Rice Mill Business कृषि से जुड़ा हुआ बिज़नेस होने के कारण भारत में बेहद ही प्रचलित व्यवसाय है इसके प्रचलित होने का दूसरा कारण यह भी हो सकता है की भारत विश्व में चावल का उत्पादन करने में दूसरा सबसे बड़ा देश है । और चावल का सेवन भारत में लगभग हर भौगौलिक क्षेत्र में किया जाता रहा है । भारत में धानों के एक बड़े हिस्से को Rice Hullers द्वारा संसाधित किया जाता है । लेकिन ग्रामीण भारत में धानों से चावल निकालने के लिए अनेकों विधियों को अपनाया जाता है ये भौगौलिक क्षेत्र के आधार पर अलग अलग हो सकती हैं।

 

 

 

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लेकिन व्यवसायिक तौर पर धानों से चावल का उत्पादन करने के लिए अधिकतर तौर पर Rice Hullers का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन ये केवल कम क्षमता वाली Rice Mill के लिए उपयुक्त रहती हैं। इस प्रकार के Rice Hullers में धानों से छिलका निकालने, और चावल पर पोलिशिंग का काम एक साथ किया जाता है। यही कारण है की इस प्रक्रिया में चावल की पोलिशिंग पर उद्यमी का कोई नियंत्रण नहीं रह पाता है और इस स्थिति में चोकर एवं चावलों का टूटना अधिक होता है। इन्हीं सब समस्याओं को दूर करने के लिए अब बाजार में Mini Rice Mill मिलने लगी हैं जिन्हें ग्रामीणों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर डिजाईन किया गया है। और ये पोलिश चावल प्राप्त करने, चोकर प्राप्त करने, धान की भूसी प्राप्त करने के लिए Rice Hullers का एक अच्छा विकल्प है । इससे पहले की हम इस व्यवसाय पर और अधिक वार्तालाप करें आइये जानते हैं एक राइस मिल होती क्या है?

 

 

 

 

 

 

 

राइस मिल क्या होती है (What is Rice Mill in Hindi):  

जैसा की हम सब जानते हैं धान को उसकी वास्तविक अवस्था में मनुष्य प्राणी द्वारा नहीं खाया जा सकता है, कहने का आशय यह है की मनुष्य द्वारा धान का सेवन नहीं, बल्कि उसे संसाधित करके उत्पादित चावल का सेवन किया जाता है। इसलिए इसे मनुष्य प्राणी के सेवन के लायक बनाने के लिए इसे चावल के रूप में संसाधित करने की आवश्यकता होती है । जिस जगह विशेष में मशीनों द्वारा यह कार्य व्यवसायिक तौर पर किया जाता है उसे Rice Mill कहा जाता है ।

 

 

 

 

 

 

वास्तव में राइस मिलिंग वह प्रक्रिया है जिसमें धान से चोकर एवं भूसे को अलग करके चमकदार चावलों का उत्पादन किया जाता है।इसलिए यदि कोई व्यक्ति ऐसे भौगौलिक क्षेत्र में रहता है जहाँ धान का उत्पादन अधिक होता है, वह उस क्षेत्र में खुद की कमाई करने के लिए खुद का Rice Mill Plant स्थापित कर सकता है । बेहतर चावल मिलों में धान की भूसी एवं चोकर के लिए एस्पिरेशन सिस्टम होता है। यह सिस्टम संसाधित चावलों को चोकर इत्यादि के साथ मिश्रित होने से रोकता है । यही कारण है की इस प्रक्रिया से उत्पादित चोकर अच्छी गुणवत्ता का होता है । Rice Mill Business शुरू करने के इच्छुक व्यक्ति को सर्वप्रथम अपने प्लांट के लिए एरिया का चुनाव करना चाहिए, लेकिन यह मुख्य रूप से दो बातों पर निर्भर करता है की उद्यमी अपने प्लांट में किस प्रकार के चावल का उत्पादन करना चाहता है वर्तमान में दो विधियों एक विधि वह होती है जिसमें धान को सर्वप्रथम उबाला जाता है और उसके बाद सूखाकर इनका छिलका निकाल दिया जाता है आम तौर पर इसे पक्का चावल कहते हैं। दूसरी विधि में धान को उबाले बिना ही चावल का उत्पादन किया जाता है।

 

 

 

 

 

 

उत्पाद एवं इसके अनुप्रयोग: 

कैसे पायें आसानी से सरकारी नौकरी 10 टिप्सचावल धान का अन्दुरुनी भाग होता है जिसे धान की भूसी एवं चोकर की पतली परत को हटाकर प्राप्त किया जाता है । Rice Mill Business से आशय उस प्रक्रिया से है जिसमें उद्यमी को धानों से भूसी एवं चोकर हटाकर चावलों का उत्पादन करना होता है। इस पूरी प्रक्रिया में इस बात का ध्यान रखना पड़ता है की चावल कम से कम टूटें। बाजार में चावल मुख्य रूप से दो रूपों में पक्का चावल (पहले से उबाला हुआ) एवं कच्चे चावल में उपलब्ध रहता है। कच्चे चावल को आम तौर पर सीधे कच्चे धानों से भूसी एवं चोकर हटाकर प्राप्त किया जाता है, जबकि पक्के चावल का उत्पादन करने के लिए पहले धानों को आंशिक रूप से उबाला जाता है। पक्के चावलों का इस्तेमाल अधिकतर तौर पर असम, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और बिहार के कुछ हिस्सों में होता है । उबालने और सुखाने की प्रक्रिया को छोड़कर दोनों तरह की विधियाँ लगभग एक जैसी ही हैं। Rice Mill Business में राइस मिलिंग प्रक्रिया मुख्य उत्पाद के तौर पर चावल देती है और सहायक उत्पादों के तौर पर चावल की भूसी, ब्रान एवं टूटे हुए चावल भी देती है।  चावल की भूसी का उपयोग जानवरों के भोजन एवं ईधन के तौर पर भी किया जाता है, ब्रान का उपयोग तेल निकालने के लिए किया जाता है, जबकि टूटे चावलों को बाजार में सस्ती दरों पर बेच दिया जाता है।

 

 

 

 

 

औद्योगिक परिदृश्य एवं चलन:    

Pearl Farming business kaise kareहमारा देश भारतवर्ष विश्व में चीन के बाद चावल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है जो विश्व में कुल चावल उत्पादन का लगभग 21% चावल पैदा करता है । एक आंकड़े के मुताबिक अपने देश भारत में पिछले साठ वर्षों में चावल का उत्पादन 3.5 गुना बढ़ा है। और चावल उत्पादन में देश की उत्पादन क्षमता थाईलैंड एवं पाकिस्तान से अधिक है । भारत में प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश,आंध्र प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, ओडिशा और बिहार शामिल हैं। वैश्विक चावल व्यापार में भारत शीर्ष निर्यातक देश रहा है, जो पिछले चार वर्षों से कुल वैश्विक निर्यात का 25% निर्यात करता रहा है । मध्य पूर्वी देश एवं अफ्रीका भारतीय चावलों के मुख्य ग्राहक रहे हैं, इसके अलावा भारतीय बासमती चावलों के यूरोपीय संघ एवं अमेरिका मुख्य ग्राहक रहे हैं। हालांकि अगले पांच वर्षों में चावल बाजार में न ही कमी के संकेत मिलते हैं और न ही बढ़ोत्तरी के इसलिए आने वाले पांच वर्षों में वैश्विक चावल बाजार मॉडरेट होने के आसार हैं। चूँकि भारत में चावल की फसल का मूल्य अन्य देशों की तुलना में सस्ता है इसलिए देश का चावल बाजार प्रतिस्पर्धात्मक तौर पर स्थित है। प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में जलवायु की स्थिति चावल के उत्पादन को प्रभावित करती रहती है । राज्य सरकारों द्वारा लेवी सिस्टम के अंतर्गत चावल की खरीद कर ली जाती है जो घरेलू बाज़ारों में फसल की उपलब्धता में वृद्धि करता है। ईरान ने भारत से बासमती चावल के आयात पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है इसलिए इसे एक प्रमुख वैश्विक विकास के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि प्रतिबंध हटने के बाद भारतीय उद्यमी बासमती चावल को ईरान को निर्यात कर सकते हैं जिससे बासमती चावल की मांग बढ़ने के आसार लगाये जा सकते हैं। इंडोनेसिया ने भी भारतीय चावलों के लिए अपना बाजार खोलने का निर्णय लिया है। यही कारण है की वर्तमान में बहुत सारी छोटी बड़ी Rice Mill हैं जो विदेशों की ओर अपने उत्पाद को निर्यात कर रही हैं।

 

 

 

 

 

 

 

चावल की बिक्री की संभावनाएं:   

When do we need to File Income Tax Return in Hindiभारत में ही नहीं अपितु दुनियाँ में चावल बहुसंख्यक आबादी का एक प्रमुख भोजन है इसलिए इसकी बिक्री करने में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आती है। हालांकि ग्रामीण भारत में अक्सर यह भी देखा गया है की लोग चावल की अपनी घरेलू खपत के चलते धान को चावल में बदलने के लिए लम्बी दूरी तय करते हैं । इसलिए ऐसे ही कुछ केन्द्रों में बेहद छोटी चावल मिलों की आवश्यकता है। जैसा की हम सब जानते हैं की चावल भारत की आबादी के लिए एक आवश्यक भोजन है, और भारत में बड़े पैमाने पर मध्यम आय वाले परिवारों की संख्या है इसके अलावा ऐसे परिवारों की संख्या भी बढ़ रही है जिनकी कमाई समय के साथ बढती जा रही है। इसलिए चावल की बिक्री के लिए भारत एक बहुत बड़ा बाजार है। Rice Mill Business में राइस मिलिंग प्रक्रिया से उत्पादित राइस ब्रान की माँग सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन प्लांट्स में काफी अधिक होती है । बासमती चावल के उत्पादन एवं निर्यात में भारत का अग्रणी स्थान है। सऊदी अरब, ईरान, यूनाइटेड अरब अमीरात, इराक एवं कुवैत भारतीय चावलों के प्रमुख  ग्राहक हैं । एक जानकारी के मुताबिक Rice Mill Plants देश का सबसे बड़ा कृषि प्रसंस्करण उद्योग है। यही कारण है की भारत में Rice Mill Business शुरू करना एक लाभकारी व्यवसाय हो सकता है। चूँकि यह नियमित रूप से उपयोग में लायी जाने वाली खाद्य वस्तु होती है इसलिए इसकी माँग बाजारों में हमेशा विद्यमान रहती है।

 

 

 

 

 

 

 

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Rice Mill हेतु आवश्यक लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन: 

Carpet Cleaning Tapestry Business kaise kare in HindiRice Mill Business शुरू करने के लिए उद्यमी को अनेकों प्रकार के लाइसेंस एवं पंजीकरण की आवश्यकता हो सकती है। जिनका संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है।

  • स्थानीय प्राधिकरण से लाइसेंस लेने की आवश्यकता हो सकती है ।
  • उद्यमी चाहे तो उद्योग आधार के अंतर्गत स्वयं के व्यापार को रजिस्टर करा सकता है ।
  • खाद्य वस्तु से जुड़ा हुआ व्यापार होने के कारण Rice Mill Plant के लिए एफएसएसआई रजिस्ट्रेशन की अनिवार्य रूप से आवश्यकता होती है ।
  • उद्यमी को जीएसटी रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है ।
  • इसके अलावा यदि लागू हो तो उद्यमी को ईएसआई एवं ईपीएफ रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता हो सकती है ।
  • यदि उद्यमी अपने उत्पाद को बाहर देशों की ओर निर्यात करने की योजना बना रहा हो तो उसे आयात निर्यात कोड लेने की भी आवश्यकता हो सकती है।

 

 

 

 

 

 

कच्चे माल की उपलब्धता:

यद्यपि चावल का उत्पादन कम या ज्यादा लगभग हर क्षेत्र में किया जाता है लेकिन उद्यमी को चाहिए की वह अपना Rice Mill Business वहीँ स्थापित करे जहाँ उसे कच्चे माल की उपलब्धता आसानी से हो जाएगी। कच्चे माल की उपलब्धता आसानी से वही हो पायेगी जहाँ धान का उत्पादन अधिक किया जाता हो। भारत में धान का सबसे अधिक उत्पादन पश्चिम बंगाल में किया जाता है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, उड़ीसा और तमिनाडु इत्यादि राज्यों में भी धान का उत्पादन किया जाता है ।कहने का अभिप्राय यह है की देश में कुल चावल उत्पादन का लगभग 66% उत्पादन उपरोक्त राज्यों में ही किया जाता है बाकी 33% उत्पादन अन्य राज्यों में भी किया जाता है।इसलिए उद्यमी स्वयं का Rice Mill Plant वहाँ स्थापित कर सकता है जहाँ धान का उत्पादन अधिक होता हो।

आवश्यक मशीनरी एवं उपकरण: 

Rice Mill Plant के लिए कच्चे माल के तौर पर धान चाहिए होता है इसलिए मशीनरी के तौर पर धान को साफ़ करने वाली मशीन जिसमे आवश्यक डैम्पर एवं डबल फेन लगे होने चाहिए । Paddy Separator जिसका काम छिलके उतारे हुए धानों एवं नहीं उतरे धानों को अलग अलग करने का होता है। चावलों से हलके कणों, भूसी इत्यादि को दूर करने के लिए husk and barn aspirators की आवश्यकता हो सकती है। पॉलिशर, ग्रेडर की आवश्यकता चावलों की शुद्धता एवं गुणवत्ता की दृष्टी से हो सकती है । यह उपरोक्त सभी मशीनरी Semi Automatic Rice Mill का हिस्सा है जिसकी कीमत 6-7 लाख रूपये हो सकती है। इसके अलावा स्टोरेज उपकरण, क्लीनिंग एंड सॉर्टिंग उपकरण, टेस्टिंग उपकरण, पैकिंग मशीन एवं सामग्री इत्यादि भी Rice Mill Business करने वाले उद्यमी को खरीदने पड़ सकते हैं।

चावल उत्पादन प्रक्रिया (Manufacturing Process):

Rice Mill Business में चावल का उत्पादन करने के लिए अनेक प्रक्रियाएं करनी पड़ सकती हैं जिनका संक्षिप्त वर्णन कुछ इस प्रकार से है ।

 

 

 

 

 

प्राथमिक सफाई:  

इस बिज़नेस में इस्तेमाल में लाये जाने वाले कच्चे माल धान से अशुद्धियों को दूर करने की प्रक्रिया की जाती है। इसमें ऐसे अनाज को हटा दिया जाता है जिसके अन्दर चावल नहीं होते हैं अर्थात कुछ अविकसित अनाज भी कच्चे माल के साथ आ सकता है इसलिए सर्वप्रथम इसे ही दूर किया जाता है ।

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कंकड़ पत्थर दूर करना:

धानों की प्राथमिक सफाई में धानों से धूल मिटटी एवं खाली अनाज तो इनसे दूर कर लिया जाता है लेकिन इस प्रक्रिया में कुछ भारी अशुद्धियाँ जैसे कंकड़ पत्थर उसी में रह जाते हैं। इसलिए इस प्रक्रिया में छोटे छोटे कंकडों को धानों से अलग कर दिया जाता है।  

 

 

 

 

 

 

धानों को आंशिक तौर पर उबालना:

हालांकि बाजार में उपलब्ध कच्चे चावलों का उत्पादन करने के लिए इस स्टेप को करना आवश्यक नहीं है । इस स्टेप का अनुसरण तब किया जाना जरुरी है जब उद्यमी पक्के चावलों का उत्पादन कर रहा हो। यह प्रक्रिया चावल के अंदर स्टार्च के जिलेटिननाइजेशन द्वारा पौष्टिक गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है ।

छिलका उतारने की प्रक्रिया: इस प्रक्रिया में धानों से उसका छिलका निकाला जाता है ।

भूसी को अलग करना: अब Rice Milling Process में चावलों से धान की भूसी को अलग किया जाता है ।

चावलों से धान को अलग करना: इस प्रक्रिया में कुछ साबुत धान भी चावलों के साथ चले जाते हैं इसलिए अब इनसे इन धान के अनाज को अलग कर देना चाहिए।

चावल से भूरी परत को हटाना: चावल को सफ़ेद करने के लिए अब इस पर उपलब्ध भूरी परत जिसे Bran Layer कहा जाता है को हटा लिया जाता है ।

उसके बाद उत्पादित चावल की पॉलिशिंग एवं ग्रेडिंग की जाती है उसके बाद ग्राहक की माँग के अनुसार ब्लेंडिंग करके इन चावलों को बाजार में उतारकर Rice Mill Business करने वाला उद्यमी अपनी कमाई करने का प्रयास करता है।

भारत, जहां आज भी कृषि लोगों की मुख्य आजीविका है वहाँ कृषि पर निर्भर उद्योगों की भी बहुत मांग है, इसलिए यहाँ पर चावल की मिल का व्यापार शुरू करना एक फायदे का सौदा साबित होगा. चावल भारत की मुख्य फसलों में से एक फसल है, इससे भारत की 65 प्रतिशत जनसंख्या को खाना प्राप्त होता है. यह हमारे देश कि वह फसल है जिसे देश के कुल सिंचित भूमि के 37 प्रतिशत भाग पर लगाया जाता है और यह भारत में होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन में 44 प्रतिशत की भागीदारी रखता है.

 

भारत में पश्चिम बंगाल वो राज्य है जहाँ चावल का उत्पादन सर्वाधिक मात्रा में होता है, परंतु क्या आप जानते है, हमें जो चावल खेतों से मिलता है, उसे हम रॉ फॉर्म में अपनी रसोई में उपयोग नहीं कर सकतें. इसे उपयोग में लाने लायक करने के लिए इस पर उचित प्रक्रिया करके इसे संशोधित करना पड़ता है. यह वह प्रक्रिया है जोकि रोजाना उपयोग में आने वाले पॉलिश वाले चावल के निर्माण के लिए धान में से हल्स और ब्रान को हटाने के लिए की जाती है.

चावल की मिल के लिए बाजार की संभावनाएं (Market Potential) – 

जैसा कि हमने पहले ही बताया चावल हमारे देश में मौजूद अधिकांश जनसंख्या का महत्वपूर्ण भोजन है. भारत में मौजूद लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या पैकेट के चावल का उपयोग रोजाना करती है. इसके अलावा भारत ही वह देश है जहाँ बासमती चावल का उत्पादन और निर्यात सर्वाधिक मात्रा में होता है. सऊदी अरब, ईरान, संयुक्त अरब एमिरेट, इराक और कुवैत ऐसे देश है जहाँ भारत से चावल निर्यात किया जाता है. इसलिए राइस मिल देश में सर्वाधिक कृषि प्रसंस्करण उद्योगों में से एक है. और यह भारत में मौजूद लाभदायक व्यवसायों में से एक है.

 

 

 

 

 

आवश्यक लाईसेंस और पर्मिट्स  (Required licenses and Permits for Rice Milling Business) – 

किसी भी व्यवसाय की शुरुआत करने के लिए आपके पास जरूरी लाईसेंस और पर्मिट्स होना आवश्यक है, तभी आप अपने व्यवसाय को बिना किसी कानूनी परेशानी के सुचारु रूप से चला पाएंगे. इस व्यवसाय के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेजों की सूची इस प्रकार से है.

  • किसी भी व्यवसाय के लिए सबसे महत्वपूर्ण और सबसे पहला जो आवश्यक दस्तावेज़ होता है, वह है आपकी कंपनी का रजिस्ट्रेशन. इसलिए जब आप अपनी मिल डालने की सोचे, तो सर्वप्रथम उसका आरओसी बनवा लें.
  • आरओसी के पश्चात अगला जो महत्वपूर्ण रजिस्ट्रेशन होगा, वह है उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन व एमएसएमई रजिस्ट्रेशन (माइक्रो स्माल और मीडियम एंटरप्राइसेस) . आपको अपनी मिल की शुरुआत से पूर्व इसे भी बनवाना होगा और इसके अलावा आपको अपनी फैक्ट्री के लिए फैक्ट्री लाईसेंस भी लेना होगा.
  • इन लाईसेंस के अलावा आपको प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अपनी मिल स्थापित करने और संचालित करने की सहमति भी लेनी होगी.
  • इसी के साथ आपको चावल-मिलिंग उद्योग अधिनियम 1958 के अनुसार भी लाईसेंस के लिए आवेदन देना होगा.
  • आपको अपना वेट पंजीयन करवाना भी अनिवार्य है. अपनी मिल के कर्मचारियों के लिए आपको पीएफ़ए और ईएसआईसी पंजीकरण के नियमों का पालन भी करना होगा.
  • अगर आप अपनी वस्तु देश से बाहर निर्यात करना चाहते है, तो आपके लिए आईईसी रजिस्ट्रेशन लेना भी अनिवार्य है.

 

 

 

 

 

 

 

जगह (location) – 

जगह का चयन इस व्यापार की सफलता के लिए सबसे अहम फैसला है. farmers rice mill आपके व्यवसाय के लिए यह बेहद आवश्यक है farmers rice mill कि आपकी मिल जहाँ चावल का उत्पादन होता है, farmers rice mill उस क्षेत्र से farmers rice mill नजदीक होनी चाहिए. इसके लिए आपको किसी ऐसे farmers rice mill  स्थान का चयन करना चाहिए, farmers rice mill जहां किसान आसानी से पहुंच पाए, और बिना किसी farmers rice mill परेशानी के अपनी उपज farmers rice mill आप तक पहुंचा पाए. ऐसा ना होने पर आपको कच्चे माल की ढुलाई के लिए farmers rice mill ज्यादा खर्चा करना होगा. आपको इस बात का ध्यान रखना farmers rice mill चाहिए, कि इस farmers rice mill उद्योग के लिए आपको बड़ी जगह की आवश्यकता होगी, ताकि आप किसान द्वारा farmers rice mill दिये गए कच्चे माल का भंडारण आसानी से कर पाए और साथ ही आपको संशोधन farmers rice mill के बाद तैयार चावल को भी भंडार करने के लिए उपयुक्त जगह की farmers rice mill आवश्यकता होगी. आपके इस व्यवसाय के लिए मशीनों के सेटअप के लिए भी अधिक जगह की आवश्यकता होगी, और साथ ही आपको इस बात का ध्यान भी रखना होगा, कि आपके कर्मचारी पर्याप्त जगह में काम कर पाए और उन्हे हवा पानी की पर्याप्त व्यवस्था मिले.

 

 

 

 

 

 

 

 

आवश्यक उपकरण (Necessary Equipments for Rice Milling Business)-

इस उद्योग की स्थापना के लिए आपका मुख्य खर्चा आपकी जगह और मशीन का होगा. अगर आपके पास पैसों की पर्याप्त व्यवस्था है, तो आपके लिए किसी पुरानी मशीन की जगह नई मशीन खरीदना फायदे का सौदा होगा. क्योंकि पुरानी मशीनों के साथ आपका अधिकतर पैसा मशीनों के रखरखाव और रेनोवेशन में खर्च हो जाता है. और जब आप नई मशीन खरीदते है, तो आपको मशीन विक्रेता कंपनी के द्वारा कुछ दिनों का मेंटेनेंस और इंस्टालेशन भी फ्री दिया जाता है, तो आप इन  सुविधाओं का लाभ भी ले सकते है. इसके अलावा आपको किसी ऐसे स्थान का चयन करना होगा, जहां सतत बिजली की व्यवस्था उपलब्ध हो, और बिजली की अनुपस्थिति के लिए आपको जनरेटर का प्रबंध करना भी आवश्यक है. इसी के साथ आपको इस व्यवसाय के लिए पानी का भी उचित प्रबंध करना होगा.

 

 

 

 

 

 

 

चावल की मिल के उद्योग के लिए आवश्यक मशीन (Required Machinery for Rice Milling Business)- 

चावल की मिल में चावल को साफ करके बाजार में बेचने के लिए तैयार करने के लिए आपको धान को कई प्रक्रियाओं से गुजारना होता है, जिसके लिए पूरे सेटअप में कई तरह की मशीनों का इंस्टालेशन किया जाता है. इस उद्योग में प्रयुक्त कुछ आधुनिक मशीनों के नाम इस प्रकार है.

  1. राइस क्लीनिंग मशीन
  2. राइस डे-स्टोनर मशीन
  3. पेड़ी हसकर (Husker) मशीन
  4. राइस कलर सोर्टर
  5. पेड़ी सेपरेटर मशीन
  6. राइस व्हाइटनर मशीन
  7. राइस पोलिशिंग मशीन
  8. ग्रेडिंग मशीन
  9. ग्रैन ड्रायर
  10. मेजर एंड पैकिंग मशीन
  11. राइस मिल्लिंग डिटेक्शन मशीन

मशीनों का मूल्य और कहाँ से खरीदे (Rice Mill Machine Price and Place to Buy )– 

चावल मिल में प्रयुक्त मशीन की कीमत 4 लाख से प्रारंभ होकर इसकी दक्षता के हिसाब से बढ़ती जाती है. अगर आप बहुत छोटे स्तर पर लघु उद्योग के रूप में यह व्यापार शुरू करना चाहतें है, तो आपके लिए 1 लाख से कम कीमत में भी यह मशीन बाजार में उपलब्ध है. आपकी मशीन का चयन पूर्णतः आपके व्यापार के साइज़ पर निर्भर करता है. यहाँ हम आपको कुछ वेब-साइट्स उपलब्ध करा रहें है जहां से आप इस मशीन के प्राइस और इसके विक्रेता के संबंध में जानकारी एकत्रित कर सकतें है.

 

 

 

 

 

 

जब आप मशीन खरीदने की प्रक्रिया कर लेते है, तो अब वक्त होता है इसके इंस्टालेशन का. और इस कार्य के लिए आपको एक प्रशिक्षित व्यक्ति की आवश्यकता होगी, जिसे इस चीज का ज्ञान हो. इस प्रक्रिया के लिए आपको ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि अधिकतर कंपनी आपके कहने पर इंस्टालेशन की सुविधा स्वयं प्रदान करती है. मशीन के सफल इंस्टालेशन में पर्याप्त समय की जरूरत होती है, इसलिए इसके लिए मालिक को थोड़ा धैर्य रखने की आवश्यकता होती है.

उद्योग के लिए आवश्यक कच्चा माल कहां से प्राप्त करें (Getting your raw material for Rice Mill) – 

आपके उद्योग की सफलता इस बात पर आधारित है कि आप वर्ष भर अपने व्यापार में उत्पादन सतत रख पाए. इस उद्योग के लिए आप कच्चा माल निम्न तरीको से प्राप्त कर सकतें है –

  • चावल के खेत से  अगर आपके स्वयं के धान के खेत है, तो यह उद्योग आपके लिए फायदेमंद है, क्योंकि आपको अपने व्यापार के लिए कच्चे माल की चिंता नहीं करनी पड़ेगी. परंतु आपको यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए, कि आपके पास वर्ष भर के लिए पर्याप्त कच्चा माल उपलब्ध हो.
  • किसानों से या बाजार से धान खरीदना – अगर आपके स्वयं के खेत नहीं है तो आप किसानों से या बाजारो से भी कच्चे माल (धान) की खरीदी कर सकते है. और इसमे आपको वर्ष भर कच्चा माल आसानी से उपलब्ध भी हो जाता है. परंतु इसमें आपको बाजार में धान के मूल्य पर बहुत ध्यान देना होता है, जो कि सीजन ना होने पर काफी बढ़ जाते है और अधिक कीमत में कच्चा माल खरीदना आपके लाभ को प्रभावित करता है.

चावल तैयार करने की प्रक्रिया (Rice Manufacturing Process) – 

खेत से धान की फसल आने के बाद उसे कई प्रक्रियाओं से गुजारा जाता है, तब जाकर यह बाजार में बेचने के लिए तैयार होता है. चावल को तैयार करने की निम्न प्रक्रिया है.

  • पूर्व सफाई – इस स्टेप में धान में उपलब्ध हर अशुद्धि को साफ किया जाता है और खराब अनाज को इसमे से हटाया जाता है.
  • डी-स्टोनिंग – इस प्रक्रिया में धान में से मौजूदा छोटे-छोटे पत्थरों को अलग किया जाता है और इसे अगली प्रक्रिया के लिए तैयार किया जाता है.
  • पर्बोलिंग – यह चावल के अनाज के अंदर स्टार्च के जिलेटिननाइजेशन द्वारा पौष्टिकता और गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है. इससे मिलिंग रिकवरी में भी सुधार होता है. 
  • हस्किंग – इस प्रक्रिया में चावल में से हस्क को अलग किया जाता है. 

 

 

 

 

 

 

  • हस्क एसपिरेशन – अब इस प्रक्रिया में producers rice mill ब्राउन राइस या अनहुक्ड धान में से भूसी को अलग किया जाता है. 
  • धान का पृथक्करण – अब यहाँ अनहुक्ड धान मेंproducers rice mill  से चावल को अलग किया जाता है. 
  • व्हाइटनिंग – अब यहां इस प्रक्रिया producers rice mill में ब्राउन राइस producers rice mill की परत और रोगाणुओं के हिस्से को अलग किया जाता है. 
  • पोलिशिंग – अब यहां बचे हुये ब्रेन producers rice mill कणों को हटाया जाता producers rice mill है और कर्नेल के बाहरी हिस्से को पॉलिश करके चावल की स्थिति में सुधार किया जाता है. 
  • लेंथ ग्रेडिंग  अब यहां चावल के छोटे producers rice mill बड़े टुकड़ो को producers rice mill अलग किया जाता है और एक क्वालिटी के चावल को एकत्रित किया producers rice mill जाता है.
  • पैकेजिंग  यह आखिरी स्टेप होता है जिसमें producers rice mill चावल को तौलकर और अलग-अलग मात्रा में पैकेट तैयार producers rice mill किए जाते है. producers rice mill अब यह चावल ग्राहक तक पहुंचने के लिए तैयार होता है, producers rice mill जिसे आप बाजार में producers rice mill विभिन्न विक्रेताओं तक पहुंचा सकते है.

इस उद्योग में लगने वाली लागत और मुनाफा (Investment and Profit )– 

अगर आप छोटे स्तर से यह व्यापार शुरू करना चाहते है, rice mill machine तो आप मात्र 3 लाख 50 हजार रूपये में यह व्यवसाय शुरू कर सकते है, rice mill machine अगर rice mill machine आपके पास इतना पैसा भी नहीं है, rice mill machine तो आपको अपने इस व्यापार के लिए 90 प्रतिशत तक का ऋण सरकार से मिल सकता है. rice mill machine इस व्यापार की लागत rice mill machine में 3 लाख का खर्च आपकी जगह और मशीनों के खर्च में आता है, rice mill machine  जबकि बचे 50 हजार आपकी मेंटेनेंस का खर्च होता है, rice mill machine जिसमें बिजली rice mill machine बिल और कर्मचारियों का खर्चा शामिल होता है. अपने द्वारा किए गए इस इन्वेस्ट से आपका जो सेटअप होता है, rice mill machine उससे आप लगभग 370 क्विंटल चावल तैयार कर सकते है. और इसमे कच्चे rice mill machine माल और अन्य खर्चो को मिलाकर आपको लगभग 4 लाख 50 हजार तक का खर्चा आता है, जबकि आप इसे लगभग 5 लाख 50 हजार तक में आगे बाजार में बेच सकते है. rice mill machine मतलब आपका एक महीने का प्रॉफ़िट 1 लाख के आस-पास होगा. अगर आप बड़े स्तर पर यह व्यवसाय करते है, rice mill machine तो आपकी लागत और लाभ दोनों में ही वृद्धि होगी.

 

 

 

 

 

 

इस व्यापार के लिए सरकार के द्वारा दिया जाने वाला ऋण – 

आप इस व्यापार के लिए लगभग 90 प्रतिशत तक का ऋण प्राप्त कर सकते है, इसके लिए आपको प्रधानमंत्री एम्प्लोयमेंट जनरेशन प्रोग्राम के अंतर्गत आवेदन करना होगा.  अगर आप इसमे आवेदन करना चाहते है तो आवेदन फॉर्म यहां https://www.kviconline.gov.in/pmegpeportal/jsp/pmegponline.jsp क्लिक करके प्राप्त कर सकते है.

इस व्यापार में आने वाली चुनौतियां (Challenges of rice milling business) –

हर व्यापार में अपनी historic rice mill अलग चुनौती होती है,historic rice mill  उसी प्रकार से इस व्यापार में भी कई प्रकार की चुनौतिया है, historic rice mill जो इस प्रकार से है.

  • अधिक पूंजी निवेश – बाजार में historic rice mill उपलब्ध historic rice mill नवीनतम राइस मिलिंग मशीन ऐसी मशीन है, जिससे चावल को तैयार करने की प्रक्रिया और सरल हो जाती है. historic rice mill और साथ ही इससे बेहतर क्वालिटी का माल तैयार होता है. historic rice mill परंतु इन मशीनों का मूल्य अधिक होता है. historic rice mill तो अपनी इस समस्या से historic rice mill निपटने के लिए आपको इन्वेस्टर ढूँढना होता है, historic rice mill पर यदि आपको कोई इन्वेस्टर नहीं मिलता है, historic rice mill तो आपको historic rice mill चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, historic rice mill क्योंकि आज कल सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से ऋण आसानी से मिल जाता है.

 

 

 

 

 

 

  • नियमित मेंटेनेंस – पूर्व में उपयोग होने वाली मशीनों की तुलना में आधुनिक मशीनों को लगातार मैंटेनेंस की जरूरत पढ़ती है, तब ही यह आपको मनचाहा उत्पादन देती है. और इन मशीनों के मैंटेनेंस के लिए आपको अत्यधिक पैसा खर्च करना होता है.
  •  इस व्यापार को चलाने के लिए विशेषज्ञों की आवश्यकता –इस व्यापार को चलाने के लिए मशीनों को चलाने और अन्य मेनेजमेंट के लिए अनुभवी व्यक्तियों की आवश्यकता होती है, और अगर आपको अनुभवी व्यक्ति नहीं मिलते है, तो आपको अपने कर्मचारियों को उचित ट्रेनिंग देनी होगी, जिससे वे अपने कार्य में कुशल हो सकें. इस ट्रेनिंग की प्रक्रिया में भी आपका पैसा खर्च होता है.

16 COMMENTS

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