राजस्थान का राजकीय पक्षी क्या हैराजस्थान में पक्षियों की लगभग 500 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। पक्षियों की इन प्रजातियों में 100 से अधिक प्रकार के प्रवासी पक्षी भी हैं, जो हर वर्ष ठंड के मौसम में साइबेरिया, यूरोप, अफ्रीका और अफगानिस्तान से इस राज्य में आते हैं। state bird of rajasthan लेकिन क्या आपको पता है कि Rajasthan ka rajkiya pakshi क्या है? तो बता दे, इस राज्य का राज्य पक्षी गोडावण है। इसे अंग्रेजी में Great Indian bustard कहते है। स्थानीय भाषा में इसे तूंगदार, गगन भेड़, सोहन चिड़िया, हुकना, गुरहना, गुराइन आदि नामों से जाना जाता हैं।

 

 

राजस्थान का राज्य पक्षी गोडावण एक सुन्दर एवं बड़ा पक्षी है। 4 फुट ऊंचे इस पक्षी का नर मादा से थोड़ा बड़ा होता है पर बाहरी रूप से रंग-रूप में दोनों लगभग एक समान ही दिखते हैं। वयस्क नर की लंबाई 122 सेमी. एवं मादा की 92 सेमी. के आसपास होती है। एक वयस्क का वजन औसतन 13 से 14 किग्रा. होता है।

राजस्थान का पक्षी - गोडावण

गोडावण दिखने में एक सुन्दर पक्षी है। पीठ, दोनों पंख एवं पूंछ भूरे रंग के तथा मुंह, गर्दन एवं पेट वाले भाग सफेद रंग के होते हैं। पंखों के बाहरी हिस्से के पर काले रंग के होते हैं। दुमगजा से दुम के सिरे पर एक कलछौंह भूरी पट्टी होती है जबकि सीने पर एक क्षैजित काली पट्टी होती है। चोंच के ऊपरी हिस्से से लेकर माथे के पीछे तक का भाग काले रंग का होता है। state bird of rajasthan आंखें भी इसी काली पट्टी में होती हैं। चोंच स्लेटी भूरे रंग की, आंखें पीली तथा पैर धूमिल पीले रंग के होते हैं। इसके पैर लंबे और मजबूत होते हैं। 

गोडावण पंजाब एवं हरियाणा के पश्चिमी भाग, राजस्थान, state bird of rajasthan  गुजरात, आन्ध्र प्रदेश में पायी जाती हैं। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर एवं इससे जुड़े इलाकों में भी यह चिड़िया कम संख्या में देखने को मिलती है। यहां की बारहमासी फुनगियाँ, कीड़े-मकोड़े, छोटे सरीसृप, इनका मुख्य आहार हैं, जिन्हें खाने के लिए यह प्रायः सुबह का समय चुनते हैं।

 

Rajasthan's State bird may be extinct soon - The Hindu

 

 

 

शरीर से भारी और बड़ा पक्षी होने के नाते गोडावण चलने में ज्यादा माहिर और अभ्यस्त होता है परन्तु खतरे एवं किसी अन्य तरीके से उत्तेजित हो जाने पर यह अपेक्षाकृत कम ऊंचाई की उड़ान के साथ काफी दूर उड़ जाते हैं। पर ज्यादा उड़ने पर यह बुरी तरह थक जाते हैं।

मार्च से अक्टूबर के मध्य इनका प्रजनन काल होता है। नर नाच कर तथा अन्य क्रियाओं द्वारा मादा को रिझााता है। मोर की तरह ही एक नर कई मादाओं को रिझाने का प्रयास करता है। मादा एक बार में एक ही अंडा देती है। घोंसला बनाने, अंडा सेने से लेकर चूजे का लालन-पालन मादा ही करती है। नर इसमें कोई भूमिका नहीं निभाता है।

आज अवैध शिकार, घटते रहवास एवं कम जन्म दर के कारण यह पक्षी अत्यधिक संकटग्रस्त प्रजाति की श्रेणी में आ गया है। समय रहते यदि इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह बस तस्वीरों और किताबों में ही देखने को मिलेगा। इसका जीव वैज्ञानिक एवडियोटिस निगरीसेप्स है।

गुजरात का राजकीय पक्षी क्या है?

गुजरात का राज्य पक्षी राजहंस है। इसे अंग्रेजी में Greater flamingo कहा जाता है। भारत के लिए यह एक कम परिचित पक्षी है; क्योंकि इसका निवास स्थान यूरोप है। भारत का यह मौसमी पक्षी है जो जाड़ों में यूरोप की ठंड से बचने एवं भोजन के लिए एशिया की तरफ प्रवास करता है।

 

 

 

 

 

जाड़ों में भारत के पश्चिमी भागों में इनका झुंड national bird of rajasthan जलाशयों एवं पानी के आस-पास दिखता है और कम संख्या में national bird of rajasthan ये मध्य भारत के मैदानी इलाकों के जलाशयों में भी दिखते हैं। national bird of rajasthan जाड़ा समापत होते-होते यह परदेसी पक्षी अपने देश की ओर लौटने लगते हैं। जलाशयों में इनके झुंडों को देखने से बहुत ही सुखद और मनमोहक अनुभूति होती है। [जाने- उत्तर प्रदेश का राजकीय पक्षी क्या है?]

लगभग सारस की ऊंचाई वाले, 50 इंच लंबे इस पक्षी का पूरा शरीर गुलाबी आभा लिये हुये उजले सफेद रंग का होता है। इसकी लंबी गर्दन तथा दुम का रंग गुलाबी होता है। पंख का कुछ हिस्सा काला, चोंच गुलाबी जिसका सिर काला एवं आंख पीले रंग की होती हैं। इसका लंबा व मजबूत पैर लाल रंग का होता है।

इसकी चोंच अन्य जलीय पक्षियों से भिन्न होती है। चोंच मोटी एवं टेढ़ी होती है जो बीच से एकदम मुड़ी होती है, जिसे यह पानी में डालकर मछली, मेंढक, केकड़ा, कीड़े-मकौड़े आदि उलीचता है। इनके अतिरिक्त यह जलीय वनस्पतियां भी खाता है।

 

 

 

 

राजहंस गुजरात में मात्र state bird of rajasthan in hindi कुछ माह के लिए आता है और अपने इस प्रवास में यह प्रजनन नहीं करता है। state bird of rajasthan in hindi प्रजनन के वक्त इनकी चाल-ढाल एवं खूबसूरती बढ़ जाती है। state bird of rajasthan in hindi यह जलाशयों के किनारे या कम पानी के छिछले स्थान पर मिट्टी से डेढ़ फुट ऊंचाई का ढूंठनुमा निर्माण करते हैं bird sanctuary of rajasthan जिसके बीच में थोड़ा गड्ढ़ा होता है bird sanctuary of rajasthan जिसमें मादा एक बार में हल्की गीली आभा लिये दो सफेद अंडे देती है। bird sanctuary of rajasthan अंडे सेने के लिए मादा घोंसले पर पैर सिकोड़ कर बड़े बेढब ढंग से बैठती है। ये अच्छे माता-पिता होते हैं तथा बच्चों की देखभाल बड़े प्यार से करते हैं। इन्हें हंस, काजे सुर्ख और हंसावर नाम से भी जाना जाता है। एनाटिडे परिवार के इस सदस्य का जीव वैज्ञानिक नाम फ़ीनीकोप्टरनस रूबर है।

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