हमारी आज की इस पोस्ट के माध्यम आज आप यह भी जान पाएंगे की  तो आज हम आपको सरल एवं साफ़ शब्दों में समझाएंगे। आशा करते है की हमारी आज की यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आएगी। तो आगे आने वाली हमारी पोस्ट को इसी तरह पढ़ते रहिये।दोस्तों अगर आप डेन्टिस्ट बनना चाहते है तो आपको पहले BDS यानि बेचलर ऑफ़ डेंटल साइंस के बारे में जानना होगा यह कोर्स डेंटिस्ट बनने के लिए होता है अगर आप भी एक अच्छे डेंटिस्ट बनना चाहते तो इसके लिए BDS से बेहतर कोई सुझाव नहीं हो सकता। अब यह कही ना कही आपके जीवन का एक हिस्सा बनने जा रहा है।BDS बेचलर ऑफ डेंटल सर्जरी इस कोर्स को अगर आप चाहे तो अपनी 12वी की पढाई पूरी होते ही ज्वाइन कर सकते है। इस कोर्स के दौरान आपको आपके कॉलेज में दांतो से हर तरह की बीमारी के बारे बताया जाता है और इलाज करना सिखाया जाता है। यह कोर्स पूरा होने के बाद हॉस्पिटल में 1वर्ष के लिए इसकी ट्रेनिंग भी दी जाती है।

 

 

 

 

तो आइये हम आपको बताते है Dentist Banne Ke Liye क्या करे इसके बारे में जानने के लिए हमारी आज की पोस्ट BDS Course Information In Hindi को शुरु से अंत तक जरूर पढ़े तभी आपको इसकी पूरी जानकारी मिल पाएगी।

Dentist Doctor Kaise Bane

जीवन में हर किसी का सपना होता है की वह पढ़ लिखकर कुछ बने तो आपको एक अच्छा डॉक्टर बनने के लिए एक लक्ष्य बनाकर उसी रास्ते पर चलना होगा और साथ ही साथ आपको कड़ी मेहनत और लगन के साथ अपनी 10वी की पढ़ाई पूरी होने के बाद 11वी में आपको बायोलोजी विषय लेना होगा और 12वी पास करने के बाद डॉक्टर बनने लिए आपको प्रवेश परीक्षा में हर विषय में 50% लाना होगा। तो आइये जाने डॉक्टर बनने के लिए आपको और क्या-क्या करना होगा।

 

 

 

 

 

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Atm ki Approval kaise milti hai kitni space honi chahiye Rant Par dene ke laiye (एटीएम की अनुमोदन)मेडिकल के लिए प्रवेश परिक्षा  

रैंकिंग के अनुसार स्टूडेंट को कॉउंसलिंग में बुलाया जाता है और उसी रैंकिंग के अनुसार चयनित स्टूडेंट को कॉलेज मिलता है। परीक्षा में शामिल होने वाले स्टूडेंट की उम्र कम से कम 25 वर्ष होना आवश्यक है। इस परीक्षा को पास करते ही आप फाइनल परीक्षा में शामिल हो सकते है। उसके बाद आपको बैचलर ऑफ़ मेडिसीन, बैचलर ऑफ़ सर्जरी यानि की MBBS की पढ़ाई करना होगी।

  • डॉक्टर बनने के लिए शैक्षणिक योग्यताओं की आवश्यकता

इस कोर्स को पूरा करने बाद आपको किसी कॉलेज में 1वर्ष की इंटर्नशिप के लिए भेजा जाता है। इसी तरह अगर आप MBBS के कोर्स में सफल हो जाते है तो आपको मेडिकल काउंसलिंग ऑफ़ इंडिया (PCI) के द्वारा एक योग्य एवं अच्छे डॉक्टर के रूप में MBBS की डिग्री दी जाती है। इसके बाद आप अपनी योग्यता के अनुसार कही भी जाकर रीसर्च कर सकते है।

 

 

 

 

 

स्टूडेंट्स को AIPMT के एग्जाम पेपर में लगभग 100 प्रश्न पूछे जाते है और यह परीक्षा 3 घंटे की होती है। इसमें फ़िज़िक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी के ही प्रश्न पूछे जाते हैं। इस परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले स्टूडेंट को फाइनल परीक्षा में शामिल किया जाता है। और इस फाइनल परीक्षा में 2 घंटे का पेपर लिया जाता है इस पेपर में पहले फिजिक्स, केमिस्ट्री जैसे विषयो पर आधारित प्रश्न पूछे जाते है तथा दूसरे पेपर में बायोलॉजी एवं Botany के विषयों पर सारे प्रश्न पूछे जाते है।

 

 

 

 

 

यह परीक्षा 10वी एवं 12वी के विषयो पर आधारित पाठ्यक्रम से ही होती है। 12वी के तीनों विषय में फंडामेंटल और एप्लीकेशन पर विशेष ध्यान दे उसके बाद बोर्ड की परीक्षाएं समाप्त होते ही पिछले वर्ष के AIPMT के पेपर्स को हल करना शुरू करें और उसके प्रारूप को ध्यान पूर्वक समझे सैंपल पेपर्स को भी ध्यानपूर्वक पढ़े उसके अनुसार आप अपना आधार मूल्यांकन करे तथा अपनी कमजोरियों को समझने का प्रयास करे आवश्यकता पड़ने पर कोई कोचिंग संस्थान जॉइन करे इससे आपको परीक्षा की तैयारी करने में सहायता मिलेगी।

 

 

 

 

 

BDS Kya Hai

जैसा की आप सभी जानते ही होंगे की आज के युग में मेडीकल क्षेत्र काफी बढ़ चुका है इसी कारण स्टूडेंट्स को जॉब्स के अनेको स्कोप मिल जाते है और हर स्टूडेंट्स के मन में अपनी 12वी की पढाई पूरी होते ही अपने करियर को लेकर यही सवाल आता है की अब आगे क्या किया जाये तो BDS यानि बेचलर ऑफ़ डेंटल सर्जरी दन्त चिकित्सक से जुड़ा सबसे अच्छा डिग्री कोर्स है इसमें 4 वर्ष की पढाई एवं 1 वर्ष की ट्रेनिंग की जरूरत होती है। और इस कोर्स से स्टूडेंट्स को डेंटिस्ट बनने में बड़ी सहायता मिलती है। आजकल कई स्टूडेंट्स इस क्षेत्र में आसानी से अपना करियर बना लेते है।

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BDS Kaise Kare

BDS यानि बैचलर ऑफ़ डेंटल सर्जरी इस कोर्स को करने करे के लिए आपका 12वी में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी जैसे सभी विषयों में 50% अंकों से पास होना अनिवार्य है फिर आपको एक प्रवेश परीक्षा जैसे- NEET, AIPMT, COMDK देनी होती है अगर आप इस परीक्षा में पास हो जाते है तो उसके बाद आप किसी भी संस्था या कॉलेज में एडमिशन ले सकते है उसके बाद आपका BDS में एडमिशन आसानी से हो सकता है।

BDS Course In Hindi
  • M.Sc. In Primary Dental Care
  • M.Sc. In Pediatric Dentistry
  • M.Sc. In Restorative
  • M.Sc. In Artistic Dentistry

 

 

 

 

 

 

हम सभी के निजी लाइफ में स्वस्थ्य और सुन्दर दाँत एक विशेष भूमिका अदा करती है| दाँतों के बिना हम सभी का जीवन कल्पना से परे है | दाँतों के बिना हमें भोजन करने में बड़ी दिक्कत होती है और बिना भोजन के हम जीवित नही रह सकते है, क्योकि भोजन से ही हमें उर्जा मिलती हैं | शायद ये पीड़ा हम सबने कभी न कभी ज़रुर महसूस की होगी, कभी दाँत में दर्द के कारण, कीड़े लगने के कारण या कभी फिर दाँत निकलने के कारण | दाँतों के बिना तो प्यारी मुस्कान भी फीकी सी नज़र आती है, या हम कह सकते है कि स्वस्थ्य दाँत हमारे जीवन में उतने ही जरूरी है जितना की हमारे शरीर के अन्य अंग | हमारा आज का यह आर्टिकल दांत के रख-रखाव एवं सुरक्षा से जुडी BDS 

 

 

 

 

 

 

 

Bachelor of Dental Surgery) कोर्स के बारे में है| आइये जानते है कि BDS क्या है? इसमें करियर कैसे बनाएं, आवश्यक शैक्षिक योग्यता एवं BDS करने हेतु भारत के कुछ प्रमुख संस्थान आदि |

Contents

  • 1 BDS क्या है?
  • 2 प्रमुख डेंटल कोर्स (Dental Courses)
  • 3 BDS के लिए आवश्यक योग्यता
    • 3.1 पाठ्यक्रम
    • 3.2 आवश्यक कौशल
  • 4 नौकरी के विकल्प
  • 5 संभावनाए
  • 6 सैलरी 
  • 7 प्रमुख संस्थान

BDS क्या है?

बी. डी. एस. में आपको दन्त चिकित्सा के बारे में बताया जाता है | यह डेंटल साइंस से सम्बंधित एक डिग्री कोर्स हैं | इसमें आपको दाँतों से जुड़ी सभी तरह की बीमारी और उसके इलाज़ के बारे में बताया जाता है | इन कोर्स में आपको दातों के उपचार, प्रत्यारोपण, Maxillofacial prosthesis, Ocular prosthesis आदि के बारे में बताया जाता है |

प्रमुख डेंटल कोर्स (Dental Courses)

 

 

 

 

 

डेंटल टेक्नोलॉजी में करियर बनाने के लिए आप निम्नलिखित कोर्स चुन सकते है |

  • बी. डी. एस. (BDS) – बी. डी. एस. (बैचलर ऑफ़ डेंटल सर्जरी) एक डेंटल साइंस डिग्री कोर्स हैं | यह स्नातक स्तर का कोर्स है | जिसे आप इंटरमीडिएट (12वी) के बाद ही कर सकते है | इसमें आपको दाँतों से जुड़ी सभी तरह की बीमारी और उसके इलाज़ के बारे में बतलाया जाता है|
  • एम.डी.एस. (MDS) – एम.डी.एस. (मास्टर ऑफ़ डेंटल सर्जरी) एक परास्नातक कोर्स है | जिसे आप बी. डी. एस. करने के बाद ही कर सकते है | हम MDS के विभिन्न कोर्स में से एक कोर्स चुन कर अपनी योग्यता और काबिलियत दोनों ही बढ़ा सकते है|

यदि आप भी डेंटल सर्जरी में अपना करियर बनाना चाहते है तो तो ऊपर दिए गए कोर्स में से किसी भी एक कोर्स को चुन कर आप अपना करियर बना सकते है| आइये अब हम आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते है |

BDS के लिए आवश्यक योग्यता


Eligibility (
योग्यता)
  • उम्मीदवारों को बी.डी.एस. में प्रवेश के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज से 10+2 में विज्ञान में 50% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है|
  • एम.डी.एस. में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों को किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज से बी.डी.एस. की डिग्री होना अनिवार्य है|
Age (उम्र)
  • 17 वर्ष या उससे अधिक
Qualification (शैक्षिक योग्यता)
  • इंटरमीडिएट, बी.डी.एस.
Admission Process (प्रवेश प्रक्रिया)
  • ऑल इंडिया एंट्रेंस एग्जाम (NEET)

पाठ्यक्रम

भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (Medical Council of India) के द्वारा बी.डी.एस./ एम.डी.एस. कोर्स संचालित किया जाता है | साढ़े पांच साल के इस कोर्स को करने के उपरांत आपको बैचलर ऑफ डेंटल साइंस (BDS) की डिग्री दी जाती है। तथा एम.डी.एस. के लिए बी.डी.एस. की डिग्री होना अनिवार्य है |

आवश्यक कौशल

  • हाथ और आंख के बीच अच्छा समन्वय।
  • बहुत सटीक और सटीक काम करने की दक्षता.
  • दीर्घकालिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता।
  • सटीकता और विस्तार पर अच्छा ध्यान |
  • जटिल तकनीकी निर्देशों को समझने और समझाने की क्षमता।

नौकरी के विकल्प

BDS/MDS में डिग्री प्राप्त bds suspension करने के बाद आपको सरकारी अस्पतालों या निजी अस्पतालों में डॉक्टर के bds suspension रूप में जॉब मिल सकती है, bds suspension या फिर आप अपना निजी अस्पताल, क्लिनिक भी खोल सकते है | आप किसी भी मेडिकल संस्थान में अध्यापक के पद पर कार्यरत भी हो सकते है | अत: यह कहना गलत न होगा कि करियर के लिहाज से BDS कोर्स एक अच्छा विकल्प है

संभावनाए

समय के bds full form साथ-साथ वर्तमान में bds full form दांतों के डॉक्टर की मांग बढ़ी है| अपने स्वास्थ्य के bds full form प्रति लापरवाही bds full form एवं त्रस्त होती जीवन शैली के बीच आज हम दांतों पर विशेष फध्यान नहीं दे पाते| bds full form ऐसे में दांतों के बीच में कैविटी रह जाती है, और दांत अच्छी तरह से साफ़ नही हो पाते | bds full form वर्तमान समय में हर घर में किसी न किसी को ये समस्या होती है | हर अस्पतालों में इसके लिए एक अलग सा विभाग भी होता है | इन सब तथ्यों के मद्देनजर तो यही कहा जा सकता है कि आने वाला कल डेंटल सर्जरी में दक्ष प्रोफेशनल का है|

सैलरी

BDS/ MDS में डिग्री पाने 24 hour dentist के बाद किसी 24 hour dentist हॉस्पिटल में ट्रेनी (जूनियर डॉक्टर) के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, 24 hour dentist बाद में 24 hour dentist आप डॉक्टर के पद पर नियुक्त हो सकते है | 24 hour dentist इसमें सैलरी 20,000/- से 80,000/- तक भी हो सकती है, 24 hour dentist तथा निजी संस्थानों में ये 20,000/- से 2,50,000 तक हो सकती हैं | अत: करियर के लिहाज से हम कह सकते है कि Dental Surgery

20 COMMENTS

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  4. Why you shouldn’t go to the gym everyday
    Erectile dysfunction is one of the men’s sexy health disorders. It is cognized as an ineptness of men to attain erection during lustful communication to if they are sexually excited. Other symptoms of ED are, either it remains in behalf of a dumpy while or does not come off at all. It is a repeated process. Erectile dysfunction is also called a type of impotence. Frailty is a encyclopaedic aspect and covers innumerable other men’s vigour reproductive disorders like- untimely ejaculation, need of sexual desire, etc. Erectile dysfunction does not presuppose implicate these problems. All these problems mutual to Erectile dysfunction can be cured with the help of price of viagra 50mg in india and other viagra pill what does it do medicines.

    Causes
    Erectile dysfunction does not hold any specific cause. There are multifarious reasons behind its occurrence. It can be- true reasons, your form problems, medicines you are taking, emotional reasons, etc. Charter out’s enjoy a look on ED causes in particular. Erectile dysfunction causes are- consequential blood weight, diabetes, lofty blood cholesterol, staunchness diseases (Parkinson’s disease and multiple sclerosis), surgery, smutty hormone levels, lifestyle factors (smoking and drinking) and others (urgency, concern, nervousness, misgivings, cavity). Aging factors also outstrip to ED, but aging in itself is not a cause. Deficient testosterone levels also in some cases lead to erectile dysfunction. Side effects caused past medications also coerce men impotent for erection.

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