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SATA Cable क्या हैं पूरी जानकारी in Hindi

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SATA Cable kya hai in hindi
SATA Cable use in hindi

आपने अक्सर आपके PC Systems में एक अलग तरह के Wire को आपके Hard Disk से Motherboard में Connect होते हुए देखा होगा. क्या आप जानते हैं इस Wire को क्या कहते हैं? अगर नहीं तो आप सही जगह हैं. आज हम आपको इस Article में बताएँगे की SATA क्या है और SATA Cable कहाँ इस्तेमाल की जाती है की पूरी जानकारी. साथ ही हम आपको SATA Cable से जुड़े और भी सवालों के जवाब देंगे जैसे की: SATA क्या होता है, SATA Cable के फायदे, SATA केबल की कीमत, SATA और PATA में अंतर इत्यादि की पूरी जानकारी विस्तार में जानेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं Article SATA क्या है पढ़ने से……(SATA Cable क्या हैं पूरी जानकारी in Hindi) (SATA Cable kya hai in hindi)

 

 

SATA Cable in hindi

 

 

SATA Kya Hai

SATA एक Bus Interface है. जो Computer Hard Disk को Motherboard से जोड़ता है. SATA को Serial Ata भी कहते हैं. यह Cable Computer System के अंदर उपलब्ध Hard Drives को Motherboard Connect करने का काम करता है.

SATA Cable की लम्बाई 1 मीटर होती है. PATA Cable का Advance रूप SATA है जो Serial Bus का उपयोग करता है. SATA का Data Transfer Rate बहुत Fast होता है. इसके Data Transfer की Speed 150 Megabyte per second तक होता है.

इन Cable की चौड़ाई काफी कम होती है एवं यह आकार में छोटे होते हैं. SATA Cable Interface है जो Computer Hard Drive को Motherboard से Connect करता है. जिससे Data का Transfer किया जाता है.

SATA Kya Hota Hai

SATA का पूरा नाम Serial Advanced Technology Attachment है. यह एक तरह का Cable Interface है. ऐसा Interface है जो Computer Hard Drive को Motherboard से Connect करने में मदद करता है.

SATA Cable में 7 Pins Hole Connector होते है. इस Cable में Data का Transfer Rate High होता है. SATA Drive में हर एक की अपनी एक Independent Bus होती है. Independent होने के कारण इन Serial Bus में Competition नही होता है.

इन Cable की Bandwidth PATA से अच्छी होती है. Cable की लम्बाई ज्यादा होने से यह Data को अच्छे से Exchange कर पाते हैं. यह  Motherboard और Hard Drive के लिए Parallel Ata से बेहतर और Advance Interface है .

Hard Disk में Data Transfer के लिए यह Serial Communication का इस्तेमाल करता है. Serial Communication से माध्यम से Data Sequence में Transfer होता है.

 

 

 

 

 

SATA Kahan Istemaal Hota Hai

SATA का इस्तेमाल कुछ इस प्रकार है:

  • ATA और ATA IP Device को Connect करने में.
  • ESATA Connect करने में.
  • Hard Drive और Hard Drive को Connect करने में.
  • Hard Drive और Motherboard को Connect करने में.

SATA Cable Ke Fayde

SATA Cable के फायदें कुछ इस प्रकार हैं:

  • SATA Cable की 150 से 600 MBps की Speed से Data Transfer करता है.
  • यह Cable पलते और सपाट होते है जिससे Cable उलझती नही है.
  • दूसरे Hardware की तुलना में यह Low Electricity Consume करते हैं.
  • यह Data का Transfer PATA से High Speed में करते है.
  • SATA Cable की लम्बाई अन्य Cable के मुकाबले ज्यादा होती है.
  • SATA Cable Hot Swapping की Facility Provide करता है.

 

 

 

 

 

 

PATA Kya Hai

Parallel Ata है. यह एक लम्बी-चौड़ी Belt होती है जो Hard Disk को Motherboard से जोड़ने के काम आती है. इस PATA Cable में 40 Pins Hole होते हैं. PATA में जो लम्बी-चौड़ी Belt होती है उस Belt को Ide Cable कहते हैं.

PATA Hard Disk में Data Transfer के लिए Parallel Bus का इस्तेमाल करता है. इसमें Data का Transfer Parallel Form में होता है. पता का पूरा नाम Parallel Advanced Technology Attachment है.

यह एक तरह का Interface है. जो Computer में उपलब्ध Hard Disk को Motherboard से Connect करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके Data Transfer करने की Speed 100 MBps से 133 MBps तक होती है.

PATA Cable का उपयोग Hard Drive और Hard Drive एवं Motherboard और Hard Drive को Connect करने में किया जाता है.

SATA or PATA Mei Antar

SATA और PATA में अंतर इस प्रकार हैं-

  1. SATA का पूरा नाम Serial Advanced Technology Attachment है. PATA का पूरा नाम Parallel Advanced Technology Attachment होता है.
  2. SATA में Data Transfer Speed 150 से 600 MBps तक होती है. PATA में Data Transfer की Speed 100 से 133 MBps तक होती है.
  3. SATA में बाहरी Hard Drive का उपयोग किया जा सकता है. PATA में बाहरी Hard Drive का उपयोग नही किया जाता है.
  4. SATA Cable की लम्बाई 1 मीटर होती है. PATA Cable की लम्बाई 40 सेंटीमीटर तक होती है.
  5. SATA Cable का आकार छोटा होता है. PATA Cable का आकार बड़ा होता है.
  6. SATA Cable मंहगी होती है. PATA Cable काफी सस्ती होती है.
  7. SATA Cable में Hot Swapping की सुविधा होती है. PATA Cable में Hot Swapping की सुविधा नही होती है.
  8. SATA Cable में 7 Pins Hole होते हैं. PATA Cable में 40 Pins Hole होते हैं.
  9. SATA Low Electricity Consume करते हैं. PATA Cable High Electricity Consume करते हैं.

 

 

 

 

SATA Ki Kimat Kya Hai

SATA Cable की कीमत 299 से 12,999 तक हो सकती है.

Konsa Sa Cable Accha Hai SATA Ya PATA

SATA Cable अच्छा Cable होता है. यह PATA Cable से Advance Feature की Cable होती है. SATA Cable की Data Transfer Speed 150 से 600 MBps तक होती है. यह Speed PATA Cable से ज्यादा है.

SATA Cable Hot Swapping की Facility Provide करता है. PATA Cable से कम बिजली की खपत करता है. यह आकार में छोटे होते हैं.

SATA Cable Data Transfer Communication के लिए Serial Bus का इस्तेमाल करता है जिससे Data Transfer में Competition नही होता है.

आशा करते हैं आपको हमारी पोस्ट SATA Kya Hai और SATA Kahan Istemaal Hota Hai, पसंद आई होगी.

अगर इसके बाद भी आपको कोई सुझाव या समस्या है तो आप निचे दिए Comment Box का पूरा लुफ्त उठा हमसे सवाल पूछ सकते हैं.

 

 

 

 

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SSL Certificate क्या है, कैसे Install करे in Hindi

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SSL Certificate kya hai
what is SSL Certificate

आपने अक्सर Internet पर कुछ Websites की Links में HTTP अथवा कुछ websites में HTTPS देखा होगा. क्या आप जानते हैं यह HTTP अथवा HTTPS किसी Link में कैसे आती है? अगर नहीं तो आप सही जगह हैं. आज हम आपको इस Article में बताएँगे की SSL Certificate क्या होता है और SSL Certificate कैसे Install करे की पूरी जानकारी. साथ ही हम आपको SSL से जुड़े और भी सवालों के जवाब देंगे जैसे की: SSL कैसे काम करता है, SSL की कीमत क्या है, SSL का Full Form क्या है, SSL कहाँ से ख़रीदे, SSL Free में कहाँ से लें की पूरी जानकारी विस्तार में जानेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं Article SSL Certificate क्या है पढ़ने से…(SSL Certificate क्या है, कैसे Install करे in Hindi) (SSL Certificate kya hai in hindi)

 

 

 

SSL Certificate Kya Hai in hindi

 

 

 

 

SSL Certificate Kya Hai

SSL Certificate को Data File कहते हैं. यह File Website के Webserver पर Host होती है. SSL Certificate Web Server और Website User के बीच हो रहें Data Exchange को Encrypted from में Transfer करता है.

Website User और Web Server के बीच हो रहें Communication को Encrypted करने का काम SSL का होता है. SSL किसी Website को Secure और Encrypted कर Data का आदान-प्रदान करता है.

SSL Certificate Kya Hota Hai

यह एक Digital Certificate Data File होती है. इस Data File का इस्तेमाल Website और Application की सुरक्षा को बढ़ाने में किया जाता है. SSL Certificate किसी User Website के Http को Https में Convert करने का काम करता है. SSL Certificate Webserver पर Host होते हैं.

किसी Website में Https का मतबल यह Website Secure और Genuine Site है. SSL Certificate Server और Client के बीच एक Encrypted Link Provide करती है. यह Link Transfer Data को Secure करती है.

SSL को Secure Sockets Layer कहते है. यह Layer के Internet Protocols को मानते हुए Internet पर Data को Encrypted Form में Travel कराने में मदद करती है. SSL का इस्तेमाल Server और Client के Communication को Encrypted करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

SSL Certificate Kaise Install Kare

SSL Certificate Install करने के लिए Steps इस प्रकार हैं:

  • Digicert SSL Certificate की Official Website है जो SSL Certificate Provide करती है.
  • जिस भी Server के लिए आपने CSR बनाया है, उस SSL Certificate File को Save कर लें.
  • SSL Certificate File आपको आपके Registered Mail पर मिल जाता है.
  • इसके बाद Window Start Menu को Open करें.
  • यहाँ पर Internet Information Service लिखकर इसे Open करें.
  • IIS के Manager में Connection Menu Tree होगा.
  • Connection Menu Tree में Server का नाम Check करें.
  • Server का नाम मिल जाने पर उसे Select करें.
  • Home Page पर IIS Selection में Server Certificate पर Double Click करें.
  • Server Certificate Page पर Action Menu में Complete Certificate Request Link में Click करना हैं.
  • इसके बाद Specify Certificate Authority Response Page पर Information Add कर Click करें.
  • Certificate Authority Response करते ही आप का SSL Certificate Install हो जाता है.

SSL Expiry Check Kaise Kare

SSL Expiry Check करने के Steps कुछ इस प्रकार हैं-

  • सबसे पहले अपनी उपयोग Website को Open करें.
  • Website के Url Address में उपलब्ध Padlock पर Click करें.
  • Padlock Box में Certificate Prompt में Valid Option होगा.
  • इसके बाद Valid के Option को Select करें.
  • Option Select करते ही Certificate Icon के Beside में Expiration Data होगा.
  • इस Expiration Data में SSL Expiry Check कर सकते हैं.

 

 

 

 

 

SSL Kahan Se Kharide

SSL को आप Online खरीद सकते हैं. कुछ Website Free SSL Buy तो कुछ पैसे लेकर SSL Certificate Provide करती है. कुछ Website हैं जिनकी मदद से आप SSL ख़रीद सकते है. Website के नाम इस प्रकार हैं-

  1. Hubspot
  2. Let’s Encrypt
  3. Comodo
  4. Cloudflare
  5. SSL for Free
  6. Godaddy
  7. GogetSSL
  8. Instant SSL
  9. SSL.Com

SSL for Free Tricks

SSL for Free Tricks इस प्रकार हैं-

  • SSL for Free
  • Cloudflare Free SSL
  • Free SSL
  • ZoreSSL Free SSL
  • Let’s Encrypt
  • SSL Certificate

SSL Full Form

SSL का Full Form Secure Socket Layer होता है.

SSL Full Form in Computer

SSL का पूरा नाम Secure Socket Layer होता है. यह Layer User Website को एक Encrypted Link Provide करता है. Server और Client के बीच हो रहें Data Exchange को Encrypted Form में भेजने का काम करता है.

 

 

 

 

 

SSL Ki Kimat

SSL की कीमत 699 से 3500 तक है.

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अगर इसके बाद भी आपको कोई सुझाव या समस्या है तो आप निचे दिए Comment Box का पूरा लुफ्त उठा हमसे सवाल पूछ सकते हैं.

 

 

 

 

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Voltmeter क्या होता है पूरी जानकारी in Hindi

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Voltmeter in hindi
what is Voltmeter

हमारे घरों में बिजली से चलने वाली सभी Appliances पर आपने कभी न कभी तो पढ़ा होगा, की वो उपकरण 220 से लेकर 240 Voltage को Support कर सकता है.क्या अपने कभी सोचा यह Voltage क्या होता है, जबकि हमने हमेशा से यह पढ़ा है की कोई भी उपकरण Current की मदद से चलता है. अगर अब आपके मन में यह सवाल आ रहा, तो आप सही जगह हैं.आज हम आपको इस Article की मदद से बताएंगे की वोल्टेज क्या होता है, Voltmeter क्या होता है और Voltmeter कैसे काम करता है की पूरी जानकारी.साथ ही हम इस Article में Voltmeter से जुड़े और भी सवालों के जवाब जानेंगे जैसे की: Voltmeter से क्या मापा जाता है, Voltmeter को किस क्रम में जोड़ा जाता है, Voltmeter क्या मापता है, Voltmeter का उपयोग कैसे करें की पूरी जानकारी विस्तार में जानेंगे.(Voltmeter kya hai in hindi) (Voltmeter क्या होता है पूरी जानकारी in Hindi) 

 

 

 

Voltmeter kya hai in hindi

 

 

 

Voltmeter Kya Hota Hai

Voltmeter एक ऐसा आधुनिक उपकरण है जिसका इस्तेमाल कर हम बिजली से चलने वाले किसी भी उपकरण का Voltage पता कर सकते हैं. इस Voltage को हम Electric Potential Difference के नाम से भी जानते हैं.

किसी भी बिजली से चलने वाले उपकरण में Voltage वो मात्रा होती है जो उस उपकरण से Current को पास होने में मदद करती है. इसी वजह से इसकी मात्रा हमेशा Range में लिखी होती है.

220 V का यह मतलब होता है की, कम से कम इतने Voltage की मदद से Current किसी भी उपकरण से Pass होने में सक्षम है, और अगर आप उस उपकरण का पूरा लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको 240 Volt का Votage इस उपकरण से Pass करना होगा.

किसी भी उपकरण का अगर हमे Voltage निकलना है, तो हमे Voltmeter को उस उपकरण के साथ Parallel Connection में जोड़ना होता है.

सभी तरह के Voltmeter में Resistance की मात्रा काफी ज़्यादा होती है. यह Resistance इतना ज़्यादा होता है की, यह बेहद कम Current को भी आसानी से पहचान सकता है.

 

 

 

 

Voltmeter Kya Hai

Voltmeter एक ऐसा उपकरण है, जिसका इस्तेमाल करके आप बिजली से चलने वाले किसी भी उपकरण में इस्तेमाल होने वाले Voltage की Range का पता लगा सकते हैं.

इसका इस्तेमाल ज्यादातर Generators से उत्पन्न होने वाली बिजली के Voltage को मापने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

Voltmeter दो प्रकार के होते हैं:

  • Analog Voltmeters
  • Digital Voltmeters

Analog Voltmeters: यह वो Voltmeter हैं, जिनमें सुई वाले Pointer की मदद से हमे Circuit में इस्तेमाल होने वाली Voltage का पता चलता है. हम Galvanometer को कुछ ढरे सारे Resistors को Series में एक साथ जोड़कर Analogue Voltmeter की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं.

Digital Voltmeters: यह Voltmeter कुछ नए ख़ास नहीं होते, यह भी हमे वोल्टेज की रेंज Numerial Display की मदद से बताते हैं. इनमें एक नया उपकरण जोड़ा जाता है, जिसे हम Analog to Digital Converter के नाम से जानते हैं.

Voltmeter Se Kya Mapa Jata Hai

किसी भी Circuit में दौड़ने वाले Current को किसी Resistance से pass होने में कितने Voltage की जरुरत पड़ती है की जानकारी हम Voltmeter की मदद से मापते हैं.

Voltmeter Kiska Matrak Hai

एक मीटर की दूरी में Current को Pass करने में कितने Voltage की जरुरत पड़ेगी की जानकारी हमे, Voltmeter से पता लगती है.

 

 

 

 

 

 

Ammeter Aur Voltmeter Mein Antar

Ammeter एक तरह का ऐसा उपकरण है जो हमे किसी भी Circuit में कितने Ampre का current दौड़ रहा है की जानकारी देता है. इस उपकरण में बेहद कम Resistance इस्तेमाल होता है.

इस उपकरण का इस्तेमाल करने के लिए हम इसे उस Circuit से Series Connection में जोड़ते हैं, जिस Circuit में हमे दौड़ने वाले Current की जानकारी लेनी है. इसकी मात्रा को हम A से Denote करते हैं.

Voltmeter एक तरह का ऐसा उपकरण है जिसका इस्तेमाल कर हम, किसी भी Circuit में दौड़ने वाली Current कितने Voltage की मदद से दौड़ रही है की जानकारी पता कर सकते हैं.

इस उपकरण की Resistance बेहद ज्यादा होती है. इस उपकरण का इस्तेमाल करने के लिए किसी भी Circuit के Parallel में जोड़ा जाता है. इसकी मात्रा को हम V से Denote करते हैं.

Digital Voltmeter Kya Mapta Hai

Digital Voltmeter भी आम Voltmeter की तरह Circuit में दौड़ने वाला Voltage मापता है, बस फर्क इतना है की इसकी Accuracy Analogue Voltmeter के मुकाबले कम होती है.

 

 

 

 

 

 

 

Voltmeter Kya Hota Hai – FAQs

  • Voltmeter Ko Kis Kram Mein Joda Jata Hai

    Voltmeter को हम Parallel Connection के क्रम में किसी भी Circuit से जोड़ते हैं.

  • Volt Kya Hota Hai

    Electric Potential Difference के एक Unit को हम Volt के नाम से जानते हैं. ढेर सारे Volts मिलकर Voltage बनाते हैं. इसका symbol v होता है. यह voltage की SI Unit होती है.

  • Adarsh Voltmeter Ka Pratirodh Kya Hota Hai

    एक आदर्श (Ideal)Voltmeter का प्रतिरोधक (Resistance) हमेशा अनंत (Infinity) होता है.

आशा करते हैं आपको हमारी पोस्ट Voltmeter क्या होता है और Voltmeter कैसे काम करता है, पसंद आई होगी.

अगर इसके बाद भी आपको कोई सुझाव या समस्या है तो आप निचे दिए Comment Box का पूरा लुफ्त उठा हमसे सवाल पूछ सकते हैं.

 

 

 

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Resistor क्या होता है पूरी जानकारी in Hindi

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Resistor in Hindi
what is Resistor in hindi

आज हम आपको इस Article की मदद से बताएंगे की Resistor क्या होता है की पूरी जानकारी. साथ ही हम आपको Resister से जुड़े और भी सवालों के जवाब देंगे जैसे की: Resister काम कैसे करता है, Resister का काम क्या है, Resister कितने प्रकार का होता है, Resistivity क्या होती है इत्यादि की पूरी जानकारी विस्तार में जानेंगे तो चलिए शुरू करते हैं Article Resistor क्या होता है पढ़ने से…..(Resistor क्या होता है पूरी जानकारी in Hindi) (Resistor kya hai in hindi)

 

 

Resistor kya hai in Hindi

 

 

 

Resistor Kya Hota Hai

Resistor एक ऐसा उपकरण होता है जिसका इस्तेमाल कर हम किसी भी Circuit में दौड़ने वाले Current की रफ़्तार को कम कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल कर हम किसी भी circuit में दौड़ने वाले Current के बहाव को आसानी से कम कर सकते हैं एवं उसे Control कर सकते हैं.

यह छोटा सा चावल के दाने जितना बड़ा देखने में होता है. इसके दो Terminals (अंतिम चरण) होते हैं, जिनका इस्तेमाल कर हम इसे किसी भी Circuit में Series Connection की तरह जोड़ सकते हैं.

इसकी मदद से किसी भी circuit में Current का बहाव काम किया जा सकता है या फिर उस बहाव को control किया जा सकता है. इसी छोटे से उपकरण की मदद से आज कल हम छोटे से छोटा Decoration/ Led Bulb ज़्यादा लम्बे समय तक बिना जले इस्तेमाल कर सकते हैं.

Resistor Kya Hai

Resistor को हम हिंदी में प्रतिरोधक के नाम से जानते हैं. इसका काम किसी भी Circuit में दौड़ने वाले Current के प्रभाव को कम करना होता है. इसकी मदद से हम Current के इस बहाव को Control भी कर सकते हैं. इसकी मात्रा को Ohm से मापते हैं.

यह उपकरण आम तौर पर Nicrome से बनाया जाता है. इसके अलावा इसको बनाने में और भी पदार्थ मिले होते हैं जैसे की: Tantalum Nitride, Carbon, Metal-Oxide Film इत्यादि.

 

 

 

 

 

 

Types of Resistors and Their Uses

यह दो प्रकार के होते हैं:

  • Linear Resistor
  • Non-Linear Resistor

Linear Resistors: वह Resistors जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम नहीं होती किसी भी प्रकार के Temperature एवं Voltage के बदलने से, उन्हें हम Linear Resistors के नाम से जानते हैं. यह दो प्रकार के होते हैं:

  • Fixed Resistors: वह Resistors जिनकी प्रतिरोधक क्षमता में हम किसी प्रकार बदलाव नहीं कर सकते इन्हे Fixed Resistors कहते हैं. जैसे की: Carbon Resistors, Wire Wound Resistors, Thin Film Resistors, Thick Film Resistors.
  • Variable Resistors: वह Resistors जिनकी प्रतिरोधक क्षमता एक सामान नहीं होती, इस क्षमता को एक Knob/ Screw  की मदद से बढ़ाया एवं घाटाया जा सकता है, इस तरह के Resistors को हम Variable Resistors के नाम से जानते हैं. जैसे की: Potentiometers, Rheostats, Trimmers.

Non-Linear Resistors: वह Resistors जिनकी Values बदली जाती हैं, Temperature या Voltage में बदलाव करने से, साथ ही यह Resistors Ohm’s Law का भी पालन नहीं करती. इस तरह से Resistors को हम Non-Linear Resistors के नाम से जानते हैं. जैसे की: Thermisters, Varisters, Photo Resistors.

Resistance Kya Hota Hai

जब किसी Circuit में कोई Current, किसी resistor से होते हुए बहता है, और इस वातावरण में बहने वाले Current पर किसी प्रकार का प्रतिरोध लगता है, तो उस प्रतिरोधक को हम Resistance कहते हैं. इसको हम हमेशा अंग्रेजी के बड़े R से Denote करते हैं.

दुनिया में कोई भी Conductor जिससे Current पास किया जा रहा है, अगर उसमें से भी प्रकार की गर्मी उत्पन्न होती है तो वह गर्मी, इसी Resistance के कारण उत्पन्न होती है.

किसी भी Circuit में दौड़ रहे Current के Resistance को हम, निचे दिए हुए वैज्ञानिक फॉर्मूले की मदद से माप सकते हैं:

V = IR    [I- Current, R- Resistance]

Resistance Kya Kaam Karta Hai

अलग तरह के Resistors का इस्तेमाल अलग तरह के काम के लिए इस्तेमाल होते है, जैसे की:

  • Wire Wound Resistors: इनका इस्तेमाल Current Control को Balance करने के लिए, High Sensitivity को महसूस करने के लिए अथवा Accurate Measurement के लिए इस्तेमाल किया जाता है. जैसे की: Shunt जिसमें Ampere Meter लगा होता है.
  • Photoresistors: इनका इस्तेमाल आग की लपटों को Detect करने में, Burglar Alarms की तरह, Photographic Devices, इत्यादि में इस्तेमाल किया जाता है.
  • इसके अलावा Resistors का इस्तेमाल Temperature एवं Voltmeter को Control करने के लिए किया जाता है.
  • Resistors का इस्तेमाल हम Digital Multi-Meter, Amplifiers, Telecommunication तथा Oscillators में भी इस्तेमाल किया जाता है.
  • Resistors का इस्तेमाल Modulators, Demodulators एवं Transmitters में भी किया जाता है.

 

 

 

 

 

 

Resistor kya hai – FAQs

  • Resistor Ka Kya Kaam Hai

    Resister का काम तारों में दौड़ रही बिजली में रुकावट लाने का होता है.

  • Resistance Ka Kya Kam Hai

    Resistance वह Phenomena होती है जिसमें Current Resistor से होकर गुज़रता है.

  • Resistivity Kya Hai

    यह Resistor की वो Property होती है, जहाँ हमे यह पता लगता है की किसी Resistor द्वारा Current को रोकने की कितनी क्षमता है.

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अगर इसके बाद भी आपको कोई सुझाव या समस्या है तो आप निचे दिए Comment Box का पूरा लुफ्त उठा हमसे सवाल पूछ सकते हैं.

 

 

 

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Star Topology क्या होता है – कैसे काम करता है, फायदे, नुक्सान

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आज हम आपको इस Article की मदद से बतायेंगे की Star Topology क्या होता है और Star Topology को इस्तेमाल करने के फायदे और नुक्सान की पूरी जानकारी. साथ ही इस Article में हम आपको Star Topology से जुड़े और भी सवालों के जवाब देंगे जैसे की: Star Topology के लाभ, Star Topology के Real Life Example, Star Topology सुरक्षित है या नहीं, Star Topology कैसे काम करता है, Star Topology का इस्तेमाल कहाँ किया जाता है इत्यादि की जानकारी विस्तार में जानेंगे.तो चलिए शुरू करते हैं Article Star Topology क्या होता है पढ़ने (Star Topology kya hai in hindi)  से……(Star Topology क्या होता है – कैसे काम करता है, फायदे, नुक्सान) 

 

 

 

Star Topology in hindi

 

 

 

 

Star Topology Kya Hai

यह आपस में विभिन्न प्रकार के Devices को जोड़ने का वह तरीका है जिसमें, कई सारे अलग-अलग Devices एक Central Device से जुड़कर एक दूसरे को Files भेजने के सक्षम हो जाते हैं.

विभिन्न प्रकार के Devices को एक Central Device से जोड़ने के कारण यह Arrangement Star की तरह दिखता है, इसी लिए Files भेजने की इस विधि को हम Star Topology के नाम से जानते हैं.

 

 

 

 

 

 

Star Topology Kya Hota Hai

Star Topology में प्रत्येक Device एक Central Node से जुड़ा होता है. इन सभी Devices का जुड़ाव एक Star के रूप में दिखाई देता है, इसलिए यह Star Topology के नाम से जाना जाता है.

इस Topology में अगर किसी Node या Computer को आपस में एक दूसरे से Communicate करना होता है, तो वे सबसे पहले Central Node यानि Hub पर Message भेजता है और यह Hub इस सन्देश को बाकी अन्य Nodes या Computer पर Broadcast कर देता है.

यह सन्देश जिस Computer के लिए भेजा गया है, बस वही Node इसे पढ़ पाता है, बाकी के अन्य Nodes इस सन्देश को Destroy कर देते हैं.

Star Topology Real-Life Example

Real Life में Star Topology के बहुत सारे Example हैं. आप Airports,  Hospitals, Banks और Educational Institutes में इसका Use होता देख सकते हैं.

स्टार टोपोलॉजी कैसे काम करती है

जब एक Computer किसी दूसरे Computer को सूचना भेजना चाहता है, तो वह Computer उस सूचना को, सबसे पहले Network में जुड़े Switch को भेजता है. इसके बाद यह Switch, Destination Computer के Addressing की जाँच करता है.

अगर Switch के पास Destination Computer का पता उपलब्ध होता है तो वह उस सूचना को Destination System तक पहुंचा देता है, अन्यथा Destination Error का एक Message Sender Computer को वापस भेज देता है.

Star Network Kya Hai

Star Topology में एक Central Node होता है, जिससे बाकी के विभिन्न Nodes को जोड़ा जाता है. यह Central Node या तो Hub या Switch से जुड़ा होता है.

Star Network में कई सारे Devices एक Router से जुड़े रहते हैं. यह Router इन सभी Devices को Internet की सुविधा प्रदान करता है.

इस Router को आप किसी एक Central System की मदद से या फिर किसी Switch से Direct भी जोड़ सकते हैं. इसके बाद Internet सुविधा के कारण कोई भी Router किसी भी अन्य Router से Information का आदान प्रदान कर सकता है.

 

 

 

 

 

 

 

स्टार टोपोलॉजी के लाभ

  • किसी भी नए Node को Add करना आसान होता है.
  • यह कम खर्चीला होता है.
  • इस Topology किसीभी प्रकार की समस्या को ढूँढना आसन होता है, क्योकि इसमे लिंक को आसानी से पहचाना जा सकता है.
  • इस Topology में पूरे Network पर प्रभाव डाले बिना, नए Computer को जोड़ा एवं हटाया जा है.
  • यह High-Performance Topology मन जाता है, क्योकि इसमे डाटा Clash नही होता है.
  • यह Cyber Attack से पूर्ण रूप से सुरक्षित है.
  • Star Network में विभिन्न प्रकार की मशीनों को शामिल किया जा सकता है यानि की इसमे बड़ा Network बनाया जा सकता है.
  • यदि एक Cable या डिवाइस Fail हो जाता है, तो बाकि के डिवाइस काम करने के सक्षम होते हैं.

स्टार टोपोलॉजी के हानि

  • इसमे Extra Hardware (Hub और Switch) की आवश्यकता होती है.
  • Hub को ज्यादा Resources और पूर्ण रूप रख-रखाव की जरूरत होती है, क्योकि यह Star Topology का Central प्रणाली होता है.
  • Star Topology के लिए ज्यादा केबल की जरूरत होती है, जिससे बड़े Network के लिए यह महंगा हो जाता है.
  • Switch के Fail होने पर पूरा Network Fail हो जाता है.

किस प्रकार काम करती है स्टार टोपोलॉजी

इस Topology में जब भी किसी एक नोड से किसी दूसरे नोड पर कोई File भेजना होता है, तो Sender Node सबसे पहले उस File को Receiver Node के Address के साथ Central Node के पास भेजती है.

इसके बाद वह Central Node, Receiver Node के Address की जांच करता है. अगर इस जांच में Receiver Node का Address नहीं मिलता तो इस File को वापस Sender Node के पास भेज दिया जाता है.

अगर Central Node को Receiver Node का Address मिल जाता है तो यह File Reciever Node तक सफलता पूर्वक पहुंचा दिया जाता है.

Star Topology Kya Hai – FAQs

क्या Star Topology सुरक्षित है 

हाँ, Star Topology का इस्तेमाल करना बेहद सुरक्षित है.

स्टार टोपोलॉजी को कैसे परिभाषित करेंगे

यह एक Network कई सारे Devices को एक साथ कनेक्ट करने का वह तरीका है जिसमें कई सारे Nodes एक Central Node से जुड़े होते है और यह सभी System एक दूसरे को Files भेजने में सक्षम होते हैं.

Star Topology Mein Kendriya Device Kya Hai

Star Topology में केंद्रीय Device पहले Hub इस्तेमाल किया जाता था. अब इसकी जगह Switch का इस्तेमाल किया जाता है.

कहाँ पर इस टोपोलॉजी का इस्तमाल किया जाता है

इस Topology का ज्यादातर बड़े संगठनो में उपयोग की जाती है.

आशा करते हैं आपको हमारी पोस्ट Star Topology क्या होता है और Star Topology कैसे काम करता है, पसंद आई होगी.

अगर इसके बाद भी आपको कोई सुझाव या समस्या है तो आप निचे दिए Comment Box का पूरा लुफ्त उठा हमसे सवाल पूछ सकते हैं.

 

 

 

 

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Radiotharapy क्या होती है in Hindi

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Radiotharapy in hindi
Radiotharapy job

क्या आप Radiotharapy से जुड़ी जानकारी ढूंढ रहे है? क्या आप जानना चाहते हैं, की Radiotharapy कैसे होता है? अगर हाँ, तो आप सही जगह हैं. आज हम आपको इस आर्टिकल की मदद से बताएँगे की Radiotharapy क्या होती है और Radiotharapy कैसे होती है की पूरी जानकारी. साथ ही हम आपको इस आर्टिकल में रेडिओथेरपी से जुड़े और भी सवालों के जवाब देंगे जैसे की: Radiotharapy के Side Effects, Radiotharapy के बाद क्या करे, Radiotharapy कितने दिन की होती है, Radiotharapy का खर्चा, Radiotharapy में क्या खाए इत्यादि की पूरी जानकारी विस्तार में जानेंगे.तो चलिए शुरू करते हैं आर्टिकल Radiotharapy क्या होती है पढ़ने से…..

 

 

Radiotharapy क्या होती है in Hindi

 

 

Radiotherapy Kya Hai

Radiotherapy, हमारे शरीर को ठीक करने का एक आधुनिक तरीका है, जिसकी मदद से हमारे शरीर में उपलब्ध Cancer Cells को ठीक किया जाता है.

यह Therapy हमारे शरीर में उपलब्ध, सभी तरह के खराब Cancer एवं Tumer Cells को नष्ट करने में मदद करता है. यह मशीन हमारे शरीर में Ionized Waves Pass करता है, जिसकी वजह से हमारे शरीर उपलब्ध Cancer Cells जलकर नष्ट हो जाते हैं.

इस Tharapy में हमे किसी भी प्रकार का कोई दर्द नहीं महसूस होता. इस Tharapy में इस्तेमाल होने वाली Radiations को हम Ionized Radiation के नाम से जानते हैं.

यह Radiations हमारे शरीर में बनने वाले Cancer Cells को बड़ी बारीकी से अलग करती हैं. इसके बाद यह Radiations उस हिस्से को पूरी तरह से जला कर नष्ट कर देती है, ताकि हमारे शरीर में दुबारा से वह Cancer या Tumer Cells जन्म ना ले पाए.

इस Radiation के प्रभाव इतना ज़्यादा होता है की, यह हमारे शरीर में उपलब्ध DNA कोशिकाओं को भी नष्ट करने में सक्षम रहता है, इसी वजह से इस Therapy का इस्तेमाल करने के बाद हमारे शारीर में होने वाले Cancer जैसी बीमारियाँ जड़ से ठीक हो जाती हैं.

 

 

 

 

 

Radiotherapy Kaise Hota Hai

Radio Tharapy की प्रक्रिया दो तरीकों में होती है. अगर हमारे शारीर में किसी प्रकार का अंदरूनी रोग है, तो उसे ठीक करने के लिए Internal Radiation Therapy का इस्तेमाल होता है.

इसके अलावा अगर हमारे शारीर पर, या बाहरी त्वचा पर किसी प्रकार का रोग होता है तो उसे ठीक करने के लिए External Beam Radiation Tharapy का इस्तेमाल किया जाता है.

Internal Radiation Therapy: यह Therapy दो तरीकों से होती है:

  • Implants की मदद से.
  • Supliments की मदद से.

Implants वाली विधि में हमारे शरीर के उस Area में जहाँ पर हमारे शरीर के Cells ख़राब हो रहे हैं, वहां कर Metal Wires/ Seeds/ Tubes इत्यादि डाला जाता है, फिर यह Radioactive Implants उस जगह की खराब Cells को नष्ट करने में मदद करते हैं.

यह Implants आपके शरीर के अंदर जाने के बाद आपको किसी भी प्रकार का नुक्सान नहीं पहुंचाते, पर इनकी वजह से आपके आस पास के इंसानो में कुछ समस्याएं हो सकती हैं, इस लिए रोगी को दो से तीन दिनों के लिए अस्पताल में ही रखा जाता है.

Supliments वाली विधि में आपके शरीर में रोग वाली जगह पर आपको Injection लगाया जाता है, या आपको Capsule/ Drinks की मदद से Radioactive Liquid दिया जाता है.

इसका सेवन करने के बाद हमारा पूरा शरीर कुछ दिनों के लिए Radioactive हो जाता है, इसलिए हमे Hospital में रखा जाता है.

External Beam Radiation Tharapy: यह Therapy की विधि काफी आसान होती है, इसमें आपको उस कमरे में जहाँ यह मशीन उपलब्ध होता है, वहां आपको एक Table पर लेटाया जाता है. इसके बाद इस मशीन से निकलने वाले Beam Directly उस Tumer वाली जगह पर जाकर आपका इलाज करती हैं.

इस विधि में रोगी एक अकेले Room में रहता है जब तक उसका इलाज चलता है. ऐसे वक़्त रोगी को कोशिश करना चाहिए की वो बिलकुल ना हिले बस शांत मन से सीधा लेटे रहे.

इस Therapy में भी रोगी को किसी भी प्रकार का कोई दर नहीं महसूस होता. इस Therapy की विधि बस कुछ घंटों की होती है, इसके बाद वो आराम से अपने घर जाकर आराम कर सकते हैं.

 

 

 

 

 

 

Radiotherapy Kitne Din Hoti Hai

Radiothrerapy से आपको ठीक करने की विधि कितने दिन चलेगी यह बात आपके Doctor द्वारा Decide किया जाता है.

अगर आपके शरीर में ज़्यादा समस्या है तो ये विधि एक दिन में 2 बार हो सकती है, या फिर अगर आपके शरीर की समस्या आम है तो आपको दो से तीन हफ़्तों के भीतर आपका इलाज कर दिया जाता है.

कुछ लोगों को इसका Treatement हफ्ते में पांच दिन तक लगातार लेना पड़ता है ताकि उनके शरीर की Recovery जल्द से जल्द हो पाए. यह पांच दिन (Monday to Friday) हो सकते हैं.

Radiotherapy Ke Side Effects in Hindi

Radiotherapy के Side Effects के बारे में किसी भी प्रकार का निर्णय ले पाना काफी मुश्किल होता है, क्यूंकि हर किसी की Skin एक सामान नहीं होती. हर व्यक्ति को यह Treatement नुक्सान भी नहीं पहुंचता, कुछ ही व्यक्तियों में ये समस्याएँ हमे देखने को मिल जाती है.

कुछ लोगों के Skin पर कई बार लाल चित्ते पड़ जाते हैं, या फिर उनकी Skin रूखी होने लगती है, काली होने लगती है, खुजलियाँ होने लगती हैं इत्यादि.

कुछ लोगों को काफी जल्दी सुस्तियाँ आने लग जाती है. वह पहले ज़्यादा काम कर पाते थे, लेकिन जब से उनका इलाज हुआ उनका शरीर आम तौर पर थक जाता है. इन तरह के लोगों के साथ ये समस्या आम तौर पर दो से तीन हफ्ते या फिर एक दो महीने तक बानी रहती है.

कुछ लोगों में बाल टूटने की समस्या भी चालू हो जाती है. यह समस्या काफी आम है और ये समस्या ज्यादातर उन लोगों में देखने को मिली है जिनका Chemotherapy हुआ है. ध्यान रखे अगर आप यह Treatement ज़्यादा लम्बे समय तक ले रहे हैं तो आपकी Hairfall की समस्या Permanent हो सकती है.

कुछ लोगों को कई बार इस Therapy के नाम से ही काफी ज़्यादा Tension, Stress, Anxiety इत्यादि होने लगती है, यह सोच कर की अगर उन्हें किसी प्रकार की तकलीफ हुई या फिर वो ठीक नहीं हुए तो, इत्यादि जैसी बातें उनके दिमाग को काफी परेशान कर सकती हैं. ऐसे वक़्त में उनके साथ ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त बिताना ही एक मात्र उपाय होता है.

Radiotherapy Ka Kharcha

आम तौर पर Radiotherapy का खर्चा Private Hospitals में चार लाख रूपए से लेकर तेरह लाख रूपए तक का आता है. वहीँ अगर आप सरकारी अस्पतालों में इसका इलाज करते हैं तो यह खर्च कम से कम दो लाख रूपए तक आता है.

Radiotherapy Me Kya Khaye

Radiotherapy में आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बेहद कम होती है. इसके लिए आपको ज़्यादा से ज़्यादा पोषण तत्व वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए. इसके लिए आपको निचे कुछ ख़ास नियम तरीके बताये गए हैं जिनका पालन आपको जरूर करना चाहिए:

  • सबसे पहले अपने शरीर की साफ़ सफाई का ख़ास ध्यान रखे और अपने कपड़ों को प्रतिदिन, नियमित तौर से बदलें एवं साफ़ रखे.
  • प्रतिदिन ज़्यादा से ज़्यादा फलों का सेवन करें, कच्चे ताज़े फल से लेकर पके हुए फल सभी तरह के फलों का सेवन प्रतिदिन करने की कोशिश करें.
  • कोशिश करें आप आपके भोजन में ज़्यादा मसाले, हल्दी, मिर्च इत्यादि का प्रयोग ना करें, यह आपके शरीर को जल्दी Recover होने नहीं देते हैं. ज्यादा से ज्यादा सादे उबले भोजन का प्रयोग करें. थोड़े से जुबान का जायका बनाये रखने के लिए, आप बेहद हलके मसलों का प्रयोग कर सकते हैं.
  • बाजार में मिलने वाले packed fruit juice की जगह, ज्यादा से ज्यादा खुले ताज़े फलों के juice का सेवन करें.
  • अगर आपको किसी दाल या सब्ज़ी से ज़्यादा गैस की समस्या होती है तो कोशिश करें आप उन व्यंजनों से दूर रहे.
  • कोशिश करें ज़्यादा से ज़्यादा Protien वाले आहारों का सेवन करें जैसे की: सोयाबीन, अंडे, पनीर, दाल इत्यादि.
  • इस Therapy के बाद आपका शरीर सूखने लगता है, इसलिए कोशिश करें ज़्यादा से ज़्यादा आप गीले एवं तरल पदार्थों का सेवन करें इस से आपके शरीर में पानीकी कमी नहीं होगी न आपको Dehydration महसूस होगा.

 

 

 

 

 

 

Radiotherapy Kya Hoti Hai – FAQs

  • Radiotherapy Course Salary

    अगर आप Radiotherapy Technologist का Course कर लेते हैं, तो ₹30,000 से लेकर ₹6,50,000 सालाना की सैलरी आपको मिलती है.

  • Radiotherapy Cost for Breast Cancer

    Breast Cancer को ठीक करने के लिए, पूरी लागत एक लाख रूपए से लेकर पंद्रह लाख रूपए तक का पूरा खर्च आ सकता है.

  • Radiotherapy Kise Kahate Hain

    Radioactive तत्वों का इस्तेमाल करके हमारे शरीर से Cancer, Tumer इत्यादि जैसे समस्यों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली therapy को हम Radiotherapy के नाम से जानते हैं.

  • Radiotherapy Ke Baad Kya Kare

    Radiotherapy के इलाज के बाद किसी भी प्रकार के चिकने पदार्थ या Moisturiser का इस्तेमाल ना करें. इसे से बिमारी फैलनी की सम्भावना बढ़ जाती है.

  • Radioactive तत्त्व क्या है – Radioसक्रियता क्या है, कैसे होती है

आशा करते हैं आपको हमारी पोस्ट Radiotharapy क्या होती है और Radiotharapy कैसे होती है, पसंद आई होगी.

अगर इसके बाद भी आपको कोई सुझाव या समस्या है तो आप निचे दिए Comment Box का पूरा लुफ्त उठा हमसे सवाल पूछ सकते हैं.

 

 

 

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Normalization क्या होता है in Hindi

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Normalization in hindi
Normalization kaise learn kare

Normalization क्या होता है? (What is Normalization) Normalization एक database design तकनीक है जो data redundancy को कम करती है और Insertion, Update और Deletion Anomalies जैसी अवांछनीय विशेषताओं को समाप्त करती है। Normalization नियम बड़े tables को छोटी tables में विभाजित करते हैं और उन्हें relationships का उपयोग करके link करते हैं। SQL में Normalization का उद्देश्य अनावश्यक (दोहरावदार) data को समाप्त करना और यह सुनिश्चित करना है कि data तार्किक रूप से (logically) संग्रहीत है। Relational model के आविष्कारक Edgar Codd ने पहले Normal Form की शुरुआत के साथ data के Normalization के सिद्धांत का प्रस्ताव रखा, और उन्होंने दूसरे और तीसरे Normal Form के साथ theory का विस्तार जारी रखा। बाद में उन्होंने Boyce-Codd Normal Form के सिद्धांत को विकसित करने के लिए Raymond F. Boyce को शामिल किया।(Normalization क्या होता है in Hindi) 

 

 

Normalization क्या होता है in Hindi

 

 

 

Database Normal Forms

यहाँ Normal Form के प्रकारों के बारे में बताया गया है:-

  • 1NF (First Normal Form)
  • 2NF (Second Normal Form)
  • 3NF (Third Normal Form)
  • BCNF (Boyce-Codd Normal Form)
  • 4NF (Fourth Normal Form)
  • 5NF (Fifth Normal Form)
  • 6NF (Sixth Normal Form)

SQL server में Data Normalization का सिद्धांत अभी भी आगे विकसित किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, 6NF पर भी चर्चा होती है। हालाँकि, अधिकांश व्यावहारिक अनुप्रयोगों (practical applications) में, normalization 3rd Normal Form में अपना सर्वश्रेष्ठ परीणाम प्राप्त करता है। SQL Normalization सिद्धांतों का विकास नीचे दिया गया है-

Database Normalization उदाहरण के साथ

Database Normalization के उदाहरण को case study की सहायता से आसानी से समझा जा सकता है। मान लें, एक वीडियो लाइब्रेरी किराए पर ली गई फिल्मों का एक Database रखती है। Database में Normalization के बिना, सभी जानकारी एक table में संग्रहीत की जाती है जैसा कि नीचे दिखाया गया है। आइए उदाहरण के साथ database में Normalization को समझते हैं:

Database Normalization example

 

यहां आप देखते हैं कि Movies Rented column में कई वैल्यूज हैं। अब 1st Normal Forms में चलते हैं:

1NF (1st Normal Forms) के नियम

  • प्रत्येक table cell में एक single value होना चाहिए।
  • प्रत्येक record को unique होना चाहिए।

1NF में उपरोक्त table-

first normal form

आगे बढ़ने से पहले आइए कुछ बातों को समझते हैं –

KEY क्या होती है? (What is Key)

– KEY एक value है जिसका उपयोग किसी table में विशिष्ट रूप से record की पहचान करने के लिए किया जाता है। एक KEY एक column या कई columns का संयोजन हो सकता है|
नोट: एक table में column जिनका उपयोग record की पहचान करने के लिए नहीं किया जाता है उन्हें non-key columns कहा जाता है।

 

 

 

 

 

Primary Key क्या है? (What is Primary Key)

Primary एक single column value है जिसका उपयोग किसी database record को विशिष्ट रूप से पहचानने के लिए किया जाता है।

इसकी निम्नलिखित विशेषताएं हैं

  • Primary key NULL नहीं हो सकती|
  • Primary key value unique होना चाहिए|
  • नया record डालने पर primary key को एक value दिया जाना चाहिए।

Composite Key क्या है?

एक Composite Key एक primary key है जिसका उपयोग किसी record को विशिष्ट रूप से पहचानने के लिए किया जाता है| हमारे database में, हमारे पास Robert Phil के समान नाम वाले दो लोग हैं, लेकिन वे अलग-अलग जगहों पर रहते हैं।

example of composite key

इसलिए, हमें record की पहचान करने के लिए Full Name और Address दोनों की आवश्यकता होती है। वह एक composite key है।

चलिए Second Normal form 2NF के बारे में जानते है:-

2NF (Second Normal Form) के नियम

  • 1NF में हो|
  • Single Column Primary Key

यह स्पष्ट है कि हम अपने सामान्य database को 2nd Normalization form में बनाने के लिए आगे नहीं बढ़ सकते हैं जब तक कि हम ऊपर दी गई table का विभाजन न करें।

हमने अपनी 1NF table को दो table में विभाजित किया है। table 1 और table 2। table 1 में member information है। table 2 में किराए पर ली गई फिल्मों की जानकारी है। हमने एक नया column शुरू किया है जिसका नाम Membership_id है जो table 1 की primary key है। membership id का उपयोग करके records को विशिष्ट रूप से table 1 में पहचाना जा सकता है।

Database – Foreign Key

Table 2 में, Membership_ID Foreign Key है|

foreign key

  • Foreign key एक अन्य table की primary key को reference करती है! यह आपके Tables को जोड़ने में मदद करती है|
  • एक foreign key का नाम primary key के नाम से अलग हो सकता है|
  • primary key के विपरीत, foreign key को unique होने की आवश्यकता नहीं है। foreign key null हो सकती हैं, जवकि primary key null नहीं हो सकती|

foreign key and primary key example

आपको foreign key की आवश्यकता क्यों है?

मान लीजिए, एक नौसिखिया कुछ इस तरह के रूप में Table B में एक record insert करता है

table without reference key

आप केवल उन foreign key में value insert करने में सक्षम होंगे जो parent table की unique key में मौजूद हैं। यह referential integrity में मदद करता है। table 1 से membership id की foreign key के रूप में table 2 से membership id को declare करके उपरोक्त समस्या को दूर किया जा सकता है| अब, यदि कोई membership id field में value insert करने का प्रयास करता है जो parent table में मौजूद नहीं है, तो error आएगी|

 

 

 

 

 

 

Transitive functional dependencies क्या हैं?

एक non-key column को परिवर्तित करते समय यदि transitive functional dependency होती है तो कोई अन्य non-key column बदल सकता है| यदि हम Table1 पर विचार करें। जिसमे non-key column को बदलने से पूर्ण नाम(Full Name) में परिवर्तन हो सकता है।

यदि हम Table1 पर विचार करें। जिसमे non-key column को बदलने से पूर्ण नाम(Full Name) में परिवर्तन हो सकता है।

Transitive functional dependencies

3NF (Third Normal Form) के नियम

  • Table 2NF में हो
  • कोई transitive functional dependencies नहीं होनी चाहिए|

अपनी 2NF Table को 3NF में ले जाने के लिए, हमें फिर से अपनी Table को विभाजित करने की आवश्यकता होती है।

3NF का उदाहरण

नीचे SQL database में एक 3NF का उदाहरण है:

हमने फिर से अपनी table को विभाजित किया है और एक नई table बनाई है जो Salutations को store करती है। यहाँ कोई transitive functional dependencies नहीं हैं, और इसलिए हमारी तालिका 3NF में है| Table 3 में Salutation ID primary key है, और Table 1 में Salutation ID Table 3 की primary key के लिए foreign है|

अब हमारा उदाहरण एक ऐसे स्तर पर है जिसे normalization के उच्चतर रूपों को प्राप्त करने के लिए और अधिक विघटित (decomposed) नहीं किया जा सकता है। वास्तव में, यह पहले से ही higher normalization forms में है। complex databases में data को normalize करने के लिए अगले स्तरों में जाने की आवश्यकता होती है। हालाँकि, हम normalizations के अगले स्तरों पर चर्चा करेंगे।

BCNF (Boyce-Codd Normal Form)

जब कोई databases 3rd Normal Form में होता है, और यदि उसमे एक से अधिक Candidate Key होती हैं, तब उसमे अभी भी anomalies हो सकती है| कभी-कभी BCNF को 3.5 Normal Form भी कहा जाता है।

4NF (Fourth Normal Form) के नियम

यदि किसी database table के instance में संबंधित entity का वर्णन करने वाले दो या दो से अधिक, स्वतंत्र और बहुविकल्पीय(independent and multivalued) data शामिल नहीं हैं, तो यह 4 Normal Form में है।

5NF (Fifth Normal Form) के नियम

एक table 5th Normal Form में होगी, यदि यह 4NF में है और इसे data की हानि के बिना किसी भी छोटी table विघटित(decomposed) नहीं किया जा सकता।

6NF (Sixth Normal Form) प्रस्तावित

6th Normal Form मानकीकृत(standardized) नहीं है, फिर भी, database विशेषज्ञों द्वारा कुछ समय के लिए इस पर चर्चा की जा रही है। उम्मीद है, निकट भविष्य में 6th Normal Form के लिए एक स्पष्ट और मानकीकृत परिभाषा होगी|

 

 

 

 

Summary

  • Database designing एक database management system के सफल कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण है जो enterprise system की data आवश्यकताओं (requirements) को पूरा करता है।
  • DBMS में Normalization Process Database system का उत्पादन करने में मदद करती है जो लागत प्रभावी(cost-effective) हैं और बेहतर सुरक्षा मॉडल (better security models) हैं।
  • Functional dependencies normalize data process का एक बहुत महत्वपूर्ण घटक है|
  • primary key किसी table के record को uniquely identify करती है और यह कभी null नहीं हो सकती|
  • Foreign key tables को जोड़ने में मदद करती है और primary key को संदर्भित करती है|

 

 

 

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3D Printer क्या होता है कैसे काम करता है?

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3D Printer in hindi
3D Printer kaise cikhe

हम सभी ने Printer मशीन का नाम सुना है, साथ ही वह क्या काम करती है इसके बारे में भी जानते है. पर क्या आप जानते हैं एक ऐसा Printer जो आपकी मनपसंदीदा Image को वास्तिविक रूप से आपके सामने ला सकता है बस कुछ ही घंटों में. अगर आपको नहीं पता तो आप सही जगह हैं. आज हम आपको इस Article में बताएंगे की 3d Printer क्या होता है और 3D Printer कैसे काम करता है की पूरी जानकारी.. साथ ही हम आपको 3D Printer से जुड़े और भी सवालों के जवाब देंगे जैसे की: 3D Printer का आविष्कार किसने किया, 3D Printer का इस्तेमाल कैसे करें, 3D Printer कहाँ से ख़रीदे, 3D Printer के फायदे, इत्यादि की पूरी जानकारी विस्तार में जानेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं Article 3D Printer क्या होता है पढ़ने से…..(3D Printer क्या होता है कैसे काम करता है?) 

 

 

3D Printer क्या होता है कैसे काम करता है?

 

 

 

3D Printer Kya Hota Hai

3D Printer एक आउटपुट Device है. यह Device CAD सॉफ्टवेर (Computer Aided Design) तकनीकी पर आधारित होता है. 3D Printer कागज पर प्रिंट करने के बजाय उस Object को वास्तविक 3 D Object के रूप में Present करता है.

3D प्रिंटिंग को हम हार्डवेयर तकनीक भी कह सकते है, जिसका प्रयोग करके 3 Dimensional वस्तुओं का निर्माण किया जाता है. यह किसी भी Object की रियल इमेज का ठीक वैसा ही रूप बनाने में सक्षम होता है.

3D Printer Kya Hai

3डी प्रिंटिंग किसी भी वस्तु या इमेज का वास्तविक प्रतिबिम्ब या मॉडल बनाने का काम करती है जिसे हम हांथो से छू अथवा महसूस कर सकते है.

3D Printer एक हार्डवेयर Device है जिसमे एक डिजिटल मॉडल या Object को 3 Dimensional वस्तु में बदलने का कार्य किया जाता है.

3D का मतलब 3 Dimensional होता है, जिसमे किसी भी Object की इमेज को हम तीन तरह से देख सकते है. इसके साथ ही 3D में हम उस इमेज की गहराई को भी वास्तविक में देख सकते हैं.

3Dimension में किसी Object की इमेज, वास्तविक रूप में मिल जाती है.

3D Printer Kaise Kam Karta Hai

तो चलिए जानते हैं, 3D Printer कैसे काम करता है:

  • सबसे पहले किसी भी Object का Virtual Design बनाया जाता है.
  • यह Design 3D Printer द्वारा पढ़ने के लिए एक Blue Print की तरह काम करती है.
  • Virtual Design के लिए Computer Aided Design(CAD) सॉफ्टवेर का उपयोग किया जाता है.
  • Virtual Design बनाने के बाद, इस Design को प्रिंटिंग के लिए तैयार किया जाता है.
  • सॉफ्टवेर की मदद से एक 3D डिजिटल फाइल बनाई जाती है.
  • इसके बाद उस Object की slicing की जाती है. (इस Process में उस Object को कई परतों में बाटा जाता है).
  • फिर Sliced की गई फाइल को Printer में Upload किया जाता है.
  • इस डिजिटल फाइल को Upload करने के लिए हम USB, SD CARD या WIFI का इस्तेमाल कर सकते है.
  • इसके बाद Printer, उस Object को Layer by Layer Print करना शुरू कर देता है.
  • सबसे पहले Object की सबसे नीचे वाली परत Print होती है, इसके बाद एक एक करके उसके ऊपर दूसरी परत Print कर किसी भी Object का 3D Print बनाया जाता है.

 

 

 

 

 

 

3D Printer Use Kasie Kare

3D Printer एक हार्डवेयर Device है जिसमे एक Digital Model या Object को (3 D-Dimensional) वस्तु में बदलने का कार्य किया जाता है. 3D Printer किसी भी इमेज की Duplicate कॉपी का Object तैयार कर सकता है.

3D Printer का Use करने के लिए सबसे पहले किसी भी वस्तु का 3D Catelogue बनाया जाता है. इसके बाद उस इमेज को 3D स्कैनर की मदद से स्कैन किया जाता है.

इसके बाद उस Object की एक 3D इमेज तैयार हो जाती है. 3D इमेज बनाने के बाद उस Digital File को Printer में Upload किया जाता है.

इसके बाद Printer उस अपलोड की गई डिजिटल फाइल के Object को Layer by Layer Print करना शुरू कर देता है.

3D Printer Mei Kon Sa Ink Istemaal Hota Hai

3D Printer में इस्तेमाल किए जाने वाले ink कुछ इस प्रकार हैं:

  • पुराने 3D Printers में Powdered Metals अथवा Plastic का इस्तेमाल किया जाता था. यह धातु Steel सम्बंधित सामग्री बनाने के लिए Best हुआ करते हैं.
  • अब के 3D Printers में Flink नाम के धातु का इस्तेमाल किया जाता है. इस धातु की मदद से हम Biocompatible Products भी बना सकते हैं.
  • इसके अलावा Alloy, Polymer इत्यादि जैसे धातुओं का भी उपयोग किया जाता है.

3D Printer Kahan Se Kharide

अगर आप 3D Printer खरीदना चाहते है तो इसे लेने के लिए Online Platform या फिर Offline मार्केट से खरीद सकते है.

3D Printer अलग-अलग Version के आते है जिनकी कीमत उनके Version अथवा उनमें मिलने वाली सुविधाओं पर निर्भर करती है.

आप निचे दिए Button पर Click कर विस्तार में जानकारी ले सकते हैं.

 

 

 

 

 

 

 

 

3D Printer Ke Fayde

3D Printer से जुड़े फायदे कुछ इस प्रकार हैं:

  • यह लचीले Products को आसानी से बना सकता है.
  • इसकी मदद से आप किसी भी वस्तु को 2D Image से वास्तविक रूप में प्राप्त कर सकते हैं.
  • इसकी मदद से किसी भी वस्तु का वास्तविक रूप आपको बस कुछ घंटों में मिल जाता है.
  • इस Printer को रखने के लिए आपको ज़्यादा जगह की आवशयकता नहीं पड़ती. आप इसे आसानी से एक छोटे जगह पर भी रख सकते हैं.
  • इससे बने उपकरण मज़बूत एवं हलके होते हैं.
  • आप किसी भी वस्तु को Design कर, आसानी से उसका 3D Object निकाल सकते हैं.
  • इससे बनाए गए उपकरण बेहद सस्ते होते हैं.
  • हालाँकि इसको खरीदना थोड़ा महंगा होता है पर इससे बनने वाले उपकरण बेहद फायदेमंद होते हैं.
  • यह वातावरण को बिना नुक्सान पहुँचाए आपके लिए उपकरणों को वास्तविक रूप में तैयार कर देता है.
  • शिक्षा के क्षेत्र में भी इसके ढेरों फायदे हैं.
  • यह Technical Field के Students को महंगे Tools का नमूना देने में मदद करता है.
  • इसकी मदद से हमें चिकित्सा के क्षेत्र में Bio-Materials को Print करने की सुविधा मिल जाती है. जैसे की: कोशिकाएं, नकली Tissue इत्यादि.
  • Construction में 3D प्रिंटिंग का उपयोग करके इमारतों का निर्माण करने में किया जा रहा है.
  • Art-Design, चित्रकारी और ज्वेलरी बनाने की दुनिया में 3D Printer के ढेरों फायदे हैं.

3D Printer Ka Avishkar Kisne Kiya

3d Printer का अविष्कार 1984 में Chuck Hull ने किया था.

आशा करते हैं आपको हमारी पोस्ट 3D Printer क्या होता है और 3D Printer कैसे काम करता है, पसंद आई होगी.

अगर इसके बाद भी आपको कोई सुझाव या समस्या है तो आप निचे दिए Comment Box का पूरा लुफ्त उठा हमसे सवाल पूछ सकते हैं.

 

 

 

 

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Tally क्या है और कैसे सीखे?

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Tally kya hai
Tally learn kaise kare

दोस्तों क्या आप जानते हैं की Tally क्या है? अगर आप किसी कंप्यूटर इंस्टिट्यूट में गए होंगे तो टैली कंप्यूटर कोर्स का नाम जरूर सुना होगा। इसके बारे में अक्सर लोग ये सवाल पूछते हैं की Tally करने के फायदे क्या हैं? अगर आपको इन सवालों के जवाब नहीं मालूम तो कोई बात नहीं। क्यों की आज की पोस्ट मैंने Tally की जानकारी हिंदी में देने के लिए ही लिखा है। इसके साथ ही मैं आपको Tally का इतिहास भी बताऊंगा। आखिर टैली एकाउंटिंग का इस्तेमाल होना कब शुरू हुआ और इससे हम क्या क्या काम कर सकते हैं। ये सारी बातें हम आज यहाँ पुरे विस्तार से जानेंगे। दोस्तों जैसा की हम जानते हैं की आज का ज़माना कंप्यूटर क्या है और हर काम के लिए इंसान कंप्यूटर की मदद लेते हैं। चाहे अंतरिक्ष जाना हो या एक बैंक, सरकारी कार्यालय हो या फिर एक फोटो प्रिंट कर के निकालना हर जगह कंप्यूटर का इस्तेमाल होता है। इसी कड़ी में बहुत सारी कंपनियों में अकाउंट से जुड़े कामों के लिए अलग अलग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं। एकाउंटिंग के लिए Tally प्रयोग होने वाला काफी पॉपुलर एप्लीकेशन है। Tally किसे कहते हैं और Tally कैसे सीखे आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे? तो चलिए अब जानते हैं की आखिर Tally ERP 9 क्या है।(Tally क्या है और कैसे सीखे?/ Tally kya hai) 

 

Tally kya hota hai

 

 

 

 

 

टैली क्या है – What is Tally in Hindi

Tally एक क्लाउड-आधारित अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर है जो छोटे व्यवसाय मालिकों को अपने वित्त का प्रबंधन करने में मदद करता है। इसमें एक सहज ज्ञान युक्त इंटरफ़ेस है और कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर रीयल-टाइम अपडेट प्रदान करता है। ये सभी सुविधाएँ टैली को छोटे व्यवसायों के लिए सबसे अच्छे अकाउंटिंग टूल में से एक बनाती हैं।

Tally का अर्थ पैसे की गणना करना साथ ही उसका व्यस्थापन और संरक्षित करना हैं। इसके अलावा वस्तु कहाँ से खरीदी गयी कितने में खरीदी गई इन सभी कामो का रिकॉर्ड Tally में रखा जाता है।

एक ज़माना हुआ करता था जब लोग अपने बिज़नेस में होने वाले सभी वित्तीय लेन देंन को हाथ से लिख कर डॉक्यूमेंट और दस्तावेज में रखा करते थे। लेकिन अब वो वक़्त बीत चूका है। आज के समय में सभी प्रकार के व्यवसायों में कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है और अकाउंट से जुड़े बहुत सारे सॉफ्टवेयर में Tally सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है।

जब भी कंप्यूटर में अकाउंटिंग के काम के बारे में बात की जाती है तो सबसे पहला नाम जो दिमाग में आता है वो है Tally है। अकॉउंटिंग में बहुत तरह के पेचीदा गणना करना होता है वो कंप्यूटर में बिना सॉफ्टवेयर के नहीं किया जा सकता है। इस तरह के मुश्किल कैलकुलेशन करने के लिए ही Tally काम में लाया जाता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की Tally का इस्तेमाल तो भारत में होता है अलावा कई अन्य देशों में भी Tally बहुत प्रचलित है। ये सॉफ्टवेयर बहुत साडी कंपनियों और अकॉउंटिंग से जुड़े लोगो के रोज़मर्रा काम आने वाला सॉफ्टवेयर है।

लेकिन Tally की शुरुआत कैसे हुई ये बहुत कम लोगों को ही पता होगा। ये कितने काम का है ये तो अब आप समझ गए होंगे लेकिन इसकी जरुरत कब पड़ी इसी बात को चलिए आगे जानते हैं।

 

 

 

 

 

Tally Full Form in Hindi

टैली का फुल फॉर्म इन हिंदी – “ट्रांसक्शन्स एलाउड इन ए लीनियर लाइन यार्ड्स होता है”। यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जो अकाउंटिंग के लिए उपयोग किया जाता है, इसके साथ ही आप इसमें GST Return भी भेज सकते हैं।

टैली आपको बिक्री और व्यय ट्रैक करने में कैसे मदद करता है?

टैली एक मुफ्त और उपयोग में आसान अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर है। यह आपको अपने खर्चों और बिक्री को प्रबंधित करने में मदद करता है, जिससे आप अपने व्यवसाय के वित्त पर नज़र रख सकते हैं।

यह छोटे व्यवसायों, फ्रीलांसरों और किसी के लिए भी सही समाधान है, जिन्हें अपने वित्त पर नज़र रखने की आवश्यकता है। टैली एक मुफ्त अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर है जो आपको अपने खर्चों और बिक्री का प्रबंधन करने में मदद करता है। यह आपको अपनी कंपनी के प्रदर्शन पर रिपोर्ट बनाने देता है, ताकि आप देख सकें कि कहां सुधार करना है या इसे कैसे विकसित करना है।

टैली एक सरल इंटरफ़ेस प्रदान करता है जो लेखांकन सॉफ़्टवेयर में बुनियादी कौशल वाले किसी भी व्यक्ति के लिए इसका उपयोग करना आसान बनाता है। इंटरफ़ेस सहज है और आपकी कंपनी के प्रदर्शन पर रिपोर्ट बनाने की क्षमता जैसी शक्तिशाली सुविधाएँ प्रदान करता है, जो आपको इस बारे में निर्णय लेने में मदद करेगा कि कैसे बढ़ना या सुधार करना है।

टैली का इतिहास

Shyam Sunder Goenka

 

दोस्तों जैसा की मैंने पहले ही बता दिया है की Tally का निर्माण भारत के बैंगलोर स्थित कंपनी में कियस गया है। लेकिन Tally Solution कंपनी को पहले Peutronics के नाम से जाना जाता था। क्या आप जानते है टैली के जनक कौन है?

सन 1986 में श्याम सुन्दर गोयनका और उनके बेटे भारत गोयनका ने मिलकर बनाया था। उस वक़्त श्याम सुन्दर गोयनका एक कंपनी चलाया करते थे जिससे की दूसरे प्लांट्स और टेक्सटाइल मिल्स को कच्चा माल और मशीन पार्ट्स सप्लाई करते थे।

तो इस बिज़नेस को मैनेज करने के लिए उनके पास कोई ऐसा सॉफ्टवेयर नहीं था जिससे वो अपना हिसाब किताब आसानी से कर सके।

तब उन्होंने अपने बेटे से कहा की एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाओ जिससे हम अपने बिज़नेस को आसानी से मैनेज कर सके। भारत गोयनका जो की मैथमेटिक्स में ग्रेजुएट थे उन्होंने अकॉऊंटिंग एप्लीकेशन के लिए सबसे पहला संस्करण MS – DOS एप्लीकेशन के रूप में लांच किया। इस में सिर्फ बेसिक अकॉउंटिंग फंक्शन थे। जिसका नाम Peutronics financial Accountant रखा गया।

1988 1988 में इस प्रोडक्ट का नाम बदलकर पहली बार Tally रखा गया.
1999 1999 में इस कंपनी ने formally कंपनी का नाम बदलकर Tally Solutions रखा.
2001 2001 के साल में Tally के नए संस्करण यानि Tally 6.3 को लांच किया गया। ये संस्करण से थोड़ा एडवांस था क्यों की इस में Accounting के अलावा Educational उद्देश्य से उपयोग करने की योग्यता थी। इसके साथ इस में License की सुविधा भी दी गई.
2005 सन 2005 में Tally को और भी अच्छा डिज़ाइन के साथ बाजार में उतारा गया जिसमे सबसे मुख्या फीचर था Value Added Taxation (VAT)। जो की भारतीय कस्टमर्स के लिए बहुत उपयोगी था। ये Tally 7.2 version था.
2006 2006 में Tally के 2 version को release किया गया जिनमे से एक Tally 8.1 था और दूसरा Tally 9। ये Tally के maultilingual version थे.
2009 2009 में इस कंपनी ने Tally ERP 9 एक Business management solution रिलीज़ किया.
2016 2016 में GST Server और Tax Payers के बिच में interface के रूप में GST सुविधा प्रदान करने के लिए Tally Solutions को चुना गया और 2017 में कंपनी ने बिलकुल अपडेटेड GST Compliance Software लांच किया.

 

 

 

 

 

टैली कोर्स करने के फायदे

टैली एक साधारण लेखा सॉफ्टवेयर है जिसका उपयोग किसी भी व्यवसाय के वित्तीय लेनदेन को ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है। इसे उपयोग में आसानी के लिए डिजाइन किया गया है और इसके कई फायदे हैं।

टैली के कुछ प्रमुख लाभ हैं:

  • इसका उपयोग करना आसान है और इसके लिए किसी प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं है, जो इसे नए उद्यमियों के लिए एक अच्छा विकल्प बनाता है।
  • सॉफ्टवेयर कई भाषाओं में उपलब्ध है और इसका उपयोग कोई भी कर सकता है, चाहे वे किसी भी देश से हों।
  • टैली का एक नि: शुल्क परीक्षण संस्करण है जो उपयोगकर्ताओं को पूर्ण संस्करण खरीदने से पहले सुविधाओं और कार्यक्षमता को समझने में मदद कर सकता है।
  • सॉफ्टवेयर कई तृतीय पक्ष अनुप्रयोगों जैसे कि QuickBooks, Xero, Paypal आदि के साथ एकीकृत होता है।

Tally Versions – टैली कितने प्रकार के होते हैं?

टैली अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। कंपनी हर साल अपने प्रोडक्ट के नए वर्जन लेकर आती है। TallyPrime कंपनी का नवीनतम संस्करण है। यह छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए क्लाउड-आधारित लेखा समाधान है।

Tally Version Release Date
Tally 4.5 1990
Tally 5.4 1996
Tally 6.3 2001
Tally 7.2 2005
Tally 8.1 2006
Tally 9 2006
Tally ERP 9 2009
Tally Prime 2020
Tally Prime 2.0 2022

टैली कोर्स में क्या क्या सिखाया जाता है?

Tally Course के लिए पाठ्यक्रम संरचना को पाँच खंडों में विभाजित किया गया है:

  1. Tally Basics – इस सेक्शन में अकाउंटिंग की मूल बातें शामिल हैं, जैसे डबल-एंट्री अकाउंटिंग, डेबिट और क्रेडिट और अकाउंट।
  2. Accounting Software – यह खंड टैली की विभिन्न विशेषताओं पर चर्चा करता है, जैसे कि इसका इंटरफेस और रिपोर्ट।
  3. Accounting Software – यह खंड छात्रों को वित्तीय विवरणों और उन्हें पढ़ने के तरीके से परिचित कराता है।
  4. Business Analysis – यह खंड छात्रों को अपने व्यवसाय को बेहतर ढंग से समझने में मदद करने के लिए पूर्वानुमान, ब्रेक-ईवन विश्लेषण और लागत अनुमान जैसी व्यावसायिक विश्लेषण तकनीकों से परिचित कराता है।
  5. Accounting Systems – अंतिम खंड में वैट, जीएसटी और टीडीएस जैसी लेखा प्रणालियों को विस्तार से शामिल किया गया है, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि भारतीय लेखा मानकों का उपयोग करके भारत में उनकी गणना कैसे की जाती है।

टैली कैसे सीखे?

इस सॉफ्टवेयर को सीखने के कई तरीके हैं। आप किसी संस्थान से कोर्स कर सकते हैं या आप इसे इंटरनेट से सीख सकते हैं या आप इसे YouTube वीडियो से भी सीख सकते हैं।

दोस्तों शुरुआत में जब आप Tally में काम करने जाते हैं तो ये काफी मुश्किल लगता है। टैली सीखना इतना आसान नहीं है, और मेरी माने तो इतना मुस्किल भी नहीं है। एक तो इसमें माउस का काम नहीं होता बल्कि सारा काम कीबोर्ड से करना होता है। साथ ही इस पर काम करना आसान है लेकिन अगर आप इस के बारे में सिख जाते हैं तो।

Tally के बेसिक फंक्शन मेसिख जाने के बाद आप को इस पर काम करने में भी मज़ा आने लगेगा।

तो चलिए थोड़ा टैली कैसे सीखे हिंदी में के बारे में जान लेते हैं।

Capital – जब कोई पैसा व्यापर के लिए लगता है तो उस रकम को capital बोलते हैं। इसके अलावा इसे equity भी बोलते हैं।

Transaction – लेन देन करने के प्रोसेस को ही ट्रांज़ैक्शन बोलते हैं। इसमें सर्विसेस और प्रोडक्ट्स का एक्सचेंज किया जाता है।

Discount – अपनी प्रोडक्ट और सेवा के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए जब कोई कंपनी मालिक अपने कस्टमर को डिस्काउंट के रूप में कुछ रकम वापस देता है। Discount 2 तरह के होते हैं।

Trade Discount – ये डिस्काउंट सेलर अपने कस्टमर को लिस्टेड प्राइस पर प्रेजेंट के रूप में देता है।

Cash Discount – ये कस्टमर को सही समय पर बिल करने पर कॅश के रूप में दिया जाता है।

Liability – ये वैसे सामान होते हैं जो किसी से कर्ज के रूप में लिए जाते हैं।

Assets – बिज़नेस से जुडी जितने भी चीज़ें होती हैं उन्हें Assets बोला जाता है।

ये तो बस कुछ बेसिक शब्द हैं जो Tally से जुड़े हैं। आप टैली कोर्स कर के पूरी जानकारी ले सकते हैं। इसके लिए आप अपने नजदीकी computer institute में join करिए, या फिर आप YouTube का मदद भी ले सकते है।

 

 

 

 

 

टैली का जनक कौन है?

Tally को 1986 में श्याम सुंदर गोयनका और उनके पुत्र भारत गोयनका के द्वारा स्थापपित किया गया था। दोनों ही भारत के नागरिक है और टैली का headquater भारत में banglore कर्नाटक में है।

Tally का फूल फ़ॉर्म क्या है?

Tally का फूल फ़ॉर्म है Transactions Allowed in a Linear Line Yards।

टैली कोर्स कितने दिनों का होता है?

टैली कोर्स 1 महीने, 2 महीने या 3 महीने तक चल सकता है।

Tally Course कितने प्रकार के होते हैं?

Tally Course 2 प्रकार के होते हैं, पहला Basic Tally और दूसरा Advance Tally. आज आपने क्या सीखा दोस्तों आपको ये पोस्ट Tally क्या है और टैली कैसे सीखे कैसी लगी? आपने आज ये भी जाना टैली कैसे सीखे, इसका इतिहास क्या है? साथ ही ये भी जाना की इसके फायदे क्या है। आज के इस बढ़ते हुए कम्पेटेशन में जॉब करने के लिए क्या करे समझ नहीं आता। ये स्टूडेंट्स को करियर बनाकर अच्छी जॉब हासिल करने के लिए बहुत मदद करता है। मुझे पूरी उम्मीद है की आपको ये पोस्ट अच्छी लगी होगी। अगर आपको ये पोस्ट पसंद आयी तो इसे फेसबुक, ट्विटर में शेयर करे।

 

 

 

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How to Download Coupondunia App

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Download Coupondunia App
Coupondunia App in hindi

क्या आप जानते है, की Coupondunia App Kya Hai ओर cupon duniya app से reward ओर cashback कैसे कमाए। आज के समय मे बाज़ार में ऐसे बहुत सारी वेबसाइट ओर apps आ गए है, जो आपको घर बैठे पैसे कमाने का मौका देते है। लेकिन मार्केट में ज़्यादातर वेबसाइट ओर apps फर्जी होते है, जो आपके कमाए हुए पैसे आपके अकॉउंट में ट्रांसफर नही करते है। ऐसे में अगर आप घर बैठे cashback आदि से पैसा कमाना चाहते है, लेकिन आपको इन सबके बारे में पता नही है, तो कोई बात नही है। इस पोस्ट में हम एक ऐसे एप्लीकेशन के बारे में बताने जा रहे है, जो आपको मोबाइल रिचार्ज, पेमेंट, ओर शॉपिंग करने पर कैशबैक देती है।(How to Download Coupondunia App) 

 

 

 

How to Download Coupondunia App

 

 

 

इंडिया जैसे जैसे डिजिटल हो रहा है, वैसे ही ऑनलाइन पैसे कमाने के संसाधनों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। आज youtube channel से लेकर अपनी website बनाकर पैसे कमना बहुत आसान हो गया है। ऐसे में आपको सही समय पर सही जानकारी का होना बहुत जरूरी होता है। इसलिए आज हम आपको cupon duniya app के बारे में बताने जा रहे है, जिससे आप घर बैठे ऑनलाइन पैसा कमा सकते है। तो आइए हम भी जानते है, की cuponduniya kya hai ओर cuponduniya se rewards or cashback कैसे प्राप्त करे

Cuponduniya App Kya Hai

कूपन दुनिया एक मोबाइल एप्लीकेशन है, जो आपको खरीददारी करने पर cashback देती है। इससे आप अपने मोबाइल का रिचार्च, बिजली पेमेंट, शॉपिंग 【अमेज़ॉन, फ्लिपकार्ट, paytm】 आदि से कोई सामान खरीदने पर कुछ रुपयों का cashback प्राप्त होता है।इस एप्प की सबसे बड़ी विशेषता यह है, की यह आपको इंटरनेट पर उपलब्ध सभी शॉपिंग वेबसाइट ओर पेमेंट ,रिचार्ज वाली वेबसाइट का यूज करने पर कैशबैक देती है। हम लोग आप अपनी दैनिक  लाइफ में हर रोज ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, शॉपिंग आदि करते रहते है। ऐसे में अगर हम कूपन दुनिया app का इतेमाल करते है, तो हम अच्छे खासे पैसे कमा सकते है।कूपन दुनिया वेबसाइट भी Cashkaro एप्लीकेशन के समान ही है। यह वेबसाइट भी आपको Cashkaro के जैसे Cashback ओर rewards से पैसे कमाने का मौका देती है।

Cuponduniya Se Cash Back Or Rewards Kaise Kamaye

कूपन दुनिया एप्लीकेशन भी अन्य मोबाइल एप्लीकेशन cashkaro के जैसे ही है। इस एप्लीकेशन का उपयोग करना बहुत आसान है। लेकिन इसके लिए आपको Cuponduniya App को अपने मोबाइल फ़ोन में install करना जरूरी होता है। आप हमारे द्वारा बताए गए स्टेप्स के माध्यम से आसानी से Cuponduniya App को Download कर सकते है।

Cuponduniya app को install कैसे करे?

  1. सबसे पहले आपको अपने मोबाइल फ़ोन में play store को ओपन करना है।
  2. इसके बाद आपको play store में search box में cupon duniya app को सर्च करना है।
  3. अब आपको cuponduniya app दिखाई देगा। यहां पर आपको install के बटन पर क्लिक करके cupon duniya app को इनस्टॉल कर लेना है।

Cuponduniya App Par Account Kaise Banaye

कूपन दुनिया app पर अकॉउंट बनाने का तरीका cash karo ओर cupon india app पर एकाउंट बनाने के जैसा ही है। आप हमारे द्वारा बताए गए आसान स्टेप्स से अपना अकॉउंट बना सकते है।

सबसे पव्हले आपको अपने मोबाइल फ़ोन में cupon duniya एप्प को open कर लेना है।

  1. अब आपको नीचे की तरफ profile आइकॉन पर क्लिक करना है।
  2. इसके बाद आपको फेसबुक और गूगल एकाउंट के द्वारा sign up कर लेना है।
  3. इसमे आपको अपना नाम, मोबाइल नंबर और मेल id आदि डालना है ओर otp वेरीफाई करना है। इसके बाद आपका अकॉउंट बनकर तैयार है।

Cuponduniya एप्प का उपयोग कैसे करे

  1. Cuponduniya का उपयोग करने के लिए सबसे पहले Cuponduniya App को ओपन करना है। यहां पर आप अपनी पसंद के प्रोडक्ट देख सकते है। इसमे केटेगरी के हिसाब से भी आप प्रोडक्ट देख सकते है। इसमे paytm, अमेज़ॉन,फ्लिपकार्ट,स्नैपडील जैसी सभी पॉपुलर वेबसाइट के प्रोडक्ट देखने का फीचर मिल जाता है।
  2. यहां पर आपको उस प्रोडक्ट का चुनाव करना है, जिस प्रोडक्ट को आप खरीदना चाहते है।
  3. ऑफर का चुनाव करने के बाद आपको goto स्टोर के बटन पर जाना है।
  4. इसके बाद आपको उस वेबसाइट या apps पर redirect कर दिया जाता है, जिस वेबसाइट पर से आप समान खरीदना चाहते है।
  5. इसके बाद अगर आप उस प्रोडक्ट को खरीदते हो, तो आपके cupon duniya app में cashback panding में शो होने लगता है।
  6. जब प्रोडक्ट आपके पास पहुच जाता है, तो आपको आपके cupanduniya app में आपका कमीशन शो होने लगता है।
  7. जब आपके account में 250 रुपये इकठे हो जाते है, तो आपके बैंक account में पैसे भेज दिए जाते है।

Cuponduniya App Se Paise Kaise Nikale

कूपन दुनिया एप्प से पैसा निकालना बहुत आसान है। लेकिन इसके लिए आपके अकॉउंट में 250 रुपये होना बहुत जरूरी है। अगर इससे कम पेसे है, तो आप cupon duniya app से पैसे नही निकाल पाओगे। आप हमारे द्वारा बताए गए स्टेप्स को फॉलो करके आसानी से पैसे निकाल सकते है। तो आइए सीखते है।

  1. सबसे पहले cuponduniya app को open करना है।
  2. अब ऊपर कोने की तरफ थ्री लाइन पर क्लिक करके withdraw वाले बटन पर क्लिक करिए।
  3. इसके बाद आपको withdraw money के लिए अलग अलग ऑप्शन दिखाई देंगे। इनमे से आपको किसी भी एक ऑप्शन का चुनाव करना है।
  4. एक बार प्रोसेस होने के कुछ देर बाद आपका पैसा आपके बैंक एकाउंट, paytm , में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
  5. आप चाहे तो अपने cashback के द्वारा मोबाइल रिचार्ज, शॉपिंग आदि कर सकते है। लेकिन इसके लिए आपके account में पर्याप्त पैसा होना जरूरी है।

निस्कर्ष

इस लेख में हमने आपको Cuponduniya App Kya Hai ओर Cuponduniya App Se Paise Kaise Kamaye, इसके बारे में बताया है। अगर आप रोजाना शॉपिंग करते है, तो आपको Cuponduniya एप्लीकेशन का यूज जरूर करना चाहिए ,जिससे कि आप कुछ पैसा कमा सके। अगर आपके पास इस विषय से संबंधित कोई सवाल है, तो आप हमे कमेंट करके पूछ सकते है।

अगर आपको हमारी पोस्ट cupon duniya app kya hai और कूपन दुनिया से पैसे कैसे कमाए पसन्द आई है, तो आप इसे अपने दोस्तों, परिवार के लोगो के साथ जरूर शेयर करे, जिससे कि उनको भी Cuponduniya App Kya Hai और Cuponduniya Se Paise Kaise Kamaye इसके बारे में पता चल सके। जय जवान जय किसान

 

 

 

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