हो सकता है आपने कभी सुना होगा कि जीडीपी क्या है(What is GDP in Hindi). अक्सर आपने लोगों को इसके बारे में जरूर बात करते हुए सुना होगा और अगर इसके बारे में आपको बिल्कुल कुछ भी नहीं पता तो आज के इस पोस्ट में हम इसके बारे में बात करेंगे और जानेंगे की जीडीपी क्या होता है और इसका फुल फॉर्म क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है. इसके अलावा हम यह भी जानेंगे कि भारत की जीडीपी कितनी है 2019 में.पूरी दुनिया में अनेक देश हैं और हर देश लगातार तरक्की करना चाहता है और इसी वजह से देशों में कई तरह के उद्योग लगाए जाते हैं. वैसे तो आबादी हर देश में होती है और उनके उपयोग होने वाली वस्तुएं भी उत्पादन की जाती है लेकिन कुछ ऐसी वस्तुएं होती हैं जो अपने देश में उत्पादन ना होकर बल्कि विदेशों से उसे आयात किया जाता है और जिन चीजों का उत्पादन खुद के देश में होता है उनको दूसरे देशों को बेचा जाता है. इसीलिए उनका निर्यात किया जाता है तो इससे जो दूसरे देश की इकोनामी होती है वह अपने देश में आती है.  बहुत सारे ऐसे उद्योग हैं जो अपने खुद के देश में इसलिए लगाया जाता है ताकि हम उन चीजों का उत्पादन कर सके जो विदेशों में उपलब्ध नहीं है और इस तरह से हम उन्हें निर्यात करके अपने देश में विकास का रास्ता बना सकें.

 

 

 

 

 

 

 

जिन लोगों को इसके बारे में मालूम होता है वह अक्सर पता करते रहते हैं कि अभी इंडिया की जीडीपी कितनी है. क्योंकि ये एक तरह से इंडिकेट करती है कि देश की जो प्रगति है वह किस गति से हो रही है. अगर इस में लगातार बढ़ोतरी हो रही है तो इसका मतलब है कि देश का विकास हो रहा है और अगर यह नीचे जा रहा है मतलब हमारे देश का जो उत्पादन है या जो विकास है वह नीचे गिर रहा है. तो  मुझे लगता है कि हर भारतीय को इस की जानकारी जरूर होनी चाहिए और यही वजह है कि आज का पोस्ट मैंने इसी को ध्यान में रखते हुए लिखा है और बताया है कि जीडीपी क्या होता है (What is GDP in Hindi) और भारत की सकल घरेलू उत्पाद कितनी है.

जीडीपी क्या है – What is GDP in Hindi

GDP Full Form : GDP क्या है पूरी जानकारी Hindi भाषा में

 

 

 

 

 

देश में उत्पादन किए गए हैं सभी चीजों का जो कुल मूल्य होता है उसे जीडीपी कहते हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वस्तुएं या सेवा सरकार या नागरिकों द्वारा बनाया गया है या फिर विदेशियों द्वारा बनाए गए हैं. अगर कोई भी वस्तु या सेवा देश के बॉर्डर के अंदर में स्थित है तो उन का उत्पादन सकल घरेलु उत्पाद में शामिल है.

इसमें डबल काउंटिंग से बचने के लिए सकल घरेलू उत्पाद में उत्पादन का अंतिम मूल्य शामिल किया जाता है लेकिन इसमें जो भी से नहीं होते हैं उदाहरण के लिए मान लीजिए श्री लेदर एक जूता बनाती है तो इसमें जो अंतिम उत्पाद यानी जूता बिकने के लिए तैयार होता है सिर्फ उसी का मूल्य इसमें जोड़ा जाता है. अब यहां पर आप समझ सकते हैं कि जूते में लेस भी होता है उसका शोल भी होता है जो अलग से उस में डाला जाता है तो अलग-अलग भाग होते के मूल्यों को नहीं लिया जाता बल्कि जो एक अंतिम पूरा उत्पाद होता है प्रोडक्ट होता है सिर्फ उसी का मूल्य लिया जाता है.

 

 

 

 

 

 

 

जीडीपी का फुल फॉर्म – Full Form of GDP

GROSS DOMESTIC PRODUCT

सकल घरेलू उत्पाद

अब यहां जानने वाली मुख्य बात यह है कि Gross Domestic Product के अंतर्गत कौन-कौन से उत्पाद और सेवाओं की मूल्यों की गणना की जाती है. मैं आपको बता दूँ कि जीडीपी में सभी निजी और सार्वजनिक खपत, सरकारी खर्चे, निवेश प्राइवेट इन्वेंटरी, कंस्ट्रक्शन में होने वाले खर्चे विदेशी व्यापार का संतुलन यानी कि जो निर्यात की जाती है चीजें, उनको जोड़ा जाता है और जो आयात किए जाते हैं उनको घटाया जाता है.

जीएनपी क्या है – Gross National Product

जीएनपी एक अर्थव्यवस्था के नागरिकों के पूरे उत्पादन को मापता है जिसमें विदेश में रहने वाले लोग शामिल हैं. जबकि विदेशियों द्वारा घरेलू उत्पादन को इसमें शामिल नहीं किया गया है. वैसे तो GDP की गणना सालाना की जाती है लेकिन जीएनपी की गणना 3 महीनों में एक बार की जाती है.

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जीडीपी का फार्मूला – जीडीपी की गणना करने का सूत्र क्या है?

जीडीपी के कॉम्पोनेंट में व्यक्तिगत उपभोग वाले खर्चे और व्यवसायिक इन्वेस्टमेंट के साथ-साथ सरकारी निवेश को जोड़ा जाता है और इसके साथ ही निर्यात किए गए चीजों को आयात किए गए चीजों में घटाया जाता है और फिर इसे भी अन्य के साथ जोड़ दिया जाता है. जब आप जानते हैं कि कॉम्पोनेंट्स क्या है तो इस मानक सूत्र का उपयोग करके देश के सकल घरेलू उत्पाद की गणना करना आसान है.

GDP = C + I + G + (X – M)

GDP = PRIVATE CONSUMPTION + GROSS INVESTMENT + GOVERNMENT INVESTMENT + GOVERNMENT SPENDING + (EXPORTS – IMPORTS).

C – Private consumption

I – Gross investment

G – Government investment

X – Exports

M – Imports

जीडीपी के प्रकार – Types of GDP in Hindi

 

 

 

 

 

 

 

नॉमिनल जीडीपी

नॉमिनल उन सभी फाइनल प्रोडक्ट ओर सर्विस इसका मूल्य होता है जो 1 साल के अंदर में पारित अर्थव्यवस्था है. तो जिस साल में इसकी गणना की जाती है उसी साल के कीमतों का उपयोग करके इसकी गणना होती है. अर्थव्यवस्था में नॉमिनल वैल्यू को मात्रिक शब्द के रूप में व्यक्त किया जाता है. उदाहरण के लिए नॉमिनल वैल्यू को क्वांटिटी और दाम के आधार पर बदला जा सकता है.

नॉमिनल Gross Domestic Product 1 साल के अंदर में जितने भी वस्तुएं उत्पादित की जाती है उन में जितने भी परिवर्तन होते हैं, सभी को यह ध्यान में रखता है. यदि कीमत एक आदमी से अगले आदमी में बदल जाती हैं और फाइनल आउटपुट में बदलाव नहीं होता है तब भी उत्पादन स्थिर रहने के बावजूद नॉमिनल सकल घरेलु उत्पाद बदल जाएगा.

जैसे कि हम समझ चुके हैं कि नॉमिनल जीडीपी वर्तमान बाजार मूल्य पर आधारित होता है इसलिए नॉमिनल बाजार की कीमतों में सभी परिवर्तन शामिल होंगे. जो मुद्रा स्थिति या अब स्थिति के कारण चालू वर्ष के दौरान हुए हैं. Inflation को overall दामों में वृद्धि के रूप में परिभाषित किया गया. deflation स्थिति को overall दामों में गिरावट के रूप में परिभाषित किया गया है.

रियल जीडीपी

रियल सकल घरेलू उत्पाद इन्फ्लेशन एडजेस्टेड उपाय है जो किसी वर्ष में अर्थव्यवस्था द्वारा उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य को दर्शाता है. जो आधार वर्ष की कीमतों में व्यक्त किया जाता है और अक्सर इससे कांस्टेंट प्राइस भी बुलाया जाता है.  इसके अलावा इससे “इन्फ्लेशन करेक्टेड” “कांस्टेंट डॉलर जीडीपी” बोला जाता है. रियल जीडीपी में परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हो सकता है और आर्थिक विकास का अधिक सटीक आंकड़ा प्रदान कर सकता है.

जीडीपी का महत्व

  • सकल घरेलू उत्पाद एक अर्थव्यवस्था के लिए सबसे अच्छा उपाय है,  रिसर्च और मिलने वाले डाटा में सुधार के साथ स्टैटिसटिक्स और सरकार जिस Gross Domestic Product के मजबूत करने के लिए कोशिश करती है उसे मजबूत करने के उपाय को पता लगाने के लिए कोशिश करती है.
  • इस में कंजूमर का खर्च निवेश में होने वाले खर्च, सरकारी खर्च और शुद्ध निर्यात शामिल है इसीलिए यह एक अर्थव्यवस्था के सभी खर्चों को बताता है क्योंकि निवेशकों को एक विजन देता है जो कि सकल घरेलु उत्पाद के स्तर की एक इनसाइट के रूप में तुलना करके अर्थव्यवस्था की trend को उजागर करता है.
  • इस के मामले में हर एक कॉम्पोनेंट को उसी के रिलेटिव प्राइस में महत्व दिया जाता है. बाजार अर्थशास्त्र में या कीमतों पर क्लिक करता क्योंकि उत्पादक के लिए मार्जिनल कॉस्ट और उपभोक्ता के लिए दोनों को दर्शाया गया है यानी लोग ऐसे कीमत पर ऐसी कीमत पर बेचते हैं जो दूसरों को भुगतान करने के लिए तैयार है.
  • इससे इन्वेस्टर्स को अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करके उनके पोर्टफोलियो को प्रबंधित करने में मदद करता है.
  • सकल घरेलु उत्पाद की गन्ना अर्थव्यवस्था के सामान्य स्वास्थ्य के साथ प्रदान करती है. एक नकारात्मक Gross domestic product विकास अर्थव्यवस्था के लिए बुरे संकेतों को चित्रित करता है अर्थशास्त्री सकल घरेलु उत्पाद का विश्लेषण करते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि अर्थव्यवस्था मंदी में है या फिर उछाल में है.

GDP ग्रोथ के फायदे

Higher average incomes

यह उपभोक्ताओं का अधिक वस्तुओं और सेवाओं का आनंद लेने और जीवन जीने के 72 स्टैंडर्ड का आनंद लेने में सक्षम बनाता है बीसवीं शताब्दी के दौरान आर्थिक विकास गरीबी के पूर्ण स्तर को कम करने और जीवन प्रत्याशी में विधि को सक्षम करने का एक प्रमुख कारक था.

Lower unemployment

अधिक उत्पादन और पॉजिटिव आर्थिक विकास के साथ, कंपनियां अधिक रोजगार पैदा करती हैं जिससे कि अधिक मजदूरों को रोजगार रोजगार दिया जा सके.

 

 

 

 

 

 

Lower government borrowing

आर्थिक विकास अधिक टैक्स का राजस्व बनाता है बेरोजगारी की समस्या पर पैसे खर्च करने की आवश्यकता होती है. इसीलिए आर्थिक विकास सरकारी उधार को कम करने में मदद करता है. आर्थिक विकास भी कर्ज को Gross Domestic Product अनुपात में कम करने में भूमिका निभाता है.

Improved public services

बढे हुए टैक्स के साथ सरकार पब्लिक सेवा जैसे नेशनल हाईवे और एजुकेशन पर अधिक खर्च कर सकती है.

Money can be spent on protecting the environment

रियल growth domestic report के साथ एक समाज रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देने और रिन्यूएबल रिसोर्सेस के उपयोग के लिए अधिक संसाधनों को प्रमोट कर सकता है.

Investment

आर्थिक विकास कंपनियों का भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करता है उच्च निवेश भविष्य के आर्थिक वृद्धि के लिए गुंजाइश बढ़ाता है आर्थिक विकास निवेश का एक वर्चुअल साइकिल बनाता है.

Increased research and development

हाय इकनोमिक ग्रोथ कंपनियों के लिए लाभ में वृद्धि होती है जिससे रिसर्च और विकास पर अधिक खर्च होता है इसके अलावा लगातार आर्थिक विकास से आत्मविश्वास बढ़ता है और कंपनियों को जोखिम उठाने और नया करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.

भारत की GDP कितनी है 2019 में

जब मैंने इस आर्टिकल को लिखा था उस वक़्त भारत की GDP ग्रोथ रेट जो थी वह 5.8% के आसपास में थी. अभी इस महीने भारत की अर्थव्यस्था में काफी बदलाव देखा गया है और तत्काल की बात करे तो अभी ये 5% हो चुकी है.

 

 

 

 

संक्षेप में

आज के पोस्ट में हमने जाना की जीडीपी क्या है(What is GDP in Hindi). आज हमने यह भी जाना की जीडीपी का फुल फॉर्म क्या है और यह इतना क्यों महत्वपूर्ण है. इसके अलावा हमने यह भी बात की कि भारत की जीडीपी कितनी है 2019 में. दोस्तो आज के जमाने में हर देश तरक्की चाहता है और तरक्की करने के लिए अधिक से अधिक रोजगार पैदा करने की कोशिश करता है. जब भी किसी देश की प्रगति का पता करना होता है तो उसकी जीडीपी पर नजर डाली जाती है और देखा जाता है कि इस में कितना सुधार हुआ है या फिर कितना नीचे गिरा है. इसी से अंदाजा लग जाता है कि कौन सा देश विकास कर रहा है और कौन सा देश नहीं कर रहा है.मुझे लगता है कि अब आप अच्छे से समझ गए होंगे कि जीडीपी क्या होता हैऔर इसका फार्मूला क्या है अगर आपके पास डाटा हो तो खुद भी आप इसका कैलकुलेशन आराम से कर सकते हैं तो दोस्तों आपको यह पोस्ट कैसी लगी हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह पोस्ट जरूर पसंद आई होगी अगर आप कोई अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ फेसबुक टि्वटर इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप में अधिक से अधिक शेयर करें.

 

 

 

 

 

 

 

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