सेनेटरी पैड्स (Sanitary Pads Business in Hindi) एक ऐसा बिज़नेस है जिसका भविष्य बहुत उज्ज्वल है। सेनेटरी पैड्स का इस्तेमाल लगभग सभी महिलाएं और लड़कियां करती हैं। जब कोई लड़की किशोरावस्था की दहलीज पर कदम रखती है तब उसके शरीर में कुछ जरूरी बदलाव होने शुरू हो जाते है और इन्ही बदलावों के कारण औरत के शरीर से अंडाणु डिस्ट्रॉय होने लगते हैं जिसके चलते गर्भाशय से रक्त स्रावित होने लगता है जो लगभग 4 से 5 दिनों तक प्रवाहित होता रहता है और यह प्रक्रिया औरत के शरीर में साधारण परिस्थितियों में हर महीने चलती रहती है(लगभग 28 से 30 दिन पर)। इसी रक्त प्रवाह को रोकने हेतु औरतों द्वारा sanitary pads का उपयोग किया जाता है, चूंकि सेनेटरी पैड्स सोखने की शक्ति रखने वाली वस्तुओं जैसे कॉटन इत्यादि से निर्मित होती है इसलिए जब यह उपयोग में लाया जाता है तो वह प्रवाहित होने वाले दूषित रक्त को सोंख लेता है। अच्छी साफ सफाई रखने हेतु महिलाऐं मासिक धर्म के दौरान 4 से 5 दिनों में चार, पांच sanitary pads का इस्तेमाल तो हर हाल में करती हैं। इसके अलावा बच्चे के जन्म के समय और गर्भपात के दौरान और बाद में भी sanitary pads का इस्तेमाल किया जाता है।
ऐसे में एक ऐसी वस्तु का बिज़नस जो की सभी की समस्याओं को हलकर दे और समाज में स्वच्छता और स्वास्थ्य को बढ़ावा दे तो इससे बेहतर बिज़नस और क्या हो सकता है? दोस्तों अगर आप ये सोंच रहे हैं कि how to manufacture sanitary pads तो आज के इस पोस्ट में मैं आप लोगों को sanitary pads business in hindi के बारें में पूरी जानकारी दूंगा ताकि आप लोग इसे पढ़कर अपना बिज़नेस सही से स्टार्ट कर सको।
Table of Contents
सेनेटरी पैड्स क्या है ? (What is Sanitary Pads)
Sanitary Pads Manufacturing Business में सेनेटरी पैड्स एक प्रकार का कॉटन क्लॉथ है, जिसे महिलाएं अपने माहवारी के समय इन्फेक्शन से बचने के लिए प्राइवेट अंग में रखती है जिससे माहवारी के समय औरतों के शरीर से निकलने वाला दूषित रक्त शरीर के अन्य हिस्सों पर नहीं लगता है और इन्फेक्शन से होने वाली विभिन्न तरह के बीमारियों से बचाव करता है। महिलाओं को माहवारी के दौरान अनेक कष्टों से गुजरना पड़ता है और बार बार कपड़े के खिसक जाने का भी भय बना रहता है परन्तु sanitary pads का इस्तेमाल करने से इन सब परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है।
भारत में सेनेटरी पैड्स की मांग एवं इसका बढ़ता बाज़ार
किसी भी बिज़नस को शुरू करने से पहले उसके भविष्य और भावी नीति का होना बेहद आवश्यक होता है जोकि हमारे द्वारा लगाई जाने वाली पूँजी की, और लाभ की सुरक्षा को तय करता है। sanitary पैड्स का व्यापार इस समय भारत में किये जाने वाले सबसे अच्छे व्यापारों में से एक है जो की बिना किसी रिस्क के किया जा सकता है और जिसके असफल होने की कोई संभावना नहीं है और कम पूँजी में भी इसकी शुरुआत हो सकती है। आज के डेट में लगभग हर लड़की और महिला sanitary पैड्स का इस्तेमाल करती हैं क्योंकि यह सुविधाजनक और स्वच्छ है और सरकार भी इस विषय (sanitary pads business plan) मे लोगों को जागरूक कर रही है।
भारत में औरतों की स्वच्छता को लेकर काफी अभियान चलाये जा रहे हैं और ऐसा होने से औरतों के बीच स्वच्छता उत्पादों को लेकर काफी जागरूकता बढ़ रही है। सेनेटरी पैड्स स्वच्छता उत्पादों की श्रेणी में आने वाले उत्पादों में से एक हैं और इन्हें Fast Moving Consumer Goods में गिना जाता है। Sanitary Pads की मांग पहले अर्बन एरिया में ज्यादा होती थी लेकिन महिलाओं की स्वच्छता के लिए चलाये गये कार्यक्रमों के बाद अब इनकी मांग रूरल एरिया में भी बढ़ी है।
बॉलीवुड की मशहूर फिल्म ‘पैडमैन’ के आने के बाद जिसमे सेनेटरी पैड्स न इस्तेमाल करने पर महिलाओं में होने वाले विभिन्न रोगों के बारे में बताया गया था, के बाद बहुत तेजी से सेनेटरी पैड्स की मांग हर वर्ग की महिलाओं में बढ़ रही है। भारत सरकार ने भी (Sanitary napkin business in india) की दिशा में पहल की, इसके लिए आप यह खबर पढ़ सकते हैं।
भारत में sanitary पैड्स बेंचने वाली कंपनियों के नाम (Sanitary pads brands)
इस समय भारत (sanitary pads in india) में कई कंपनियों द्वारा sanitary पैड्स बेंचे जा रहे हैं और ये कंपनिया काफी लम्बे समय से भारत में sanitary पैड्स बेंचने का कार्य कर रही हैं इनमे से कुछ निम्नलिखित हैं –
- व्हिस्पर- व्हिस्पर पैड प्रॉक्टर एंड गैम्बल कंपनी द्वारा बनाए जाते है यह भारत में सेनेटरी पैड बनाने वाली सबसे पुरानी और विश्वसनीय कंपनियों में से एक है।
- स्टेफ्री- यह व्हिस्पर के बाद दूसरी सबसे ज्यादा बिकने वाली कंपनी है इसके सेनेटरी पैड्स की दिनोदिन मांग बढती जा रही है।
- सोफी साइड वाल्स- यह जापान देश का नंबर एक सेनेटरी पैड्स निर्माता कंपनी है इस कंपनी के पैड भारत में बहुत तेजी से बिकना शुरू हो चुके हैं।
जगह का चुनाव (Location for sanitary pads business)
(Sanitary pads business in hindi) लोकेशन चयन करते वक्त कुछ आधारभूत बातों का ध्यान रखें जो निम्न हैं –
- आपका ऑफिस या फैक्ट्री ऐसी जगह पर होना चाहिए जहाँ परिवहन व्यवस्था, बिजली और पानी उपलब्ध हो, क्योंकि आपके द्वारा उत्पादित उत्पाद को परिवहन के माध्यम से एक शहर से दूसरे शहर में भेजना पड़ता है। फैक्ट्री चलाने हेतु कोमेर्सिअल विद्युत् कनेक्शन लेना पड़ता है।
- ऑफिस या फैक्ट्री ऐसी जगह होनी चाहिए जहाँ काम करने वाले श्रमिक आसानी से आ जा सकें।
- जगह का चुनाव करते समय यह ध्यान रखें कि आपको ऑफिस के साथ वर्कशॉप हाउस, तथा उत्पादित उत्पाद को स्टोर करने के लिए गोदाम, कच्चे माल को स्टोर करने हेतु अलग से स्टोर रूम आदि बनवाना पड़ता है इसलिए प्रयाप्त जगह का होना आवश्यक है।
- इसे जरूर पढ़ें – मुरमुरा बनाने का व्यवसाय कैसे शुरू करें ?
Sanitary Pads बनाने में प्रयुक्त होने वाला Raw Material
सेनेटरी पैड्स (Sanitary pads business in hindi) बनाने के लिए निम्नलिखित कच्चा माल उपयोग में लाया जाता है-
- सेलुलोज पल्प- यह एक साफ लकड़ी आधारित नवीनीकरण और बायोडिग्रेडेबल (biodegradable sanitary pads) कच्ची सामग्री होती है और इसका उपयोग टिश्यु, बोर्ड, sanitary Pads और कागज के उत्पादन के लिए किया जाता है। सेलुलोज पल्प की कीमत लगभग 40 से 50 रुपये प्रति किलो तक होती है आप इसे indiamart.com से भी खरीद सकते हैं।
- सुपर ओब्जर्वेंट पोलीमर- 10 रूपये प्रति किलो
- नॉन वोवन फैब्रिक- 40 से 60 रूपये प्रति मीटर
- पोलीप्रोपलीन बैकशीट- 300 रूपये प्रति किलो
- सिलिकॉन पेपर- 40 रूपये प्रति किलो
- हॉट मेल्ट सील-
आवश्यक मशीनरी एवं अन्य उपकरण (Sanitary napkin making machine)
Sanitary Pads को बनाने के लिए दो प्रकार की मशीनें बाज़ार में उपलब्ध हैं जिनमे से पहली मशीन Semi Automatic Napkin Making Machine है जबकि दूसरी Fully Automatic Napkin Making Machine है-
- Semi-Automatic Sanitary Pads making machine- यह एक प्रकार की मैन्युअल मशीन है। यह मशीन घरेलू विद्युत् कनेक्शन पर चल जाती है। इसके लिए सिर्फ 220 वोल्टेज की बिजली चाहिए। यह मशीन एक घंटे में लगभग 2000 से 3000 सेनेटरी पैड्स का उत्पादन कर सकती है इस मशीन की मार्केट प्राइस लगभग चार से पांच से छः लाख के बीच पड़ती है।
- Fully automatic Sanitary Pads making machine- यह एक पूरी तरह से स्वतः चलित होने वाली फुल्ली आटोमेटिक मशीन है जिसमे रॉ मटेरियल लगा देने के बाद कुछ करना नहीं पड़ता है यह स्वयं सेनेटरी पैड्स का निर्माण करके निकालती रहती है। इसका निर्माण दर, कुछ ज्यादा रहता है। यह एक घंटे में लगभग 3000 से 4000 सेनेटरी पैड्स का उत्पादन कर सकती है लेकिन इसे चलने के लिए थ्री फेस विद्युत् कनेक्शन की आवश्यकता पड़ती है। इस मशीन की मार्केट प्राइस लगभग 15 से 16 लाख रुपये के बीच में पड़ती है।
- Pulverizer Machine- इस मशीन से रॉ मटेरियल की लुगदी तैयार की जाती है।
- Packaging Machine- इस मशीन से तैयार सेनेटरी पैड्स की पैकेजिंग की जाती है।
आवश्यक पूँजी निवेश
कोई भी बिज़नस शुरू करते समय हमेशा तीन पूँजी की जरूरत होती है- एक मशीनरी उपकरण खरीदने हेतु, दूसरा रॉ मैटेरियल्स खरीदने हेतु, तीसरी पूँजी एक्स्ट्रा बनाकर रखनी चाहिए। क्योंकि शुरुआत में आपका माल उधारी में चला जायेगा तो आगे से रॉ मटेरियल कैसे मंगाएंगे इसलिए बिगिनर्स को यही सलाह दी जाती है को कम से कम डबल पूँजी बनाकर बिज़नस स्टार्ट करें ताकि उनका बिज़नस बंद न हो।
सेनेटरी पैड्स के उत्पादन की फैक्ट्री लगाने से पहले आपको निर्णय लेना होगा किआप मैन्युअल मशीन से शुरुआत करते हैं या फुल्ली आटोमेटिक मशीन से।यदि शुरुआत में आप मैन्युअल मशीनसे ही शुरुआत करते हैं तो आपको मैन्युअल मशीन जो की लगभग पांच से छः लाख रुपये के बीच में मिलेगी, तथा पल्वराइज़र एवं पैकेजिंग मशीन भी खरीदनी पड़ेगी इसके सिवा रॉ मटेरियल खरीदने हेतु एवं गोडाउन, व ऑफिस बनवाने आदि में लगभग 15 से 20 लाख रुपये लग जायेंगे।
यदि आप फुल्ली आटोमेटिक सेनेटरी पैड्स मेकिंग मशीन से अपना बिज़नस स्टार्ट करना चाहते हैं तो उपरोक्त पूँजी निवेश में लगभग 12 से 15 लाख रूपये की बढ़ोत्तरी करनी पड़ेगी क्योंकि फुल्ली आटोमेटिक मशीन की प्राइस लगभग 15 लाख रुपये है। इसके सिवाय आपको ज्यादा रॉ मटेरियल खरीदना पड़ेगा क्योंकि इस मशीन की रॉ मटेरियल की खपत दर मैन्युअल मशीन की तुलना में ज्यादा है।
लाइसेंस (Sanitary pads business in hindi)
सेनेटरी पैड्स एक ऐसा प्रोडक्ट है जो महिलाओं की स्वच्छता एवं स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है इसलिए इसके वृहद उत्पादन हेतु आपको अपने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन कार्यालय में अपने प्रोडक्ट्स का सैंपल भेजकर उसे एप्रूव्ड करवा लेना चाहिए ताकि आगे चलकर आपके बिज़नस में बाधा न आ सके तथा आपको अपना ब्रांड नेम एवं जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा।
मशीन ऑपरेटर एवं लेबर का सेलेक्शन
आपको अपने फैक्ट्री की मशीनों को संचालित करने हेतु कुछ कुशल मशीन ऑपरेटर एवं लेबर्स की आवश्यकता होगी। आपको इनका चयन बड़ी सावधानी से करना है कोशिश करें की अनुभवी लोगों को ही वरीयता दी जाय। जो इस क्षेत्र में पहले से कार्यरत हों तो ज्यादा अच्छा परिणाम मिलता है जबकि अनुभवहीन लोगों को काम पर रख लेने से बीच बीच में नुक्सान ही उठाना पड़ता है।
सेनेटरी पैड्स निर्माण प्रोसेस (Pad kaise banta hai)
sanitary pads making business in hindi के निर्माण में निम्नलिखित चरण हैं-
- सबसे पहले रॉ मैटेरियल्स को पल्वराइजर मशीन की सहायता से लुगदी(सॉफ्ट पल्प) के रूप में तैयार किया जाता है, जिसके बाद इसे नैपकिन प्रेस मशीन ( फुल्ली आटोमेटिक मशीन ) से इस सॉफ्ट पल्प को प्रेस कर पैड का आकार दिया जाता है।
- सॉफ्ट पल्प को पैड का आकार देने के बाद Napkin Sealing Machine से पैड को सील किया जाता है। पैड जब अच्छे से सील हो जाता है फिर उसके पीछे मशीन से गोंद लगाई जाती है, तत्पश्चात सिलिकॉन पेपर चिपकाया जाता है।
- इसके बाद यूवी ट्रीटेड स्टेरिलिज प्रक्रिया से गुजरना होता है इस तरह से पड़ बनकर तैयार हो जाता है।
सेनेटरी पैड्स का स्टरलाइजेशन (निर्जमीकरण) या जीवाणुरोधन
सेनेटरी पैड्स की पैकेजिंग करने से पहले उसका जीवाणुरोधन किया जाता है ताकि महिलाओं को इससे कोई इन्फेक्शन न हो सके और वें सुरक्षित रहें इसके बाद की प्रक्रिया पैकिंग की होती है।
पैकेजिंग
जीवाणुरोधित सेनेटरी पैड्स को एक अच्छे क्वालिटी के आकर्षक पाउच में पैक किया जाता है ताकि इसे एक निश्चित अवधि तक सुरक्षित रखा जा सके और सही पैकेजिंग से ट्रांसपोर्टेशन में आसानी हो जाती है क्योंकि सेनेटरी पैड्स की मांग जैसे जैसे बढ़ रही है इसकी सप्लाई सुदूर क्षेत्रो तक करनी पड़ती है।
अपने प्रोडक्ट्स का प्रचार-प्रसार
इस व्यवसाय (Sanitary Pads Business in Hindi) में आपके प्रोडक्ट्स बना लेने से कमाई शुरू नहीं हो जाती है जब तक उसकी बिक्री न हो। इसलिए अपने प्रोडक्ट्स की अधिकतम बिक्री हेतु आपको विज्ञापन करवाना अनिवार्य हो जाता है क्योंकि जब तक लोग आपके प्रोडक्ट्स को जानेंगे नहीं तो खरीदेंगे कैसे इसके लिए आपकोनीचे दिए गए तरीके अपनाने होंगे-
- मार्केट में तथा ज्यादा भीड़ भाड़ वाले इलाके एवं सभी अस्पतालों के आसपास पोस्टर बैनर लगवाएं।
- टीवी, समाचार पत्र, पत्रिकाओं में विज्ञापन करवाएं।
- अपने आसपास के सभी प्रकार के अस्पतालों विशेषकर महिला अस्पतालों में माहवारी के समय स्वच्छता के अभाव में होने वाली संक्रामक बीमारियों के प्रति सजग करने हेतु जागरूकता गोष्ठी लगवाना और सैंपल के तौर पर महिलाओं को अपने ब्रांड्स के सेनेटरी पैड्स निःशुल्क वितरित करना।
- अपने कर्मचारियों के प्रति अच्छा व्यवहार रखना।
इस उद्योग से होने वाला मुनाफा (Profit from Sanitary pads Business in Hindi)
इस बिज़नस में प्रॉफिट मार्जिन बहुत ज्यादा है एक Sanitary napkin पाउच की कीमत market में 28 से 30 रुपये से शुरू होकर क्वालिटी के अनुसार बढ़ता जाता है। मार्किट में कई प्रकार के सेनेटरी पैड्स आते है लेकिन आपको शुरुआत में क्वालिटी अच्छी देनी पड़ेगी, भले ही मुनाफा कम मिले। जब आपकी कंपनी market में अपनी पैठ बना ले इसके बाद आप एक रिजनेबल प्राइस ग्राहकों से वसूल सकते हैं इसलिए आपको शुरुआत में लाभ कम और साख(CREDIT) पर ज्यादा ध्यान देना है।
निष्कर्ष
दोस्तों मुझे आशा एवं पूर्ण विश्वास है की आप Sanitary Pads Business in Hindi का ये आर्टिकल पढ़कर समझ गए होंगे कि किस तरीके से आपको अपना Sanitary pads making business शुरू करना है। आपके लिए बेहतर यही होगा कि जब भी आप इस व्यवसाय को शुरू करें तो शुरुआत करने से पहले इस व्यवसाय से जुड़े हर पहलुओं का अध्ययन जरूर कर लें तभी इस व्यवसाय की शुरुआत करें।
दोस्तों यदि आपको ये आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ share जरूर करियेगा धन्यवाद।
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