Verka,Amul & Mother Dairy Get Franchise Tips Hindi, अगर आप भी बिजनेस करने का मन बना रहे हैं और चाहते हैं छोटे निवेश में हर महीने मोटी कमाई हो तो यह खबर आपको खुश कर देगी. डेयरी प्रोडक्ट्स की नामचीन कंपनी horizon organics अमूल के साथ बिजनेस करने का मौका है. wegmans pharmacy अमूल की फ्रेंचाइजी लेना फायदे का सौदा हो सकता है. amul franchise अमूल की फ्रेंचाइजी लेना बहुत आसान है. verka franchise हालांकि, इसकी पूरी जानकारी होना बेहद जरूरी है.mother dairy franchise इस कारोबार में अनुभव की भी जरूरत नहीं है. बस आपको अच्छी मार्केटिंग आनी चाहिए. 

 

 

 

 

क्यों आसान है अमूल के साथ बिजनेस
अमूल के साथ बिजनेस करना काफी आसान है. verka franchise इसके दो कारण हैं. verka franchise पहला अमूल का कस्टमर बेस और दूसरा शहर की हर लोकेशन पर फिट. अमूल का हर शहर में कस्टमर बेस काफी मजबूत है. लोग इसके प्रोडक्ट्स को नाम से पहचानते हैं. verka franchise साथ ही छोटे शहरों में भी इसकी पहुंच है. verka franchise इसलिए अमूल की फ्रेंचाइजी लेने में कोई नुकसान नहीं है.

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कितना करना होगा निवेश
अमूल दो तरह की फ्रेंचाइजी ऑफर कर रहा है. verka franchise अगर आप अमूल आउटलेट, अमूल रेलवे पार्लर या अमूल क्‍योस्‍क की फ्रेंचाइजी लेना चाहते हैं verka franchise तो इसमें लगभग 2 लाख रुपए का निवेश करना होगा. verka franchise इसमें नॉन रिफंडेबल ब्रांड सिक्‍योरिटी के तौर पर 25 हजार रुपए, रिनोवेशन पर 1 लाख रुपए, इक्‍वीपमेंट पर 75 हजार रुपए का खर्च आता है. इसकी अधिक जानकारी आपको verka franchise फ्रेंचाइजी पेज पर मिल जाएगी.How to become Air Hostess Career in Hindi

 

 

 

दूसरी फ्रेंचाइजी में 5 लाख का निवेश
अगर आप अमूल आइसक्रीम स्‍कूपिंग पार्लर चलाना चाहते हैं और इसकी फ्रेंचाइजी के verka franchise लिए प्लान करना है तो इसका निवेश थोड़ा ज्यादा है. verka franchise इसे लेने के लिए आपको करीब 5 लाख रुपए का निवेश करना होगा. verka franchise इसमें ब्रांड सिक्‍योरिटी 50 हजार रुपए, रिनोवेशन 4 लाख रुपए, इक्‍वीपमेंट 1.50 लाख रुपए शामिल हैं.HOW TO DRUGS ADDICTION Abuse in Hindi

कितनी होगी कमाई 
अमूल के मुताबिक, फ्रेंचाइजी के जरिए हर महीने लगभग 5 से 10 लाख रुपए की बिक्री हो सकती है. हालांकि, यह जगह पर भी निर्भर करता है. अमूल आउटलेट लेने पर कंपनी अमूल प्रोडक्‍ट्स के मिनिमम सेलिंग प्राइस यानी एमआरपी पर कमीशन देती है. इसमें एक मिल्‍क पाउच पर 2.5 फीसदी, मिल्‍क प्रोडक्‍ट्स पर 10 फीसदी और आइसक्रीम पर 20 फीसदी कमीशन मिलता है. अमूल आइसक्रीम स्‍कूपिंग पार्लर की फ्रेंचाइजी लेने पर रेसिपी बेस्‍ड आइसक्रीम, शेक, पिज्‍जा, सेंडविच, हॉट चॉकेलेट ड्रिंक पर 50 फीसदी कमीशन मिलता है. वहीं, प्री-पैक्‍ड आइसक्रीम पर 20 फीसदी और अमूल प्रोडक्‍ट्स पर कंपनी 10 फीसदी कमीशन देती है.

 

 

 

 

 

क्या है फ्रेंचाइजी लेने की शर्त
अगर आप अमूल आउटलेट लेते हैं तो आपके पास 150 वर्ग फुट जगह होनी चाहिए. अगर इतनी जगह है तो अमूल आपको फ्रेंचाइजी दे देगी. वहीं, अमूल आइसक्रीम पार्लर की फ्रेंचाइजी के लिए कम से कम 300 वर्ग फुट की जगह होनी चाहिए. इससे कम जगह में अमूल फ्रेंचाइजी ऑफर नहीं करेगा.

देश की राजधानी दिल्ली में मदर डेयरी व अमूल का दूध सरकारी मानकों पर खरा नहीं उतर पाया। दिल्ली सरकार की जांच रिपोर्ट में यह पाया गया कि इस दूध में पानी की मिलावट की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने यह जानकारी दी।

 

 

 

 

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21 सैंपल जांच में फेल
मंत्री ने बताया कि अप्रैल में शहर के अलग अलग इलाकों से दूध के जो 177 सैंपल उठाए गए थे, उनमें से 165 की रिपोर्ट आ गई है और 21 सैंपल फेल पाए गए हैं। इनमें खुले दूध के अलावा मदर डेयरी, अमूल के पैकेट भी हैं। दूध हालांकि नकली या सिंथेटिक नहीं था लेकिन दूध में पानी या मिल्क पाउडर मिलाने की बात कही गई है।
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घी में भी मिलावट
दूध के अलावा एक घी का सैंपल भी टीम ने उठाया है। रिपोर्ट में साफ है कि इसमें भी मिलावट हुई है। इसकी अंतिम जांच रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है। यह सैंपल खुले बाजार की एक दुकान से उठाया गया था। मंत्री ने बताया कि इस रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए दूध से बने सभी उत्पादों जैसे खोया और पनीर जैसे दुग्ध उत्पादों की भी जांच की जाएगी।Education Loan Kya hai & kyu or kaise Apply kre in (Hindi & English)

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होगी कड़ी कार्रवाई
मंत्री ने कहा कि किसी भी नमूनों में मिलावट मिलेगी है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली सरकार को इन मामलों में केस दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। मिलावट के मामले में कोर्ट में दोषियों को पेश करके पेनल्टी लगाई जाएगी। 5 हजार से 5 लाख तक की जुर्माने का प्रावधान है।  

हरियाणा के जींद जिले के छोटे-से गांव बोहतवाला के बलजीत सिंह रेढु ने बचपन में सुना था कि कभी उनके इलाके में दूध की नदियां बहती थीं. किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले बलजीत को मालूम था कि ‘‘दूध की नदी’’ का मतलब है, इलाके में कृषि आधारित संपन्नता थी. यही वजह है कि उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बावजूद अपने किसान भाई महेंद्र सिंह की तरह कृषि आधारित उद्योग शुरू करने का फैसला किया.

 

 

 

 

 

 

उन्होंने 1995 में मुर्गी पालन के लिए हैचरी कारोबार शुरू किया. लेकिन उनका लक्ष्य तो अपने इलाके में दूध की नदी बहाना था, सो उन्होंने 2006 में 10 मुर्रा भैंसों के साथ डेयरी का कारोबार शुरू किया. यही नहीं, वे आसपास के किसानों से भी दूध का कलेक्शन करने उसे ‘‘लक्ष्य’’ ब्रांड के नाम से बेचने लगे. धीरे-धीरे उनका काम इतना फैलता चला गया कि 2010 में उन्होंने जींद में एक शानदार मिल्क प्लांट की स्थापना कर डाली. आज उनके डेयरी कारोबार का सालाना टर्नओवर करीब 150 करोड़ रु. है.
दूध की बढ़ती कीमत
51 वर्षीय बलजीत कहते हैं, ‘‘आज 14,000 दूध उत्पादक हम से जुड़े हैं और हरियाणा में हमारे 120 बूथ हैं.’’ उनके पास लगभग 2,000 गायें और भैंसें हैं. वे मध्य हरियाणा के बाहर भी अपनी पहुंच बढ़ाने की जुगत में हैं और मदर डेयरी को 25,000 लीटर दूध सप्लाई कर रहे हैं.

 

 

 

 

 

यह देश में दूध से आ रही संपन्नता की बानगी भर है. उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में कई उद्यमी इसी तरह की दूध की नदी बहा रहे हैं. इन लोगों ने अपनी उद्यमशीलता के बूते भारत को दुनिया का सबसे ज्यादा दूध पैदा करने वाला देश बना दिया है. दुनिया में दूध की कुल पैदावार में भारत का योगदान 17 फीसदी का है. यहां का डेयरी बाजार चार लाख करोड़ रु. का है.

देश में 1991-92 में दूध की पैदावार 5.57 करोड़ टन हुआ करती थी जो 2013-14 में 14 करोड़ टन पर पहुंच गई. अगले एक दशक तक इसमें 13-15 फीसदी सालाना इजाफे की उम्मीद है. नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) के चेयरमैन टी. नंद कुमार इशारा करते हैं, ‘‘भारत में 2016-17 तक दूध की मांग के 15.5 करोड़ टन पहुंचने की उम्मीद है.’’
औरंगाबाद के मगध डेयरी के मालिक सुबोध कुमार सिंह

 

 

 

 

 

 

(औरंगाबाद के मगध डेयरी के मालिक सुबोध कुमार सिंह)
आधुनिक है तकनीक और कारोबार
एक ओर जहां राज्य सरकारें दूध की पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों को सब्सिडी देकर उन्हें प्रेरित कर रही हैं, वहीं विज्ञान और तकनीकी का सहारा लेकर उत्पादन बढ़ाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. राजस्थान के गंगानगर के हरिंदर सिंह को आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल की ऐसी जिद है कि दूध दुहने से लेकर ग्राहक के बर्तन में पहुंचाने तक उसे हाथ नहीं लगाया जाता. सारा काम मशीनों के जरिए होता है.

वे अच्छी नस्ल तैयार करने के लिए कृत्रिम गर्भाधान कराते हैं और गायों को गर्मी से बचाने के लिए इज्राएल से मंगाए छोटे फुहारे का इस्तेमाल करते हैं, जो अत्यधिक गर्मी के दिनों में भी शेड के तापमान को 15 डिग्री सेल्सियस तक कम कर देता है. उन्होंने उम्र और दूध की मात्रा के हिसाब से गायों के लिए अलग-अलग शेड बनवा रखे हैं, जो उनके आधुनिक पशु प्रबंधन की मिसाल है.

उन्होंने अपने फार्म में गर्मी में अकसर होने वाली बिजली कटौती के समय दुधारू पशुओं को परेशानी से बचाने के लिए जनरेटर की भी व्यवस्था की है. इसके अलावा, आधुनिक डेयरी के इर्दगिर्द साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखा जाता है, ताकि मवेशियों की सेहत ठीक रहे.Derma Roller Therapy Acne Scars Glowing Skin & Hair loss Use derma roller in Hindi

किसान केवल दूध ही नहीं दुह रहे बल्कि गोबर से भी पैसा कमा रहे हैं. ऑर्गेनिक फार्मिंग के बढ़ते रुझन के मद्देनजर गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार की जा रही है. बिहार के बोधगया की नंदिनी डेयरी के संतोष कुमार सालाना 3,000 मीट्रिक टन वर्मी कम्पोस्ट तैयार करते हैं. उन्हीं के शब्दों में अब तो ‘‘मेरी योजना बायोगैस बॉटलिंग प्लांट यूनिट स्थापित करने की है.’’

 

 

 

 

 

गंगानगर, राजस्थान के डेयरी फार्म के मालिक हरिंदर सिंह
(गंगानगर, राजस्थान के डेयरी फार्म के मालिक हरिंदर सिंह)

दूध की खपत
नेशनल सर्वे सैंपल ऑर्गेनाइजेशन (एनएसएसओ) की 2011-12 के लिए जारी की गई ताजा रिपोर्ट भी दूध की बढ़ती खपत की ओर इशारा करती है. इसके मुताबिक, 2004-05 में किसी परिवार के फूड बजट में दूध का हिस्सा घट रहा था लेकिन 2009-10 से लेकर 2011-12 के बीच यह एकदम से बढ़ गया. ग्रामीण इलाकों में दूध से बने उत्पादों पर खर्च करने में 105 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई जबकि शहरी इलाकों में यह 90 फीसदी पर है.

यही नहीं, 2004-05 की अपेक्षा 2011-12 में प्रति व्यक्ति दूध की खपत में ग्रामीण इलाकों में प्रति माह 470 मिलीलीटर का इजाफा हुआ है जबकि शहरी इलाकों में यह बढ़ोतरी 315 मिलीलीटर है. निर्यात के मामले में भी हमारा प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. एग्रीकल्चरल ऐंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीईडीए) के मुताबिक, 2013-14 में भारत ने 3,318 करोड़ रु. के 1,59,228.52 मीट्रिक टन डेयरी उत्पादों का निर्यात किया है. यह निर्यात प्रमुख रूप से पड़ोस के बांग्लादेश और पाकिस्तान के अलावा मिस्र, यूएई, अल्जीरिया, यमन आदि को किया जाता है.

 

 

 

 

 

 

दूध के क्षेत्र में भारत के इस तरह कदम बढ़ाने की वजह से ही तो लक्ष्य डेयरी के बलजीत सिंह अब चीज और इसी तरह के अन्य उत्पादों की दुनिया में कदम रखने जा रहे हैं. वे कहते हैं, ‘‘दुनियाभर में मोजेरेला चीज की काफी डिमांड है. मेरा टारगेट इसी तरह के अन्य उत्पाद हैं.’’
बिहार के बोधगया के नंदिनी डेयरी के मालिक संतोष कुमार
पशु धन सबसे जरूरी
कृषि मंत्रालय के पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग की एक रिपोर्ट से जाहिर होता है कि विदेशी दुधारू मवेशियों की जगह देसी मवेशियों की संख्या में इजाफा उत्साह बढ़ाने वाला नहीं है. देश में 55 फीसदी दूध मुर्रा, मेहसाणा और सुरती जैसी भैंसों की देसी प्रजातियों से मिलता है. इसी तरह गाय की साहीवाल और गीर जैसी नस्लों को बढ़ावा मिल रहा है.

लेकिन दूध की मशीन समझी जाने वाली विदेशी नस्ल की हॉल्स्टन, ब्राउंसवियर और जर्सी की संकर प्रजातियां अधिक दूध देने की वजह से ज्यादा पाली जा रही हैं. ऐसे में आश्चर्य नहीं कि विदेशी/संकर दुधारू गोवंश पशुधन में 2012 में 34.78 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जबकि देसी नस्ल के मामले में यह वृद्धि 0.17 फीसदी की ही है.

 

 

 

 

 

 

बलजीत जैसे लोग टेक्नोलॉजी से देसी नस्ल को और उन्नत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. उन्होंने लक्ष्य डेयरी में दुधारू पशुओं की नस्ल सुधारने के लिए सीमेन स्टेशन स्थापित किया है. वे कहते हैं, ‘‘मैं हरियाणा की दूध और दही वाली परंपरा के लिए विश्व स्तर पर इसकी पहचान बनाना चाहता हूं.’’ देश में डेयरी उत्पादों की मांग के मद्देनजर ये किसान अपनी उद्यमशीलता से दूध दुहने के साथ ही संपन्नता का स्वाद भी चख रहे हैं.   

Mother dairy दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों के लिए पूरे भारतवर्ष में काफी प्रचलित नाम है । चूँकि वर्तमान में कमाई करने के लिए लोग फ्रैंचाइजी बिजनेस में भी काफी रूचि ले रहे हैं। और ऐसे ब्रांड जिन्होंने एक विशेष क्षेत्र में अपना सिक्का जमाया है ऐसी कंपनियों की फ्रैंचाइजी लेने के लिए तो लोग हमेशा तत्पर रहते हैं। क्योंकि ऐसी कंपनियों के उत्पादों को बेचने में उद्यमी को बहुत अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ती है अर्थात प्रचलित कंपनियों की फ्रैंचाइजी लेकर उद्यमी अपनी कमाई आसानी से कर सकता है। अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग बड़े बड़े नाम हो सकते हैं लेकिन दुग्ध एवं दुग्ध से निर्मित उत्पादों में Mother Dairy का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। इसलिए आज हम हमारे इस लेख के जरिये मदर डेरी की फ्रैंचाइजी और डिस्ट्रीब्यूटरशिप लेने की प्रक्रिया के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। इसलिए यदि आप भी इस कंपनी की डिस्ट्रीब्यूटरशिप और फ्रैंचाइजी लेने की जानकारी के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको हमारा यह लेख अंत तक अवश्य पढना होगा। ताकि आपको पता चल सके की Mother Dairy नामक कंपनी क्या है? और इसकी फ्रैंचाइजी और डिस्ट्रीब्यूटरशिप लेने में लगभग कितना खर्चा आ सकता है? और इसके लिए आवेदन कैसे किया जा सकता है? इत्यादि।

 

 

 

 

 

 

 

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मदर डेयरी के बारे में (About Mother Dairy):

वर्तमान में Mother dairy नामक यह कंपनी wegmans pharmacy भारत की सबसे अधिक प्रसिद्ध एवं प्रचलित डेरी कंपनियों में से एक है । wegmans pharmacy इस कंपनी की स्थापना 1974 में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की सहायक कंपनी के रूप में हुई थी। इस पहल की शुरुआत ऑपरेशन फ्लड के तहत हुई थी और तब भारत को दुग्ध पर्याप्त राष्ट्र बनाने के लिए सबसे wegmans pharmacy बड़ा डेयरी विकास कार्यक्रम शुरू किया गया था ।wegmans pharmacy  इसी डेयरी विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए ही Mother Dairy नामक कंपनी की स्थापना हुई थी । wegmans pharmacy  और इन वर्षों में इसने नवीनीकरण और कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के माध्यम से इस उद्देश्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया भी है ।wegmans pharmacy  वर्तमान में यह कंपनी wegmans pharmacy मदर डेयरी ब्रांड के अंतर्गत सुसंस्कृत उत्पादों, आइस क्रीम, wegmans pharmacy पनीर और घी सहित दुग्ध और दुग्ध उत्पादों का निर्माण और बिक्री करती है। भले ही कंपनी ने दुग्ध उत्पादों से शुरू किया हो wegmans pharmacy लेकिन वर्तमान में कंपनी के पास हर घर की दैनिक आवश्यकताओं से wegmans pharmacy सम्बंधित खाद्य तेलों, फलों, सब्जियों, फ्रोजेन सब्जी, दाल, प्रसंस्कृत खाद्य जैसे फलों के जूस, जैम इत्यादि अनेकों पोर्टफोलियो भी हैं। पिछले कई वर्षों में Mother Dairy नामक इस कंपनी ने wegmans pharmacy अपने रिटेल चैनलों एवं मजबूत नेटवर्क की बदौलत दिल्ली एवं एनसीआर में दुग्ध उत्पादों के बाजार में नेतृत्व करने की स्थिति बनाई है। wegmans pharmacy और आने वाले वर्षों में कंपनी देश भर में अपनी स्थिति wegmans pharmacy मजबूत करना चाहती है। इसलिए यह कंपनी, उद्यमी बनने की चाह रखने वाले लोगों को समय समय पर अपने साथ बिजनेस करके कमाई का मौका देती रहती है।

 

 

 

 

 

 

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मदर डेयरी की फ्रैंचाइजी लेने में आने वाली लागत (Cost and Investment to open Mother Dairy Franchise)

भारत में Mother dairy की फ्रैंचाइजी शुरूhorizon organics  करने में लगभग 7-12 लाख तक का खर्चा आ सकता है horizon organics इस खर्चे में जगह एवं बिल्डिंग का खर्चा शामिल नहीं है। horizon organics कंपनी द्वारा अपने डीलर horizon organics या डिस्ट्रीब्यूटर horizon organics से लगभग 50000 रूपये ब्रांड फी के तौर पर भी वसूले जाते हैं। horizon organics हालांकि कंपनी द्वारा किसी प्रकार की horizon organics रॉयल्टी फी horizon organics अभी तक नहीं ली जा रही है । horizon organics इस सबके अलावा उद्यमी के पास कम से कम 500 Square Feet जगह होनी चाहिए जहाँ वह अपनी इकाई शुरू कर सके। horizon organics और यह जगह भी निवासीय कॉलोनी में स्थित होनी चाहिए horizon organics ताकि लोग उत्पाद खरीदने आसानी से उद्यमी की horizon organics दुकान तक पहुँच पायें। इसके अलावा यदि उद्यमी Mother dairy की एक से अधिक फ्रैंचाइजी लेना चाहता है तो वह ले सकता है लेकिन इसमें आने वाला निवेश बढ़ता जायेगा। इसके अलावा जहाँ तक इस व्यापार से रिटर्न मिलने की बात है एक आंकड़े के मुताबिक कुल निवेश पर 30% तक रिटर्न मिलने के आसार लगाये जा सकते हैं।

 

 

 

 

 

कंपनी द्वारा प्रदान की जाने वाली मदद एवं प्रशिक्षण: 

Mother dairy की फ्रैंचाइजी लेने वाले उद्यमी को कंपनी द्वारा मदद एवं प्रशिक्षण दिया जाता है। कहने का आशय यह है की जब किसी व्यक्ति या संस्था को कंपनी द्वारा अपनी फ्रैंचाइजी, डिस्ट्रीब्यूटरशिप, डीलरशिप इत्यादि प्रदान की जाती है तो कंपनी द्वारा विभिन्न प्रकार की मदद जैसे फील्ड असिस्टेंस, फ्रैंचाइजी के डिजाईन एवं लेआउट में मदद, और आगे इसे ढंग से प्रबंधित करने में मदद भी की जाती है। इसके अलावा कंपनी द्वारा इकाई के कर्मचारियों को समय समय पर उत्पाद एवं सेल्स इत्यादि पर प्रशिक्षण दिया जा सकता है।  

मदर डेयरी की फ्रैंचाइजी लेने के फायदे (Benefits of Mother dairy Franchise):

Mother dairy की फ्रैंचाइजी लेने के कुछ मुख्य फायदों की लिस्ट इस प्रकार से है ।

  • मदर डेयरी दुग्ध एवं इससे उत्पादित उत्पादों के mother dairy franchise  बाजार में एक जाना पहचाना नाम है इसलिए इसके उत्पादों को खरीदने के लिए ग्राहक आसानी से मिलने की उम्मीद लगाई जा सकती है।
  • मदर डेयरी की फ्रैंचाइजी लेकर उद्यमी न सिर्फ दुग्ध mother dairy franchise एवं दुग्ध से निर्मित उत्पाद बेच सकता है, बल्कि कंपनी के अन्य उत्पाद जैसे प्रसंस्कृत खाद्य, फ्रोजन सब्जी, आइस क्रीम, जूस इत्यादि भी बेच सकता है।
  • कंपनी द्वारा जो भी उत्पाद बनाये गए हैं ये mother dairy franchise मनुष्य की रोजमर्रा की आवश्यकता से जुड़े हुए उत्पाद हैं इसलिए इनकी दैनिक आधार पर अधिक बिक्री के आसार लगाये जा सकते हैं।
  • Mother Dairy की फ्रैंचाइजी शुरू करने के mother dairy franchise लिए उद्यमी को बहुत अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता नहीं होती है। और इस व्यापार को शुरू करने में आने वाली लागत भी उचित एवं तर्कसंगत होती है।
  • कंपनी द्वारा किसी प्रकार की रॉयल्टी फी नहीं वसूली जाती है ।
  • कंपनी द्वारा उद्यमी को अधिक से अधिक बिक्री करने की ओर प्रोत्साहित किया जाता है और तरह तरह की मदद एवं प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है।What is Neet Exam in Hindi & How to Import     

 

 

 

 

 

 

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 मदर डेयरी फ्रैंचाइजी के लिए आवेदन कैसे करें (How to apply for Mother Dairy Franchise):

हालांकि Mother dairy ने horizon organics  खुद की फ्रैंचाइजी, amul franchise डीलरशिप, डिस्ट्रीब्यूटरशिप इत्यादि के लिए ऑनलाइन आवेदन अभी नहीं मांगे हैं। amul franchise लेकिन यदि आप इस कंपनी की फ्रैंचाइजी लेने के लिए amul franchise आवेदन करना चाहते हैं तो यह बेहद ही आसान प्रक्रिया है ।amul franchise लेकिन इससे पहले आप इतना अवश्य चेक कर लें की क्या amul franchise आपके पास किसी रिहायशी इलाके में खुद की या किराये पर ली हुई दुकान है। amul franchise और यदि हाँ तो क्या आप उपर्युक्त बताई गई amul franchise निवेश राशि तक निवेश करने में समर्थ हैं। amul franchise यदि इस प्रश्न का जवाब भी हाँ ही है तो आप Mother dairy की फ्रैंचाइजी लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं। amul franchise हालांकि कंपनी को जब किसी नई लोकेशन पर फ्रैंचाइजी खोलने की आवश्यकता होती है amul franchise तो कंपनी अपनी अधिकारिक वेबसाइट एवं wegmans pharmacy समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों को सूचित करती है amul franchise ताकि वे फ्रैंचाइजी के लिए आवेदन कर सकें। amul franchise इसके अलावा आप चाहें तो कंपनी के निम्न संपर्क सूत्रों के माध्यम से भी इस बारे में पता कर सकते हैं।

11 COMMENTS

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