Jasmine Flower In Hindi – इस लेख में चमेली के फूल के बारें में जानेगे। चमेली के फूल को भारत के अलावा कई अन्य देशो में भी अति लोकप्रिय माना जाता है, इस फूल को भारत में रात की रानी का फूल भी कहा जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण है, इसकी सुगंध और चमेली के फायदे। इस फूल के अंदर से एक मनमोह लेने वाली खुशबु निकलती है। जो की हमारे आस पास के पुरे वातावरण को पूरी तरह से महकाकर आनंदमय बना देती है। इस फूल का रंग और आकर दोनों ही शानदार होते है। आज हम इससे जुड़ी सभी जानकारी आपको बताने वाले है। मुझे पूरी उम्मीद है, की अगर आप इस लेख को पूरा पढ़ते हैं, तो जैस्मिन के फूल की जानकरी ले लिए आपको कोई और लेख पड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, तो चलिए जानते है, चमेली के फूल की जानकारी
चमेली का फूल की जानकरी
चमेली का फूल Jasminum Officinale प्रजाति का एक झाड़ीदार पौधा है, इसके अलावा इस फूल को ओलिएसिई (Oleaceae) प्रजाति का माना जाता है। इस फूल का का नाम Parsi Words जिसका अर्थ होता है “यासमीन” से चमेली पड़ा। चमेली के फूल का अंग्रेजी नाम Jasmine Flower है। जिसका मतलब “प्रभु की देन” है। यह फूल हिमालय का दक्षिणावर्ती प्रदेश का मूल निवासी है। इस फूल को सबसे पहले पश्चिमी चीन में हिमालय पर उगाया गया था। भारत के सभी हिस्सों में इसे उगाया जाता है। इसके अलावा कई यूरोपी देशो में भी इस फूल की खेती की जाती है।
चमेली का फूल दिन में बहुत कम सुगंध देता है। लेकिन जैसे जैसे रात होने लगती है। इसकी सुगंध फैलने लगती है। यह अपनी सुगंध के कारण लोगो के बिच बहुत लोकप्रिय है। जब चमेली के पौधे पर कलियाँ खिलना शुरू होती है। तो इसकी सुगंध बहुत ज्यादा होती है। जैसे जैसे कलियाँ फूल में बदलना शुरू हो जाती है, वैसे ही इसकी सुगंध भी कम होने लगती है। पुरे संसार में इस फूल की लगभग 200 से ज्यादा प्रजातियां पायी जाती है।
इन्ही कुछ उन्नतशील प्रजातियों के फूलो से चमेली का तेल निकला जाता है। जिनमे मुख्य प्रजातियां जैस्मीनम ओफिसिनेल,ल जैस्मीनम ग्रैंडफ्लोरम शामिल है। वर्तमान समय में भारत के अंदर इस फूल की लगभग 40 जातियाँ और 100 किस्में नैसर्गिक रूप में पायी जाती है। भारत में इसकी खेती सूखे और नमी वाले स्थानों में बहुत ही आसानी से की जा सकती है। चमेली के पौधे को लगाने का सही समय जून से नवंबर के महोने का होता है। अगर इस पौधे को कटिंग द्वारा लगाया जाता है, तो इस पर लगभग 2 से 3 साल के अंतराल में फूल आना शुरू हो जाते है।
चमेली का फूल कई रंगो में पाया जाता है। भारत में सामान्यतौर पर यह फूल सफ़ेद और गुलाबी रंग के सबसे ज्यादा पाए जाते है। लेकिन अन्य देशो में प्रजाति के अनुसार यह पीले रंग के भी होते है। चमेली की बेल की ऊंचाई लगभग 10 से 15 तक होती है। प्रत्येक वर्ष अगर बेल की अच्छी तरह देखभाल की जाएँ, तो यह 1 से 2 फुट तक बढ़ जाती है।
चमेली का पौधा वैसे तो सदाबाहर पोधो की सूचि में आता है, लेकिन पतझड़ के मौसम में इसके कुछ पत्ते गिरने लगते है। इसकी पत्तियों का रंग हरा होता है, जिनकी ऊपरी सतह चिकनी और निचे की साथ थोड़ी खुदरी होती है। पत्तियों की लम्बाई लगभग एक से दो इंच होती है। पत्तियों की तरह इसकी शाखाएं भी हरी और चिकनी होती है।
चमेली का फूल मोगरा और जूही के फूल की प्रजाति का होता है। चमेली के फूल का आकर लगभग एक इंच होता है। यह ज्यादातर सफ़ेद रंग में पाए जाते है। इस फूल के चारो और पांच पालिया होती है। पालियों के बिच में फूल का केंद्र होता है। जिसमे एक छेद होता है। इस छेद में से कुछ पुंकेसर भी बहार आते हैं। जिनसे मधुमक्खियां परागण करती है।
चमेली के फूल का उपयोग
चमेली के फूलो का उपयोग पूजा पाठ करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा इस फूल का उपयोग महिलाओ का गजरा बनाने के लिए भी किया जाता है। चमेली के फूल की कुछ प्रजातियों का उपयोग इसके तेल निकलने के लिए भी किया जाता है। इस फूल का इस्तेमाल आयुर्वेदिक ओषिधि बनाने के लिए भी किया जाता है, और यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है।
चमेली का फूल खाने के फायदे
चमेली का फूल खाने के फायदे तो अनेक होते है, लेकिन इससे खाने से पहले कुछ बातो का ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता है। इसके फूलो में तीव्र गंध होती है। इसकी गंध के लिए इन फूलो का इस्तेमाल चाय के लिए भी किया जाता है। इससे सुगन्धित चाय बनायीं जाती है। कई फूल ऐसे होते हैं, जो की बिलकुल चमेली के फूल की तरह दिखते है। अगर आप गलती से इस तरह के फूल का सेवन करते है, तो यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए कभी भी चमेली के फूल को किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के बिना सेवन नहीं करना चाहिए। खाने से पहले फूल की किसी आयुर्वेदिक वैद्य से जाँच करा लेनी चाहिए।
चमेली के फूल पत्ते और तेल के फायदे
चमेली के फूलो से बनी चाय पिने से डिप्रेसन में आराम मिलता है। इससे मस्तिष्क में ताजगी आती है, और हमारा नर्वस सिस्टम अच्छी तरह से सक्रिय हो जाता है। जिसकी वजह से हमें अच्छा आराम और नीद मिलती है।
चमेली के फूल में कई पोषक तत्व और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते है। जिसकी वजह से इसके फूलो से बना तेल अगर स्कैल्प पर लगाकर कुछ देर मालिश की जाए, तो यह स्कैल्प में होने वाले डेंड्रफ और कई समस्यांओ को दूर करता है। इसके तेल को नारियल के तेल के साथ मिलकर सर में लगाना चाहिए। तेल लगाने के आधे घंटे बाद सिर को धो लेना चाहिए। इससे बालो की कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
बालों के लिए चमेली के तेल के फायदे? चमेली का तेल हमारे बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह बालों को कंडीशनर करने के काम भी आता है। इसके लिए आपको चमली के कुछ ताजे फूलो को लेकर गर्म पानी में डालना है। इसके बाद जब पानी थोड़ा ठंडा हो जाएँ, तब आप इस पानी से अपने बालों को धो सकते है। यह बहुत ही फायदेमंद विधि है। इससे बालों को नमी मिलती है।
चमेली आपके शरीर की दुर्गन्ध को दूर करने के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। इसके लिए आप या तो चमेली से बना बाजार से स्प्रे ला सकते है। जो की बहुत ही सुगन्धित होता है। या फिर आप ऐसा सुगन्धित स्प्रे खुद से भी बना सकते है। इसके लिए आपको एक स्प्रे बोतल में पानी लेकर उसमे चमेली के तेल की कुछ बुँदे डालने। बोतल को अच्छी तरह से हिलाकर इसको मिला लें। इसके बाद आप इस स्प्रे का उपयोग कर सकते हैं। यह दुर्गन्ध दूर करने में बहुत ही मददगार होता है।
ऐसा माना जाता है, की चमेली का फूल चिंता के लक्षणों को भी कम करने में फायदेमंद होता है। ज्यादातर लोग चमेली का पौधा अपने घर में लगाना पसंद करते है। जब इसके ऊपर फूल खिलते है, तो इसकी मनमोहक सुगंध चिंता और तनाव को दूर करती है।
इसके फूल से बने उत्पाद आपकी त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद होते है। इसके अंदर मौजूद कई ऐसे गुण पाए जाते है, जो की त्वचा को नमी प्रदान करने में बहुत सहायक होते है। आप बाजार से इससे बने लोशन या फिर क्रीम आदि का उपयोग कर सकते है। क्योकिं चमेली का तेल त्वचा पर सीधे लगाना नुकसानदायक हो सकता है।
हमारे शरीर के कई हिस्सों पर कील मुहासे या फिर चोट के निशान बन जाते है। इन निशानों को दूर करने के लिए आप चमेली से बने प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर सकते है। यह वजन बढ़ने के कारण आये स्ट्रेच मार्क्स को दूर करने में भी फायदेमंद होता है।
चमेली का पौधा कैसे लगाएं
चमेली के पौधे को कलम से तैयार करना सबसे अच्छा तरीका है। चमेली की कलम कैसे लगाएं? कलम लगाने के लिए सबसे पहले हमें कुछ बातो का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है। जब भी आप किसी भी पौधे की कटिंग लगायें हमेशा 5 से 10 कटिंग लगाएं। इससे यह फायदे होता है। अगर हमारी कुछ कलम ख़राब भी हो जाती है। तो उसमे से दो या तीन कलम से पौधे तैयार हो जाते है। जानते है चमेली को कलम के द्वारा कैसे तैयार किया जाता है।
Step 1. चमेली को कलम से तैयार करने के लिए सबसे पहले आपको नरम शाखा से 5 से 10 कलम काट लेनी है, जिनका आकर लगभग 5 से 7 इंच और मोटाई पेन्सिल की बराबर होनी चाहिए। कटिंग काटते समय यह ध्यान दे की उसको हमेशा शार्प और क्लीन कट करें।
Step 2. इसके बाद आपको सभी कटिंग के पत्तो को किसी कैंची या ब्लड की मदद से कलम से अलग कर देना है। पत्तियों को काटते समय यह ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है, की कटिंग से नोड एरिया पूरी तरह से गायब नहीं होना चाहिए।
Step 3. सभी कलम को तैयार करने के बाद इन्हे रूटिंग हार्मोन पाउडर के घोल में पांच मिनट के लिए डुबोकर रख दें। अगर आपके पास रूटिंग हार्मोन पाउडर नहीं है, तो आप पानी में भी रख सकते है।
Step 4. इसके बाद आपको कलम लगाने के लिए मिटटी तैयार करनी है। मिटटी में आप ३०% सामान्य बगीचे की मिटटी, और ५०% रेत, और २०% गोबर की पुराणी खाद या वर्मी कम्पोस्ट का इस्तेमाल कर सकते है। मिटटी को अच्छी तरह से मिलाने के बाद, आपको एक गमला लेना।
Step 5. गमला लेने से पहले यह जरूर ध्यान देना चाहिए। की उसके निचे छेद होने बहुत जरुरी है। इसके बाद गमले में मिटटी को भर लें। मिटटी भरने के बाद इसमें सभी कटिंग को एक एक करके लगभग तीन से चार इंच की गहराई में लगा दें।
Step 6. कटिंग को लगाने के बाद आप गमले में स्प्रे द्वारा पानी डालें तो सबसे अच्छा होगा। वरना आप अपने गमले को किसी परात में रखकर उसमे पानी भर दें। इससे गमला खुद निचे से पानी सिच लेगा। यह भी एक बहुत ही कारगर विधि है।
Step 7. अगर आपने यह कटिंग गर्मियों के दिनों में लगाएं है, तो अपने गमले को किसी ऐसी जगह पर रखें जहाँ पर सूरज की सीधी धुप ना आती हों। क्योकिं गर्मियों की सीधी धुप कटिंग के लिए अच्छी नहीं रहती है। इससे यह सुख सकती है। जब सभी कटिंग पर कोपल आना शुरू हो जाएँ, तो आप इसे बहार रख सकते है।
Step 8. जब पौधे थोड़े बड़े होने लगे, तो इन्हे किसी बड़े गमले में एक अच्छी मिटटी तैयार करके लगा देना चाहिए।
चमेली के पौधे की देखभाल कैसे करें
1. पौधा लगाने से पहले एक अच्छी मिटटी को तैयार करना बहुत आवश्यक होता है। इसके लिए आपको सामान्य मिटटी, बालू, और वर्मीकम्पोस्ट का एक अच्छा मिश्रण बनाकर उसमे लगाना चाहिए।
2. चमेली और मोगरा का पौधा दोनों एक जैसे ही होते है। अगर आपके घर में मोगरा का फूल का पौधा है, तो इन्ही बातों का ध्यान आप अपने मोगरा के पौधे के लिए भी रखने। इस पौधे को सर्दियों में ज्यादा पानी की आवश्यकता की जरुरत नहीं होती है। सर्दियों के दौरान गमले में हमेशा हलकी नमी बनाकर रखनी चाहिए।
3. चमेली के पौधे को धुप की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है। गर्मियों में आप इसे सूरज की धुप में जरूर रखने। इससे पौधा स्वस्थ रहता है। गर्मियों के दौरान इसके अंदर पानी की कमी ना होने दें। आप चाहे, तो गर्मियों में अपने पौधे प्रत्येक दिन भी पानी दे सकते है।
4. चमेली के फूलो के खिलने का मौसम फरवरी से अक्टूबर का रहता है। सर्दियों में यह फूल खिलना बंद हो जाते है। अगर आपके पौधे पर सिर्फ पत्तियां आती है, और फूल कम आते है। तो इसकी वजह हो सकती है, की आपने अपना पौधा किसी छाया वाली जगह में रखा हुआ है। पौधे को धुप में रखे उस पर कुछ दिन में फूल आना शुरू हो जाते है।
5. सर्दियों के अंत में यानी की फरवरी के महीने में इस पर फूल आना शुरू हो जाते है, तो आपको हमेशा दिसंबर से जनवरी के बिच में पौधे की प्रूनिंग यानी की जो लम्बी शाखाएं होती है। उन्हें काट देना चाहिए। पौधे को खाद देनी चाहिए।
6. अगर आप चमेली की बेल नहीं बनाना चाहते है, तो आप इसकी समय समय पर कटिंग करते रहियें। महीने में एक बार पौधे के आकर के अनुसार इसकी गुड़ाई करके इसमें गोबर खाद डालना चाहिए।
7. अगर आपके चमेली के पौधे पर किट पतंगे लग गए है, तो इसके लिए आप नीम के तेल को पानी में अच्छी तरह से मिलकर उसका स्प्रे कर सकते है। इससे पौधा स्वस्थ रहता है। महीने में एक बार आप दो चम्मच यूरिया खाद दो से तीन लीटर पानी में घोलकर वह भी पौधे की जड़ के चारो और डाल सकते है।
8. आप जब भी पौधे को खाद दें, चाहे वह वर्मीकम्पोस्ट हो या फिर कोई लिक्विड, हमेशा पौधे की जड़ से कुछ दुरी पर उसके चारो और डालना चाहिए।
Jasmine Flower FAQ
चमेली का फूल किस देश का राष्ट्रीय फूल है?
चमेली का फूल सुन्दर और खूबसूरत होता है। इसकी खूबसूरती और महक के कारण इस फूल को पाकिस्तान के राष्ट्रीय फूल का दर्जा प्राप्त है।
जैस्मिन फूल के क्या प्रयोग हैं?
चमेली एक प्रकार का पौधा है, जो की आयुर्वेदिक औषिधियाँ बनाने के काम में भी आता है। इससे बनी औषिधिया पेट सम्बन्धी रोगो और सिर दर्द के लिए उपोग की जाती है। इसके अलावा चमेली के फूलो का उपयोग इत्र बनाने के लिए भी किया जाता है।
चमेली के फूल कितने महीनो तक खिलते हैं?
चमेली के फूल मार्च के अंत से लेकर अक्टूबर की शुरआत तक खिलते है। इसके बाद इन पोधो के ऊपर फूल आना बंद हो जाते है। (हालाँकि यह पौधे की प्रजाति के ऊपर भी निर्भर करता है) एक सामान्य सफ़ेद चमेली का पौधा लगभग 20 से 30 फीट तक बढ़ जाता है, और इसका फैलाव 7 से 15 फुट तक होता है।
क्या चमेली और मोगरा एक ही है?
मोगरा के फूल को ज्यादातर लोग चमेली के फूल के रूप में ही जानते है, लेकिन यह प्रजाति के अनुसार अलग अलग है। चमेली का वानस्पतिक नाम (Jasminum) और मोगरा का वानस्पतिक नाम (Jasminum Sambac) होता है। लेकिन इनका पौधा लगभग एक जैसा ही होता है। दोनों फूल अपनी सुगंध के लिए लोकप्रिय है।
चमेली को कटिंग से कैसे उगाते हैं?
चमेली की कटाई को लगभग 6 इंच लंबा और पेन्सिल की मोटाई की बराबर एक पत्ते को छोड़कर काटे। काटने के बाद कलम के निचले हिस्से को पेना करें, और रूटिंग हार्मोन पाउडर में डुबोकर, कटिंग को एक प्लास्टिक बेग या गमले में नम रेत में लगाकर कुछ दिन के लिए छाया में रख दें।