Groundnut Oil Manufacturing Business Plan in Hindi, को मूंगफली का तेल कहा जाता है और इसे अन्य शब्दों में पीनट आयल भी कहा जाता है, जहाँ तक भारत में इसके उत्पादन सम्बन्धी अवसरों की बात है तो चूँकि भारत एक कृषि प्रधान देश होने के कारण मूंगफली का उत्पादन भी अच्छी खासी मात्रा में करता है । इसलिए इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करने वाले उद्यमी को कच्चे माल की उपलब्धता आसानी से होने की उम्मीद है भारत में मूंगफली के तेल का उत्पादन करना आर्थिक दृष्टी से इसलिए भी लाभकारी माना गया है, क्योंकि इस उत्पाद की निर्यात क्षमता बेहद विशाल है। इसलिए भले ही घरेलु बाजार में Groundnut Oil की माँग बहुत अधिक नहीं हो लेकिन उद्यमी चाहे तो अपने उत्पाद को अन्य देशों की ओर निर्यात करके कमाई कर सकता है। इसके अलावा इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करने का एक फायदा यह भी है की इसे उद्यमी अपने निवेश क्षमता के आधार पर छोटे, मध्यम या बड़े किसी भी स्तर से शुरू कर सकता है। एक आंकड़े के मुताबिक एक मीट्रिक टन यानिकी 1000 किलो मूंगफली से लगभग 420 लीटर मूंगफली का तेल, 420 किलो ग्राउंडनट केक और लगभग 40 किलो मूंगफली का अपशिष्ट (गाद) निकलता है । तो आगे इस लेख में हम मूंगफली के तेल बनाने के व्यवसाय के बारे में तो बात करेंगे ही, लेकिन उससे पहले यह जान लेते हैं की मूंगफली का तेल होता क्या है?
मूंगफली का तेल क्या है? (What is Groundnut Oil):
मूंगफली का तेल यानिकी Groundnut Oil जिसे पीनट आयल के नाम से भी जाना जाता है मूंगफली से प्राप्त किया हुआ एक वानस्पतिक तेल है। इस तेल में मजबूत मूंगफली का स्वाद और सुगंध मौजूद रहती है। इस तेल का इस्तेमाल अमेरिकी, चीनी, दक्षिण एशियाई और दक्षिण पूर्व एशियाई व्यंजनों को भूनने और अतिरिक्त स्वाद प्राप्त करने के उद्देश्य से इन्हें बनाने में किया जाता है। मूंगफली के तेल का इस्तेमाल पीनट बटर बनाने में भी किया जाता है यही कारण है की इसकी मांग घरेलु एवं अंतराष्ट्रीय बाजार में मौजूद रहती है।
मूंगफली के तेल का बाजार
मूंगफली की यदि हम बात करें तो यह दुनियाभर में भोजन का एक लोकप्रिय स्रोत है, और जहाँ तक बात Groundnut Oil यानिकी मूंगफली के तेल की है इसका इस्तेमाल खाना पकाने के लिए और कन्फेक्शनरी आइटम बनाने के लिए हलवाई द्वारा प्रमुख रूप से किया जाता है। इसके अलावा पीनट बटर बनाने में भी इसका इस्तेमाल प्रमुख है । शायद यही कारण है की भारत से निर्यात होने वाले खाद्य तेलों की लिस्ट में मूंगफली का स्थान शीर्ष पर है।
चूँकि इसे एक प्रीमियम तेल के रूप में देखा जाता है इसलिए इसकी लागत एवं बेचने की कीमत अन्य खाद्य तेलों की तुलना में थोड़ी अधिक है। कहने का आशय यह है की बाजार में उपलब्ध अन्य खाद्य तेलों की कीमत मूंगफली के तेल की कीमत की तुलना में कम होती है, यह परिष्कृत और फ़िल्टर किये गए रूपों में बाजार में उपलब्ध है लेकिन फ़िल्टर तेल पोषक तत्वों से भरपूर ज्यादा बेहतर होते हैं।
एक आंकड़े के मुताबिक वित्त वर्ष 2013-14 में वैश्विक स्तर पर Groundnut Oil Market का आकार 188,000 मीट्रिक टन था इसके अतिरिक्त भारत लगभग 16,500 मीट्रिक टन मूंगफली का निर्यात करता था। भारत सरकार की ओर से निर्यात नीतियों में किये गए सुधार और उदारवादी नीतियों के चलते मूंगफली के और भी अधिक निर्यात होने की संभावना जताई जा रही है।
मूंगफली का तेल बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start Groundnut Oil Manufacturing):
अन्य बिजनेस की तरह Groundnut Oil Manufacturing शुरू करने के लिए भी जमीन और बिल्डिंग, कर्मचारी, वित्त का प्रबंध, आवश्यक लाइसेंस और पंजीकरण इत्यादि प्रबंध करने की आवश्यकता तो होती ही है। इस व्यवसाय में उद्यमी को यह भी पता करना होता है की जहाँ पर वह यह व्यवसाय शुरू करना चाह रहा है क्या वहां पर कच्चे माल की उपलब्धता आसानी से उचित दामों में हो पायेगी या फिर नहीं।
वैसे देखा जाय तो सीजन में मूंगफली हर क्षेत्र में देखने को मिल जाती है लेकिन सवाल यह है की क्या उद्यमी को उचित दामों में मूंगफली उस लोकेशन पर मिलेगी या नहीं। इसलिए अपना इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करने के लिए उद्यमी को किसी ऐसी लोकेशन का चयन करना होगा जहाँ पर किसानों द्वारा मूंगफली की खेती की जाती हो, ताकि उद्यमी को कच्चा माल आसानी से और उचित दामों में प्राप्त हो सके।
1. जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध करें
जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में भी बता चुके हैं की कच्चे माल की उपलब्धता के आधार पर एक सही लोकेशन का चुनाव करना कितना जरुरी हो जाता है। इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए उद्यमी को किसी ऐसी लोकेशन का चुनाव करना होगा, जहाँ पर बिजली, पानी, सड़क इत्यादि की उपलब्धता हो। इसलिए उद्यमी चाहे तो एक फ्लोर प्लान विकसित कर सकता है और फिर उस हिसाब से जमीन में निर्माण कार्य शुरू करवा सकता है।
लेकिन यदि उद्यमी के पास खुद की जमीन नहीं है तो उसे उपयुक्त लोकेशन पर बनी बनाई बिल्डिंग किराये पर लेने की कोशिश करनी चाहिए। चूँकि Groundnut Oil Manufacturing व्यवसाय को संचालित होने और जमने में लम्बा समय लग सकता है, इसलिए उद्यमी के लिए जमीन लम्बे समय हेतु लीज पर लेना लाभकारी हो सकता है।
जहाँ तक कितनी जमीन की आवश्यकता होगी का सवाल है यह इस बात पर निर्भर करता है की उद्यमी की योजना किस आकार का व्यवसाय स्थापित करने की है। छोटे स्तर पर इस तरह का व्यवसाय शुरू करने के लिए 500-700 Square Feet जगह पर्याप्त रहेगी ।
2. वित्त का प्रबंध करें (Fund Arrangement for Groundnut Oil Business):
किसी भी विनिर्माण उद्योग स्थापित करने के समान ही Groundnut oil Manufacturing बिजनेस शुरू करने के लिए भी दो प्रकार की लागतें स्थिर लागत और कार्यशील लागत प्रमुख हैं। इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करने के लिए नाबार्ड में पुनर्वित्त योजना की सुविधा भी उपलब्ध है। स्थिर लागत का प्रबंध करने के लिए उद्यमी चाहे तो टर्म लोन या मोर्टेज लोन के लिए आवेदन कर सकता है। और कार्यशील लागत का प्रबंध उद्यमी स्वयं की व्यक्तिगत बचत, ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी इत्यादि के माध्यम से अपने नजदीकी बैंक या फिर वित्तीय संस्थान से कर सकता है।
3. आवश्यक लाइसेंस और पंजीकरण
Groundnut Oil Manufacturing का यह व्यवसाय शुरू करने के लिए उद्यमी को निम्नलिखित लाइसेंस और पंजीकरण की आवश्यकता हो सकती है।
- उद्यमी को अपने व्यवसाय को वैधानिक स्वरूप प्रदान करने के लिए इसे प्रोप्राइटरशिप या वन पर्सन कंपनी के तौर पर रजिस्टर करने की आवश्यकता हो सकती है।
- इसके अलावा बिलिंग इनवॉइस के लिए टैक्स रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता होगी ।
- नगर निगम या नगर पालिका जैसे स्थानीय प्राधिकरण से ट्रेड लाइसेंस की आवश्यकता हो सकती है।
- चूँकि Groundnut Oil एक खाद्य तेल है इसलिए इसे शुरू करने के लिए FSSAI License की भी आवश्यकता होगी।
- उद्यमी को फैक्ट्री लाइसेंस के साथ उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता हो सकती है।
- इसके अलावा BIS Certification और एगमार्क रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता हो सकती है।
- पोल्यूशन और फायर डिपार्टमेंट से नों ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेशन की भी आवश्यकता हो सकती है।
- यदि उद्यमी अपने उत्पाद की निर्यात करने की योजना बना रहा है तो उसे इम्पोर्ट एक्सपोर्ट कोड की भी आवश्यकता हो सकती है।
4. मशीनरी उपकरणों कच्चे माल की खरीदारी
Groundnut Oil Manufacturing व्यवसाय में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी की लिस्ट इस प्रकार से है।
- आयल सीड साफ़ करने के लिए प्री क्लीनर मशीन
- आयल सीड हैंडल करने के लिए कैन्स और ट्रेज
- बैच टाइप सोलर ड्रायर
- टापेरिंग स्क्रू टाइप मैकेनिकल आयल एक्सपेलर
- फ़िल्टर प्रेस
- खाद्य तेल को संग्रहित करने के लिए स्टील ड्रम
- भार मापक यंत्र
- सेमी आटोमेटिक बोतल फिलिंग मशीन
- मोल्डेड पालीकार्बोनेट बोतल कैपिंग कम सीलिंग मशीन
Groundnut oil Manufacturing के लिए जहाँ तक आवश्यक कच्चे माल की बात है तो इसके लिए प्रमुख कच्चा माल मूंगफली का बीज ही है। इसलिए यह सीजन में लगभग सभी क्षेत्रों में उपलब्ध रहता है इसलिए उद्यमी चाहे तो इसे स्थानीय स्तर पर भी खरीद सकता है एक आंकड़े के मुताबिक मूंगफली का बीज 44-50% तक का तेल प्रदान करता है और 50-55% तक केक और अन्य पदार्थ प्रदान करता है। मूंगफली के बीज के अलावा कास्टिक सोडा, ब्लीचिंग अर्थ और पैकेजिंग सामग्री की भी आवश्यकता होती है।
5. निर्माण कार्य शुरू करें ( Start Extraction Process for Groundnut Oil):
Groundnut Oil Manufacturing Process की यदि हम बात करें तो इसे प्रमुख रूप से दो भागों में विभाजित किया जा सकता है पहला मैकेनिकल प्रोसेसिंग और दूसरा साल्वेंट एक्सट्रैक्शन है। लेकिन मूंगफली के बीज जैसे दानों के लिए जिनमें तेल की सामग्री उच्च होती है में मैकेनिकल प्रेसिंग का इस्तेमाल किया जाता है यहाँ पर इस प्रक्रिया में बीजों से लगभग 85% तक तेल का निष्कर्षण किया जा सकता है।
जो पन्द्रह प्रतिशत तेल आयल केक में बच जाता है उसका निष्कर्षण भी एक साल्वेंट की मदद से किया जा सकता है। मैकेनिकल प्रक्रिया में Groundnut oil Manufacturing Process को तीन भागों प्रिपरेशन, प्रेसिंग और क्रूड आयल रिफाइनिंग में विभाजित किया जा सकता है।
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