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Zincovit Tablet Effects and Side Effects

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Zincovit Tablet Effects and Side Effects, बहुत बार ऐसा होता है कि जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं और अपनी परेशानी बताते हैं कि आपको अक्सर कमज़ोरी या थकान महसूस होती है। आपका मन काम में नहीं लगता। डॉक्टर आपकी बातें सुनने के बाद आपको कुछ चीज़ें खाने-पीने की सलाह देता है। कभी कोई फल या सब्ज़ी वगैरहा-वगैरहा। मगर शरीर में मज़बूत सभी पोषक तत्वों की कमी एक साथ पूरी नहीं की जा सकती। लिहाज़ा आपको डॉक्टर आपको मल्टी-विटामिन की गोली लेने को कहता है। ज़िंकोविट (Zincovit) ऐसी ही एक दवा है, जिसकी सलाह अक्सर डॉक्टर देते हैं, जिससे आपके शरीर में हो रही पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सके।इस लेख में हम इसी दवा के बारे में बात करेंगे। ज़िंकोविट (Zincovit) क्या होती है? इसका इस्तेमाल कब और कैसे किया जाता है? इसे इस्तेमाल करने के फायदे और नुकसान क्या हैं ? इन सभी सवालों के उत्तर हम आपको देंगे।

 

Zincovit Tablet (15): Uses, Price, Dosage, Side Effects, Substitute, Buy  Online

ज़िंकोविट (Zincovit) का फ़ॉर्मूला

ज़िंकोविट (Zincovit) एक मल्टी विटामिन दवा है, जिसमें शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व होते हैं। इस दवा में मौजूद तत्व कुछ इस प्रकार हैं-

  1. विटामिन ए
  2. विटामिन बी-1
  3. विटामिन बी-2
  4. विटामिन बी-3
  5. विटामिन बी-5
  6. विटामिन बी-6
  7. विटामिन बी-9
  8. विटामिन बी-12
  9. विटामिन सी
  10. विटामिन डी-3
  11. विटामिन ई
  12. ज़िंक
  13. मैग्नीशियम
  14. मैंगनीज़
  15. आय़ोडीन
  16. कॉपर
  17. सेलिनियम
  18. क्रोमियम
  19. ग्रेप सीड़ एक्सट्रेट

 

किन बीमारियों में होता है ज़िंकोविट (Zincovit) का इस्तेमाल 

ज़िंकोविट (Zincovit) दवा का उपयोग कई प्रकार के रोगों में किया जाता है।

यह मल्टी-विटामिन दवाई खास तौर पर उन लोगों को दी जाती है, जो कम पोषक तत्व वाला भोजन लेते हैं।

इसके उयोग से उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी पूरी होती है।

इसके अलावा कुछ अन्य बीमारियों में भी इसका इस्तेमाल होता है, जो इस प्रकार हैं-

  1. हृदय संबंधी समस्याएं
  2. इंफेक्शन
  3. एनीमिया
  4. न्यूरोपैथी

 

 कैसे करें ज़िंकोविट (Zincovit) का उपयोग व सावधानियां

 ज़िंकोविट (Zincovit) का इस्तेमाल केवल डॉक्टर की सलाह पर ही करें।

इसे पानी के साथ लेना सबसे बेहतर माना जाता है।

डॉक्टर मरीज़ की आयु व उसकी सेहत के मुताबिक दवा की खुराक तय करता है। आम मरीज़ को दिन में 1 से 2 गोलियां लेने के लिए कहा जाता है।

शुरुआती तौर पर दिन में 3 गोलियां भी दी जा सकती हैं।

ज़िंकोविट (Zincovit) सीरप के रूप में भी आती है। अक्सर छोटे बच्चों के शरीर में पोषण की कमी पूरी करने के लिए इसे दिया जाता है।

 

कैसे काम करती है ज़िंकोविट (Zincovit)

ज़िंकोविट (Zincovit) में कई पोषक तत्व होते हैं, जो अलग-अलग तरीके से काम करके आपको शरीर को लाभ पहुंचाते हैं।

इसमें मौजूद ज़िंक शारीरिक विकास, प्रतिरोधक क्षमता व आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है।

एनीमिया से लडने में विटामिन बी-9 काम आता है तो विटामिन बी-12 डायबिटिक न्यूरौपैथी के लिए उपयोगी होता है।

विटामिन सी के सेवन से त्वचा व दिल की बीमारियों में लाभ होता है।

 

ज़िंकोविट (Zincovit) को कहां स्टोर करें

ज़िंकोविट (Zincovit) को कमरे के सामान्य तापमान पर रखा जाता है।

सीधे सूरज की रोशनी के संपर्क में ना आने की सलाह दी जाती है।

 

ज़िंकोविट (Zincovit) के दुष्प्रभाव (Side-Effects)

कुछ रोगियों के लिए ज़िंकोविट (Zincovit Tablet Effects and Side Effects) का सेवन थोड़ा परेशानी वाला हो सकता है, जिसके दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं, जो इस प्रकार हैं-

  1. सामान्य खांसी
  2. खुजली
  3. मुंह सूखना
  4. जी घबराना
  5. जोडों में दर्द
  6. स्वाद में बदलाव
  7. सोने में समस्या
  8. सूजन
  9. धड़कनो का बढ़ना

 

किन मरीज़ों के लिए नहीं है ज़िंकोविट (Zincovit)

ज़िंकोविट (Zincovit) के दुष्प्रभाव कम ही देखने को मिले हैं। फिर भी कुछ रोगियों के लिए इसके सेवन को लेकर सावधानी बरती जानी चाहिए। यह रोगी कौन-कौन से हैं, वह कुछ इस प्रकार हैं-

  1. गर्भवती महिलाएं
  2. एनीमिया
  3. दवा में मौजूद तत्वों से एलर्जी वाले मरीज़

 

ज़िंकोविट (Zincovit) के प्रकार

ज़िंकोविट (Zincovit) दवा बाज़ार में कई तरीकों से मिलती है, जिसमें टैबलेट, ड्रॉप व सीरप शामिल हैं।

 

अंतिम शब्द

ज़िंकोविट (Zincovit) पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने वाली दवा है, जो बाज़ार में आसानी से उपलब्ध है।

अगर आप भोजन से पूरे पोषक तत्व नहीं ले पा रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह पर आप ज़िंकोविट (Zincovit) का इस्तेमाल कर पोषक तत्वों की कमी को पूरा कर सकते हैं।

इस दवा के बारे में आपको सारी जानकारी देने की हमने कोशिश की है।

अगर आपको ज़िंकोविट (Zincovit) से जुड़ा यह लेख पसंद आया तो इसे लाइक करें और अपने स्वजनों के साथ शेयर कर दवा के बारे में उन्हें भी जानकारी दें।

Montair LC Tablet Effects and Side Effects

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Montair LC Tablet Effects and Side Effects, बदलते मौसम के साथ हमें नांक बहना, बंद नाक व छींक आने जैसे सामान्य लक्षण देखने को मिलते हैं। खासतौर पर मार्च व अक्तूबर माह में अक्सर लोगों को ऐसी समस्याएं झेलनी पड़ती हैं। घरों में मां ऐसे वक्त में आपको देसी काढ़ा बनाकर देती हैं। इसके अलावा भाप लेने की सलाह दी जाती है। अगर आप इन समस्याओं को लेकर डॉक्टर के पास जाते हैं तो वह कुछ दवाएं आपको देते हैं, जिसमें मोनटेयर एलसी(Montair LC) प्रमुख दवाओं में शामिल हैं। इनके सेवन की डॉक्टर सलाह देते हैं।इस लेख में हम इसी दवा के बारे में बात करेंगे। मोनटेयर एलसी(Montair LC) क्या होती है? इसका इस्तेमाल कब और कैसे किया जाता है? इसे इस्तेमाल करने के फायदे और नुकसान क्या हैं ? इन सभी सवालों के जवाब हम आपको देने की कोशिश करेंगे। ,

 

 

 

 

Montair LC Tablet Uses, Side effects, Precautions - PharmBaba

 

 

 

मोनटेयर एलसी(Montair LC) का फ़ॉर्मूला

मोनटेयर एलसी(Montair LC Tablet Effects and Side Effects LC) दो दवाओं का मिश्रण है, जिसमें लेवोसेट्रिज़ीन व मोंटेलुकास्ट शामिल हैं।  

 

किन बीमारियों में होता है मोनटेयर एलसी(Montair LC) का इस्तेमाल 

मोनटेयर एलसी(Montair LC) का इस्तेमाल नाक बहना, बंद नाक, छींक आना, खुजली होना, सूजन आना, आंखों से पानी आना व सांस लेने की तकलीफ जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए होता है।

 

कैसे करें मोनटेयर एलसी(Montair LC) का उपयोग व सावधानियां

मोनटेयर एलसी(Montair LC) को रोज़ाना एक निश्चित समय पर लिया जाता है।

इसे खाने से पहले या बाद में लिया जा सकता है।

इसकी खुराक व उपयोग की सही विधि के बारे में चिकित्सीय परामर्श आवश्यक है।

अन्य दवाइयों की तरह मोनटेयर एलसी(Montair LC) की टैबलैट के निगलने को कहा जाता है।

 

कैसे काम करती है मोनटेयर एलसी(Montair LC)

जैसा कि हमने आपको बताया कि मोनटेयर एलसी(Montair LC) दो लेवोसेट्रिज़ीन व मोंटेलुकास्ट का मिश्रण है, जिसमें लेवोसेट्रिज़ीन एंटी एलर्जिक का काम करती है।

ये नाक बहने, आंखों में पानी व छींक आने की वजह से बनने वाले हिस्टामिन केमिकल को रोकती है।

मोंटेलुकास्ट ल्यूकोट्रीन केमिकल को बनने से रोकने के कारण वायुमार्गों व नाक में सूजन की दिक्कतों से राहत प्रदान करता है।

 

मोनटेयर एलसी(Montair LC) को कहां स्टोर करें

मोनटेयर एलसी(Montair LC) को कमरे के सामान्य तापमान 10 से 30 डिग्री के बीच में रखना चाहिए।

 

मोनटेयर एलसी(Montair LC) के दुष्प्रभाव (Side-Effects)

मोनटेयर एलसी(Montair LC) के सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव समय के साथ खुद ही गायब हो जाते हैं।

मगर लंबे समय तक दुष्प्रभाव बने रहें या इनका असर ज्यादा हो तो डॉक्टर की सलाह लें।

मोनटेयर एलसी(Montair LC) के सेवन से होने वाले साइड इफैक्ट्स कुछ इस प्रकार हैं-

  1. मितली व चक्कर आना
  2. डायरिया
  3. नींद आना
  4. मुंह में सूखापन
  5. उल्टी
  6. खुजली
  7. थकान

 

किन मरीजों के लिए नहीं है मोनटेयर एलसी(Montair LC)

कुछ रोगियों को मोनटेयर एलसी(Montair LC) के इस्तेमाल से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, जिनपर इस दवाई के दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

जिन मरीजों को मोनटेयर एलसी(Montair LC) का सेवन नहीं करना चाहिए, वह इस प्रकार हैं –

  1. किडनी की समस्या से पीड़ित मरीज़
  2. लिवर की समस्या वाले मरीज़

 

मोनटेयर एलसी(Montair LC) के विकल्प

मोनटेयर एलसी(Montair LC) के कई विकल्प भी बाज़ार में मौजूद हैं।

यह दवाएं आप डॉक्टर की सलाह पर मोनटेयर एलसी(Montair LC) के स्थान पर ले सकते हैं।

सबसे अच्छी बात है कि मोनटेयर एलसी(Montair LC) से यह दवाएं सस्ती भी हैं।

जहां मोनटेयर एलसी(Montair LC) की एक टैबलेट की कीमत साढ़े 17 रुपए से भी ज्यादा है।

वहीं विकल्प के तौर पर मौजूद दवाएं 6 रुपए से साढ़े 11 रुपए प्रति टैबलैट की दर से उपलब्ध हैं।

मोनटेयर एलसी(Montair LC) के विकल्प के तौर पर आप जिन दवाओं को ले सकते हैं, वो इस प्रकार हैं-

  1. मोंटीकोप
  2. लिवोसेट
  3. मोनटिना-एल
  4. लिकोप-एम
  5. इनफिनेर

अंतिम शब्द

एंटी एलर्जिक दवा के तौर पर मोनटेयर एलसी(Montair LC) एक अच्छा विकल्प है।

इसमें दो दर्द निवारक दवाओं के मिश्रण हैं।

जिसकी वजह से थोड़ी महंगी होने के बाद भी इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि यह ज्यादा असरदार भी होगी।

मोनटेयर एलसी(Montair LCसे जुड़ा हमारा लेख आपको कैसा लगा, हमें लाइक व शेयर के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिय़ा दें।

Ranitidine Tablet Effects and Side Effects

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Ranitidine Tablet Effects and Side Effects, पेट और आंतो में अल्सर एक गंभीर बीमारी है, जिसका समय रहते इलाज किया जाना चाहिए। इलाज में लापरवाही के कारण समस्या गंभीर हो सकती है इसलिए जब मरीज़ डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाता है, तब डॉक्टर रेनिटीडीन (Ranitidine) दवा की सलाह देते हैं। ये आसानी से मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध है।अल्सर के लिए दिए जाने वाली दवाओं में रेनिटीडीन (Ranitidine) प्रमुख रूप से शामिल है। इसके सेवन की डॉक्टर सलाह देते हैं। इस लेख में हम इसी दवा के बारे में बात करेंगे। रेनिटीडीन (Ranitidine) क्या होती है? इसका इस्तेमाल कब और कैसे किया जाता है? इसे इस्तेमाल करने के फायदे और नुकसान क्या हैं? इन सभी सवालों के जवाब हम आपको देने की कोशिश करेंगे

 

 

 

Ranitidine - Uses, Side Effects, Recommended Dose

 

 

 

 

किन बीमारियों में होता है रेनिटीडीन (Ranitidine) का इस्तेमाल 

रेनिटीडीन (Ranitidine) का इस्तेमाल पेट व आंतों के अल्सर को जड़ से खत्म करने व पेट में बनने वाले एसिड जैसे इरोसिव एसोफैगिटिस या जोलिंगर- एलिसन की वजह से पेट और गले में होने वाली समस्याओं के इलाज व रोकथाम के लिए होता है।

 

कैसे करें रेनिटीडीन (Ranitidine) का उपयोग व सावधानियां

रेनिटीडीन (Ranitidine) को रोजाना एक निश्चित समय पर लिया जाता है।

इसे खाली पेट या खाने के साथ खाने की सलाह दी जाती है। दवा की खुराक लिंग, आयु व वजन के मुताबिक डॉक्टर तय करते हैं।

इसलिए खुराक व उपयोग की सही विधि के बारे में चिकित्सीय परामर्श आवश्यक है। एक दिन में दो से ज्यादा गोलियों का सेवन न करें।

 

कैसे काम करती है रेनिटीडीन (Ranitidine)

रेनिटीडीन (Ranitidine) का इस्तेमाल एच-2 हिस्टामिन अवरोधक के रूप में किया जाता है, जो पेट में एसिड की मात्रा को कम करके अल्सर को ठीक करने व दोबारा होने से रोकता है।

 

रेनिटीडीन (Ranitidine) को कहां स्टोर करें

रेनिटीडीन (Ranitidine) को कमरे के सामान्य तापमान 10 से 30 डिग्री के बीच में रखना चाहिए।

सीधे धूप या नमी से बचाकर इसे रखना चाहिए। इसके अलावा दवा के एक्सपायर होने पर इसे फेंके नहीं।

इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखें।

 

रेनिटीडीन (Ranitidine) के दुष्प्रभाव

रेनिटीडीन (Ranitidine) के सेवन से कुछ दुष्प्रभाव देखने को मिले हैं, जिनपर नज़र बनाई रखनी चाहिए।

समस्या बढ़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें। रेनिटीडीन (Ranitidine) के सेवन से होने वाले साइड इफेक्ट्स कुछ इस प्रकार हैं-

  1. सीने में दर्द
  2. सांस लेने में तकलीफ
  3. हरे व पीले बलगम के साथ खांसी
  4. खून बहना
  5. असामान्य कमज़ोरी
  6. नज़र का धुंधला आना
  7. बुखार
  8. गले में खराश या छाला
  9. पेट में दर्द

 

किन मरीज़ों के लिए नहीं है रेनिटीडीन (Ranitidine)

कुछ रोगियों को रेनिटीडीन (Ranitidine) के इस्तेमाल से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, जिन पर इस दवाई के दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

जिन मरीज़ों को रेनिटीडीन (Ranitidine) का सेवन नहीं करना चाहिए, वह इस प्रकार हैं –

  1. किडनी की समस्या से पीड़ित मरीज़
  2. लिवर की समस्या वाले मरीज़

 

रेनिटीडीन (Ranitidine) के प्रकार  

रेनिटिडिन (Ranitidine) कई प्रकार से बाज़ार में उपलब्ध है।

केवल टैबलेट ही नहीं अन्य तरीकों से भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। वो इस प्रकार हैं-

  1. रेनिटीडीन (Ranitidine) टैबलेट 25 मि.ग्रा., 75 मि.ग्रा., 150 मि.ग्रा. व 300 मि.ग्रा.
  2. रेनिटीडीन (Ranitidine) कैप्सूल 150 मि.ग्रा. व 300 मि.ग्रा.
  3. रेनिटीडीन (Ranitidine) इंजेक्शन 50 मि.ग्रा./2मि.ली., 150 मि.ग्रा./6 मि.ली. व 1000 मि.ग्रा./40मि.ग्रा.

अंतिम शब्द

अल्सर की रोकथाम की दवा के तौर पर रेनिटीडीन (Ranitidine Tablet Effects and Side Effects) एक अच्छा विकल्प है।

हालांकि इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हैं, जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

लिहाज़ा केवल डॉक्टर की सलाह पर ही इसका इस्तेमाल करें, ताकि आप सही इलाज ले सकें।

रेनिटीडीन (Ranitidine) से जुड़ा हमारा लेख आपको कैसा लगा, हमें लाइक व शेयर के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दें।

Nimesulide Tablet Effects and Side Effects

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Nimesulide Tablet Effects and Side Effects, दर्द शब्द का अपना गहरा प्रभाव है। दर्द नाम सुनते ही हम सबके कान खडे हो जाते हैं। कभी भी दर्द होता है तो हम उससे जल्दी से जल्दी छुटकारा पाना चाहते हैं। खासतौर पर बढ़ती उम्र के साथ आपकी हड्डियां कमज़ोर होने लगती हैं और आप अर्थराइटिस जैसी बीमारियों से घिर जाते हैं, जिसके इलाज के लिए आप हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के पास जाते हैं ताकि अपनी बीमारी का सही इलाज ले सकें और दर्द से राहत पा सकें। निमेसुलाइड (Nimesulide) मुख्य रूप से दर्द निवारक दवा है इसलिए यह दवा डॉक्टर देते हैं।

 

 

 

Nimesulide and Paracetamol Tablet Uses in Hindi - YouTube

 

 

 

 

इस लेख में हम इसी दवा के बारे में बात करेंगे। निमेसुलाइड (Nimesulide) क्या होती है? इसका इस्तेमाल कब और कैसे किया जाता है? इसे इस्तेमाल करने के फायदे और नुकसान क्या हैं ? आपके सभी सवालों के जवाब हम आपको देने का प्रयास करेंगे।

 

निमेसुलाइड (Nimesulide) का फॉर्मूला

निमेसुलाइड (Nimesulide) का मुख्य घटक निमेसुलाइड ही है।

 

किन बीमारियों में होता है निमेसुलाइड (Nimesulide) का इस्तेमाल 

निमेसुलाइड (Nimesulide) दर्द निवारक दवा है। इस दवा के इस्तेमाल से आपको जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, ऑस्टियो अर्थराइटिस, रूमेटाइड अर्थराइटिस, स्पॉन्डिलाइटिस, गठिया संबंधी दर्द, दांतों का संक्रमण, बदन दर्द, टांगों में दर्द व कलाई में दर्द व सूजन जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।

 

कैसे करें निमेसुलाइड (Nimesulide) का उपयोग व सावधानियां

निमेसुलाइड (Nimesulide) को रोज़ाना एक निश्चित समय पर डॉक्टर की सलाह से लिया जाता है।

इसे खाने के साथ लेने की सलाह दी जाती है।

दवा की खुराक लिंग, आयु, वजन व खासतौर पर मरीज़ की मेडिकल हिस्ट्री के मुताबिक डॉक्टर तय करते हैं।

12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए इसके इस्तेमात प्रतिबंधित है।

इसलिए खुराक व उपयोग की सही विधि के बारे में चिकित्सीय परामर्श आवश्यक है।

इसके अलावा दवा को पूरा एक साथ निगलने की सलाह दी जाती है।

इसे कुचलकर य पिसकर न खाएं। शराब के साथ इस दवा का सेवन वर्जित है।

 

कैसे काम करती है निमेसुलाइड (Nimesulide)

निमेसुलाइड (Nimesulide) का मुख्य घटक निमेसुलाइड है, जो एक गैर-स्टेरॉयडल सूजन रोधी दवा है।

यह कुछ विशेष प्रकार के रसायनों के स्त्राव को रोकती है, जिससे रोगी को दर्द व सूजन में राहत मिलती है।

 

निमेसुलाइड (Nimesulide) को कहां स्टोर करें

निमेसुलाइड (Nimesulide) को कमरे के सामान्य तापमान 10 से 30 डिग्री के बीच में रखना चाहिए।

सीधे धूप या नमी से बचाकर इसे रखना चाहिए। इसके अलावा दवा के एक्सपायर होने पर इसे फेंके नहीं।

इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखें।

 

निमेसुलाइड (Nimesulide) के दुष्प्रभाव (Side-Effects)

निमेसुलाइड (Nimesulide) के सेवन से कुछ दुष्प्रभाव दिखने को मिले हैं, जिनपर नजर बनाई रखनी चाहिए।

समस्या बढ़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

निमेसुलाइड (Nimesulide) के सेवन से होने वाले साइड इफैक्ट्स कुछ इस प्रकार हैं-

  1. अपच
  2. डायरिया (दस्त)
  3. भूख में कमी
  4. डायरिया
  5. मितली आना
  6. पेट दर्द

 

किन मरीज़ों के लिए नहीं है निमेसुलाइड (Nimesulide)

कुछ रोगियों को निमेसुलाइड (Nimesulide) के इस्तेमाल से पहले खास सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

जिनपर इस दवाई के दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

अगर आप किसी अन्य दवा का सेवन कर रहे हैं तो निमेसुलाइड (Nimesulide) का इस्तेमाल करने से पहले ज़रूरी सलाह अवश्य लें।

इसके अलावा कुछ अन्य परिस्थितियों में भी मरीज़ों को निमेसुलाइड (Nimesulide) का सेवन की मनाही या डॉक्टर के परामर्श पर ही करना चाहिए, वह इस प्रकार हैं –

  1. किडनी की समस्या से पीड़ित मरीज़
  2. लिवर की समस्या वाले मरीज़
  3. दमा
  4. आंतों में सूजन
  5. खून का थक्का जमने संबंधी विकार
  6. हृदय रोग

 

 

 

 

 

 

 

 

अंतिम शब्द

दर्द ऐसी बीमारी है, जिससे सभी जल्दी से जल्दी छुटकारा पाना चाहते हैं।

खासतौर पर अर्थराइटिस जैसी बीमारियों के लिए निमेसुलाइड (Nimesulide) एक असरदार दवा है, जो आसानी से उपलब्ध व सस्ती है। अगर आप लेख में बताई गई किसी बीमारी से पीडित नहीं हैं तो निमेसुलाइड (Nimesulide) का सेवन कर सकते हैं।

निमेसुलाइड (Nimesulide Tablet Effects and Side Effects) से जुड़ा हमारा लेख आपको कैसा लगा, हमें लाइक व शेयर के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दें।

Sinarest Tablet Effects and Side Effects

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Sinarest Tablet Effects and Side Effects, सर्दी या जुकाम होना आम बात है। हालांकि जबसे कोरोना का ज़ोर बढ़ा है, आमजन खांसी व जुकाम को लेकर सतर्क हो गए हैं।मगर कोरोना को छोड़ दें तो जुकाम या बुखार आमतौर पर होने वाले सामान्य रोग हैं।इनका बड़ा साधारण सा इलाज होता है। इनके इलाज के लिए बाज़ार में कई प्रकार की दवाएं मौजूद हैं, जिसमें सिनारेस्ट(Sinarest) भी एक असरकारक दवा है, जिसे अक्सर डॉक्टर अपने मरीज़ों को लेने की सलाह देते हैं।इस लेख में हम इसी दवा के बारे में बात करेंगे। सिनारेस्ट(Sinarest) क्या होती है? इसका इस्तेमाल कब और कैसे किया जाता है? इसे इस्तेमाल करने के फायदे और नुकसान क्या हैं ? इन सभी प्रश्नों के उत्तर हम आज आपको देंगे।

 

 

 

Sinarest New Tablet 10's Price, Uses, Side Effects, Composition - Apollo  Pharmacy

 

 

 

सिनारेस्ट(Sinarest) का फॉर्मूला

सिनारेस्ट(Sinarest) तीन दवाओं को मिश्रण हैं, जिसमें क्लोरफेनीरमिन मेलेट , पैरासिटामोल व फेनाइलफरिन शामिल हैं।

 

किन बीमारियों में होता है सिनारेस्ट(Sinarest) का इस्तेमाल 

सिनारेस्ट(Sinarest) जुकाम के लक्षणों में दी जाने वाली दवा है।

इस दवा के इस्तेमाल से आपको सिर दर्द, गले में दर्द, बुखार, नाक बहना व मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षणों में राहत मिलती है।

 

कैसे करें सिनारेस्ट(Sinarest) का उपयोग व सावधानियां

सिनारेस्ट(Sinarest) को रोज़ाना एक निश्चित समय पर डॉक्टर की सलाह से लिया जाता है।

इसे भूखे पेट या खाने का साथ लेने की सलाह दी जाती है।

दवा की खुराक लिंग, आयु व वजन के मुताबिक डॉक्टर तय करते हैं इसलिए खुराक व उपयोग की सही विधि के बारे में चिकित्सीय परामर्श आवश्यक है।

इसके अलावा दवा को पूरा एक साथ निगलने की सलाह दी जाती है। इसे कुचलकर या पीसकर ना खाएं न ही किसी नशीले पदार्थ के साथ इसका सेवन करें।

 

कैसे काम करती है सिनारेस्ट

सिनारेस्ट(Sinarest) में तीन दवाओं का मिश्रण है, जो अलग-अलग कारकों पर काम कर रोगी को राहत देती हैं।

इसमें क्लोरफेनिरमीन एक एंटी-एलर्जिक दवा है जो नाक बहना, आंखों से पानी गिरना व छींक से राहत प्रदान करता है।

पैरासिटामोल उन रसायनों को मस्तिष्क तक पहुंचने से रोकती है, जिससे आपको दर्द या बुखार होता है।

फिनाइलेफ्रिन नाक की छोटी रक्त वाहिकाओं को सिकुड़कर बंद नाक की समस्या से राहत दिलाती है।

 

Sinarest को कहां स्टोर करें

सिनारेस्ट(Sinarest) को कमरे के सामान्य तापमान 10 से 30 डिग्री के बीच में रखना चाहिए।

सीधे धूप या नमी से बचाकर इसे रखना चाहिए।

इसके अलावा दवा के एक्सपायर होने पर इसे फेंके नहीं। इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखें।

 

सिनारेस्ट(Sinarest) के दुष्प्रभाव (Side-Effects)

सिनारेस्ट(Sinarest) के सेवन से कुछ दुष्प्रभाव दिखने को मिले हैं। जिन पर नज़र बनाई रखनी चाहिए।

समस्या बढ़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

सिनारेस्ट(Sinarest) के सेवन से होने वाले साइड इफेक्ट्स कुछ इस प्रकार हैं-

  1. नींद आना
  2. एलर्जिक रिएक्शन
  3. मितली आना
  4. सिर दर्द
  5. चक्कर आना
  6. उल्टी

 

किन मरीज़ों के लिए नहीं है सिनारेस्ट(Sinarest)

कुछ रोगियों को सिनारेस्ट(Sinarest)के इस्तेमाल से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है जिनपर इस दवाई के दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

अगर आप किसी अन्य दवा का सेवन कर रहे हैं तो सिनारेस्ट(Sinarest) का इस्तेमाल करने से पहले ज़रूरी सलाह लें।

इसके अलावा कुछ अन्य परिस्थितियों में भी मरीज़ों को सिनारेस्ट(Sinarest) का सेवन डॉक्टर के परामर्श पर ही करना चाहिए, वह इस प्रकार हैं –

  1. किडनी की समस्या से पीड़ित मरीज़
  2. लिवर की समस्या वाले मरीज़
  3. गर्भावस्था
  4. स्तनपान कराने वाली महिलाएं

 

सिनारेस्ट(Sinarest) के विकल्प

सिनारेस्ट(Sinarest) के अन्य विकल्प भी बाज़ार में उपलब्ध हैं, जो सिनारेस्ट(Sinarest) से सस्ते भी हैं।

सिनारेस्ट(Sinarest) की Sinarest Tablet Effects and Side Effects एक खुराक साढ़े 5 रुपए की होती है, वहीं वैकल्पिक दवाओं की कीमत करीब साढ़े 3 रुपए से लेकर साढ़े 4 रुपए के बीच है।

सिनारेस्ट(Sinarest) के कुछ विकल्प इस प्रकार हैं-

  1. फ्लूकोल्ड
  2. नेजोक्लियर
  3. कूलर एफ
  4. अव्रिल 2
  5. केय्रेस्ट 2

 

अंतिम शब्द

सर्दी व जुकाम बेहद सामान्य बीमारी हैं। लेकिन लापरवाही करने से इनके दुष्प्रभाव ज्यादा हो सकते हैं।

इसलिए कभी भी आपको जुकाम या बुखार की शिकायत हो तो डॉक्टर की सलाह पर सिनारेस्ट(Sinarest) जैसी दवाओं का इस्तेमाल करें।

यह दवा कुछ ही घटों में अपना काम करके आपको राहत पहुंचाती हैं।

सिनारेस्ट (Sinarest) से जुड़ा हमारा लेख आपको कैसा लगा, हमें लाइक व शेयर के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिय़ा दें।

Zerodol-P Tablet Effects and Side Effects

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Zerodol-P Tablet Effects and Side Effects, बढ़ती उम्र के साथ आपकी हड्डियां कमज़ोर होने लगती हैं और आप अर्थराइटिस जैसी बीमारियों से घिर जाते हैं। इसके इलाज के लिए आप हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के पास जाते हैं, ताकि अपनी बीमारी का सही इलाज ले सकें और दर्द से राहत पा सकें।जेरोडोल (Zerodol-P) ऐसे ही एक दवा है, जो इस प्रकार के मरीज़ों को दी जाती है। हालांकि यह मुख्य रूप से दर्द निवारक है। इसलिए हर आयु वर्ग के लोगों को यह दवा डॉक्टर देते हैं।इस लेख में हम इसी दवा के बारे में बात करेंगे। जेरोडोल (Zerodol) क्या होती है? इसका इस्तेमाल कब और कैसे किया जाता है? इसे इस्तेमाल करने के फायदे और नुकसान क्या हैं ?

 

 

 

Zerodol-P Tablet 10's Price, Uses, Side Effects, Composition - Apollo  Pharmacy

 

 

 

जेरोडोल (Zerodol-P) का फॉर्मूला

जेरोडोल (Zerodol-P) का मुख्य घटक एसेक्लोफेनाक है।

 

किन बीमारियों में होता है जेरोडोल (Zerodol-P) का इस्तेमाल 

जेरोडोल (Zerodol-P) दर्द निवारक दवा है।

इस दवा के इस्तेमाल से आपको जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, ऑस्टियो अर्थराइटिस, रूमेटाइड अर्थराइटिस, स्पॉन्डिलाइटिस, गठिया संबंधी दर्द, दांतों का संक्रमण, बदन दर्द, टांगों में दर्द व कलाई में दर्द व सूजन जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।

 

कैसे करें जेरोडोल (Zerodol-P) का उपयोग व सावधानियां

जेरोडोल (Zerodol-P) को रोज़ाना एक निश्चित समय पर डॉक्टर की सलाह से लिया जाता है।

इसे खाने के साथ लेने की सलाह दी जाती है। दवा की खुराक लिंग, आयु, वजन व खासतौर पर मरीज़ की मेडिकल हिस्ट्री के मुताबिक डॉक्टर तय करते हैं।

इसलिए खुराक व उपयोग की सही विधि के बारे में चिकित्सीय परामर्श आवश्यक है।

इसके अलावा दवा को पूरा एक साथ निगलने की सलाह दी जाती है। नशीले पदार्थों के साथ इसका सेवन वर्जित है।

 

कैसे काम करती है जेरोडोल (Zerodol-P)

जेरोडोल (Zerodol) का मुख्य घटक एसोक्लोफेनाक है, जो एक गैर-स्टेरॉयडल सूजन रोधी दवा है।

यह कुछ विशेष प्रकार के रसायनों के स्त्राव को रोकती है, जिससे रोगी को दर्द व सूजन में राहत मिलती है।

 

जेरोडोल (Zerodol-P) को कहां स्टोर करें

जेरोडोल (Zerodol) को कमरे के सामान्य तापमान 10 से 30 डिग्री के बीच में रखना चाहिए।

सीधे धूप या नमी से बचाकर इसे रखना चाहिए। इसके अलावा दवा के एक्सपायर होने पर इसे फेंके नहीं। इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखें।

 

जेरोडोल (Zerodol-P) के दुष्प्रभाव

जेरोडोल (Zerodol) के सेवन से कुछ दुष्प्रभाव दिखने को मिले हैं।

इससे होने वाली समस्या के बढ़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

जेरोडोल (Zerodol) के सेवन से होने वाले साइड इफेक्ट्स कुछ इस प्रकार हैं-

  1. अपच
  2. डायरिया दस्त)
  3. भूख में कमी
  4. डायरिया
  5. मितली आना
  6. पेट दर्द

 

किन मरीजों के लिए नहीं है जेरोडोल (Zerodol-P)

कुछ रोगियों को जेरोडोल (Zerodol) के इस्तेमाल से पहले खास सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, जिनपर इस दवाई के साइड इफेक्टस दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

अगर आप किसी अन्य दवा का सेवन कर रहे हैं तो जेरोडोल (Zerodol) का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

इसके अलावा कुछ अन्य परिस्थितियों में भी मरीज़ों को जेरोडोल (Zerodol) के सेवन की मनाही या डॉक्टर के परामर्श पर ही करना चाहिए, वह इस प्रकार हैं –

  1. किडनी की समस्या से पीड़ित मरीज़
  2. लिवर की समस्या वाले मरीज़
  3. दमा
  4. आंतों में सूजन
  5. खून का थक्का जमने संबंधी विकार
  6. हृदय रोग

 

 

 

 

 

 

 

 

जेरोडोल (Zerodol-P) के विकल्प

जेरोडोल (Zerodol) के अन्य विकल्प भी बाज़ार में उपलब्ध हैं, जो जेरोडोल (Zerodol) से सस्ते भी हैं।

जेरोडोल (Zerodol) की एक खुराक साढ़े 4 रुपए की होती है, वहीं वैकल्पिक दवाओं की कीमत करीब 2 रुपए से लेकर साढ़े 3 रुपए के बीच है।

जेरोडोल (Zerodol) के कुछ विकल्प इस प्रकार हैं-

  1. टोपन्क
  2. असैबिड
  3. डोलोकिंड
  4. असैनल
  5. डोलोस्टैट

  

अंतिम शब्द 

अर्थराइटिस जैसी बीमारियों के लिए जेरोडोल (Zerodolएक असरदार दवा है, जो आसानी से उपलब्ध व सस्ती है।

अगर आप लेख में बताई गई किसी बीमारी से पीडित नहीं हैं तो जेरोडोल (Zerodolका सेवन कर सकते हैं।

जेरोडोल (Zerodol-P Tablet Effects and Side Effects) के ऊपर हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको कैसी लगी, हमें ज़रूर बताएं।

Unienzyme Tablet Effects and Side Effects

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Unienzyme Tablet Effects and Side Effects, आजकल अगर किसी व्यक्ति को देखो तो हर कोई अपने पेट की समस्या को लेकर परेशान है। फिर चाहें वो पेट में गैस बनना हो, कब्ज़, खट्टी डकार हो या अपच की समस्या हो….हर कोई इसको लेकर परेशान रहता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी दवाई के बारे में बता रहे है जिसकी मदद से आप पेट में होने वाली सभी समस्याओं को ख़त्म कर सकते हैं। Unienzyme ऐसी ही एक दवा है जो आपको गैस, कब्ज़, पेट में सूजन होना और खाना न पचना जैसी तकलीफों से छुटकारा दिलवा सकती है।अगर आपको जानना है कि Unienzyme tablet क्या है, इसके फायदे और नुकसान क्या होते हैं और इसे हम कैसे प्रयोग कर सकते हैं… तो इस आर्टिकल में हम आपको इसकी पूरी जानकारी देने का प्रयास करेंगे।

 

 

 

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किन बीमारियों में इस्तेमाल होती है Unienzyme Tablet

Unienzyme Tablet का ज्यादातर इस्तेमाल पेट की बीमारयों को दूर करने के लिए ही होता है।

लेकिन किन बीमारियों में हमें इस दवाई का इस्तेमाल करना चाहिए, उसकी बात हम यहाँ कर रहे हैं…

Unienzyme Tablet का प्रयोग पेट में गैस, पेट में सूजन, अपच, खट्टी डकार, पेट दर्द, गले में खराश, दस्त, और पेट में होने वाली अन्य समस्यायों के लिए किया जाता है |

 

Unienzyme Tablet का इस्तेमाल करते समय उपयोग एवं सावधानियां

आपको Unienzyme का उपयोग करते समय कई बातों का ध्यान रखना होगा और कई तरह की सावधानी भी बरतनी होगी।

Unienzyme टेबलेट आपकी आयु, लिंग, वजन और और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर निर्भर करती है  इसलिए इस दवाई का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

  • इस दवाई का उपयोग आप खाना खाने के बाद कर सकते हैं और इसे तोड़कर या फिर चबाकर न खाएं | इस दवाई को आप रात में ले सकते हैं।
  • इस दवाई के साथ आपको शराब का सेवन नहीं करना है।
  • और गर्भवती महिलाएं इसका उपयोग डॉक्टर की सलाह पर कर सकती हैं क्योंकि इसका उपयोग गर्भावस्था के दौरान होने वाले पित्त प्रवाह को रोकने के लिए भी किया जाता है।
  • इस दवाई में पाचन क्रिया को ठीक करने वाले एंजाइम होते हैं जो कि आपकी पाचन क्रिया को एकदम तंदरुस्त कर देते हैं।
  • और इसके अलावा बच्चों की बात करे तो बच्चों को इस दवा को देने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर ले |
  • Unienzyme Tablet का प्रयोग किसी और दवाई के साथ न करें क्योंकि इस दवाई के साथ अन्य किसी दवाई का प्रयोग करने से नुकसान हो सकता है।

 

Unienzyme Tablet कैसे काम करती है?

अब बात करते है कि यह दवाई कैसे काम करती है , Unienzyme Tablet में आपको पैपैन, चारकोल, आदि पाया जाता है।

चारकोल आपके शरीर में  अवशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने का काम करता है और पैपैन हमारी शरीर की पाचन शक्ति को मज़बूत करता है और प्रोटीन को तोड़कर शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।

इसके अलावा इसमें फंगल डायस्टेस भी पाया जाता है जो कि पेट में एसिडिटी को कम करता है।

 

Unienzyme से होने वाले दुष्परिणाम

वैसे तो Unienzyme Tablet से बहुत कम दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं लेकिन वो भी दवा का गलत तरीके से उपयोग करने से होते हैं।

अगर आपको साइड इफ़ेक्ट होते हैं तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

Unienzyme से होने वाले दुष्प्रभाव

  • पेशाब मार्ग में जलन
  • चक्कर
  • उल्टी
  • साँस लेने में तकलीफ
  • जी मचलना
  • त्वचा में जलन
  • काले रंग का मल

 

 

 

 

 

 

 

 

 

किसे नहीं लेनी चाहिए Unienzyme Tablet

अगर आप नीचे बताई गयी अवस्था में है तो इस दवाई का उपयोग करने से पहले आपको डॉक्टर से सलाह ज़रूर लेनी चाहिए।

गर्भवती महिलाएं : गर्भावस्था के दौरान अगर आपको पेट में कोई समस्या होती है तो इस दवाई का उपयोग आप कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको डॉक्टर से ज़रूर पूछना चाहिए।

स्तनपान : अगर कोई महिला स्तनपान की अवस्था में है तो इस टैबलेट का उपयोग करने से पहले आप डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें |

किडनी के मरीज़ : अगर आपको किडनी सम्बंधित बीमारी है तो इस दवा का सेवन बिल्कुल भी न करें।

रक्तस्त्राव  मरीज़ : अगर आपको ब्लीडिंग होती है तो भी आप इस दवाई का उपयोग करने से बचें।

 

अंतिम शब्द

पेट में गैस, पेट में सूजन, अपच, खट्टी डकार, पेट दर्द, गले में खराश, दस्त समस्या को खत्म करने के लिए  Unienzyme  Tablet एक अच्छा विकल्प है |

इस दवाई को आप खाना खाने के बाद खा सकते हैं।।

उम्मीद है कि आप सभी को Unienzyme Tablet Effects and Side Effects क्या है और Unienzyme Tablet के फायदे और नुकसान क्या हैं… इसके बारे में सब कुछ पता चल गया होगा।

अगर आपको हमारा यह छोटा सा प्रयास अच्छा लगा हो तो हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर करें ।

Ivermectin 12 Tablet Effects and Side Effects

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Ivermectin 12 Tablet Effects and Side Effects,  एक एंटी-पैरासाइट दवाई है। इसे एन्थेलमिन्टिक ड्रग भी कहते हैं, जिसका प्रयोग मुख्य रूप से परजीवी संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है। इसे पेट के कीड़े की दवा के नाम से भी जाना जाता है।Ivermectin 3Mg , 6Mg और 12Mg के अलग-अलग पॉवर में मिल जाती है।यह टैबलेट अधिकतर एल्बेंडाजोल टैबलेट के साथ जोड़े में मिलती है।

 

 

 

Ivernock 12 mg Tablet Uses View Dosage Substitutes Price and Sideeffects

 

 

 

 

आइवरमेक्टिन 12 दवा काम कैसे करती है 

आइवरमेक्टिन एन्थेलमिन्टिक दवाइयों के समूह के अंतर्गत आती है।

यह मानव शरीर में उपस्थित परजीवी कीड़ों को पंगु बनाकर नष्ट कर देती है।

 

Ivermectin 12 Tablet Uses (आइवरमेक्टिन 12 टैबलेट का उपयोग)

Ivermectin 12 टैबलेट का प्रयोग नीचे बताये गए सभी संक्रमण के लिए किया जाता है –

  • सभी प्रकार के परजीवी संक्रमण के इलाज के लिए
  • पेट के कीड़े मारने के लिए
  • सिर में जुएं मारने के लिए
  • पिनवर्म और विपवर्म संक्रमण के लिए
  • खाज-खुजली होने पर

इसके अधिक लाभ के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें |

 

Ivermectin 12 Tablet Side Effect (आइवरमेक्टिन 12 टैबलेट के दुष्परिणाम)

रिसर्च के द्वारा पता चला है कि Ivermectin टैबलेट के निम्न दुष्परिणाम हो सकते हैं –

  • उलटी और मतली
  • जलन
  • सिरदर्द
  • पेट में दर्द
  • कब्ज़
  • दस्त
  • हल्का बुखार
  • लो ब्लड प्रेशर
  • त्वचा में जलन
  • आँखों में जलन
  • कमज़ोरी महसूस होना
  • भूख कम लगना
  • वज़न कम होना

आइवरमेक्टिन टैबलेट को लेते समय अगर आपको इस प्रकार के कोई भी साइड इफ़ेक्ट देखने को मिलते हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें |

 

Precautions of Ivermectin 12 Tablet (आइवरमेक्टिन 12 टैबलेट की सावधानियाँ)

Ivermectin टैबलेट के प्रयोग निम्न परिस्थितियों में नहीं करना चाहिए –

  • गर्भवती महिला या स्तनपान करवाने वाली महिला को इसके प्रयोग से बचना चाहिए।
  • शराब के साथ आइवरमेक्टिन दवा बिल्कुल भी न लें। इससे आपके शरीर में हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं।
  • लिवर के रोगी को आइवरमेक्टिन दवा का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।
  • दमा के रोगी को भी आइवरमेक्टिन दवा का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • किडनी, कैंसर और HIV के रोगियों को भी इस दवा का सेवन करने से बचना चाहिए या आइवरमेक्टिन दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
  • 5 साल से कम उम्र के बच्चे जिनका वज़न 15 किलो से कम हो, उन्हें भी इस दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
  • ऐसे रोगी जो इस प्रकार की बीमारी से ग्रस्त हैं जिससे इम्यून सिस्टम कमज़ोर होता है, उन्हें भी इस दवा का सेवन नहीं करना चाहिए।

ऊपर बताये गई सभी परिस्थितियों में आप आइवरमेक्टिन दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें नहीं तो आपको गंभीर दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

 

Ivermectin 12 टैबलेट के बारे में पूछे जाने वाले प्रशन

Q – आइवरमेक्टिन दवा को कैसे लें ?

आइवरमेक्टिन दवा को डॉक्टर के द्वारा सुझाये गए डोज़ के अनुसार ही लें। आमतौर पर मुख्य रूप से इस दवाई को खाना खाने के 1 घंटे बाद या 1 घंटे पहले लेते हैं।

 

Q – क्या आइवरमेक्टिन दवा लेने के बाद वाहन चला सकते हैं ?

आइवरमेक्टिन दवा लेने के बाद आपको नींद आने लगती है इसलिए इसे लेने के बाद वाहन या भारी मशीन न चलायें।

 

Q – क्या गर्भवती महिला को आइवरमेक्टिन दवा का उपयोग करना चाहिए ?

गर्भवती महिला को आइवरमेक्टिन दवा न लेने की सलाह दी जाती है।

 

Q – क्या आइवरमेक्टिन दवा की लत लग सकती है ?

नहीं, आइवरमेक्टिन दवा की लत नहीं लगती है।

 

Q – आइवरमेक्टिन दवा को लेते समय शराब का सेवन कर सकते हैं ?

नहीं, आइवरमेक्टिन दवा को लेते समय शराब का सेवन नहीं करना चाहिए, यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है।

 

 

 

 

 

 

 

 

अंतिम शब्द

पेट में कीड़ों की समस्या बहुत आम है। खासतौर पर 10 साल तक के बच्चों में ये बहुत ही ज़्यादा देखने को मिलती है।

पेट में कीड़े होने के कारण व्यक्ति चिड़चिड़ा व दुबला-पतला हो जाता है।

आइवरमेक्टिन दवा ऐसे ही Ivermectin 12 Tablet Effects and Side Effects परजीवी संक्रमण के इलाज के लिए है।

डॉक्टर के परामर्शानुसार आप आइवरमेक्टिन दवा की खुराक ले सकते हैं।

आइवरमेक्टिन पर एकत्रित की गई ये सभी जानकारियां आपको कितनी उपयोगी साबित हुई, हमें ज़रूर बताइएगा।

Montas l Tablet Effects and Side Effects

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Montas l Tablet Effects and Side Effects, नांक बहना, बंद नाक व छींक आने जैसे सामान्य लक्षण बदलते मौसम के साथ हमें देखने को मिलते हैं। खासतौर पर सर्दी से गर्मियों या गार्मियों से सर्दियों की शुरुआत होती है तो अक्सर लोगों को ऐसी समस्याएं झेलनी पड़ती हैं। माताओं के पास इसके इलाज के कई घरेलू उपाय हैं। मां आपको काढ़ा बनाकर देती है या भाप लेने को कहती है। इसके अलावा अगर आप इन समस्याओं को लेकर डॉक्टर के पास जाते हैं तो वह कुछ दवाएं आपको देते हैं, जिसमें मोंटास एल (Montas l) प्रमुख दवाओं में शामिल है। इनके सेवन की डॉक्टर सलाह देते हैं। इस लेख में हम इसी दवा के बारे में बात करेंगे। मोंटास एल (Montas l) क्या होती है? इसका इस्तेमाल कब और कैसे किया जाता है? इसे इस्तेमाल करने के फायदे और नुकसान क्या हैं? इन सभी सवालों के जवाब हम आपको देंगे।

 

 

 

 

Montas L Tablet: Uses, Price, Dosage, Side Effects, Substitute, Buy Online

 

 

 

 

मोंटास एल (Montas l) का फ़ॉर्मूला

मोंटास एल (Montas l) में लेवोसिट्रीज़ीन व मोंटेलुकास्ट, ये दोनों दवा शामिल हैं।

 

किन बीमारियों में होता है मोंटास एल (Montas l) का इस्तेमाल 

सर्दी-जुक़ाम से होने वाली तकलीफें जैसे बंद नाक, नाक बहना, छींके आना, खुजली होना, सूजन, आंखों से पानी व सांस की परेशानी आदि से निजात पाने के लिए मोनटेयर एल (Montair L) का इस्तेमाल किया जाता है।

 

कैसे करें मोंटास एल (Montas l) का उपयोग व सावधानियां

मोंटास एल (Montas l) की खुराक एक ही समय पर लेनी चाहिए। इसे कुछ खाने के बाद ही लेना अच्छा रहता है।

मगर इसके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। और यदि आप किसी और इलाज के लिए कोई अन्य दवा ले रहे हैं तो इसके बारे में भी डॉक्टर को बताएं। क्योंकि डॉक्टर उसी अनुसार आपकी इस दवा की खुराक तय करेंगे। मोंटास एल (Montas l) की टैबलैट को सादा पानी के साथ ही लिया जाता है। पाउडर बनाकर या चबाकर इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

 

कैसे काम करती है मोंटास एल (Montas l)

दो दवाओं के मिश्रण से तैयार ये दवा अलग-अलग प्रकार से कार्य करती है।

एंटी-एलर्जिक होने के कारण लेवोसिट्रीज़ीन नाक बहने, आंखों में पानी व छींक आने की वजह से बनने वाले हिस्टामिन केमिकल को रोकती है

तो वहीं मोंटेलुकास्ट बंद नाक व सूजन की समस्या से निजात दिलाती है।

 

मोंटास एल (Montas l) को स्टोर कैसे करें

सामान्य तापमान यानि 10 से 30 डिग्री के बीच वाले कमरे में ही मोंटास एल (Montas l) को रखना चाहिए। इससे अधिक तापमान व नमी वाले स्थान पर न रखें। बच्चों से इसे दूर रखें।

 

मोंटास एल (Montas l) के दुष्प्रभाव

मोंटास एल (Montas l) से होने वाले दुष्प्रभाव बहुत ज़्यादा प्रभावी नहीं होते लेकिन कई बार किसी-किसी मरीज़ के शरीर में लंबे समय तक बने रहते हैं, ऐसे में डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। मोंटास एल (Montas l) के सेवन से होने वाले साइड इफैक्ट्स कुछ इस प्रकार हैं-

  1. मितली व चक्कर आना
  2. डायरिया
  3. नींद आना
  4. मुंह में सूखापन
  5. उल्टी
  6. खुजली
  7. थकान

किन मरीज़ों के लिए नहीं है मोंटास एल (Montas l)

मोंटास एल (Montas l) का सेवन निम्न लोगों को नहीं करना चाहिए-

  1. किडनी की समस्या से पीड़ित मरीज़
  2. लिवर की समस्या वाले मरीज़

 

मोंटास एल (Montas l) के विकल्प

मोंटास एल (Montas l) के कई विकल्प भी बाज़ार में मौजूद हैं। यह दवाएं आप डॉक्टर की सलाह पर मोंटास एल (Montas l) के स्थान पर ले सकते हैं। सबसे अच्छी बात है कि मोंटास एल (Montas l) से यह दवाएं सस्ती भी हैं। जहां मोंटास एल (Montas l) की एक टैबलेट की कीमत 15 रुपए से भी ज्यादा है, वहीं विकल्प के तौर पर मौजूद दवाएं 6 रुपए से 10 रुपए प्रति टैबलेट की दर से उपलब्ध हैं। मोंटास एल (Montas l) के विकल्प के तौर पर आप जिन दवाओं को ले सकते हैं, वो इस प्रकार हैं-

  1. मोंटीकोप
  2. लिवोसेट
  3. मोनटिना-एल
  4. लिकोप-एम
  5. इनफिनेर

 

अंतिम शब्द

आमतौर पर होने वाली समस्याओं से निजात पाने के लिए मोंटास एल Montas l Tablet Effects and Side Effects एक अच्छा विकल्प है।

ये एक एंटी-एलर्जिक दवा है। थोड़ी महंगी है मगर दूसरी दवाओं की तुलना में ज़्यादा असरदार भी।

दो दर्द निवारक दवाओं के मिश्रण से तैयार मोंटास एल (Montas l) से जुड़ा हमारा लेख आपको कैसा लगा। हमें लाइक व शेयर के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दें।

Ear Cancer Symptoms and Treatment

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Ear Cancer Symptoms and Treatment, can affect both the inner and external parts of the ear. It often starts as a skin cancer on the outer ear that then spreads throughout the various ear structures, including the ear canal and the eardrum. Ear cancer may also start from within the ear. It can affect the bone inside the ear, called the temporal bone. The temporal bone also includes the mastoid bone. This is the bony lump you feel behind your ear. Ear cancer is very rare. Only about 300 people in the United States are diagnosed with it each year. In contrast, more than 250,000 new cases of breast cancerTrusted Source are expected to be diagnosed in 2018, according to the National Cancer Institute.

Retracted Ear Drum Causes, Symptoms, and Treatment
Types of ear cancer

Several different types of cancer can affect the ear. These include the following:

Skin cancers

  • Basal cell carcinoma affects the basal layer cells of the epidermis, or the outermost layer of skin.
  • Squamous cell carcinoma affects the squamous cells of the epidermis. It’s the most common type of ear cancer. It grows deeper into the cells of the body and is more likely than basal cell carcinoma to spread to other tissues. Squamous cell carcinomas that affect the outer cartilage of the ear have about a 15 percent chance of spreading, according to a 2016 case report.
  • Melanoma affects the skin’s melanocyte cells. These cells give the skin a brown color when you’re exposed to the sun. While melanoma is a less common form of skin cancer than basal or squamous cell carcinoma, it tends to be aggressive. It’s considered the most serious form of skin cancer. Melanoma of the ear accounts for 1 percent of melanoma cases, notes a 2006 review.

Adenoid cystic carcinoma

This very rare type of cancer typically affects the salivary glands, but can also be seen in the ear. A 2013 case report estimates that these tumors account for only 5 percent of cancers of the external auditory canal (the passageway from the outside of the head to the eardrum).

Parotid tumors

Malignant growths of the parotid gland can spread to the ear canal. This gland is the largest salivary gland in the body.

Symptoms of ear cancer

The symptoms of ear cancer vary depending on what part of your ear is affected.

Outer ear

The outer ear includes the earlobe, ear rim (called the pinna), and the outer entrance to the ear canal.

Signs of skin cancer in the outer ear include:

  • scaly patches of skin that remain, even after moisturizing
  • pearly white lumps under the skin
  • skin ulcers that bleed

Ear canal

Signs of skin cancer in the ear canal include:

  • lump in or near the entrance to the ear canal
  • hearing loss
  • discharge from the ear

Middle ear

Signs of skin cancer in the middle ear include:

  • discharge from the ear, which may be bloody (most common symptom)
  • hearing loss
  • ear pain
  • numbness on the affected side of the head

Inner ear

Signs of skin cancer in the inner ear include:

  • ear pain
  • dizziness
  • hearing loss
  • ringing in ears
  • headache
Causes of ear cancer

Researchers aren’t exactly sure what causes ear cancer. So few cases exist, it’s hard to figure out how it may originate. But researchers do know that certain things may increase your chances of developing ear cancer. These include:

  • Being light-skinned. This increases your risk of skin cancer in general.
  • Spending time in the sun without (or with inadequate amounts of) sunscreen. This puts you at greater risk for skin cancer, which can then lead to ear cancer.
  • Having frequent ear infections. The inflammatory responses that accompany ear infections may somehow impact cellular changes that prompt cancer.
  • Being older. Certain types of ear cancer are more common in older individuals. In one studyTrusted Source, data suggested that squamous cell carcinoma of the temporal bone is most common in the seventh decade of life.
Diagnosis of ear cancer

If you have any suspicious growths on the outside of your ear or in your middle ear, your doctor can remove some of the tissue and send it to a lab to check for cancer cells.

This procedure is called a biopsy. A biopsy may be done under local or general anesthesia (so you don’t feel any pain), depending on the location of the affected area.

Cancerous growths on the inner ear can be more difficult to reach. This makes it harder for your doctor to biopsy without damaging surrounding tissue. Your doctor may have to rely on imaging tests, such as an MRI or CT scan to get an idea if cancer is present.

Treatment of ear cancer

Treatment generally depends on the size of the cancerous growth and where it’s located.

Skin cancers on the outside of the ear are generally cut out. If large areas are removed, you may need reconstruction surgery.

Ear canal or temporal bone cancers require surgery followed by radiation. How much of the ear is removed depends on the extent of the tumor.

In some cases, the ear canal, bone, and eardrum have to be removed. Depending on how much is removed, your doctor may be able to reconstruct your ear.

In some cases, hearing isn’t significantly affected. In other cases, you may need to use a hearing aid.

Outlook

Ear cancer is exceedingly rare. Survival rates vary depending on the location of the tumor and how long it’s progressed.

It’s important to have any growths around your ears examined by a healthcare provider. Do the same for any ear drainage or unexplained ear pain.

Seek the advice of an ear, nose, and throat specialist (ENT) if you have what seems to be a long-term (or recurrent) ear infection, especially one without a cold or other congestion. Ear Cancer Symptoms and Treatment

Many doctors misdiagnose ear cancers as ear infections. This misdiagnosis gives the tumor opportunity to grow. Thus, it becomes harder to effectively treat. Ear Cancer Symptoms and Treatment 

Get a second opinion if you suspect ear cancer. Early detection is key to a good outlook.

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