन आपके पास अवश्य होनी चाहिए तभी जाकर आप यह बिजनेस आसानी से कर सकते हो।
खाद्य पदार्थ की कंपनी जिससे आप फ्रेंचाइजी ले सकते हैं
ऐसी बहुत सी कंपनियां हैं, जो अपने कार्य के लिए बहुत ही ज्यादा प्रचलित है। अगर आपको फ्रेंचाइजी लेकर खुद फ्रेंचाइजी खोलनी है तो आप बहुत ही ज्यादा मुनाफा कमा सकते हो। क्योंकि यह बिजनेस बहुत ही ज्यादा शहरों में चलता हैं।
पतंजलि
योग गुरु रामदेव बाबा के द्वारा बनाई गई यह कंपनी आज के समय में बहुत ही ज्यादा प्रचलित हो गई है। यह कंपनी लगभग 2006 में शुरू हो गई थी और यह बिजनेस आज के समय में बहुत ही ज्यादा फेमस हो चुका है। क्योंकि यह हर्बल और आयुर्वेदिक गुणों के कारण पूरे भारत मे पतंजलि का पदार्थ फेमस हो चुका है।
अगर आपको इस कंपनी की फ्रेंचाइजी को लेना है तो इसके लिए आप उसकी ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं। इस बिजनेस को करने के लिए आपके पास करीबन 7 लाख से लेकर 16 लॉख रुपए आपके पास होने चाहिए तभी जाकर आप इस बिजनेस को कर सकते हो।
इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपके पास 300 से लेकर 2000 वर्ग फुट जमीन आपके पास जरूर होनी चाहिए तभी जाकर आप इस बिजनेस को कर सकते हो।
पिज़्ज़ा द ढाबा
एमसी डोनाल्ड और पिज़्ज़ा हट के बाद भारत में बहुत सारी ऐसी कंपनियां खुली है, जो पिज़्ज़ा बनाकर बहुत ही ज्यादा पैसा कमाते है। अगर आप इस फ्रेंचाइजी को लेना चाहते है तो आपको उसकी ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा, जिसके लिए आपके पास करीबन 5 लाख से लेकर 10 लाख रुपए आपके पास होने चाहिए।
तभी जाकर आप उसकी फ्रेंचाइजी ले सकते हो और जब आप उसकी फ्रेंचाइजी ले लेते हो, आपके पास उस बिजनेस को करने के लिए 300 वर्ग फुट जमीन होनी चाहिए तभी जाकर आप इस बिजनेस को शुरू कर सकते हो।
FAQ
फ्रेंचाइजी कितने प्रकार का होता है?
फ्रेंचाइजी लगभग 3 प्रकार का होता है और आप तीनों बिजनेस को करते हो तो आप बहुत ही ज्यादा मुनाफा कमा सकते हो।
कौन सी फ्रेंचाइजी सबसे ज्यादा पैसा कमाती हैं?
सबसे ज्यादा फ्रेंचाइजी कमाने वाली बिजनेस का नाम महिंद्रा फर्स्ट चॉइस व्हील्स लिमिटेड है। यह कंपनी बहुत ही ज्यादा पैसा कमाती है और यह एक ब्रांड हैं।
पैसा कमाने का सबसे अच्छा धंधा कौन सा होता हैं?
अगर आपके पास कम पैसे है तब भी आप बहुत ही अच्छा इनकम कमा सकते हैं। क्योंकि भारत में ऐसी बहुत सी कंपनियां हैं, जो शुरुआती में कम पैसे लगाकर अपने बिजनेस को आसानी से कर लेते हैं। जैसे कि सहद का बिजनेस, बांस की खेती, दूध का कारोबार, फुलवारी का बिजनेस यह सब अगर आप बिजनेस करते हो तो आप इसमें भी बहुत ही ज्यादा इनकम कमा सकते हो।
अगर आपको बहुत ही ज्यादा और कम समय में पैसा कमाना है तो इसके लिए आप रेस्टोरेंट का बिजनेस करें। क्योंकि इस बिजनेस को करने से आप बहुत ही ज्यादा मुनाफा कमा सकते है। क्योंकि यह बिजनेस बहुत ही तेजी से चल रहा है और आप इस बिजनेस को कहीं पर और आसानी से कर सकते हो।
आज आपने क्या सीखा?
अगर आप इस लेख को यहां तक पढ़ चुके हैं तो उम्मीद करते हैं कि आप फ्रेंचाइजी बिजनेस के बारे में (Top Franchise Business In India in Hindi) बहुत कुछ सीख गए होंगे और अब आप समझ गए होंगे कि भारत में कौन सी ऐसी प्रसिद्ध फ्रेंचाइजी कंपनियां है, जिनके साथ जोड़कर आप खूब सारा मुनाफा कमा सकते है। अगर इस लेख के जरिए आप Top Franchise Company Names and Business के बारे मे अच्छे से जानकारी ले पाए हैं तो इस लेख को शेयर करें और अपने विचार कमेंट करके हमें जरूर बताएं।
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कच्चा सूखा पास्ता बनाने का व्यापर कैसे शुरू करें (Pasta Making or manufacturing Business plan in Hindi) दोस्तों आजकल आपने देखा होगा, कि आज की जो युवा पीढ़ी है वह फ़ास्ट फूड खाना ज्यादा पसंद करती है. इसलिए अक्सर बाजार में हर किराने की दुकान, या रेस्टोरेंट में फ़ास्ट फूड से सम्बंधित आइटम मिलते रहते हैं. इसी में से एक हैं पास्ता, जिसे लोग बहुत ही चाव से खाते हैं. अब यदि आप इसे अपने घर पर भी बहुत अच्छी तरह से बनाना जानते हैं, तो क्यों न आप इसका व्यापार शुरू करें, क्योंकि यह आपके लिए एक फायदेमंद व्यापार साबित हो सकता है. आप यह व्यापार किस प्रकार से कर सकते हैं, यह जानने के लिए आपका हमारे लेख को अंत तक पढ़ना आवश्यक है. तो आइये जानते हैं पास्ता बनाने के व्यापार के बारे में.
पास्ता क्या होता है एवं उसके प्रकार (What is Pasta and its Types)
पास्ता एक प्रकार का खाद्य उत्पाद हैं, जोकि पारंपरिक इटालियन फ़ास्ट फूड श्रेणी में आता है. यह मैदा का बना होता है, जिसे अंडे के साथ मिलकर बनाया जाता है. फिर इसे पास्ता का आकार देकर बेक किया जाता है.
पास्ता विभिन्न दिलचस्प आकारों और रंगों में बनाया जाता है. हालाँकि सामान्यतः पास्ता का आकार लम्बे और पतले स्ट्रिप्स के आकार में होता हैं. इसके अलावा जब हम पास्ता के प्रकार की बात करते हैं, तो सबसे पहले पास्ता को 2 श्रेणियों में विभाजित किया जाता है. पहला सूखा पास्ता जोकि बना हुआ बाजार में बिकता हैं और आप इसे घर पर बनाकर व्यापार भी शुरू कर सकते हैं. ये पास्ता कई तरीके के हो सकते हैं जैसे लम्बे पास्ता, लघु पास्ता, एग पास्ता, बेक किया हुआ पास्ता एवं फ्रेश पास्ता आदि. इसके अलावा दूसरे गीले मैक्रोनी के रूप में होते है. जोकि फोर्टिफाइड मैक्रोनी, समृद्ध मैक्रोनी, दूध मैक्रोनी, सब्जी वाली मैक्रोनी, सौस वाले पास्ते और सोया मैक्रोनी आदि के रूप में हो सकते हैं.
हालांकि यहाँ हम सूखा पास्ता बनाने के व्यापार को शुरू करने की बात कर रहे हैं, इसलिए आप इसमें से किसी भी प्रकार के पास्ते का निर्माण कर इसका व्यापार शुरू करें और इसे अपनी आजीविका का मार्ग बनायें.
पास्ता बनाने के व्यापार के लिए आवश्यक कौशल (Skill Required For Pasta Making Business)
एक सफल पास्ता बनाने के व्यापार के मालिक बनने के लिए पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम, आपकी खुद की रेसिपी है. ये रेसिपी आप बहुत सारे प्रयोग, उत्पाद, परिक्षण और प्रतिक्रिया के तहत बना सकते हैं. शुरुआत में आप इसे गूगल पर सर्च करके भी सीख सकते हैं. इसके लिए आवश्यक कौशल प्राप्त करने के लिए आपको कहीं परिक्षण के लिए किसी इंस्टिट्यूट में जाने की आवश्यकता नहीं है. इसे आप आसानी से घर बैठे भी सीख सकते हैं.
पास्ता बनाने के व्यापार के लिए लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन (License and Registration For Pasta Making Business)
पास्ता बनाने के व्यापार के लिए आपको कुछ लाइसेंस एवं कुछ जगह खुद के व्यवसाय को रजिस्टर करना होगा, जिसकी जानकारी इस प्रकार है –
एफएसएसएआई लाइसेंस :- चूकी आप पास्ता बनाने का व्यवसाय शुरू कर रहे हैं और यह एक खाद्य उत्पाद है, इसलिए आपको आवश्यक परमिट और एफएसएसएआई लाइसेंस चाहिए होगा.
स्वास्थ्य संबंधित लाइसेंस :- खाद्य उत्पाद के लिए स्वास्थ्य संबंधित लाइसेंस प्राप्त करना भी आवश्यक है. यह आप कैसे प्राप्त करेंगे यह जानने के लिए आपको अपने स्थानीय और राज्य के स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों के साथ सम्पर्क करने की आवश्यकता है.
व्यापार लाइसेंस :- व्यापार चाहे कोई भी हो खाद्य उत्पाद सम्बंधित हो या अन्य कोई भी प्रकार का व्यवसाय हो, उसे सरकार के अंतर्गत रजिस्टर करना आवश्यक है. साथ ही आपको एमएसएमई के अंतर्गत भी व्यापार रजिस्टर करना होगा. इसके लिए आप अपने स्थानीय लोकल अधिकारियों या उद्योग आधार से व्यापार सम्बंधित सभी लाइसेंस प्राप्त करने की जानकारी ले सकते हैं, और व्यापार को शुरू करने से पहले सभी लाइसेंस बनवा सकते हैं.
पास्ता बनाने के लिए कच्चा माल एवं इसकी कीमतें (Raw Material for Making Pasta and its Price)
पास्ता बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के आटे का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा इसे बनाने में उपयोग होने वाली सामग्री में मैदा, आटा, सूजी, अंडा, तेल, नमक एवं अन्य गरम मसाले शामिल होते हैं. हालाँकि इसमें उपयोग होने वाली सामग्री इसे बनाने की प्रक्रिया एवं निर्माता पर निर्भर करती है. इसके अलावा आपको पास्ता की पैकेजिंग के लिए भी कुछ सामग्री की आवश्यकता होगी जैसे पैकेट एवं स्टीकर्स आदि. इसमें उपयोग होने वाला कच्चा माल बाजार में उपलब्ध होता है, जिसे आप आसानी से अपने स्थानीय बाजार से भी खरीद सकते हैं. चाहे तो आप इसे ऑनलाइन भी ऑर्डर देकर मंगा सकते हैं. इन सभी सामग्री को खरीदने में आपको 30 से 40 हजार रूपये तक का खर्च आयेगा.
घर पर पास्ता बनाने की प्रक्रिया (Raw Pasta Making Process at Home)
यदि आप घर से पास्ता बनाने का व्यापार करना चाहते हैं, तो आप इसे घर में भी बहुत आसानी से बना सकते हैं. इसके लिए कई सारी प्रक्रिया इन्टरनेट एवं अन्य माध्यम से मिल जाएगी. हालांकि हम यहाँ एक तरह के पास्ता बनाने की प्रक्रिया आपके सामने प्रदर्शित कर रहे हैं, जोकि इस प्रकार है –
सबसे पहले आपको बराबर मात्रा में आटे एवं सूजी को एक साथ मिलाना होगा. और साथ ही आप इसमें नमक भी मिलाये, और इसे छान लें. आटे एवं सूजी की कितनी मात्रा आपको लेनी हैं यह ग्राहकों द्वारा किये गये ऑर्डर पर निर्भर करेगी.
इसके बाद आप इसमें आप कुछ अंडे मिलाएं, साथ में थोड़ा सा तेल भी मिलाएं. जब सभी चीजें आसानी से मिल जाये उसके बाद आप आटे की तरह इसे घून लें. और इसे कुछ समय के लिए पैकेट में लपेट कर ऐसे ही छोड़ दें.
अब आप अपने हाथों से विभिन्न प्रकार के पास्ता के डिज़ाइन बनाएं, इसके लिए बाजार में विभिन्न डिज़ाइन के मोल्ड भी उपलब्ध हैं उससे भी आप इसका निर्माण कर सकते हैं.
जब यह उचित आकार में बन जाये, फिर इसे सूखा लें. और इसके अच्छी तरह से सूख जाने के बाद आप इसके बराबर मात्रा के छोटे – छोटे पैकेट बना लें, जोकि आपके व्यापार के लिए तैयार हो जायेगा.
इसके अलावा आप यदि इसमें उपयोग होने वाले मसाले या सौस को बेहतर तरीके से बनाना जानते हैं, तो आप इसे भी इसमें जोड़ सकते हैं. इससे आपको अतिरिक्त लाभ प्राप्त हो सकता है. आप इसे आसानी से होलसेल बाजार में या रेस्टोरेंट से ऑर्डर लेकर भी बेच सकते हैं. इसके लिए आप उचित कीमत भी निर्धारित करें.
पास्ता बनाने के लिए मशीन, उसकी कीमत एवं बनाने की प्रक्रिया (Machine, Prices and Making Process for Pasta Making Business)
पास्ता बनाने की मशीन की कीमत 3 से 5 लाख रूपये तक की होती है. यह आटोमेटिक मशीन होती है, जिससे पास्ता बनाना बहुत आसान हो जाता है. इससे 1 घंटे में लगभग 150 किलोग्राम पास्ता बनाकर तैयार किया जा सकता है. इस मशीन में 30 पॉवर की बिजली का उपयोग होता है. इस मशीन में विभिन्न तरह के मोल्डस यानि डाई का उपयोग भी होता है, जिससे आप अलग – अलग डिज़ाइन के पास्ता एवं इससे सम्बंधित अन्य चीजें भी बना सकते हैं. यह मशीन आपको ऑनलाइन इंडियामार्ट या ऐसी ही कुछ वेबसाइट के माध्यम से मिल जायेगी. और आप जहाँ से इस मशीन को खरीदेंगे, वहां से आप इस मशीन के संचालन एवं पास्ता बनाने की प्रक्रिया भी सीख सकते हैं, जोकि काफी आसान है.
पास्ता बनाने के व्यापार के लिए आवश्यक स्थान (Place Required for Pasta Making Business)
जब आप इस व्यापार को मशीन के माध्यम से शुरू करने की सोच रहे हैं, तो आपको उसे स्थापित करने के लिए बेहतर स्थान की आवश्यकता होगी. इसके लिए आपके पास कम से कम 1000 से 2000 वर्ग मीटर तक का स्थान होना आवश्यक है. इसके साथ ही आपके व्यवसाय की फैक्ट्री या यदि आप इसे घर से शुरू कर रहे हैं, तो आपका घर एक व्यावसायिक क्षेत्र के करीब होना चाहिए. ताकि परिवहन में कोई परेशानी न हो. साथ ही स्थान ऐसा होना चाहिए, जहाँ बिजली एवं पानी की अच्छी सुविधा हो.
पास्ता बनाने के व्यापार में कुल निवेश एवं लाभ (Total Investment and Profit in Pasta Making Business)
पास्ता बनाने के व्यापार में आपको मशीन, कच्चा माल, स्थान एवं अन्य खर्च के लिए निवेश करना होता है. आपको इसके लिए कुल मिलाकर 4 लाख रूपये तक निवेश करने की आवश्यकता है. और आप एक अच्छा खासा व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं. लाभ की बात करें,, तो शुरुआत में निवेश करने के बाद जब आपका व्यवसाय अच्छी तरह से चलने लगेगा, तो यही आपके लिए फायदेमंद होगा. इसमें आप 20 से 30 रूपये प्रति 100 ग्राम के पैकेट बनाकर बेचें और अच्छा खासा लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
इस तरह से पास्ता बनाकर उसका व्यवसाय करना बहुत ही लाभकारी एवं आसान व्यवसाय हैं, जिसे आप छोटे रूप में घर से ही शुरू कर सकते हैं. बाजार में लोग इसे बहुत पसंद करते हैं, इसलिए इससे आपको अच्छा खासा लाभ प्राप्त होगा.
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Prime Minister Mudra Yojana Application Form PDF: Pradhan Mantri Mudra Yojana (PMMY) is a special scheme by central govt. of India through MUDRA (a subsidiary of SIDBI). MUDRA supports institution to extend loans to the non-corporate non-farm sector income generating activities of micro and small entities. It is subject to those enterprises with credit needs below Rs. 10 lakhs. Both udyamitra.in and mudra.org.in are the official website of Pradhan Mantri Mudra Yojana.PM Mudra Loan Yojana 2022 will also help in creating an ecosystem of growth for micro enterprises sector. The interventions have been named “Shishu”, “Kishor” and “Tarun” to signify the stage of growth / development and funding needs of the beneficiary micro unit / entrepreneur. Basically, MUDRA Yojana is an initiative to fund the small business in India.
All those people who wants to get loans under PM Mudra Yojana can apply online by filling PMMY application form at www.udyamimitra.in. Moreover, people can also download PM Mudra Loan Yojana application forms in PDF format through www.mudra.org.in.
PM Mudra Yojana (PMMY) 2022 Apply Online Form for Bank Loan
Mudra Loan Scheme aims to attain development in an inclusive and sustainable manner by supporting and promoting partner institutions. Below is the complete process to apply online by filling Pradhan Mantri Mudra Yojana Application Form 2022:-
STEP 1: Firstly visit the official PMMY website at https://www.udyamimitra.in/
STEP 2: Applicant can scroll down the home page and click at “Apply Now” link under “Mudra loans” tab or directly click https://site.udyamimitra.in/Login/Register#NoBack
STEP 3: Upon clicking the link, PM Mudra Yojana online registration form 2022 will appear as shown below:-
STEP 4: Here enter name of applicant, e-mail ID, mobile number and click at “Generate OTP” button. Next Verify OTP to complete the registration process.
Central Govt Schemes 2022POPULAR SCHEMES IN CENTRAL:सरकारी योजनाओं की सूची हिंदी मेंमहात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (MGNREGA)Pradhan Mantri AC Yojana
STEP 5: In the next step, applicants can complete their profile to fill PM Mudra Loan Yojana online application form.
STEP 6: Accordingly, enter all the personal and professional details and click at the “Submit” button to complete the Pradhan Mantri Mudra Yojana online apply process.
Before applying for a loan, view the checklist which can help you to fill up your application faster.
Prime Minister Mudra Yojana Loan Application Form PDF Download (Offline Method)
Pradhan Mantri Mudra Yojana (PMMY) is open and is available from all Bank branches across the country. All the applicants can even download the Prime Minister Mudra Yojana application forms in PDF format through the link given below:- https://www.mudra.org.in/Home/PMMYBankersKit
The PMMY bankers kit to download application forms for Shishu, Tarun & Kishor component under Pradhan Mantri Mudra Yojana will appear as below:-
MUDRA Loan Application Form for Shishu Loan
Click at the download option in front of “Application Form for Shishu” in PMMY Bankers Kit to open Shishu Loan Apply Offline Form PDF:-
MUDRA Loan Application Form for Tarun / Kishor Loans
Click at the download option in front of “Common Loan Application form for Kishor and Tarun” in PMMY Bankers Kit to open Kishor / Tarun Loan Apply Offline Form PDF:-
Also view the checklist for filling PMMY Shishu Loan application form in the PMMY bankers kit.
What is Pradhan Mantri MUDRA Loan Yojana
Micro Units Development & Refinance Agency Ltd. (MUDRA) is an institution for development and refinancing micro finance institutions such as banks, NBFCs, MFIs and Other financial intermediaries, which are in the business of lending to manufacturing, processing, trading and service sector activities whose credit needs is less than Rs. 10 lakh.
MUDRA provides refinance Support to banks, NBFCs / MFIs for PMMY. Other than the refinance product, MUDRA will also provide development support to the sector through other products. The other product offerings as depicted in the diagram below will be targeted across the spectrum of beneficiary segments.
Who can avail the MUDRA loan under PMMY All non-farm sector income generating activities such as manufacturing, trading and services whose credit needs below Rs. 10 lakh are known as MUDRA Loans under Pradhan Mantri Mudra Yojana (PMMY).
Types of Loans under Pradhan Mantri Mudra Yojana (PMMY)
However there is certain eligibility criteria to get a loan under MUDRA Yojana. Any individual including women, proprietary concern, partnership firm, private limited company or any other entity are eligible applicant under PMMY loans. Under the aegis of Pradhan Mantri MUDRA Yojana (PMMY), MUDRA has formulated three Schemes to signify the stage of growth / development and funding needs of the beneficiary micro unit / entrepreneur:-
Shishu: Loans upto Rs. 50,000. This stage would cater to entrepreneurs who are either in their primitive stage or require lesser funds in order to get their businesses started.
Kishor: Loans above Rs. 50,000/- and up to Rs. 5 lakh. This section of entrepreneurs would belong to either those who have already started their business and want additional funds to mobilize their business.
Tarun: Loans above Rs. 5 lakh and up to Rs.10 lakh. If an entrepreneur meets the required eligibility conditions, he/she could apply loan for upto Rs.10 lakhs. This would be the highest level of amount that an entrepreneur could apply for a startup loan.
The MUDRA loans under the PMMY can be taken from the approved Non Banking Finance Companies (NBFCs), Micro Finance Institutions (MFIs), Public/Private Sector commercial banks and Regional Rural Banks (RRBs) across India. The loans will be sanctioned by the lending institutions as per the eligibility.
Eligibility Criteria for PM Mudra Loan Scheme 2022
All the applicants must fulfill the basic eligibility criterion to become eligible for bank loans under PM Mudra Yojana 2022. The business should be either one of the following:-
Small manufacturing enterprise
Shopkeepers
Fruit and Vegetable vendors
Artisans
‘Activities allied to agriculture’, e.g. pisciculture, bee keeping, poultry, livestock, rearing, grading, sorting, aggregation agro industries, diary, fishery, agriclinics and agribusiness centres, food & agro-processing, etc.(excluding crop loans, land improvement such as canal, irrigation and wells).
List of Documents Required for Mudra Yojana Bank Loan
Self certified copy of identity proof such as Voter ID card / PAN Card / Aadhar Card / Passport / Driving License.
Residence proof which may contain recent telephone or electricity bill, property tax receipt (not older than 2 months). Voter’s ID card, Aadhar Card & Passport of the borrower can also act as proof of residence.
Proof of SC/ST/OBC/Minority.
Copies of relevant licenses/registration certificates/other documents pertaining to the ownership, identity and address of business unit.
The applicant should not be a defaulter in any Bank/Financial institution.
Statement of accounts (for the last six months), from the existing banker, if any.
Balance sheets of the units along with income tax/sales tax return etc of the last 2 years. (Applicable for all cases from Rs. 2 Lacs and above).
Projected balance sheets for one year in case of working capital limits and for the period of the loan in case of term loan (Applicable for all cases from Rs. 2 Lacs and above).
Project report (for the proposed project) containing details of technical & economic viability.
Sales achieved during the current financial year up to the date of submission of application.
Memorandum and articles of association of the company/Partnership Deed of Partners etc.
Asset & Liability statement from the borrower including Directors & Partners may be sought to know the net-worth in the absence of third party guarantee.
2 copies of Photographs of each Proprietor/ Partners/ Directors.
PM Mudra Loan Yojana Helpline Number (Contact)
The borrowers who wish to avail MUDRA loan assistance under PMMY can contact directly to the banks, partnered financial institutions and non banking finance companies or the MUDRA nodal officers. MUDRA has identified a total of 97 Nodal Officers across the country at various SIDBI regional/branch offices to act as “First Contact Person” for MUDRA. Below are the links to access the Toll free helpline numbers, list of Nodal officers, banks nodal officers, PMMY mission office contact details and PMMY offices in Mumbai.
Here is the year wise progress of PM Mudra Loan Scheme which is defined here:-
Financial Year 2015-2016
Number of PMMY Loans Sanctioned: 3,48,80,924
Amount Sanctioned : 137449.27 crore
Amount Disbursed : 132954.73 crore
Financial Year 2016-2017
Number of PMMY Loans Sanctioned: 3,97,01,047
Amount Sanctioned : 180528.54 crore
Amount Disbursed : 175312.13 crore
Financial Year 2017-2018
Number of PMMY Loans Sanctioned: 4,81,30,593
Amount Sanctioned : 253677.10 crore
Amount Disbursed : 246437.40 crore
Financial Year 2018-2019
Number of PMMY Loans Sanctioned: 5,98,70,318
Amount Sanctioned : 321722.79 crore
Amount Disbursed : 311811.38 crore
Financial Year 2019-2020
Number of PMMY Loans Sanctioned: 6,22,47,606
Amount Sanctioned : 337495.53 crore
Amount Disbursed : 329715.03 crore
Financial Year 2020-2021
Number of PMMY Loans Sanctioned: 5,07,35,046
Amount Sanctioned : 321759.25 crore
Amount Disbursed : 311754.47 crore
Financial Year 2021-2022
Number of PMMY Loans Sanctioned: 3,37,01,235
Amount Sanctioned : 202759.41 crore
Amount Disbursed : 196026.84 crore
The state wise details of loans/money sanctioned under the PM MUDRA Yojana can be found at https://www.mudra.org.in/
2% Interest Subsidy Scheme for Shishu Loan Account Holders under PM Mudra Yojana
Central government has approved 2% Interest Subsidy Scheme for Shishu Loan Account Holders under the Mudra Yojana. This interest subvention will help small businesses to cope up with the difficulties caused due to Coronavirus (COVID-19) lockdown. Under Shishu category of PM Mudra Loan Yojana, the lenders provide collateral-free (without guarantee) loans of upto Rs. 50,000.
The 2% Interest Subsidy Scheme is estimated to cost Rs. 1,542 crore to the central govt. exchequer. The decision to provide interest subvention of 2% for a period of 12 months to all Shishu loan accounts under Pradhan Mantri Mudra Yojana was taken in the Cabinet Committee on Economic Affairs (CCEA) meeting chaired by PM Narendra Modi on 24 June 2020.
At the end of March 2020, around 9.37 crore loan accounts under the Shishu category of PMMY with a total loan amount of about Rs 1.62 Lakh crore were outstanding.
Who Would Be Eligible for 2% Interest Subsidy on Shishu Mudra Loans
The new 2% interest subsidy scheme will be extended to all Shishu loans that are outstanding as on 31 March 2020 and are not in Non-Performing Asset (NPA) category. The interest subvention would be payable for the months in which the accounts are not in NPA category. It includes the months in which loan account becomes a performing asset again, after turning NPA. The new move will incentivize people who are Shishu Loan Account Holders and will make regular repayments of loans under Pradhan Mantri Mudra Yojana.
What is Shishu Mudra Loan Interest Subvention Scheme
The Shishu Mudra Loan Interest Subsidy Scheme is for implementation of one of the measures relating to MSMEs as announced under the Atmanirbhar Bharat Abhiyan. The PM Mudra Loan Scheme was launched by PM Narendra Modi on 8 April 2015. In this scheme, the central govt. provide loans upto Rs. 50,000 under Shishu Category, Rs. 50,000 to Rs. 5 lakh under Kishor Category and Rs. 5 lakh to Rs. 10 lakh under Tarun Category. The non-corporate, non-farm small/micro enterprises can avail these loans.
These loans are classified as MUDRA loans under PMMY. These loans are given by commercial banks, RRBs, small finance banks, MFIs and NBFCs. The Interest Subsidy Scheme Scheme will be implemented through the Small Industries Development Bank of India (SIDBI) and will be in operation for 12 months.
Timelines for Shishu Mudra Loan Interest Subvention
The timelines for Shishu Mudra Loan Interest Subvention Scheme are specified here:-
A) For borrowers who have been allowed a moratorium, as permitted by RBI under the “COVID 19 Regulatory Package”, the scheme would commence post completion of the moratorium period till a period of 12 months. It means that Shishu Mudra Loan Interest Subvention Scheme for small borrowers who are covered under moratorium will be effective from 1 September 2020 till 31 August 2021). B) For other small borrowers who are not under moratorium, the Interest Subsidy Scheme under Shishu category of Mudra Loans would commence with effect from 1 June 2020 till 31 May 2021.
Impact of Interest Subsidy on Shishu Mudra Loan Borrowers
The central government mentioned that Interest Subsidy Scheme for Shishu Loan Account Holders under Mudra Yojana will be formulated as a specific response to COVID-19 crisis. It will enable people to tackle an unprecedented situation and aims to alleviate financial stress for borrowers at the “bottom of the pyramid” by reducing their cost of credit. The interest subvention on Shishu Loans under Mudra Yojana is expected to provide much needed relief to the sector.
It would enable small businesses to continue functioning without expelling employees due to lack of funds. This Shishu Mudra loan interest subsidy scheme will have a positive impact on the economy and support its revival which is necessary for employment generation in future. The ongoing Coronavirus crisis and subsequent lockdown has led to severe disruption of business for micro and small enterprises which are funded through Shishu Mudra loans.
Small businesses typically function on thin operating margins and the current lockdown has had a severe impact on their cash flows, jeopardizing their ability to service their loans. This could lead to default in repayment and have a resultant impact on access to institutional credit in future.
MUDRA Loan Scheme for Small and Marginal Fisherman
The central government has announced a loan scheme for small and marginal fishermen. Through this scheme, the government will provide them a loan for the purchase of modern boats so that they can grow their business by venturing into deep sea.
Prime Minster Narendra Modi announced this loan scheme for fisherman in a public meeting organized at Diu in the Union Territory of Daman and Diu. The scheme is for those poor fisherman who are not able to buy modern type of boats due to lack of finance. The scheme will provide benefits to those who owns small boats using which cannot go to the deep part of the sea and cannot catch enough fishes.
The government has almost completed the draft of the scheme which will be implemented across the nation. As per the directions of the scheme, a loan of upto Rs. 1 crore will be given to the group of poor fisherman in a village under MUDRA Yojana of central government. Under the scheme, 50 percent of the total funds of the scheme will be contributed by the central government.
A big fishing boats will be given to group of fisherman so that they can go beyond 12 nautical miles, where they can catch large number of fishes. Small fishermen, instead of fishing alone, can be part of such groups and share profits.
व्यापार या बिज़नेस शुरू करने के लिए मुद्रा लोन योजना, ऑनलाइन अप्लाई, सब्सिडी (Mudra Loan Yojana Apply Online, Application, Documents, Online Apply, Scheme Form in Hindi) सरकार के द्वारा लागू की गई नई योजना ‘मुद्रा लोन योजना’, सभी छोटे एवं सूक्ष्म व्यवसायों में लगे हुए व्यक्तियों को आर्थिक रूप से लोन देकर मदद करती है. मुद्रा बैंक लोन योजना की मदद से लोगों को अब किसी निजी व्यक्ति से ऊंची ब्याज दरों पर या फिर किसी और पर लोन के लिए निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है. चलिए अब हम मुद्रा लोन के बारे में विस्तार से जानते हैं और यह भी जानते हैं कि इसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है और किस श्रेणी में लोन कितना दिया जाता है.
मुद्रा लोन क्या है ? (What is Mudra Loan)
माइक्रो – यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी उन प्रमुख इकाईयों में से एक है, जिसके द्वारा सरकार से मुद्रा लोन योजना के तहत न्यूनतम रु 50,000 और अधिकतम रु 10,00,000, स्टार्ट-अप उद्यमों और छोटी व्यावसायिक इकाइयों को दिए जाते हैं. मुद्रा ने उधार देने वाले संस्थानों के अलावा क्षेत्रीय और राज्य स्तर के बैंकों, और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (MFI) के साथ भागीदारी की है.
मुद्रा लोन के प्रकार (Mudra Loan Types)
मुद्रा लोन को लोन की कीमत, बिजनेस का प्रकार के हिसाब से तीन अलग – अलग श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है :-
शिशु श्रेणी :- इस श्रेणी में केवल लघु उद्योग वाले लोगों को ही लोन मिल सकता है. सरकार की योजना के अनुसार इस श्रेणी में लघु उद्योग वाले लोगों को 50,000 रुपए तक का लोन देने का प्रावधान है. यह श्रेणी उन लोगों के लिए है, जो कि अपना छोटे पैमाने पर उद्योग की शुरुआत करना चाहते हैं. लोन लेने वाले व्यक्ति को अपना आइडिया अर्थात् विचार उस समय बैंक में प्रस्तुत करना पड़ता है.
किशोर श्रेणी :- यह श्रेणी उन लोगों के लिए है, जिन्होंने अपना पहले से ही उद्योग लगा रखा है और अपने बिजनेस को एक एंटरप्राइज बनाना चाहते हैं. सरकार द्वारा इस योजना में किशोर श्रेणी में लोन की कीमत 50,000 रुपए न्यूनतम और 5,00,000 रुपए अधिकतम रखी गई है.
तरुण श्रेणी :- इस श्रेणी के अनुसार उन उद्योगों को लोन दिया जाता है, जो पहले से ही स्थापित हों और उन्हें विशाल स्तर पर कारोबार करना है. तरुण श्रेणी में लोन की कीमत सबसे अधिकतम है, क्योंकि इस श्रेणी में इस योजना में जो अधिकतम लोन की राशि निश्चित की गई है, यानि 10 लाख रूपये उतने तक का लोन इसमें दिया जाता है.
अतः हर बैंक का सभी चीजों में जैसे ब्याज दर आदि में अपना एक अलग क्राइटेरिया होता है, जिससे कि वो यह निर्धारित करता है, कि आपको लोन दिया जाए या नहीं.
मुद्रा लोन का मुख्य उद्देश्य (Mudra Loan Yojana Purpose)
मुद्रा लोन का मुख्य उद्देश्य छोटे और लघु स्तर पर काम करने वाले लोगों के लिए सस्ती ब्याज दरों पर लोन दिलवाना है, ताकि कृषि क्षेत्र पर से भार कम हो सके. मुद्रा लोन का यह भी उद्देश्य है, कि लोग किसी के अंदर काम करने वाले न बनकर काम देने वाले बनें.
मुद्रा लोन का प्रमुख कार्य (Mudra Loan Working Capital)
रोजगार के नए नए तरीके खोजने और बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए मुद्रा लोन दुकानदारों, विक्रेताओं, परिवहन व छोटे उद्योग वालों को दिया जाता है.
दुकानदारों और विक्रेताओं के लिए मुद्रा लोन :- जो लोग कृषि में कार्यरत नहीं है और कृषि में नहीं जाना चाहते हैं, मुद्रा लोन उन लोगों को 50,000 रुपए तक का लोन देकर उनका एक नया व्यवसाय खुलवा सकता है. यह लोन उन्हें आसानी से मिल जाता है.
टेक्सटाइल उद्योग में मुद्रा लोन :- टेक्सटाइल में एक आधुनिक मशीन जैसे प्रोजेक्टाइल, एयरजेट की कीमत 30,00,000 रुपए से शुरुआत होती है, और इन्हें लगाना आसान नहीं है. परन्तु एक हैंडलूम की कीमत लगभग 5,00,000 रुपए है, तो वो इसे खरीद सकते हैं. और मुद्रा लोन की सहायता से अपने एक लघु उद्योग की शुरुआत कर सकते हैं.
कृषि में मुद्रा लोन :- अब कृषि में भी आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल होता है. कृषि में जो काम पहले 2 दिन में हुआ करता था, वो आज चंद घंटों में पूरा किया जा सकता है. मुद्रा लोन की सहायता से एक किसान नए उपकरणों को खरीद कर अपनी आमदनी बढ़ा सकता है.
मुद्रा लोन का लाभ एवं विशेषताएं (Mudra Loan Features and Benefits)
मुद्रा लोन के अंतर्गत कोई न्यूनतम ब्याज राशि नहीं है. कोई भी योग्य व्यक्ति 50,000 से लेकर 10,00,000 रुपए तक का लोन ले सकता है. उसके लिए उसे बैंक के द्वारा निर्धारित सभी शर्तों में सफल होना पड़ेगा.
शिशु श्रेणी में ऋण लेने के लिए आवेदक को संपत्ति का हिस्सा गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं है. इसकी वजह से जिन लोगों के मन में अपनी जमीन को गिरवी रखने का डर था. इसके कारण बहुत सारे लोगों को लोन लेने में आसानी हुई है.
कोई भी कृषि से संबंधित और अन्य लघु उद्योगों में लगे हुए लोग इसका लाभ ले सकते हैं. वो इस लोन का उपयोग कीटनाशक लेने, नए उपकरण लेने, खाद लेने आदि में इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे किसानों को काम समाप्त करने में कम समय लगेगा और आमदनी भी ज्यादा होगी.
मुद्रा लोन के लिए योग्यता (Mudra Loan Eligibility)
व्यापार के मालिक :- ऐसे व्यक्ति जो कि सामान एक जगह से लेते हैं और दूसरी जगह भेजते हैं, उनके लिए मुद्रा लोन की आवश्यकता सबसे अधिक होती है. इस प्रकार से काम करने वालों को शुरुआत में हमेशा ही पैसे की ज़रूरत रहती है और अगर पैसा ना हो, तो वो अपना काम नहीं कर पाते हैं और उनका व्यापार ख़त्म हो जाता है. इस तरह की समस्या का निदान सरकार के द्वारा दिए जा रहे मुद्रा लोन से आसानी से हो सकता है.
दुकानदार :- बहुत सारे लोगों के पास अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए आइडिया तो होता है, परंतु पैसे के आभाव में वो कुछ कर नहीं पाते हैं और उनका कारोबार एक जगह तक सीमित रहता है. मुद्रा लोन के द्वारा अगर इन व्यक्तियों को लोन मिल जाए, तो ये अपने कारोबार को आसमान की ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं.
स्टार्टअप उद्यमी :- इसमें वो लोग आते हैं, जिनके पास अपना नया उद्यम करना होता है, परन्तु पैसे नहीं होते हैं. ये लोग नौजवानों के लिए नए नए अवसर प्रदान करते हैं. ये लोग एक क्रांति की तरह होते हैं, छोटे पैमाने पर काम शुरू करते हैं और अपने कारोबार को विकसित करते हैं.
लघु निर्माता :- ये लोग छोटे कारोबारी होते हैं, जो एक छोटी सी जगह पर काम करते हैं, इनके पास काम तो होता है और ये अपने काम को विकसित भी कर सकते हैं, परन्तु पैसे न होने की वजह से ऐसा नहीं कर पाते हैं. इन लोगों को अगर पैसा मिल जाए तो ये अपनी श्रेणी में अव्वल आ सकते हैं.
कृषि में लगे हुए व्यक्ति :- पहले एक खेत की जुताई में कई दिन लग जाते थे, परन्तु आज कल ऐसे औजार आ गए हैं, कि आप अपना काम बहुत जल्दी समाप्त कर सकते हैं. इन औजारों की कीमत ज्यादा होती है. मुद्रा लोन योजना के तहत अगर किसानों को लोन मिल जाए, तो उनका काम कम समय में और जल्दी पूरा हो सकता है.
बैंक जो मुद्रा लोन प्रदान करते हैं (Mudra Loan Bank List)
निम्नलिखित ऋण संस्थाएं एवं बैंक हैं जो कि मुद्रा लोन योजना में ऋण प्रदान करती हैं :
सूक्ष्म वित्त संस्थान (MFI) :- इसमें लघु उद्यम और छोटे व्यवसायों में लगे हुए व्यक्तियों को MFI द्वारा उनके व्यवसायों के लिए लोन दिया जाता है. एमएफआई सभी दस्तावेजों को जांचती है और अंत में फैसला करती है, कि आवेदक को मुद्रा लोन दिया जाना चाहिए या नहीं.
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB) :- केंद्रीय सरकार 50% और संबंधित राज्य सरकार 15% पूंजी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को देते हैं. फिर ये बैंक मुद्रा लोन के तहत लघु उद्यमियों और किसानों को मुद्रा लोन प्रदान करते हैं.
निजी बैंक :- सरकार ने बहुत सारे निजी बैंकों को भी मुद्रा लोन देने के लिए कहा है. ये बैंक लोन देने के लिए कोई भी प्रक्रिया चुन सकते हैं, परन्तु ब्याज की दरें मुद्रा लोन के अंतर्गत ही आनी चाहिए.
लघु वित्त (SFB’S) :- ये बैंक मुख्य तौर पर लघु उद्यमियों, सूक्ष्म उद्यमों के लिए मुद्रा लोन देते हैं. 50,000 रुपए या इससे कम लोन के लिए कोई भी चीज बैंक में गिरवी नहीं देनी होती है. PAN कार्ड की जरूरत को अब नजरअंदाज कर दिया गया है और अब बिना PAN कार्ड के भी लोन मिल सकता है.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक :- कुछ सवर्जनिक क्षेत्र के बैंक भी हैं, जो केंद्र सरकार की इस लोन योजना के तहत लोगों को लोन की सुविधा दे सकते हैं. और लोन की रकम 50,000 से लेकर 10,00,000 रुपए तक हो सकती है.
मुद्रा लोन के लिए दस्तावेज (Mudra informationindian.com Documents Required)
मुद्रा लोन में लोन लेने का वही तरीका है, जो कि अन्य बिजनेस लोन लेने के लिए किया जाता है. नीचे वह जरूरी दस्तावेजों की सूची है, जिनके बिना लोन नहीं लिया जा सकता है :
पहचान पत्र (जैसे कि आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, टेलीफोन बिल इत्यादि),
निवास स्थान का प्रमाण (आधार कार्ड, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, टेलीफोन बिल, बैंक विवरण इत्यादि),
जो व्यक्ति लोन ले रहा है, उनका जाति प्रमाण पत्र (वह किस श्रेणी से सम्बन्धित है एससी, ओबीसी, एसटी, अल्पसंख्यक समुदाय इत्यादि में से एक),
व्यावसायिक उपयोग के लिए लोन लेना चाहते हो, तो उस उद्यम का स्थाई पते का प्रमाण.
लोन के लिए आवेदन देने वाले के हालही में खिंचे गए 2 पासपोर्ट आकार के फोटो.
मुद्रा लोन के लिए कैसे आवेदन करें (How to Apply for Mudra Loan)
आवेदन के लिए आपको एक फॉर्म भरना पड़ता है, जो कि www.mudra.org.in कि वेबसाइट पर उपलब्ध है. वहां से फॉर्म डाउनलोड करने के बाद आप उसे भर दें. हर बैंक की अपनी एक अलग प्रणाली होती है, जिसके अंतर्गत वो आवेदक को लोन देते हैं. आपका जिस बैंक में खाता पहले से ही खुला हुआ हैं, आप वहां भी आवेदन दे सकते हैं.
मुद्रा लोन से संबंधित कुछ मुख्य बिंदु (Mudra Loan Important points)
ब्याज दर और ऋण लेने की प्रक्रिया हर बैंक की अलग हो सकती है. परंतु ब्याज की दरें शिशु, किशोर और तरुण श्रेणी में ही आती हैं. परंतु कोई भी बैंक मुद्रा लोन के द्वारा तय की गई ब्याज दर से ज्यादा ब्याज नहीं ले सकता है.
आपके द्वारा लिए हुए लोन को आप 5 सालों में कभी भी चुका सकते हैं.
यूनाइटेड महिला उद्यमी योजना के तहत महिलाओं को लोन दिया जाता है. इसमें वो महिलाएं लोन के लिए आवेदन दे सकती हैं जिनकी कम्पनी में 50% या उससे अधिक शेयर हों.
मुद्रा कार्ड क्या होता है ? (What is Mudra Card)
मुद्रा कार्ड बैंकों के द्वारा दिया जाने वाला एक कार्ड है, जिसके द्वारा वह व्यक्ति जिसने मुद्रा लोन ले रखा हो पैसे निकाल सकता हैं. दरअसल अगर किसी का मुद्रा लोन स्वीकार हो जाता है, तो बैंक उस व्यक्ति का खाता मुद्रा लोन खाते के नाम से खोल देता है और उसे मुद्रा कार्ड प्रदान कर दिया जाता है. बैंक उस व्यक्ति के खाते में लोन की रकम डाल देता है और फिर वह व्यक्ति विशेष अपने मुद्रा कार्ड से पैसे निकाल सकता है.
निष्कर्ष (Conclusion)
मुद्रा लोन योजना सरकार की एक क्रांतिकारी योजना है, जिसके तहत सरकार उन वर्गों को भी शामिल करना चाहती है, जिसे समाज ने नजरअंदाज कर रखा है. सरकार इस योजना में उन युवाओं को ऋण देती है, जिनके पास बेहतरीन व्यवसाय के आइडिया हैं, परन्तु पैसे के ना होने की वजह से उनका इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. इस योजना से देश में कृषि के उपर से इतने सालों से चला आ रहा भार भी कम किये जाने का लक्ष्य है.
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SBI Yono Papl Loan Apply Online अगर आप SBI के ग्राहक है, तो आपके लिये बैंक की तरफ से एक काफी अच्छी जानकारी निकल कर आयी है। अभी हॉल ही में SBI अपने ग्राहकों को Papl Loan के माध्यम से 8 लाख रूपये तक का पर्सनल लोन दे रही है। अगर आप SBI के ग्राहक है, तो ये लोन लेने के लिये आप मोबाइल से ही आवेदन कर सकते है। तो चलिए आइये जानते है, कैसे आप ये लोन ले सकते है।
बिना पेपर वर्क के मिल रहा 8 लाख रू तक का पर्सनल लोन –
जब भी हम लोन लेने के बारे में बात करते है, हमारे दिमाग में काफी सारी उलझने आ जाती है। जैसे लोन के लिए क्या क्या डॉक्यूमेंट लगेंगे ! और कहाँ जा कर और कैसे लोन के लिए आवेदन करना पड़ेगा ! पर SBI ग्राहकों के लिये एक अच्छी खबर है। अब SBI ग्राहक बिना पेपर वर्क के ऑनलाइन ही 8 लाख रूपये तक का Pre Approved Personal Loan ले सकते है !
देना होगा 12 % तक वार्षिक ब्याज –
अगर आप स्माल फाइनेंस कंपनी से लोन लेते है। तो आपको सालाना 15 से लेकर 20 % तक ब्याज देना पड़ता है। पर SBI के SBI PAPL ( Pre Approved Personal Loan) लोन के बदले मात्र आपको 11 या 12 % की दर से सालाना (वार्षिक) ब्याज देना होगा।
आप लोन लेने के लिये एलिजिबल है, या नहीं ऐसे करे पता –
ये लोन हर किसी SBI ग्राहकों को नहीं मिल रहा है। अगर आप जानना चाहते है, आप इस लोन को ले सकते है या नहीं तो इसके लिए आप बैंक में रजिस्टर्ड नंबर से 567676 पर PAPL + Account के लास्ट 4 नंबर लिखकर सेंड कर दे। जैसे ही आप यह मैसेज करेंगे आपको बैंक के तरफ से मैसेज आ जाएगा और आपको बता दिया जाएगा। आप लोन के लिए एलिजिबल है या नहीं।
ऐसे करे SBI Yono Papl Loan लेने के लिये मोबाइल से आवेदन –
ये लोन आप SBI Yono एप्प के माध्यम से ले सकते है, जिसके कारण आपको SBI Yono एप्प पर रजिस्ट्रेशन करना होगा ! अगर अभी तक आपने SBI Yono एप्प में रजिस्ट्रेशन नहीं किया है, तो आप ये (ऐसे करे Yono SBI एप्प के लिये रजिस्ट्रेशन !) पोस्ट पड़ सकते है। इस पोस्ट में हमने आपको एप्प में कैसे रजिस्ट्रेशन करते है, इसकी कम्प्लेट जानकारी दी है।
अगर आप SBI Yono एप्प पर पहले से रजिस्टर्ड है, और आप इस लोन को लेना चाहते है, तो निचे दिया गया वीडियो देख सकते है। वीडियो में आपको कम्प्लेट जानकारी दी है, कैसे आप Pre Approved Personal Loan लोन ले सकते है।
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Digital Health ID Card: जैसा की आप सभी जानते है देश के बढ़ते विकास के चलते सभी कार्यो को डिजिटल माध्यम से पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है और स्वास्थ्य से जुडी सभी सेवाएं भी डिजिटल रूप से पूरी की जा रही है। देश के प्रधानमंत्री जी श्री नरेंद्र मोदी जी ने कुछ समय पहले आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को शुरू किया है। इस मिशन को शुरू करने का उद्देश्य हेल्थ सेक्टर में क्रांति लाना है। बता देते है कि डिजिटल मिशन के अंतर्गत नागरिकों का डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाया जायेगा। इस हेल्थ कार्ड में नागरिक के स्वास्थ्य से जुड़े सभी चीजों का रिकॉर्ड सेव होगा। जिससे आपको पेशेंट की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पता चल जायेगा। आज हम आपको डिजिटल मिशन से जुडी जानकारी जैसे: डिजिटल हेल्थ ID कार्ड क्या है, कार्ड के जरिये नागरिक को क्या-क्या फायदे मिलेंगे आदि के बारे में बताने जा रहे है।
जानिए क्या है डिजिटल हेल्थ मिशन
जब नागरिक को डिजिटल हेल्थ ID प्राप्त हो जाएगी तो वह देश के किसी भी कोने में अपना इलाज करवा सकते है। इसके लिए उन्हें किसी भी पर्ची या जांच रिकॉर्ड की आवश्यकता नहीं होगी। मरीज की सभी जानकारी हेल्थ कार्ड में उपलब्ध होगी। हेल्थ कार्ड में डॉक्टर को यह पता चल जायेगा कि नागरिक को क्या बीमारी थी और उनका इलाज कौन से हॉस्पिटल में हुआ है।
क्या है यूनिक हेल्थ ID और आप इसे कैसे पा सकते है
यदि जो भी नागरिक आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से जुड़ना चाहते है उन्हें एक हेल्थ ID कार्ड बनाना होगा। हेल्थ ID कार्ड के अंतर्गत 14 डिजिट के नंबर्स जेनरेट होगा। इस ID कार्ड का प्रयोग आप तीन चीजों के लिए जैसे: आपका पहचान यानी यूनिक आइडेंटिफिकेशन हेतु, प्रमाणित करने के लिए और आपके हेल्थ रिकॉर्ड को आपकी सहमति मिलने पर कई सिस्टम व हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स) तक पहुंचने के लिए कर सकते है।
हेल्थ कार्ड बनवाने के लिए करना होगा पंजीकरण
अगर औ भी डिजिटल हेल्थ ID कार्ड बनवाना चाहते है तो इसके लिए आपको अपने मोबाइल व कंप्यूटर के जरिये ऑनलाइन माध्यम से आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके अलावा आप चाहे तो अपने मोबाइल पर ABDM हेल्थ रिकॉर्ड एप भी डाउनलोड कर सकते है। हेल्थ कार्ड बनाने के लिए आपको बेसिक इनफार्मेशन भरना है और अपने मोबाइल नंबर व आधार कार्ड को प्रमाणित करना है।
ये है हेल्थ कार्ड बनवाने के फायदे
आवेदक किसी भी पर्सनल हेल्थ रिकार्ड्स को अपनी हेल्थ ID के साथ लिंक कर सकते है। जिसके बाद आपकी हेल्थ से जुडी जानकारी हमेशा के लिए रिकॉर्ड हो जाएगी।
यदि आप किसी दूसरी जगह अपना इलाज करवाने जाते है तो आपको अपने पुराने पर्चे व रिपोर्ट नहीं रखनी पड़ेगी। इन सभी की जनकारी आपके हेल्थ कार्ड में उपलब्ध होगी।
यदि कोई भी नागरिक किसी भी हॉस्पिटल में भर्ती है तो इस दौरन किसी भी समय अपने डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड को एक्सेस कर सकते है।
हेल्थ ID कार्ड के माध्यम से मरीज देश भर में मौजूद वेरिफाइड डॉक्टरों की पहचान कर सकेंगे और उन तक पहुंच भी पाएंगे।
नागरिक चाहे तो अपने बच्चे के जन्म होने से पहले डिजिटल हेल्थ ID बनवा सकते है।
आवेदक हेल्थ ID तक पहुंचने के लिए नॉमिनी भी शामिल कर सकते है। नॉमिनी द्वारा आपके पर्सनल हेल्थ रिकार्ड्स देखने और मैनेज करने में मददगार साबित हो सकते है।
ऐसे करें डिजिटल हेल्थ कार्ड के लिए अप्लाई
आवेदक को सबसे पहले नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की आधिकारिक वेबसाइट healthid.ndhm.gov.in पर जाना है।
इसके बाद आपको होम पेज पर क्रिएट योर हेल्थ ID के ऑप्शन पर क्लिक करना है।
क्लिक करते ही आपके सामने 2 ऑप्शन खुल जाएगंगे। यदि आपको आधार कार्ड के द्वारा ID बनानी है तो आप जनरेट विआ आधार पर क्लिक करना है और आधार नंबर दर्ज करना है।
और यदि आप मोबाइल नंबर के माध्यम से हेल्थ ID कार्ड बनवाना चाहते है तो आपको अपना मोबाइल नंबर भरना है।
इसके बाद आपको मोबाइल नंबर पर OTP प्राप्त होगा आपको उसे बॉक्स में भर देना है।
जिसके बाद आपके सामने फॉर्म खुल कर आजायेगा।
आपको फॉर्म में पूछी गयी जानकारी के साथ-साथ आवश्यक दस्तावेजों को भी अटैच कर लेना है।
और सबमिट बटन पर क्लिक कर लेना है।
जिसके बाद आपकी हेल्थ ID जनरेट हो जाएगी।
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Ayushman Health Card Apply Online आज भी ऐसे कई लोग है, जिनका अभी तक आयुष्मान हेल्थ कार्ड नहीं बना है। क्यूंकि उन्हें इस कार्ड को कहाँ और कैसे बनाना है, इसकी जानकारी नहीं होती है। और इसी के कारण देश के कई लोग आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना के पात्र होने पर भी इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे है। तो इसी को देखते हुए National Health Authority ने एक बड़ा कदम उठाया है, और एक पोर्टल लांच किया है, इस पोर्टल की मदद से कोई भी व्यक्ति घर बैठे खुद से आयुष्मान हेल्थ कार्ड बना सकता है, और साथ ही इस कार्ड को डाउनलोड कर के इसका प्रिंटआउट भी निकाल सकता है। तो चलिए जानते है, इस नए पोर्टल से आप आयुष्मान कार्ड कैसे बना सकते है।
सरकार ने लॉच किया नया पोर्टल –
National Health Authority (NHA) ने कुछ दिन पहले आयुष्मान हेल्थ कार्ड से सम्बंधित एक पोर्टल लांच किया है, इस पोर्टल का नाम https://setu.pmjay.gov.in/setu/ रखा गया है। इस पोर्टल की मदद से अब कोई भी व्यक्ति बिना CSC Centre या Hospital जाये घर बैठे आयुष्मान कार्ड बना सकता है, और चाहे तो पहले से बना आयुष्मान कार्ड डाउनलोड भी कर सकते है।
Aayusman Card बनाने के लिये Aadhaar में मोबाइल लिंक होना चाहिये –
इस नए पोर्टल की मदद से आप आयुष्मान कार्ड तब ही बना पायेंगे, जब आपके आधार में मोबाइल नंबर लिंक होंगा। क्यूंकि इस कार्ड को बनाने के लिए आपको eKYC करना होता है, और eKYC तब ही हो पाएंगी, जब आपके आधार में मोबाइल नंबर लिंक होगा।
सिर्फ ये स्टेट वाले लोग ही अभी अपना आयुष्मान कार्ड बना पायेंगे –
यह पोर्टल अभी अभी लांच हुआ है, और इसपे अभी काम चल रहा है, जिसके कारण इस पोर्टल की मदद से आयुष्मान कार्ड कुछ ही स्टेट के लोग बना पाएंगे। अभी सिर्फ असम, बिहार, गोवा, गुजरात, हरयाणा, जम्मू & कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, नागालैंड, मणिपुर, कर्नाटका स्टेट के लोग ही घर बैठे अपना आयुष्मान हेल्थ कार्ड बना पायेंगे।
ऐसे बनाये इस नये पोर्टल से घर बैठे आयुष्मान कार्ड –
इसके बाद पोर्टल में निचे में आपको तीन ऑप्शन (Register Yourself & Search Beneficiary, Do Your eKYC & wait for Approval, Download Your Ayushman Card) दिखाई देंगे, इसमें आप पहला ऑप्शन Register Yourself & Search Beneficiary पर क्लिक कर दे।
पहले ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद नेक्स्ट पेज खुल जाएगा, अब आपको वहा मोबाइल नंबर और आधार नंबर डालना होगा, इसके बाद सबमिट बटन पर क्लिक कर देना है।
अब आपके आधार में जो भी मोबाइल नंबर लिंक होगा उस पर एक OTP चले जाएगा, अब आप उस OTP को पोर्टल में दाल दे, और Validate बटन पर क्लिक कर दे।
अब आपके सामने आपकी सारी डिटेल्स आ जाएंगी, अब आपको पेज के सबसे निचे Role Details के पास आ जाना है, अब आपको Application Type:* में BIS2.0 और Role में CSC ऑप्शन सेलेक्ट कर लेना है। इसके बाद अपना एक Login नाम बना लेना है और इसके बाद Please check this box को टिक कर के Create बटन पर क्लिक कर देना है।
जैसे ही आप पोर्टल में लॉगिन करेंगे, आप SECC Beneficiaries में आ जायेंगे, अब आपको यहाँ पर अपनी डिटेल्स जैसे Rular / Urban, State Name, District Name, Block Name, Ward No/Village सेलेक्ट कर लेना है।
जैसे ही आप अपनी डिटेल्स सेलेक्ट करेंगे, आपके ग्राम के लोग या आपके वार्ड के लोगो की लिस्ट आ जायेंगी। और लोगो की लिस्ट के सामने View ऑप्शन दिखाई देगा, अब आप जिसका भी Aayushman Health Card बनाना चाहते है, उनका नाम लिस्ट में देख सकते है, और नाम मिल जाने के बाद View बटन पर क्लिक कर देना है।
जैसे ही आप View बटन पर क्लिक करेंगे, एक नया पेज खुल जाएगा और वहाँ पर आपसे Aadhaar Number या Ration नंबर मांगा जाएगा। आप यहाँ पर जिस भी व्यक्ति का Aayushman Health Card बना रहे है, उसका Aadhaar या Ration नंबर दाल दे और अंत Get Details बटन पर क्लिक कर दे।
जैसे ही आप Get Details बटन पर क्लिक करेंगे नेक्स्ट पेज खुल जाएगा अब आपको अपनी पर्सनल जानकारी दाल देना है, और KYC ऑप्शन में OTP ऑप्शन सेलेक्ट कर लेना है, और Get Otp बटन पर क्लिक कर देना है।
इसके बाद आपके आधार में लिंक मोबाइल पर एक otp आ जाएँगी आपको उस Otp को दाल देना है और इसके बाद I agree with Aadhaar sharing terms and condition इस बॉक्स को टिक कर के नेक्स्ट बटन पर क्लिक कर देना है।
अब आपको एक बार अपनी पूरी eKyc Details चेक कर लेना है, और इसके बाद सबमिट कर देना है। इसके बाद आप कुछ समय का इंतजार करे अगर आपकी डिटेल्स सही होती है, तो आपका आयुष्मान कार्ड बना दिया जाएगा।
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Socks Manufacturing पर बात करना इसलिए भी जरुरी हो जाता है, क्योंकि सॉक्स या मोज़े पैरों में पहने जाने वाले कपड़े के एक प्रमुख उत्पाद हैं । और इसे अक्सर पैरों की अँगुलियों को दहकते हुए टखने एवं पाँव के निचले हिस्से तक पहना जाता है। आम तौर पर देखा जाय तो किसी भी प्रकार का बूट एवं जूते मोज़े के ऊपर ही पहने जाते हैं । प्राचीन समय की यदि हम बात करें तो मोजों या पैरों के जुराबों का निर्माण चमड़े या विभिन्न जानवरों के उलझे हुए बालों को कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल में लाकर किया जाता था। लेकिन सोलहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में पहली बार मशीन से बनाये हुए मोज़े का उत्पादन किया गया था। अट्ठाहरवीं शताब्दी तक हाथ से बुनाई एवं मशीन से बुनाई वाली दोनों विधियों एवं तरीकों का इस्तेमाल मोज़े बनाने के लिए किया जाता था। लेकिन अट्ठाहरवीं शताब्दी के बाद Socks Manufacturing Business Plan in Hindi प्रमुख रूप से मशीनों से होने लगी । मोज़े की एक प्रमुख भूमिका पैर में जूते पहनने से उत्पन्न होने वाले पसीने को सोखने का होता है। जानकारी के मुताबिक शरीर के विभिन्न हिस्सों में से पैर पसीना पैदा करने वाला एक प्रमुख अंग है शरीर का यह अंग प्रतिदिन 0.25 US Pints पसीने का उत्पादन कर सकता है। इसलिए पैरों में मोज़े के इस्तेमाल के कारण मोज़े इस पसीने को अवशोषित करने में सहायक होते हैं और पसीने को ऐसे क्षेत्र में ले जाते हैं जहाँ हवा पसीने को वाष्पित कर देती है। इसके अलावा ठंडे वातावरण में ऊन से निर्मित मोज़े पैरों को इन्सुलेट करते हैं और शीतदंश के जोखिम से पैरों को बचाते हैं ।
यही कारण है की इन्हें हर प्रकार के जूतों चाहे वे फॉर्मल शूज हों, या फिर कैजुअल सबके साथ पहना जाता है । इससे स्पष्ट होता है की मोजों द्वारा एक नहीं बल्कि अनेकों व्यवहारिक ज़िम्मेदारियाँ निभाई जाती हैं इसलिए इनकी फंक्शनल वैल्यू तो है ही, इसके अलावा इन्हें फैशन आइटम के तौर पर भी इस्तेमाल में लाया जाता है इसलिए ये बाजार में असंख्य रंगों एवं पैटर्न में उपलब्ध हैं।
और एक व्यक्ति के पास केवल एक जोड़े ही मोज़े पर्याप्त नहीं होते बल्कि ये ड्रेस, एवं पहनावे के आधार पर एक व्यक्ति के पास कई जोड़े मोज़े हो सकते हैं । इसलिए Socks Manufacturing Business शुरू करना किसी भी इच्छुक व्यक्ति के लिए एक लाभकारी व्यवसाय हो सकता है।
मोज़े की मार्किट का विश्लेषण
जैसा की हम सब अच्छी तरह से जानते हैं की हमारा देश भारतवर्ष जनसँख्या की दृष्टी से विश्व में दूसरा सबसे बड़ा देश है। इसलिए यहाँ लगभग हर उत्पाद एवं सेवा के लिए एक बहुत बड़ी मार्किट है कहने का आशय यह यह है की भारत अपने आप में हर उत्पाद एवं सर्विस के लिए एक बहुत बड़ा बाजार है। इसलिए Socks Manufacturing Business कर रहे उद्यमी को भी यह बात समझनी होगी की मोजा एक ऐसा उत्पाद है जिसकी आवश्यकता हर उम्र के बच्चे, बूढ़े, युवा, स्त्री, पुरुष सबको है इसलिए इस उत्पाद को बेचना बहुत बड़ा मुश्किल काम बिलकुल भी नहीं है।
वैश्विक मोज़े बाजार की यदि हम बात करें तो 2018 तक यह 42.2 बिलियन अमरीकी डालर का आँका गया था जो बढ़ते समय के साथ बढ़ता जा रहा है। विभिन्न कार्यालयों में काम करने वाले वाइट कालर प्रोफेशनल के बीच औपचारिक पोशाक की बढती उपयोगिता के चलते भी मोज़े की मांग में काफी तीव्र वृद्धि देखी गई है।
मोज़े का निर्माण बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start Socks Manufacturing Business):
Socks Manufacturing बिजनेस शुरू करना वर्तमान में बेहद ही आसान प्रक्रिया है वह इसलिए क्योंकि मोज़े का निर्माण करने के लिए बाजार में मैन्युअल से लेकर आटोमेटिक मशीनें उपलब्ध हैं। इसलिए किसी भी व्यवसाय को शुरू करने में सबसे बड़ी जटिलता उसमें अपनाई जाने वाली तकनीकी प्रक्रिया होती है।
और इस बात से हम सभी अच्छी तरह से अवगत हैं की जब मशीन इस काम के लिए इस्तेमाल में नहीं लायी जाती थी तब मोजों को हाथों से ही बुना जाता था । इसलिए इस उत्पाद का निर्माण प्रक्रिया को जानने एवं समझने में कोई तकनिकी जटिलता भी नहीं है। यदि आप भी जानना चाहते हैं की कोई इस तरह के इस व्यवसाय को कैसे शुरू कर सकता है तो आगे स्टेप बाई स्टेप हम इसी के बारे में बताने का प्रयत्न कर रहे हैं।
1. जमीन एवं बिल्डिंग का प्रबंध करें
उद्यमी चाहे कोई भी व्यवसाय शुरू कर रहा हो उसे एक ऐसे स्थान या जगह की आवश्यकता अवश्य होती है जहाँ से वह अपने व्यवसाय को संचालित कर सके। इसलिए Socks Manufacturing Business शुरू करने के लिए भी उद्यमी को जमीन या बिल्डिंग की आवश्यकता होती है। यह जरुरी नहीं है की उद्यमी अपनी इस तरह की यह इकाई किसी भीड़ भाड़ या व्यस्त इलाके में ही लगाये, बल्कि उद्यमी को एक एरिया विशेष में मुख्य बाजार के 4-5 किलोमीटर के अंतर्गत कहीं भी ऐसी जगह जो सस्ते दामों में उपलब्ध हो, पर इस तरह की इकाई को स्थापित करने की योजना बनानी चाहिए।
चूँकि इस परिसर में उद्यमी की केवल निर्माण स्थल ही नहीं अपितु, इन्वेंटरी स्टोर, बिजली उपयोगिताओं के लिए जगह और एक छोटा सा ऑफिस स्थापित करने की भी आवश्यकता हो सकती है। इसलिए उद्यमी को लगभग 700-800 Square Feet जगह की आवश्यकता हो सकती है। उद्यमी के पास यदि कोई गैर कृषि योग्य भूमि है तो वह वहां पर इस तरह की इकाई स्थापित कर सकता है और यदि ऐसा नहीं है तो उद्यमी कोई जमीन या बिल्डिंग किराये या लीज पर ले सकता है।
2. वित्त का प्रबंध करें (Arrangement of Fund for Socks Manufacturing)
Socks Manufacturing Business शुरू करने में लगभग कितना खर्चा आएगा वह इस बात पर निर्भर करता है की उद्यमी इस तरह के इस व्यवसाय को किस साइज़ में शुरू करना चाहता है। अर्थात यदि उद्यमी बड़े स्तर पर इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करना चाहता है तो उसे इस व्यवसाय को शुरू करने में अधिक पैसे खर्च करने की आवश्यकता हो सकती है। जबकि छोटे पैमाने पर इस तरह का व्यवसाय शुरू करने में कम लागत आ सकती है।
इसलिए यदि लागत कम है तो उद्यमी अपने व्यवसाय के लिए वित्त का प्रबंध अपनी व्यक्तिगत बचत या सरकारी योजना के तहत ऋण लेकर कर सकता है। और यदि परियोजना की लागत अधिक है तो उद्यमी औपचारिक ऋण स्रोतों जैसे बैंक एवं वित्तीय संस्थानों से ऋण, सरकारी योजना के तहत ऋण इत्यादि के माध्यम से वित्त का प्रबंध कर सकता है।
3. आवश्यक लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन प्राप्त करें
Socks Manufacturing Business को उद्यमी सर्वप्रथम प्रोप्राइटरशिप के तहत रजिस्टर करा सकता है यह इसलिए क्योंकि इस एंटिटी के तहत रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया बेहद सरल है और उद्यमी बहुत सारी औपचारिकताओं को पूर्ण करने से बच जाता है। यह रजिस्ट्रेशन पूर्ण रूप से ऑनलाइन भी कराया जा सकता है। इसके अलावा उद्यमी को इनवॉइस जनरेट करने के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता हो सकती है।
स्थानीय प्राधिकरण से ट्रेड लाइसेंस या फैक्ट्री लाइसेंस के अलावा उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन और एमएसएमई डाटा बैंक रजिस्ट्रेशन करने की भी आवश्यकता हो सकती है। यदि उद्यमी स्वयं का ब्रांड स्थापित करके मोज़े बेचना चाहता हो तो उसे ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता हो सकती है।
4. मशीनरी एवं कच्चा माल खरीदें (Machinery for Socks Manufacturing):
Socks Manufacturing process में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनों का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के कच्चे माल से मोज़े बनाने के लिए किया जाता है। इन मशीनों की मदद से रोलिंग, कटिंग, सिलाई और पैकिंग का काम आसानी से किया जा सकता है। इस व्यवसाय में इस्तेमाल में लायी जाने वाली प्रमुख मशीनरी की लिस्ट इस प्रकार से है।
Socks Manufacturing Process में सबसे पहलेपालीप्रोपीलीन के रोल को रोलर में डाला जाता है और इसका इनपुट मशीन में डालना होता है। उसके बाद इस मशीन को स्टार्ट करना होता है उसके बाद मशीन अपने आप ही निर्माण प्रक्रिया की अगली प्रक्रिया पूर्ण कर लेती है। और जब जुराब का निर्माण अच्छे ढंग से हो चूका होता है तो फिर इनका निरीक्षण किया जाता है और निरीक्षण में पास होने बाद ही इन्हें पैकेजिंग के लिए भेजा जाता है। और फिर इन्हें पैक करके बाजार में बेचने के लिए भेज दिया जाता है।
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साधारण रजाई गद्दे से तो शायद आप सभी अच्छी तरह अवगत होंगे, लेकिन जब बात Foam Mattress Manufacturing Business Plan in Hindiयानिकी फोम से निर्मित गद्दों की हो रही होती है। कुछ लोग इनसे अनभिज्ञ भी हो सकते हैं, क्योंकि ग्रामीण भारत में इस तरह के ये गद्दे कम ही देखने को मिलते हैं। लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है की जब से शादी- विवाह में दहेज़ के तौर पर फर्नीचर जिसमें की बेड भी शामिल होता है, देने का रिवाज हुआ है लोग ग्रामीण भारत में भी उस बेड के साथ फोम के गद्दे देना पसंद करने लगे हैं । इसलिए Foam Mattress के प्रति ग्रामीण भारत में भी लोगों की जागरूकता बढ़ी है, अन्यथा आज भी हम ग्रामीण भारत में परम्परागत चारपाइयों में रुई इत्यादि से निर्मित गद्दों को ही इस्तेमाल में लाते हुए देख सकते हैं। लेकिन जब बात नए स्टाइल में निर्मित सिंगल एवं डबल बेड की आती है तो इनमें तो लोगों की पहली पसंद फोम के गद्दे ही होते हैं। इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से फोम के गद्दे बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? विषय पर वार्तालाप करने वाले हैं।
फोम के गद्दे क्या होते हैं (What are the foam Mattress):
एक गद्दे की यदि हम बात करें तो इसे एक बड़ा पैड भी कहा जा सकता है जिसका इस्तेमाल मनुष्य अपने शरीर को आराम देने या सोने के लिए करता है। जहाँ तक Foam Mattress की बात है इनका निर्माण फोम को कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल में लाकर किया जाता है। और इन्हें बेड एवं नीचे जमीन पर बिछाकर भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है। हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं की गद्दे बनाने की प्रक्रिया भी रजाई बनाने जैसी ही है और इसे आम तौर पर भारी कपड़े, जानवरों के बालों, रुई, फोम रबर इत्यादि से बनाया जाता है।
कहने का आशय यह है की इनके इस्तेमाल के आधार पर इन्हें उसी उपयुक्त कच्चे माल से बनाया जाता है। जैसे कठोर गद्दे बनाने के लिए नारियल की भूसी, थर्माकोल इत्यादि का इस्तेमाल किया जाता है तो वहीँ सोने हेतु मुलायम गद्दे बनाने के लिए रुई या फोम का इस्तेमाल भी किया जाता है। फोम के गद्दों में उछाल इत्यादि पैदा करने के लिए इनमें वातित पदार्थों जैसे स्प्रिंग इत्यादि का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, बल्कि इनके अन्दर हवा को फंसा दिया जाता है। आम तौर पर बाजार में Foam Mattress के तीन प्रकार जैसे पॉलीयुरेथेन फोम, मेमोरी फोम और फोम लेटेक्स उपलब्ध होते हैं।
फोम के गद्दों की बिक्री संभावना:
Foam Mattress की यदि हम बात करें तो इनके इस्तेमाल के अनेकों फायदे होते हैं इनमें दबाव बिन्दुओं को कम करना, धूल के कणों को कम करना, गति में व्यवधान को रोकना, विभिन्न नींद की पोजीशन को सपोर्ट करना इत्यादि शामिल हैं। एक विश्वसनीय आंकड़े के मुताबिक भारत में गद्दा बाजार बीते पांच वर्षों में 11% CAGR की दर से बढ़ रहा है। यद्यपि पहले केवल और केवल असंगठित क्षेत्रों का गद्दा बाजार में वर्चस्व व्याप्त था, लेकिन जैसे जैसे लोगों की कमाई बढ़ी और उनकी इसमें जागरूकता बढ़ी वैसे वैसे इस क्षेत्र में भी संगठित उद्योगों के विकास में मदद मिली।
चूँकि गद्दे हर आवासीय बिल्डिंग एवं घर में इस्तेमाल में लायी जाने वाली एक आम वस्तु है इसलिए जनसँख्या में हो रही लगातार वृद्धि एवं घरों की संख्या में हो रही वृद्धि के कारण इनकी मांग लगातार बढती जा रही है। इसलिए वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए Foam Mattress Manufacturing Business शुरू करना किसी भी इच्छुक उद्यमी के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
फोम के गद्दे बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start Foam Mattress Manufacturing Business) :
Foam Mattress बनाने का बिजनेस उद्यमी द्वारा बेहद कम मशीनरी या मैन्युअल तरीके से बनाकर भी शुरू किया जा सकता है। लेकिन हम यहाँ पर कुछ आटोमेटिक मशीन तो कुछ सेमी आटोमेटिक मशीन का इस्तेमाल करके इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने की बात कर रहे हैं। इसलिए इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करने के लिए भी उद्यमी को वे सभी प्रक्रियाएं पूर्ण करनी होंगी जो किसी अन्य व्यवसाय को शुरू करने के लिए करनी पड़ती हैं।
इनमें जमीन के प्रबंध से लेकर, वित्त का प्रबंध, मशीनरी एवं कच्चे माल की खरीदारी, मार्केटिंग इत्यादि सभी कुछ शामिल है। तो आइये जानते हैं कैसे कोई व्यक्ति खुद का फोम के गद्दे बनाने का बिजनेस शुरू कर सकता है।
1. जमीन का प्रबंध करें
हालांकि उद्यमी को Foam Mattress Manufacturing Business करने के लिए कम से कम कितनी जगह की आवश्यकता होगी, वह इस बात पर निर्भर करता है की उद्यमी कितनी कार्यक्षमता का प्लांट स्थापित करना चाहता है। लेकिन चूँकि उद्यमी को औदयोगिक स्थापना के लिए इन्वेंटरी के लिए जगह, विनिर्माण कार्य के लिए जगह, बिजली उपयोगिताओं के लिए जगह, जनरेटर सेटअप इत्यादि के लिए जगह और एक छोटे से ऑफिस स्थापित करने के लिए जगह की आवश्यकता होती है।
इसलिए इस प्रकार से कुल मिलाकर उद्यमी को 800-1200 Square Feet जगह की आवश्यकता हो सकती है इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए उद्यमी किसी भी गैर कृषि योग्य भूमि में प्लांट स्थापित कर सकता है। लेकिन उद्यमी को जहाँ पर वह यह प्लांट स्थापित करने की सोच रहा हो बिजली, पानी, सड़क इत्यादि चीजों को अवश्य देखना चाहिए। उद्यमी को इस प्रकार की मशीनरी इत्यादि को संचालित करने के लिए लगभग 20HP बिजली की आवश्यकता हो सकती है जिसकी अनुमति बिजली विभाग से लेनी आवश्यक होती है। और जगह या दुकान किराये पर लेते वक्त लीज या रेंट एग्रीमेंट अवश्य बनवा लें।
2. वित्त का प्रबंध करें (Fund arrangement for Foam Mattress Manufacturing Business):
वैसे यदि उद्यमी अपने Foam Mattress Manufacturing Business में आने वाली अनुमानित लागत एवं अनुमानित कमाई को जानने के लिए उत्सुक है। तो उसे बिजनेस प्लान या फिर प्रोजेक्ट रिपोर्ट अवश्य तैयार करनी चाहिए क्योंकि इन्हीं दस्तावेजों के माध्यम से वह उस व्यवसाय को शुरू करने में आने वाली लागत को जान पाने में सक्षम होगा। और जब उसे इस बात का पता चल जायेगा की उसके व्यवसाय को शुरू करने में कम से कम कितनी लागत आएगी तो वह उसी के अनुसार ही वित्त का प्रबंध कर पाने में भी सक्षम हो पायेगा।
वैसे जिन मशीनरी एवं उपकरणों का जिक्र हम अपने इस लेख में करने वाले हैं उन्हें खरीदने में उद्यमी को 5-6 लाख रूपये खर्च करने की आवश्यकता हो सकती है। इस प्रकार से यदि आप देखे तो उद्यमी को इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करने में 8-12 लाख रूपये शुरूआती खर्च करने की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए यदि उद्यमी को लगता है की वह इस राशि का प्रबंध अपनी व्यक्तिगत बचत से कर पायेगा तो ठीक है अन्यथा उद्यमी किसी सरकारी योजना के तहत सब्सिडी ऋण या फिर कम ब्याज वाला ऋण भी प्राप्त करने की कोशिश कर सकता है।
3. आवश्यक लाइसेंस एवं पंजीकरण
वैसे देखा जाय तो छोटे स्तर पर Foam Mattress Manufacturing शुरू करने के लिए टैक्स रजिस्ट्रेशन के अलावा शायद ही किसी अन्य लाइसेंस की अनिवार्यता होगी। लेकिन उद्यमी को एक बार अपने जिला उद्योग केंद्र या स्थानीय प्राधिकरण से इस बारे में अवश्य जानकारी प्राप्त करनी चाहिए की उसे इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करने के लिए किन किन लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है।
उद्यमी चाहे तो अपने व्यवसाय को प्रोप्राइटरशिप के तौर पर रजिस्टर कर सकता है और जीएसटी रजिस्ट्रेशन के अलावा उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन एवं स्थानीय प्राधिकरण से ट्रेड लाइसेंस भी प्राप्त कर सकता है। यदि उद्यमी अपनी इकाई द्वारा निर्मित गद्दों को अपने ब्रांड नाम के तहत बेचना चाहता है तो फिर उसे ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करने की भी आवश्यकता हो सकती है।
4. मशीनरी एवं कच्चा माल खरीदें (Machinery and Raw Material for Foam Mattress Manufacturing):
आम तौर पर Foam Mattress Business शुरू करने के लिए उद्यमी को कच्चा माल भी उसी सप्लायर से मिल जाता है जिससे वह मशीनरी की खरीदारी करता है। इसलिए उद्यमी को सप्लायर का चुनाव बेहद सोच समझकर एवं विश्लेषण करके करना चाहिए।
इसके लिए उद्यमी सबसे पहले विभिन्न सप्लायर से कच्चे माल एवं मशीनरी की कोटेशन मंगा सकता है और फिर कीमत पर उनसे नेगोसिएशन करके फाइनल कीमत मंगा सकता है और फाइनल कीमत एवं अन्य शर्तों का तुलनात्मक विश्लेषण करने के पश्चात ही वह किसी उचित सप्लायर का चुनाव कर सकता है। इस व्यवसाय में इस्तेमाल में लायी जाने वाली प्रमुख मशीनरी की लिस्ट इस प्रकार से है।
सीटेक लूपर हेड के साथ आटोमेटिक टेप एज मशीन
जुकी मशीन
हैण्ड फोम कटर
क्लॉथ कटर
कंप्रेसर
Foam Mattress Manufacturing Business में इस्तेमाल में लाये जाने वाले कच्चे माल की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।
रिलैक्स फोम
मेमोरी फोम
कील्ट फैब्रिक
धागा
कॉटन फैब्रिक रोल
5. स्टाफ नियुक्त करें
उपर्युक्त मशीनों से Foam Mattress का निर्माण करने के लिए उद्यमी को कुशल एवं अनुभवी मशीन ऑपरेटर की आवश्यकता होती है। और मानकों के अनुरूप गद्दों का निर्माण सुनिश्चित करने के लिए क्वालिटी इंजिनियर की भी आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा विभिन्न सामग्री को एक वर्क स्टेशन से दुसरे तक लाने ले जाने के लिए हेल्पर्स की भी आवश्यकता होती है।
इसके अलावा ऑफिस का कार्यभार सँभालने के लिए भी एक शिक्षित एवं कुशल कर्मचारी को नियुक्त करने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार से हम देखें तो उद्यमी को कुल मिलाकर 7-8 कर्मचारियों को नियुक्त करने की आवश्यकता हो सकती है।
6. निर्माण कार्य शुरू करें (Start Foam Mattress Manufacturing Process)
Foam Mattress का निर्माण करने के लिए उद्यमी को अनेकों कदम उठाने की आवश्यकता हो सकती है प्रक्रिया को प्रारम्भ करने से पहले कच्चे माल विक्रेता से कच्चा माल खरीद लिया जाता है। उसके बाद ग्राहकों की मांग के अनुसार फोम को उसी माप में काट लिया जाता है। फोम की कटिंग के बाद मेमोरी फोम की परत को रिलैक्स फोम पर गोंद इत्यादि का इस्तेमाल करके चिपका दिया जाता है।
उसके बाद गद्दे के साइज़ के मुताबिक किल्ट के कपड़े को काट लिया जाता है ताकि किल्ट का निर्माण किया जा सके। उसके बाद सिलाई मशीन की मदद से गद्दे के किल्ट को सिल दिया जाता है। और जब यह काम पूरा हो जाता है तो Foam Mattress Manufacturing Process में गद्दे की क्वालिटी चेक की जाती है और गुणवत्ता मानकों पर खरा उतरने के बाद इसकी पैकिंग करके बाजार में बेचने के लिए भेज दिया जाता है।
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वर्तमान समय में कुरकुरे भी भारत में एक प्रसिद्ध स्नैक्स आइटम बन गया है इसलिए इच्छुक उद्यमी के लिए Kurkure Manufacturing शुरू करना भी एक फायदे का सौदा हो सकता है । हालांकि भारत की यदि हम बात करें तो यहाँ प्रत्येक भौगौलिक क्षेत्र में अपने अपने विशेष स्नैक्स उपलब्ध हैं। स्नैक्स का इस्तेमाल लोगों द्वारा पेय पदार्थों जैसे चाय, कॉफ़ी, कोल्ड ड्रिंक इत्यादि के साथ अधिक किया जाता है। वैसे तो भारतीय स्नैक्स की एक बेहद लम्बी लिस्ट है लेकिन उनमें से कुछ केले के वेफर्स, चकली, समोसे, पकौड़ी, नमकीन इत्यादि कुछ भारतीय स्नैक्स के अच्छे उदाहरण हैं। चूँकि भारत में लोगों की जीवनशैली में बदलाव हो रहे हैं इस कारण उनकी खान पान की आदतों में भी बदलाव देखे जा सकते हैं। घरों में बढती कामकाजी महिलाओं की संख्या एवं एकाकी परिवारों में बढ़ोत्तरी के चलते लोग रेडी टू ईट फ़ूड आइटम की ओर आकर्षित हो रहे हैं। यही कारण है की लोग घरों में स्नैक्स बनाने की बजाय बाज़ारों से बने बनाये स्नैक्स खरीदना पसंद कर रहे हैं। इसलिए ऐसे समय में यदि कोई व्यक्ति Kurkure Manufacturing Business करने के बारे में विचार करता है तो शायद यह उसकी जिन्दगी को पूर्णतया बदल के रख देने वाला विचार भी हो सकता है।
कुरकुरे का इस्तेमाल सभी उम्र के लोगों द्वारा किया जाता है और बच्चे तो इनकी तरफ कुछ ज्यादा ही आकर्षित रहते हैं। हालांकि भारतीय बाज़ारों को लक्ष्य करते हुए बड़ी बड़ी कम्पनियां जैसे पेप्सिको इत्यादि भी इस क्षेत्र में पहले से मौजूद हैं लेकिन इसके बावजूद भारतीय बाज़ारों में कुरकुरे की मांग बहुत अधिक है। इसलिए मात्र कुछ कम्पनियां ही इतने बड़े बाजार की मांग की पूर्ति का दायित्व निभाने में अक्षम हैं।
जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की भारत में अलग अलग भौगौलिक क्षेत्रों में अलग अलग स्वाद को पसंद करने वाले लोग मौजूद हैं। इसलिए यदि कोई उद्यमी किसी क्षेत्र विशेष के लोगों के स्वाद को ध्यान में रखकर कुरकुरे का निर्माण करता है तो वह उस क्षेत्र विशेष में अपने Kurkure Manufacturing Business को सफल बनाने में सफलता हासिल कर सकता है। भारतीय बाजार में इस तरह के उत्पाद की सफलता उसके स्वाद, उसकी कीमत एवं उसकी उपलब्धता पर निर्भर करती है।
कुरकुरे विनिर्माण बिजनेस क्या है (What is Kurkure Manufacturing Business) कुरकुरे की यदि हम बात करें तो यह कॉर्न पफ का ही एक ब्रांड है भारत में इसे सन 1999 में लांच किया गया था। और इसके लांच होते ही भारतीय स्नैक का तरीका ही बदल गया इसे अंग्रेजी शब्द Crunchy के नाम से कुरकुरे रख दिया गया। इस स्नैक्स को भारत में कई फ्लेवर में विकसित किया गया और तब से लेकर आज तक यह भारतीयों के स्नैक्स आइटम में प्रमुख स्थान प्राप्त कर चूका है। लोगों की बदलती जीवनशैली में लोगों के पास घर में स्नैक्स इत्यादि बनाने के लिए समय निकालना मुश्किल हो गया। वह इसलिए क्योंकि एकाकी परिवार में पति पत्नी दोनों अपने काम पर चले जाते हैं और काम से लौटने के बाद उनका स्नैक्स इत्यादि बनाने को मन नहीं करता है। यही कारण है की वे बाजार से बने बनाये स्नैक्स लेना पसंद करते हैं। लोगों की इन्हीं सब समस्याओं को ध्यान में रखकर जब किसी उद्यमी द्वारा कुरकुरे निर्माण का व्यवसाय शुरू किया जाता है तो उसके द्वारा किया जाने वाला यह व्यवसाय ही Kurkure Manufacturing Business Plan in Hindi कहलाता है।
कुरकुरे की बिक्री संभावना
कुरकुरे की बिक्री कितनी होती होगी उसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं की आप किसी भी परचून की दुकान में चले जाएँ उसके बाहर कुरकुरे इत्यादि की लड़ियाँ लटकती रहती हैं। लोगों द्वारा विभिन्न प्रकार के पेय पदार्थों को पीने के दौरान स्नैक्स के तौर पर इनका इस्तेमाल किया जाता है इसके अलावा बच्चे भी इनकी आकर्षक पैकिंग की तरफ बेहद जल्दी आकर्षित होते हैं। कुरकुरे एक ऐसा आइटम है जिसे कोई भी राह चलता व्यक्ति भी आसानी से खरीद सकता है और इसके अलावा हर आय वर्ग के लोग इसे आसानी से खरीद सकते हैं।
अर्थात कुरकुरे खरीदने के लिए किसी भी आय वर्ग के लोगों को बहुत अधिक सोच विचार करने की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि इनकी कीमत 5 रूपये प्रति पैकेट होती है और इन्हें घरों, रेस्टोरेंट एवं पार्टीज में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। और चूँकि इसकी कीमत बेहद कम होती है इसलिए इसे समाज के लगभग हर एक आय वर्ग द्वारा ख़रीदा जाता है।
वैसे देखा जाय तो Kurkure Manufacturing Business में भी काफी प्रतिस्पर्धा व्याप्त है और इसमें पेप्सिको, हल्दीराम फूड्स, बालाजी वेफर्स, आईटीसी, पार्ले इत्यादि जाने माने ब्रांड पहले से मौजूद हैं। लेकिन यदि कोई उद्यमी स्थानीय स्वाद को ध्यान में रखकर इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करता है तो उसके सफल होने की संभावना अधिक है।
कुरकुरे विनिर्माण बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start Kurkure Manufacturing Business)
वर्तमान में कुरकुरे बनाने वाली आटोमेटिक, सेमी आटोमेटिक मशीनें बाजार में उपलब्ध हैं इसलिए इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करना आसान हो गया है। इसके अलावा चूँकि हमारा देश भारत एक कृषि प्रधान देश है और Kurkure Manufacturing Business में प्रयुक्त होने वाला कच्चा माल जैसे मक्के का आटा, चावल का आटा, बेसन, खाद्य तेल, मसाले इत्यादि सभी कृषि आधारित वस्तुएं हैं।
इसलिए इस तरह का यह व्यापार शुरू करने के लिए कच्चे माल की उपलब्धता भी हर जगह आसानी से हो जायेगी। तो आइये जानते हैं की कैसे कोई इच्छुक व्यक्ति खुद का कुरकुरे बनाने का यह बिजनेस शुरू कर सकता है।
1. क्षेत्र विशेष में रिसर्च करें
उद्यमी जहाँ Kurkure Manufacturing Business करने की सोच रहा हो सबसे पहले वह जिन कुरकुरे का निर्माण करेगा उन्हें स्थानीय स्वाद के अनुसार होना चाहिए। इसलिए उद्यमी को चाहिए की वह इस बात का पता लगाये की उस क्षेत्र विशेष के लोग कैसा स्वाद पसंद करते हैं। क्योंकि शुरूआती दौर में उद्यमी को अपने उत्पाद को केवल और केवल स्थानीय क्षेत्र में ही बेचना होगा । और धीरे धीरे अपने व्यापार को विस्तृत करने की योजना बनानी होगी।
यदि उद्यमी उस क्षेत्र में मौजूद लोगों का स्वाद पता करने में कामयाब हो गया, और उनके पसंदीदा स्वाद के अनुसार ही कुरकुरे का निर्माण हो गया तो उद्यमी उस क्षेत्र विशेष में इस फिल्ड में अपनी पकड़ मजबूत कर सकता है। यहाँ तक की वह पहले से संचालित एवं स्थापित ब्रांड को भी उस क्षेत्र विशेष में टक्कर दे सकता है।
2. जगह का प्रबंध करें (Required Land for Kurukure Manufacturing Unit):
इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करने के लिए 500-600 SQUARE Feet जगह पर्याप्त रहती है और यह भी जरुरी नहीं है की उद्यमी इस तरह की यह जगह किसी भीड़ भाड़ वाली जगह पर ही किराये पर ले। बल्कि उद्यमी चाहे तो 10-20 किलोमीटर के रेडियस में जहाँ भी सस्ती कीमतों या किराये पर जगह या बिल्डिंग मिले, ले सकता है।
Kurkure Manufacturing Business के लिए जगह का प्रबंध करते समय बिजली, पानी, सड़क इत्यादि आधारभूत सुविधाओं का ध्यान अवश्य रखें। और जगह चयनित कर लेने के बाद रेंट या लीज एग्रीमेंट, कमर्शियल बिजली कनेक्शन, पानी कनेक्शन इत्यादि अवश्य करवा लें।
3. जरुरी लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन प्राप्त करें
कुरकुरे निर्माण का व्यापार शुरू करने वाला उद्यमी चाहे तो अपने व्यवसाय को प्रोप्राइटरशिप के तहत रजिस्टर करवा सकता है। और फैक्ट्री अधिनियम के तहत भी रजिस्टर करने की जानकारी प्राप्त कर सकता है इसके अलावा जीएसटी रजिस्ट्रेशन इत्यादि भी आवश्यक है।
चूँकि यह खाद्य से जुड़ा हुआ व्यवसाय है इसलिए इसके लिए फ़ूड लाइसेंस की भी आवश्यकता हो सकती है। और उद्यमी एमएसएमई के लिए चलने वाली अनेकों योजनाओं का फायदा लेने के लिए उद्यम रजिस्ट्रेशन एवं एमएसएमई डाटा बैंक में भी अपने व्यवसाय को रजिस्टर कर सकता है । हालांकि ये रजिस्ट्रेशन उद्यमी की अपनी इच्छा पर निर्भर करते हैं क्योंकि Kurkure Manufacturing के लिए इनकी अनिवार्यता तो नहीं होती है।
4. मशीनरी एवं उपकरण खरीदें (Required Machinery for Kurkure Manufacturing Business):
कुरकुरे बनाने वाली मशीन का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के आटे जैसे मकई के आटे, चावल के आटे, बेसन इत्यादि से कुरकुरे का उत्पादन करने के लिए किया जाता है। इस मशीन की मदद से मिक्सिंग, ग्राइंडिंग, हीटिंग एवं पैकेजिंग का काम आसानी से पूर्ण किया जा सकता है।
मशीन को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त रिमोट कण्ट्रोल भी इसे नियंत्रित करने के लिए होता है। Kurkure Manufacturing Business में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीन की कीमत उसकी उत्पादन क्षमता के आधार पर अलग अलग हो सकती है। इस तरह की मशीन की कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं।
मशीन में लगे फ़ूड एक्स्ट्रूडर में लगातार पकाने एवं बाहर निकालने की सुविधा।
मशीन का मुख्य ढांचा ट्यूब फ्रेम एवं फीडिंग स्क्रू भी माइल्ड स्टील का बनाया गया होता है।
स्क्रू और बैरल एलाय स्टील से निर्मित होते हैं।
मशीन की फिटिंग स्टैण्डर्ड होती है।
उद्यमी Kurkure Manufacturing Machine को खरीदने से पहले विभिन्न सप्लायर से इसकी कोटेशन मंगा सकता है, सप्लायर से संपर्क करने के लिए उद्यमी विभिन्न वेब पोर्टल का सहारा ले सकता है। कई कोटेशन का तुलनात्मक विश्लेषण करने के बावजूद ही उद्यमी को मशीन खरीदने के लिए सप्लायर का चुनाव करना चाहिए।
5. कच्चे माल का प्रबंध करें
जहाँ तक कच्चे माल का सवाल है यह कुरकुरे के फ्लेवर के आधार पर अलग अलग भी हो सकता है क्योंकि वर्तमान में बाजार में कुरकुरे के अनेकों तरह के फ्लेवर बिकते हैं । और इन अलग अलग फ्लेवर में अलग अलग कच्चे माल का इस्तेमाल होता है इसलिए कच्चे माल के बारे में जानने से पहले कुरकुरे के फ्लेवर के बारे में जानना भी आवश्यकता हो जाता है। कुरकुरे के कुछ प्रमुख फ्लेवर की लिस्ट निम्नवत है।
मसाला मंच
ग्रीन चटनी
चिल्ली चटका
मालाबार मसाला स्टाइल
मसाला ट्विस्ट
देसी बीट्स
नॉटी टोमेटो
पफकॉर्न
हैदराबादी हंगामा
जिग ज़ैग
सॉलिड मस्ती
बटर मस्ती
कुरकुरे ट्रायंगल
मल्टीग्रेन
इन सब फ्लेवर के अलावा विभिन्न त्योहारों पर अलग अलग फ्लेवर बाज़ारों में आते हैं इसलिए फ्लेवर के आधार पर कच्चे माल की लिस्ट अलग अलग हो सकती है। लेकिन Kurkure Manufacturing Business में इस्तेमाल में लाये जाने वाले कुछ प्रमुख कच्चे माल की लिस्ट इस प्रकार से है।
मकई का आटा
चावल का आटा
चने का आटा (बेसन)
खाद्य तेल जैसे ताड़ का तेल इत्यादि
मसाले, कंडीमेंट, नमक, चीनी, टारटेरीक, दूध के ठोस इत्यादि
इस व्यवसाय में प्रयुक्त होने वाला कच्चा माल उद्यमी को भारत के किसी भी कोने में आसानी से मिल सकता है उद्यमी चाहे तो सीधे किसानों से भी इसे खरीद सकता है।
6. कर्मचारियों की नियुक्ति करें
यदि उद्यमी छोटे स्तर पर भी Kurkure Manufacturing Business स्थापित करना चाहता है तब भी उसे कम से कम 4-5 कर्मचारी तो नियुक्त करने ही होंगे। इनमें दो कर्मचारी कुशल, तो दो कर्मचारी अकुशल हो सकते हैं।चूँकि इस तरह के व्यवसाय के लिए उद्यमी को बहुत अधिक अनुभवी एवं जानकारी प्राप्त लोगों की आवश्यकता नहीं होती है इसलिए उद्यमी चाहे तो फ्रेशर को भी अपनी फैक्ट्री में नियुक्त कर सकता है। वह इसलिए क्योंकि अनुभवी एवं जानकारी प्राप्त लोगों को अधिक सैलरी देने की आवश्यकता होती है, जबकि फ्रेशर को कम सैलरी पर भी काम पर रखा जा सकता है।
7. कुरकुरे का निर्माण (Start Kurkure Manufacturing Process):
आटोमेटिक कुरकुरे बनाने की मशीन के माध्यम से कुरकुरे बनाने का काम बेहद ही आसान है Kurkure Manufacturing Process में इस मशीन द्वारा कच्चे माल को मिश्रित किया जाता है।सिस्टम को गरम होने में थोड़ा समय अवश्य लगता है, उसके बाद कच्चे माल को मशीन के होपर में डाला जाता है। कच्चे माल की ग्राइंडिंग शुरू हो जाती है खपत के उचित अनुपात को बनाये रखने के लिए मशीन को नियंत्रित करने की आवश्यकता इस प्रक्रिया के दौरान पड़ती रहती है।
उसके बाद कुरकुरे बनना शुरू हो जाते हैं और इनमें मसालों को एड किया जाता है। मसाले मिलाने के बाद इन्हें पैकेजिंग के लिए आगे बढ़ा दिया जाता है। आटोमेटिक मशीन के माध्यम से Kurkure Manufacturing Process को उद्यमी या उसका कोई प्रतिनिधि बेहद कम समय में आसानी से सीख भी सकता है।
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